उत्तराखंडः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने पेश किया 57,400 करोड़ रु. का बजट

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बजट
– किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्रावधान
– मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रुपये व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का रुपये का प्रावधान
– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित
भराडीसैंण (गैरसैंण), 04 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैण में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सदन में 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट पेश किया।
गुरुवार को सदन में रखे गये बजट में वर्ष 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों में  4415124 करोड़ राजस्व आय अनुमानित है। वित्तीय वर्ष के आय-व्ययक अनुमान में कर राजस्व 20195.43 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। करेतर राजस्व के अन्तर्गत 23955.81 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ अनुमानित है। वित्तीय वर्ष में व्यय जो अनुमानित किया गया है। उसमें 57400.32 करोड़ का  है। वित्तीय वर्ष के लिए कुल व्यय में 44036.31 करोड़ राजस्व लेखे का व्यय तथा 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानित है।
इस वित्तीय वर्ष में वेतन-भत्तों पर लगभग 16422.51 करोड़ व्यय का प्रावधान किया गया है। पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों के रूप में 6400.19 करोड़ व्यय अनुमानित है। व्याज भुगतान के रूप में 6052.63 करोड़ व्यय अनुमानित है। ऋणों के भुगतान के रूप में 4241.57 करोड़ व्यय अनुमानित है।
बजट में आय-व्ययक प्रस्ताव के आधार पर कोई राजस्व अनुमानित नहीं है जबकि राजकोषीय घाटा 8984.53 करोड़ है। बजट में किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए इस आय-व्ययक में 245 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रुपये व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का रुपये का प्रावधान है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित है।
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए आय-व्ययक में 47 करोड़ रुपये का प्रावधान है। जमरानी परियोजना के निर्माण के लिए आय-व्ययक में इस मद के लिए 240 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सौंग पेयजल योजना के लिए आय-व्ययक में 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के लिए 667 करोड़ 76 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। पेरी अर्बन योजना के लिए आय-व्ययक में इस मद में 328 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। नाबार्ड के अन्तर्गत पेयजल विभाग पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हरिद्वार एवं ऋषिकेश शहर को पूर्णतः सीवरेज योजना से आच्छादित किये जाने के लिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू की ओर से वित्त पोषित 12 सौ करोड़़ रुपये के प्रस्ताव पर 20 दिसम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षर हो चुका है। इस योजना में महाकुम्भ के उपरान्त कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। इस आय-व्ययक में 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अन्तर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन गतिविधियों के लिए आय-व्ययक में 101 करोड़ 31 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। पौधरोपण के लिए 50 करोड़ 29 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। कैम्पा अन्तर्गत वन एवं पर्यावरण को पहुचने वाली क्षति की प्रतिपूर्ति के लिए 295 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है। जाइका अन्तर्गत ईको-रेस्टोरेशन कार्य के लिए 110 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कुल 681 करोड़़ रुपये व्यय होने का अनुमान है, जिसके सापेक्ष सामग्री मद के अन्तर्गत 272 करोड़ 45 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजनान्तर्गत कुल धनराशि 94 करोड़ 43 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 197 करोड़ 61लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के लिए आय-व्ययक में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान तथा राज्य सेक्टर के अन्तर्गत पंचायत भवनों के निर्माण हेतु 49 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनयूएलएम), प्रधानमंत्री आवास योजना (हाऊसिंग फॉर ऑल), स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय अवस्थापना का सुदृढ़ीकरण, जल जीवन मिशन (शहरी) एवं स्मार्ट सिटी आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए 695 करोड़ 16 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन के लिए 1511 करोड़ 29 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के मार्गों का समुचित वार्षिक रख-रखाव किये जाने के साथ-साथ का नवीनीकरण कार्य के लिए 385 करोड़ 27 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों एवं सेतुओं के कार्यों हेत नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्याे के लिए 330 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन के लिए 954  करोड़ 75 लाख रुपये व भूमि क्रय के लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। उड्डयन विकास व विस्तार के लिए 181 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश एंव हरिद्वार आदि में ट्रैक निर्माण एवं चालक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए 17 करोड़ 62 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 1154 करोड़ 62 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत कुल 153 करोड़ सात लाख रुपये का प्रावधान है।
हरिद्वार, पिथौरागढ़ एवं रूद्रपुर में तीन मेडिकल कालेज के लिए 228 करोड़ 99 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना संचालनार्थ 150 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। विश्व बैंक की सहायता से चिह्नित जिला चिकित्सालयों को क्लस्टर पद्धति के अनुसार विकसित किये जाने के लिए दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के लिए 3319 करोड़ 63 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 1152 करोड़ 88 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास पर जोर देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हुनर योजना के बजट प्रावधान को दोगुना किया गया है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत अल्पसंख्यक बाहुल्य विकासखण्डों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए योजनान्तर्गत 40 करोड़ 35 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 25 करोड़ ़65 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। समेकित बाल विकास योजना अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस के रूप में दो साड़ी उपलब्ध कराये जाने के लिए 15 करोड़ 43 लाख रुपये प्रावधान प्रस्तावित है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए 43 करोड़ 71 लाख रुपये एवं अनुपूरक पोषाहार के लिए 482 करोड़ 73लाख का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के अन्तर्गत 24 करोड़ 75 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। नन्दा गौरा योजनान्तर्गत 120 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखण्ड राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए 110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 140 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
विभाग के अन्तर्गत कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क जूता एवं बैग उपलब्ध कराये जाने के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत भौतिक संसाधन तथा शैक्षिक सुधार के लिए एडीबी के माध्यम से 39 करोड़ 70 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। जल जीवन मिशन (शहरी) के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 30 करोड़ 15 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।
सिंचाई विभाग के अन्तर्गत नलकूपों, नहरों, झीलों तथा बांधों के रखरखाव के लिए 118 करोड़ रुपये तथा नलकूपों एवं नहरों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत जल विद्युत परियोजना किसाऊ, लखवाड तथा त्यूनी आराकोट के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के संरक्षण के लिए अत्याचार निवारण/संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। जनजाति शोध संस्थान एवं संग्राहालय के संचालन के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।
समाज में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत न्यायवाद के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता के लिए तीन करोड़ 60 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। युवा कल्याण के अन्तर्गत प्रदेश में महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल को सहायता के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से प्राप्त अनुदान के लिए सहकारिता विभाग के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन विभाग के अन्तर्गत राज्य में हवाई सुविधा के विस्तारीकण के दृष्टिगत चौखुटिया में हवाई पट्टी निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में विज्ञान धाम के अन्तर्गत सांइंस सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के लिए 23 करोड़ 15 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। उद्यान विभाग के अन्तर्गत फलों के प्रसंस्करण के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के संचालन के लिए पांच करोड़ 53 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। पंचायतीराज विभाग में प्रत्येक पंचायत में भवन की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।