साहसिक साइकिलिंग अभियान पर निकले केदारनाथ विधायक मनोज रावत

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा ओर रुद्रप्रयाग जिले को साइक्लिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए यंहा विशेष प्रकार की साईकल माउंटेन टेरेन बाइक को पर्यटकों के लिये शुरू किया जा रहा है, ताकि पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में एक नई गतिविधि शुरू हो सके। ये साइकिलें युवक मंगल दल के समूहों के माध्यम से पर्यटन व्यवसाय करने वाले युवाओं द्वारा पर्यटकों को उपलब्ध होंगी। यानि युवाओं को नई गतिविधि आरम्भ करने हेतु प्रेरित करने के लिए उन्हें दी जा रही हैं। बाद में रिसोर्ट चलाने वाले या पर्यटन व्यवसाय करने वाले युवा अपनी साइकिलें ले कर उन्हें किराये पर देंगे।

एक दिन में इन साइकिलों का किराया 500 से लेकर 1000 रुपया मिलता है। जीप टैक्सी भी जब सब कुछ काट कर इतना ही कमाती है तो फिर क्यों न इसे भी हम अपने क्षेत्र के युवाओं के लिए व्यवसाय में सम्मलित करें। साइकिलिंग को प्रचलित करने के लिए हम पहला अभियान भारतीय नौसेना से करा रहे हैं।अभियान दल में नौसेना के 10 अधिकारी हैं। अभियान के कई होस्सों में स्थानीय युवा, पत्रकार और अधिकारी भी भाग लेंगे।

रुद्रप्रयाग में इस अभियान का निम्न कार्यक्रमानुसार रहा:
26 अक्टूबर
गोपेश्वर (7.30) चोपता (12 बजे दिन), मैग पाई कैम्प दुग्गल बिठा (1बजे)- पर्यटन पर गोष्ठी। रात्रि विश्राम- मक्कू(5 बजे साय)। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग श्री प्रहलाद मीणा जो साइकिलिंग के बहुत शौकीन हैं ने भी, चोपता से मक्कू तक साइकिलिंग कर अभियान दाल के सदस्यों का तथा पर्यटन व्यवसाय करने वाले युवाओं का मनोबल बढ़ाया। । जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल को भी भाग लेना था परंतु मुख्य सचिव के देहरादून बैठक के लिये बुलाने के कारण वे भाग नही ले पाए।

  • 27 अक्टूबर
    मक्कू मठ गांव से बांसवाड़ा – कंडारा-कणसिली होते रात्रि विश्राम भणज।
  • 28 अक्टूबर-
    भणज -चंद्रनगर- मोहनखाल- कनकचौरी- खड़पतिया- चोपता-दुर्गाधार- बावई होते हुए रात्रि विश्राम तिलवाड़ा।
  • 29 अक्टूबर – तिलवाड़ा से रात्रि विश्राम जखोली , रुद्रप्रयाग।
  • 30 अक्टूबर- जखोली से टेहरी
  • 31 अक्टूबर – टेहरी से आगे देहरादून की ओर

उद्देश्य:

  • स्थानीय युवाओं को नौसेना में भर्ती होने हेतु प्रेरित करना।
  • केदारनाथ विधानसभा में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ाने के लिया (एम.टी.बी) साइकिलिंग के 2 सर्किटों को प्रचारित करना।
  • स्थानीय गांवों में होम-स्टे योजना को बढ़ावा देना।
  • 2 दिन दल के सदस्य गाँव में  रहेंगे।