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बकरी स्वंयवर में कंगना को मिला बबलू का साथ, पढ़िए

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पिछले साल फरवरी में पहला सफल बकरी स्वंयवर संस्करण करने के बाद, बकरी स्वयंमवर (बकरी विवाह) का दूसरा संस्करण 11 मार्च 2018 यानि की रविवार को, गांव नेग्याना (पंतवाड़ी, नाग टिब्बा), टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में आयोजित हुआ।साल 2017 में पहली बार बकरी चरवाहों के बीच इवोल्यूशन के बारे में जागरुकता फैलाने की सोच से इस स्वंयवर को आयोजित किया गया जो एक हिट साबित हुआ।

पिछले साल हुए आयोजन की सफलता और आसापस के लोगों की  रुचि को देखते हुए एक बार फिर इस स्वंयवर का आयोजन किया गया। आसपास के क्षेत्रों के स्थानीय ग्रामीण, राज्य और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों, स्थानीय राजनेताओं और स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को देखते हुए एक बार फिर इस साल भी बकरी स्वंयवर का भव्य आयोजन किया गया।

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आपको बतादें कि एक बार फिर इस स्वंयवर में भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया।इस आयोजन के बारे में बताते हुए ग्रीन पीपल के मणि महेश ने बताया कि इस साल बकरी स्वंयवर में 25 से भी ज्यादा प्रमाणित और प्रशिक्षित बकरी विषेशज्ञ और वैज्ञानिक,1500 से भी अधिक बकरी किसान,500 से ज्यादा प्रगतिशील बागवानी करने वाले और किसान,स्वदेशी नस्ल के 500 बकरियों ने भाग लिया और इस आयोजन में लगभग तीन हजार लोगों ने भाग लिया जिसमें काफी लोग विदेशी भी थे।

इस आयोजन को आयोजित करने वाली संस्था ने बातचीत में बताया कि बकरियों और भेड़ के विवाह के आयोजन के पीछे हमारे विचार को एक हास्य के माध्यम से लोगों में एक जागरुकता पैदा करना है।इसके माध्यम से हम दूर-दराज के आए बकरी किसानों को बेहतर ब्रिड के बारे में बताते हैं और उनके नस्ल सुधारने की विधि बताते हैं।

इस स्वंयवर में दो महिला बकरियां और एक भेड़ ने अपने जीवन साथी का चयन किया जैसा कि पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य चिकित्सकों द्वारा निर्देशित किया गया, इसके बाद “सामुहिक बकरी विवाह” किया गया। बारात और बाराती ने मनोरंजन और नाटक के बीच क्षेत्रीय भोजन का आनंद लिया।

गौरतलब है कि इस साल के बकरी स्वंयवर की फाईनल जोड़ी रही

  • बकरीः आलिया संग डिल्लु
  • बकरीः श्रद्धा संग सोनू
  • वहीं भेड़ों में कंगना का साथ बबलू को मिला।

इस साल पिछले स्वंयवर की दुल्हन दिपिका,कैटरीना और प्रियंका अपने परिवार और बच्चों के साथ स्वंयवर में पहुंचे।इस स्वंयवर के मुख्य अतिथि गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी थे।गांव के लोगों से इस आयोजन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले हम केवल बकरे का मीट खाते थे क्योंकि हमें पता नहीं था कि इन बकरों का और भी इस्तेमाल हैं और आज ग्रीन पीपल के मदद से हम सब जागरुक हैं।

आपको बतादें कि बकरी स्वंयवर का पूरा श्रेय ग्रीन पीपल संगठन का जाता है जो साल 2015 से उत्तराखंड के उजड़े हुए गांव को बसाने में लगे है।साल 2015 में शुरु हुए ग्रीन पीपल ऑर्गनाइजेशन ने ना केवल गोट विलेज नाम से गांवो को बसाया बल्कि गांव में रहने वालो को रोजगार के नए साधन दिए।देहरादून से लगभग 3-4 घंटे दूरी पर बसा यह गांव गोट विलेज के नाम से भी जाना जाता है, जहां लोगो के राज़गोर का माध्यम है बकरी पालन। ग्रीन पीपल एक ऐसा ऑर्गनाइजेशन है जिसने राज्य से खाली हुए गांवो को एक फिर बसाने का बेड़ा उठाया और किसानों की जीने की एक नई राह दी है।इस समय राज्य में तीन गोट विलेज है जिसमे एक नागटिब्बा, दूसरा कानाताल और तीसरा दयारा बुग्याल मे है।

उत्तरकाशी क्यों पहुंचे क्रिकेटर युवराज सिंह,जानें

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yuvraj singh in uttarkashi

उत्तरकाशी/पुरोला। स्पोर्ट्स प्रीमियर लीग (एसपीएल) के समापन समारोह में भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह शामिल हुए। युवराज के स्वागत में रवाईं, जौनसारी और हिमाचली टीम ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस मौके पर उन्होंने उपविजेता टीमों को पुरस्कार वितरण कर लोकगीतों पर जमकर ठुमके लगाए।

तहसील पुरोला क्षेत्र में कमल नदी के किनारे बने स्टेडियम में चल रही एसपीएल क्रिकेटर युवराज सिंह रविवार सुबह करीब 11 बजे हेलिकॉफ्टर से कमल नदी के तट पर बने स्टेडियम में उतरे, जहां वह करीब दो घंटे खिलाड़ियों के साथ रहे। करीब एक बजे देहरादून के लिए रवाना हो गए। युवराज ने कहा कि मां-बाप बच्चों को खेलने की पूरी आजादी नहीं देते हैं और छोटे शहर कस्बों में संसाधन भी पर्याप्त नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी छोटे शहर से हूं। छोटे शहरों में बच्चों को खेलने का कम मौका मिलता है। मेरी सभी अभिभावकों से अपील है कि अपने बच्चों को खेलकूद की प्रतियोगिताओं के लिए बढ़ावा दें। बच्चों के लिए जितना जरूरी पढ़ना है उतना जरूरी खेलना भी है। इस मौके पर पुरोला विधायक राजकुमार ने बताया कि युवराज के आने से क्षेत्रीय युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा वह अपने खेलों पर और ज्यादा ध्यान देंगे। 

महिलाओं के सम्मान से आदमी बनता है इंसान 

क्रिकेटर युवराज सिंह ने पुरोला में इंसानियत का पाठ पढ़ाया। युवराज सिंह ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया गया है। लेकिन, मैं भी आम लोगों की तरह हूं। कोई छोटा-बड़ा नहीं है। हर व्यक्ति पहले इंसान है। मेरे सबसे पहले कोच मेरे पिता थे और बाद में उन्होंने बिशन सिंह बेदी की देखरेख में भी अभ्यास किया। तब बेदी ने उनसे कहा था कि आप अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते हो या अच्छा इंसान। तो मैंने उनसे अच्छा इंसान बनने की बात कही थी। अच्छा इंसान बनना आदमी के जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए। आदमी अच्छा इंसान तब बनता है जब वह औरत की इज्जत करना सीखता है। इसलिए सभी महिलाओं की इज्जत और सम्मान करें।

पुलिस हाफ मैराथन में पहले स्थान पर रहे दिल्ली के सुभाष सिंह

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देहरादून। बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड पुलिस द्वारा आयोजित हाफ मैराथन के परिणामों को लेकर आई आपत्तियों के बाद परिणामों को रोक दिया गया था। इसी क्रम के मैराथन की 07 किलोमीटर पुरुण वेटरेन वर्ग की हाफ मैराथन का रविवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स एकेडमी में दोबारा आयोजन किया गया। जिसके बाद परिणामों की घोषणा की गई।

उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड की ओर से महिला और सड़क सुरक्षा को लेकर बीते साल 17 दिसमबर को हाफ मैराथन का आयोजन किया गया था। मैराथन की 07 किमी पुरुष वेटेरन वर्ग में नतीजों को लेकर आपत्तियां आने के बाद रिजल्ट रोक दिए गए थे। इसमें टॉप 3 व टॉप 10 पर आरोप लगाए गए थे कि कुछ लोग 21 किमी के प्रतिभागियों के साथ ही दौड़ गए थे। ज्यूरी द्वारा तमाम पहलुओं पर चर्चा करके लिए गये निर्णय के बाद रविवार को 07 किमी पुरुष वेटेरन वर्ग हाफ मैराथन महाराणा प्रतात स्पोर्ट्स कालेज रायपुर में दोबारा आयोजित की गई। मैराथान गुरफूल सिंह, केजेएस कलसी व अनूप बिष्ट की देख-रेख में आयोजित हुई। जिसमें कुल 11 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। हाफ मैराथन में दिल्ली के सुभाष सिंह प्रथम, दिल्ली के ही दिनेश कुमार मीना द्वितीय व देहरादून के मुकेश राणा तृतीय स्थान पर रहे।

…तो बिना किताबों के बिना ही शुरू होगा नया सत्र

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देहरादून। राज्य के उत्तराखंड बोर्ड और सीबीएसई के सभी स्कूलों में एक अप्रैल से एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने पर संशय की स्थिति बनी हुई है। सिर्फ दून की बात करें तो यहां 1580 सरकारी, सहायता और मान्यता प्राप्त व सीबीएसई बोर्ड के स्कूल हैं जिनमें 4 लाख से ज्यादा बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन, एनसीईआरटी की किताबें स्कूलों को उपलब्ध कराने के लिए दून के एक विक्रेता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इतने स्कूलों को एक दुकान से किताबें उपलब्ध कराने के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैैं। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (पीपीएसए) ने यह सवाल उठाया है, एसोसिएशन का कहना है कि एक पुस्तक विक्रेता इतने सारेे स्कूलों को किताबें कैसे पहुंचाएगा जबकि नया सेशन शुरू होने में महज 20 दिन बचे हों।


बिना किताब छात्रों को होगी परेशानी
प्रदेश के हर स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाए जाने के शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद किताबें प्रिंट होकर पहुंचनी तो शुरू हो गई हैैं, लेकिन इनके डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर सवाल उठने लगे हैैं। आशंका जताई जा रही है कि सत्र की शुरुआत में छात्र-छात्राओं को किताबें की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
विभाग सिर्फ दावे कर रहा है
एनसीईआरटी की बुक्स की बिक्री शुरू हो गई है, लेकिन दून के प्राइवेट स्कूलों ने पर्याप्त किताबें न मिलने की बात कही है। राजधानी के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 4 लाख से ज्यादा है, जिसमें से 2 लाख 40 हजार के करीब निजी स्कूलों के छात्र हैं, जिन्हें नई किताबें खरीदनी होंगी। इधर प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि विभाग दावे तो बड़े-बड़े कर रहा है। लेकिन बाजार में किताबें नहीं मिल पा रही हैैं, जबकि जल्द ही नया एजुकेशन सेशन शुरू होने जा रहा है।
1580 स्कूलों के लिए एक डिपो क्यों ?
पीपीएसए ने इस बात पर सवाल खड़ा किया है कि दून के 1580 स्कूलों के लिए सिर्फ एक ही बुक डिपो (इंदर बुक डिपो) को डिस्ट्रिब्यूशन की जिम्मेदारी दी गई है। एक डिस्ट्रिब्यूटर कैसे इतने स्कूलों तक किताबें पहुंचाएगा। ऐसे में कैसे सेशन की शुरुआत में बच्चों को किताबें मिल पाएंगी। मामले में पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। बाजार में दुकानों में किताबें उपलब्ध नहीं हैं। 1-2 दुकानों में कुछ किताबें मिल रही हैं। इससे काम नहीं चलने वाला। ऐसे में बच्चों के लिए भी परेशानियां बढ़ने वाली हैं। हालांकि मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि विभाग द्वारा निरंतर इस बात का ध्यान रखा जा रहा है। मामले में उनके द्वारा निरीक्षण कर किताबों को लेकर जानकारी जुटाई है। किताबें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैैं। इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही कई दुकानों में किताबें मिलने लगेंगी।

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना को सौंपने की कवायद फिर शुरू

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देहरादून। राज्य सरकार ने फिर एक बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीबीओआर पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के स्थापना दिवस पर कहा कि इस विषय में थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से बात हुई है। वह 18 मार्च को दून आ रहे हैं। यह प्रयास किया जा रहा है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, देश को दूसरा आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज बनाया जाए।

दरअसल, बीते साल भी सरकार ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपे जाने की कवायद की थी। उस समय सेना की मेडिकल कोर की टीम ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का जायजा भी लिया। जिसके बाद सेना ने इसे लेने से मना कर दिया था। इससे सरकार की मुहिम को भी झटका लगा था। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिर इसे लेकर प्रयास शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को थल सेना अध्यक्ष दून आएंगे। वह यहां गढवाल राइफल के हॉस्टल का शुभारंभ करेंगे। उनसे बात की है। यह प्रयास रहेगा कि वह खुद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का जायजा लें। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड एक सैन्य बहुल क्षेत्र है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज देश का दूसरा अम्र्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज बने। इससे पहाड़ की स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। बता दें कि देश का एक मात्र एएफएमसी पुणे में संचालित हो रहा है। जहां नीट के माध्यम से प्रवेश होते हैं। हालांकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को एएफएमसी में तब्दील करने से राज्य के युवाओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीट में 85 राज्य कोटे की हैं। जबकि एएफएमसी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। 

मुख्यमंत्री एप में शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर लगा ट्रांसफार्मर

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उत्तराखंड सरकार राज्य के विकास हेतु निरंतर तत्परता से कार्य करने के साथ ही आम जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण भी कर रही है।15 दिसंबर 2017 को लांच हुई मुख्य मंत्री ऐप के माध्यम से भी प्रदेश की जनता द्वारा सीधे मा.मुख्य मंत्री जी को अपनी समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है जिनका मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार संबंधित विभाग द्वारा  त्वरित समाधान किया जा रहा है।

इस क्रम में  मा० मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के ऑफिसियल मोबाइल एप (TSR APP)  के माध्यम से विगत दिनांक 6 मार्च को जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम मझेड़ा पोस्ट भूला गांव के कैलाश चंद द्वारा गांव में विद्युत ट्रांसफार्मर काफी दिनों से खराब होने की शिकायत दर्ज की गई ।उक्त संबंध में मा. मुख्य मंत्री कार्यालय  के निर्देशानुसार विद्युत विभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही करते  हुए 7 मार्च को ही खराब विद्युत ट्रांसफार्मर को बदल कर गांव की विद्युत ब्यवस्था बहाल कर दी। मात्र 24 घंटे  में तत्काल कार्यवाही कर गांव मै विद्युत ब्यवस्था बहाल करने तथा सरकार की इस बेहतर कार्यप्रणाली पर मझेड़ा के ग्रामीणों द्वारा मा. मुख्य मंत्री जी का आभार ब्यक्त करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।

तीन आरोपी गिरफ्तार, 11 लाख की स्मैक बरामद

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देहरादून। देहरादून पुलिस ने रविवार देर शाम वाहन चेकिंग के दौरान एक वाहन से 11 लाख रुपये की स्मैक बरामद की है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है। एसएसपी देहरादून निवेदिता कुमार कुकरेती ने बताया कि सहायक पुलिस अधीक्षक निहारिका भट्ट के नेतृत्व में मुखबिर की सूचना पर थाना नेहरू कॉलोनी और एसओजी की संयुक्त टीम ने वाहन चेकिंग के दौरान आईएसबीटी से एक स्कॉर्पियो को रोककर उसकी तलाशी ली जिसमें बैठे 3 व्यक्तियों से कुल 367 ग्राम स्मैक बरामद हुई । साथ ही 50000 नगद बरामद किए गए। वाहन में बैठे महेश्वर अली निवासी फतेहगंज जिला बरेली उत्तर प्रदेश जो मुख्य आरोपी है सहित राजवीर सिंह निवासी पुरकाजी जिला मुजफ्फरनगर तथा उसी गांव के आलम चौधरी को गिरफ्तार किया गया। तीनों से बरामद अवैध इसमें की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 11 लाख रुपये है। पकड़े गए लोगों ने बताया कि वह देहरादून के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों को स्मैक बेचते हैं।

राज्यसभा की एक सीट के लिए अनिल बलूनी हुए फाइनल

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उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट पर चल रहे मंथन का परिणाम आ गया है।इस सीट के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी का नाम फाइनल हो गया है।बलूनी मूल रुप से कोटद्वार के रहने वाले हैं।

सूत्रों की माने तो तो राज्य की खाली हो रही सीट के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल बलूनी का नाम तय कर लिया गया है। 2 अप्रैल को राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह माहरा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख 12 मार्च है । बता दें कि आगामी 23 अप्रैल को राज्यसभा चुनाव होंगे। इससे पहले भाजपा ने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 12 मार्च है और 13 मार्च तक गलती सुधारने की अंतिम तिथि है। अधिकारी के मुताबिक, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 15 मार्च है।

अनिल बलूनी उत्तराखंड की कोटद्वार विधानसभा सीट से दो बार विधायक का चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा था। उत्तराखंड में बलूनी की छवि हवाई नेता के तौर पर ही है ना तो आम जनता और ना ही कार्य कर्ताओं में उनकी पैठ है ।बहरहाल इस बार उन्हें भाजपा हाइकामन की नजदीकी का फायदा मिल भी जाए तो कोई आश्चर्य नहीं

टाइगर श्रौफ बनेंगे स्टूडेंट उत्तराखंड में

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इन दिनों उत्तराखंड फिल्म की शूटिंग के लिए हॉट स्पॉट बन गया है। हाल फिलहाल में बड़े बड़े बैनर विदेश की लोकेशन्स को छोड़ उत्तराखंड की हसीन वादियों के रुख कर रहे हैं। सैफ अली खान की बेटी सारा अली की पहली फिल्म केदारनाथ की शूटिंग तो लंबे समय से हो ही रही है,अब टाइगर श्रौफ भी जल्द मसूरी देहरादून के पहाड़ों पर नाचते-गाते, स्टंट दिखाते दिखाई देंगें। फिल्म के निर्माता करन जौहर ने स्टूडेट ऑफ द ईयर-2 की पूरी शूटिंग देहरादून मसूरी ऋषिकेश और हरिव्दार में करने का फैसला किया है। वैसे पार्ट-1 के भी कुछ हिस्से उत्तराखंड में शूट हुए थे। ज़ाहिर सी बात फिल्म में टाइगर एक स्टूडेंट का किरदार निभा रहें हैं। मसूरी में टाइगर के घर का सेट बनेगा और स्कूल की शूटिंग भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में होगी। शूटिंग अप्रैल के सुहावनें मौसम में शुरु हो जाएगी।

क्रिएटिव प्रड्यूसर सुमित अदखला ने बताया कि फिल्म के निर्दशक पुनित मल्होत्रा होंगे। फिल्म की होरइनें पर सस्पेंस अभी कायम हैं।चलिए उत्तराखंड में रह रहे टाइगर के फैन्स के लिए एक अच्छा मौका टाइगर से मिलने का।

निकाय चुनाव की तैयारी में जुटें कांग्रेस कार्यकर्ता : सिंह

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य एसपी सिंह ने कहा कि नगर निकायों के परिसीमन के सम्बन्ध में न्यायालय द्वारा अपने फैसले में आपत्तियों की दुबारा सुनवाई के लिए समय दिया है। इससे चुनाव पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। क्येांकि आपत्तियों पर सुनवाई की प्रक्रिया एक बार पूर्ण हो चुकी है। उन्होंने कहा ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भ्रमित नहीं होना चाहिए तथा चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।

सिंह ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि राज्य में नगर निकायों के परिसीमन के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय नैनीताल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायालय ने सभी याचिकाओं का निस्तारण करते हुए फैसला दिया है। जिन तथ्यों पर मौजूदा याचिकायें दायर हुई थी उन सभी याचिकाओं का निस्तारण हो चुका है ऐसे में उन ग्राउण्ड आॅफ अपील पर दुबारा याचिका उच्च न्यायालय के सामने दायर नहीं की जा सकेगी। इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव को लेकर भ्रम में न रहे।