फिर से नदियों में दौडेंगे खनन के वाहन

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सरकार की खनन से झोली भरने के साथ-साथ जनता को भी राहत देने के मकसद से पट्टों से खनन व चुगान कल से शुरू हो गया। इससे हल्द्वानी के 28 पट्टों में बेल्चे-फावड़े खनकने लगेंगे। साथ ही सरकार की मंशा का अनुपालन सुनिश्चित न करने पर वन निगम व अन्य जिम्मेदार विभागों पर भी कार्रवाई होगी।

गौला, कोसी, दाबका, नंधौर आदि नदियों से वन निगम द्वारा कराए जाने वाले खनन के अलावा पट्टों पर भी जिले में खनन होता है। बारिश को देखते हुए जून से निकासी बंद होने के बाद नदियों के अलावा खनन पट्टों से भी खनन/चुगान बंद करा दिया गया था। तब से लोगों को स्टॉक का रेता-बजरी आदि महंगे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। दूसरी ओर सरकार को अपनी झोली भी भरनी है। ऐसे में सरकार की ओर से आनन फानन में सभी जिलों को खनन कार्य एक अक्टूबर से शुरू करवाने का फरमान जारी हो गया।

नैनीताल जनपद में गौला से खनन मामले में हाई कोर्ट के स्टे को देखते हुए एक अक्टूबर से काम शुरू हो पाना संभव नहीं है। पांच अक्टूबर को खनन गेटों पर कांटे लगने के मामले में सुनवाई के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। इसे देखते हुए उपनिदेशक खनन राजपाल लेघा की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने सभी खनन पट्टों पर एक अक्टूबर से चुगान कार्य शुरू कराने का आदेश जारी कर दिया है।

एक अक्टूबर से हर हाल में पट्टों से खनन निकासी शुरू कराने के लिए शासन स्तर पर जबरदस्त दबाव है। वहीं पट्टा स्वामी भी इसके लिए काफी समय से टकटकी लगाए हुए हैं। हालांकि पिछले साल अक्टूबर अंत में ही पट्टों से खनन शुरू हो सका था, ऐसे में वन निगम, वन विभाग, आरटीओ एवं जिला प्रशासन की जिम्मेदारी व जवाबदेही भी अचानक बढ़ जाएगी।