वन विभाग ने गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर प्लास्टिक के खिलाफ चलाई मुहिम

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मसूरी, देश के सभी 12 हिमालयी राज्यों के साथ ही शनिवार को उत्तराखंड में पर्यावरण दिवस समारोहों की शुरुआत हो गई। राज्य में थिंक टैंक गति फाउंडेशन, वन विभाग और उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड (यूईपीपीसीबी) के सहयोग से पर्यावरण दिवस कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम ‘बीट प्लास्टिक पाॅलुशन’ है और संयुक्त राष्ट्र की ओर से भारत को मेजवान घोषित किया गया है।
मसूरी में प्लास्टिक ब्रांड ऑडिट के साथ हुई शुरुआत
वन विभाग व गति फाउंडेशन ने मसूरी में प्लास्टिक ब्रांड ऑडिट के साथ पर्यावरण दिवस कार्यक्रमों की शुरुआत की। इस मौके पर वन विभाग की ओर से एसडीओ नीरज शर्मा अपनी टीम की ओर से मौजूद थे, जबकि गति फाउंडेशन की टीम का नेतृत्व अनूप नौटियाल ने किया। वन विभाग और गति से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कंपनी बाग के आसपास अभियान चलाकर प्लास्टिक कूड़ा उठाया।
 
50 प्रतिशत से ज्यादा प्लास्टिक
 
गति फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने बताया कि, “यह हिमालयन क्लीनअप अभियान की शुरुआत थी। इसमें मुख्य रूप में कूड़े में प्लास्टिक की मौजूदगी की आकलन किया गया। कंपनी बाग के आसपास के क्षेत्र में जो कूड़ा इकट्ठा किया गया, उसमें 50 प्रतिशत से अधिक प्लास्टिक है। वह भी तब जबकि एक भी प्लास्टिक बोतल नहीं मिली। प्लास्टिक बोतल संभवतः कूड़ा बीनने वाले लोग उठा लेते हैं। यदि ऐसा न हो तो स्थिति और भी भयावह होगी।”
 
मल्टी लेयर प्लास्टिक
 
अनूप नौटियाल के अनुसार, “जो कूड़ा इकट्ठा किया गया, उसमें विभिन्न कंपनियों के लेस, चिप्स, नमकीन, पेय पदार्थों के पैकेट, बिस्कुट के रेपर, आइसक्रीम के पैकेट, नूडल्स के पैकेट की अधिकता थी। नेस्ले कंपनी का मैग्गी, पेप्सी कंपनी के लेस चिप्स और पार्ले एग्रो की फ्रूटी ब्रांड के सर्वाधिक पैकेट मिले  इसके अलावा पान मसाले की कंपनी दिलबाग के पैकेट भी बहुतायत से मिले।” 
 
क्या है उद्देश्य
 
अनूप नौटियाल के अनुसार, “कानूनन यदि कोई कंपनी प्लास्टिक के पैकेट्स अथवा पेट बोतल में अपना प्रोडक्ट बेचती है तो उसे खाली पैकेट्स और बोतलें वापस लेकर उसे खुद निस्तारित करना होता है, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।”  चलाये गये अभियान में कूड़े में मिले रेपर आदि की कंपनियों की पहचान करने का प्रमुख उद्देश्य यह था कि इस तरह की कंपनियों की पहचान करके उन पर प्लास्टिक कूड़े को वापस लेकर अपने स्तर पर निस्तारित करने की व्यवस्था के शुरुआत प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत शुरुआत की जा सके।