पिथौरागढ़: जब मैंने पहली बार पिथौरागढ़ के डीएफओ, डॉ विनय भारती द्वारा पिथौरागढ़ फ़ॉरेस्ट गेस्ट हाउस की तस्वीरें देखी तो यक़ीन नहीं हुआ कि यह कोई सरकारी इमारत है, वन विभाग ने हाल ही में इस विश्राम गृह का पुनर्निर्माण किया है।
यह गेस्ट हाउस, चंढोक रोड पर पिथौरागड़ शहर से तीन किमी दूर है और करीब ढेड़ बीघे में फैला है। इसका निर्माण 1963-64 के दौरान किया गया था, अब क़रीब पचास साल बाद इस इमारत को उसकी खोई बुलंदी वापस मिल सकी है। इस गेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण का काम डीएफ़ओ के दिशानिर्देश के अंतर्रगत दिसंबर 2018 में शुरु हुआ था। इस काम में क़रीब चालीस लाख का खर्च आया है।
इस काम के शुरु होने के छह महीने के अंदर ही इस दोमंजिला इमारत ने अपनी ख़ूबसूरती को वापस हासिल करना शुरू कर दिया। इसकी बाहरी दीवारों पर पत्थर और देवदार की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है जिसके कारण इसकी खूबसूरती अलग ही नज़र आती है। अगर अंदर की बनावट की बात करें तो, ऊपर के फ़्लोर पर दो एक जैसे कमरे हैं जिनमें बेडरूम के साथ-साथ, ड्रॉइंग-डाइनिंग रूम, बाथरूम भी हैं। वहीं, ग्राउंड फ़्लोर पर दे छोटे लेकिन एक जैसे कमरे हैं। न्यूजपोस्ट से बात करते हुए, डीएफओ पिथौरगढ़, डॉ विनय भारती कहते हैं कि, “पिथौरागढ़ सीमांत इलाक़ा है। देहरादून से यह क़रीब 550 किमी की दूरी पर है। इतनी लंबी दूरी का सफ़र करके आने वाले मेहमानों को आरामदायक जगह देना हमारा मक़सद था। अन्य सभी सुविधाों के साथ ही यहाँ आने वाले लोगों को पारंपरिक कुमाऊँनी खाने का लुत्फ़ उठाने का मौक़ा भी मिलेगा।”
इस हाल के पुनर्निर्माण के बाद से इस गेस्ट हाउस ने कई मेहमानों की मेज़बानी की है। इनमें आम लोगों के साथ ही कई वीआईपी भी शामिल हैं। जो लोग प्रकृति की गोद में बसे इस खूबसूरत आशियाने का लुत्फ़ उठाना चाहते हैं, उन्हें, वीआईपी कमरों के लिये 5,000/ (जीएसटी और खाना अलग) प्रति रात और सामान्य कमरे के लिये 1,500 (जीएसटी और खाना अलग) प्रति रात देने होंगे।
अगर आप इस गेस्ट हाउस में बुकिंग कराना चाहते हैं तो आप फ़ैक्स या मेल से डीएफ़ओ पिथौरागढ़ से संपर्क कर सकते हैं।
मेल: [email protected]
फैक्स: 05964-225234