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जूडो कलस्टर कोलकाता से मैडल जीत कर लौटी उत्तराखंड टीम का सम्मान

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4 से 7 जनवरी, 2017 तक पश्चिम बंगाल कोलकाता में पुलिस द्वारा आयोजित ऑल इण्डिया जूडो कलस्टर के समाप्त होने के बाद उत्तराखण्ड पुलिस की टीम वापस देहरादून पहुंच चुकी है। इस मौके पर डीजीपी एम गणपति तथा एडीजी(प्रशा)/सचिव उत्तराखण्ड पुलिस स्पोर्ट्स कण्ट्रोल बोर्ड अशोक कुमार ने खिलाड़ियों से मिल कर उनकी पीठ थपथपाई तथा भविष्य मेँ उनसे और अच्छे खेल की उम्मीद और अच्छे प्रदर्शन के लिए उनका मनोबल बढ़ाया।

इस प्रतियोगिता में 05.01.2017 को जीते गए मेडलः

· जूडो महिला अण्डर 63 किलो.ग्रा. भार में कु0 डिम्पल जोशी 01 ब्राउन्ज मैडल

· अण्डर 70 कि.ग्रा. भार में कु0 सैली मनराल 01 ब्राउन्ज मैडल

· जूडो महिला अण्डर 78 कि.ग्रा. भार में कु0शालू 01 सिल्वर

· पुरूष वर्ग के अण्डर 60 कि.ग्रा. भार में 01 ब्राउन्ज मैडल आरक्षी रवि कुमार ने जीता

ए.डी.जी. अशोक कुमार ने कहा कि भविष्य में पूरे प्रदेश को इन खिलाड़ियों में कम से कम 2 पदक एशियाड एवं कामनवैल्थ खेलों में जीतने की उम्मीद और टारगेट भी रखा गया है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए शहर के ग्रुप “मैड” की पहल; हरित वोट बैंक का एलान

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राज्य में लोगों को जागरुक करने के लिए शिक्षित छात्रों के संगठन मैड (मेकिंग ए डिफ्रेंस बाई बिंग ए डिफ्रेंस) ने पार्यावरण संरक्षण को आगामी चुनावों में मुद्दा बनाने के लिए देहरादून शहर को हरित वोट बैंक बनाने का एलान किया। मैड के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो हिमालय की तलहटी से लेकर पहाड़ों के शिखर तक पहुंचा हुआ है और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को 1989 से ही पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके दून घाटी में पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और आज विकास के नाम पर अंधा-धुंध निर्माण करवाएं जा रहें। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं अवैध कब्जों की मार से अब देहरादून अपने मूल अस्तित्व से ही भटक चुका है।मैड ग्रुप ने कहा कि आज के समय में शहर में भू-माफिया,अतिक्रमण करने वाले और खनन करने वालों की संख्या बढ़ चुकी है और अब जरुरी हो गया है कि हमारे यानि की मैड ग्रुप की मदद से एक हरित वोट बैंक का निर्माण हो।

इस पहल में मैड ग्रुप के सदस्य देहरादून शहर में फैलकर जितने ज्यादा लोग तक पहुंच पाऐंगें उनके पास जाऐंगें और आग्रह करेंगे कि विधानसभा चुनाव में लोग अपना वोट उसी उम्मीद्वार या पार्टी को दें जिसने असल में पर्यावरण संरक्षण एवम्‌ संतुलित विकास के लिए काम करने के लिए अपने इरादे लोगों तक पहुँचाए हो या उसका रास्ता बताया हो। मैड दून वासियों से यह अपील करेगा कि इस चुनाव में वह यह ना देखें कि उनकी पसंद का उम्मीदवार या पार्टी कौन है, या कोई भी पार्टी किस विचारधारा कि है या उनका झुकाव किस तरफ है। उन्होंनें कहा कि इस बार के चुनाव में वह पर्यावरण को मुख्य मुद्दा माने और उसी को ध्यान में रखते हुए अपना वोट किसे देना है इसका फैसला करें और जो भी लोग ऐसी शपथ लेंगे उन्हें मैड हरित वोट बैंक में शामिल कर लेगा।

ऐसे लोगो का काम असान करने हेतु मैड ने यह भी साफ किया कि वह सिर्फ लोगों तक ही नही बल्कि हरित वोट बैंक कि आवाज उम्मीदवारों तक भी पहुचाने का काम करेगा। वह उम्मीदवारों के सामने तीन मुख्य बातें रखेगाः

  • रिस्पना और बिंदाल नदियों के पुनर्जीवन हेतु राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की द्वारा बनाइ गयी रिपोर्ट को लागु करने के पक्षधर हैं।
  • इस बात कि गारंटी देते हैं कि अपने प्रचार में वह पुरे शहर कि दीवारों पर अपने पोस्टर इत्यादि नही लगायेंगे।
  • पर्यावरण संरक्षण एवम्‌ संतुलित विकास कि दॄष्टि से वह देहरादून को कैसे देखते है वह इसकी अपनी परिभाषा स्पष्ट करें। उम्मीदवारों द्वारा दिये गये तीनों सवालों के जवाबों को वह अपने हरित वोट बैंको तक पहुँचाते रहेगें ताकि अंतिम निर्णय दून कि जनता खुद ले।

मैड ग्रुप कि हमेशा से यह कोशिश रही है कि वह चुप-चाप बैठी जनता को पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक करें क्योंकि केवल चाय कि चुस्किया लेते समय अखबार पलटने से पर्यावरण संरक्षण के विषय पर चिंतित होने से कुछ नही होगा क्यांकि आज हर कोई अपनी अपनी जिंदगी में इतना मशगूल है कि पर्यावरण के लिए सोचने वालों को कमी हो गई है।मैड ग्रुप का यह मानना है कि अगर पर्यावरण संरक्षण को लोगों के वोट से जोड़ा जाएगा तो शायद हर किसी तक इस मुहिम की आवाज पहुंचेगी और सिर्फ देहरादून ही नहीं दूसरे राज्यों में भी हर कोई इस बिंदु को अपने चुनावी एजेंडा में रखेगा। अपने हरित वोट बैंक के प्रयास को सफल बनाने के लिए मैड ने कहा है कि वे कोशिश करेंगे कि सभी गैर सरकारी संस्थाओं, नागरिकों को जोड़ा जा सके ताकि पर्यावरण संरक्षण घर घर तक पहुंच पाएँ। मैड कि ओर से मुख्य वक्ता थे संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी, समन्वयक स्वाति सिंह और सदस्य करन कपूर इसके अलावा ग्रुप की सदस्य पल्ल्वी भाटिया, आदर्श त्रिपाठी, शरद महेश्वरी इत्यादि भी मौजूद रहे।

केंद्र सरकार सैनिकों के कल्याण के लेकर हो संजीदा: रावत

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पहले ही राज्य के बीजेपी नेतृत्व को हटा हरीश रावत अपना मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम से दो दो हाथ करते रहे हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा आने वाले चुनावों में देखने को मिलने की उम्मीद है। इस सबके बीच एक बार फिर रावत ने मोदी को देश की रक्षा में लगे सैनिकों के कल्याण के लिये काम करने की नसीहत दे डाली। गौरतलब है कि पिछले दिनों बीएसएफ के एक जवान ने उन्हें मिलने वाली खाने और अन्य सुविधाओं को लेकर एक शिकायती वीडियो बनाया था। ये वीडियो सोशल मीडिया में काफी शेयर हुआ जिसके चलते गृह मंत्रालय ने इसके संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश भी दिये।

हरीश रावत ने ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधा
हरीश रावत ने ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधा

इसी वीडियो पर हरीश रावत ने बुधवार को एक ट्वीट किया और कहा कि केंद्र सरकार को सैनिकों की देखभाल पर पूरा ध्यान देना चाहिये। रावत का ये बयान इसलिये भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उत्तराखंड में सेना में काम करने वाले और पूर्व सैनिकों की अच्छी खासी संख्या है और इस वोट बैंक को आने वाले चुनावों में अपनी ओर करने के लिये दोनों दी पार्टियों द्वारा कोशिशें की जा रही हैं।

वहीं बीजेपी ने इस मसले पर हरीश रावत को मामले पर राजनीति न करने की सलाह दी है। बीजेपी प्रवक्ता देवेंद्र भसीन ने कहा कि “केंद्र सरकार सैनिकों के कल्याण के लिये वचनबद्ध है और काम कर रही है। उन्होंने कहा कि  इस मसले पर सैनिक की शिकायत सरकार से नहीं बल्कि व्यव्सथा से है। साथ ही इस शिकायत पर सरकार ने और स्वयं गृह मंत्री ने तुरंत कार्यवाही करते हुए जांच के आदेश दे दिये हैं।”

मौसम चुनावों का है और ऐसे में किसी भी बात का मुद्दा बन सकता है। ऐसे में दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में किन किन मुद्दों पर एक दूसरे को घेरने और वोटरों को लुभाने की कोशिशें की जाती हैं।

समीर थापर केस के लिए बुरी खबर, जल्द सुनवाई पत्र को हाईकोर्ट ने किया खारिज

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नया साल जहां हर किसी के लिए खुशियां लेकर आया है वहीं नए साल का जश्न मनाने के लिए बिना अनुमति के उत्तराखंड में रिजर्व फारेस्ट के लैंसडाउन रेंज में घुसे उद्योगपति समीर थापर और उनके साथियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।

वन कानून के उल्लंघन के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने भी थापर ग्रुप के लोगों को झटका ही दिया।बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उद्योगपति समीर थापर समेत 16 हाईप्रोफाइल लोगों के जल्द सुनवाई वाले प्रर्थना पत्र को खारिज कर दिया है।इसके साथ ही थापर ग्रुप के लोगों के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं।

31 दिसंबर की रात समीर थापर अपने साथियों के साथ बिना अनुमति के कोटद्वार स्थित रिजर्व फारेस्ट के कूल्लू चौड़ में घूस गये थे और बाद में पुलिस द्वारा पकड़े जाने और तालाशी लेने के बाद इनके पास शराब व कुछ हथियार भी मिले। इस मामले में समीर थापर समेत 16 हाईप्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर आरोप है कि ये लोग बिना अनुमति रिजर्व फारेस्ट में शराब व हथियारों के साथ गये थे।

इस मामले में उद्योगपति समीर थापर समेत 16 लोगों पर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद निचली अदालत ने सभी लोगों की जमानत याचिका खारिज करते हुये 16 लोगों को जेल भेज दिया था। जिला अदालत से याचिका खारिज होने के बाद जेल में बंद आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करते हुये जल्द सुनवाई के लिये भी कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

उद्योगपति समीर थापर और उनके साथियों को बड़ा झटका तब लगा जब इस पूरे मामले की सुनवाई के बाद बुधवार को हाईकोर्ट ने जल्द सुनवाई के इनके प्रर्थना पत्र को खारिज कर दिया।

सीएम के स्टिंग मामले में सीबीआई जांच की नई याचिका

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जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ नेगी की याचिका पर सुनवाई हुई। अब नेगी की जनहित याचिका में सीबीआई जांच में द्वाराहाट के कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट, पूर्व मंत्री हरक सिंह और उमेश कुमार को भी सीबीआई जांच के दायरे में लाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, समाचार प्लस के संपादक उमेश कुमार और द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के सामने नेगी की याचिका के बाद इस हाई प्रोफाइल केस में नया मोड़ आ गया है। पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत स्टिंग मामले में उलझ गए थे। मामले की सीबीआई जांच की बात हुई तो प्रदेश सीएंम ने इस केस और सीबीआई जांच को विशेष कैबिनेट में केंद्र से वापस लेने की भी बात हुई थी।

अब इस जांच में कांग्रेस के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, समाचार प्लस के संपादक उमेश कुमार और द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट के खिलाफ सीबीआई जांच किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख निश्चित की है। खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्टिंग मामले में सीबीआई जांच वापस लेने की मांग की हुई है। इसी तरह पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने भी सीबीआई कोर्ट में याचिका दायर कर स्टिंग की सीबीआई जांच से संबंधित विशेष फैसले को चुनौती दी है।

इन सभी जांचों से ऐसा लगता है मानो कांग्रेस की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।सीएम रावत की अगली सुनवाई 13 फरवरी को है और इस दूसरी याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को है,एक की सुनवाई चुनाव से पहले और एक चुनाव के बाद लेकिन फैसला क्या होगा यह देखना ज्यादा दिलचस्प होगा।

भाजपा ने मांगा हरीश रावत से पांच सालों के कामों का रिपोर्ट कार्ड

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत का वर्तमान कार्यकाल समाप्ति की ओर है इसलिये प्रदेश की जनता और पार्टी का यह हक बनता है कि वह मुख्यमंत्री से उनके रिपोर्ट कार्ड के बारे में पूछे। इस मसले पर उन्होने हरीश रावत से तीन प्रश्न करे

  • हरिद्वार के सांसद रहते हुए वह कोई एक प्रमुख काम बताए जो उन्होंने हरिद्वार की जनता के लिए किया हो जिससे वह स्वयं संतुष्ट हो
  • प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्र सरकार में मंत्री रहने के दौरान अपने किसी एक महत्वपूर्ण कार्य के बारे में बताएं जिससे उन्हें संतुष्टि होती हो कि यह काम उन्होंने देश और प्रदेश की जनता के लिए केंद्रीय मंत्री रहते हुए किया है।
  • प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की जनता के लिए उनके द्वारा किए गए किसी एक काम के बारे में बताएं जो उन्हें सबसे महत्वपूर्ण लगता हो तथा जिसका प्रदेश की जनता पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता  हो ।

उन्होंने कहा कि कृपया सीएम अपने किसी ऐसी घोषणा की चर्चा ना करें जो धरातल पर ना उतरी हो । केवल ऐसे कार्य की चर्चा करें जो उन्होंने प्रारंभ किया हो और पूर्ण किया हो।

विनय गोयल ने आचार संहिता उलंघन के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा बहुत बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ताओं को दायित्वों से नवाजा गया है और यह काम आचार संहिता लगने के पहले दिन तक भी जारी रहा। ऐसे सभी दायित्व धारियों की सूची तथा उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को सार्वजनिक किया जाए ताकि वे इसका दुरुपयोग चुनाव को प्रभावित करने में न कर सके, इस पर नजर रखी जा सके  ।

इको सेंसिटिव जोन के मामले में मुख्यमंत्री जी के दिल्ली में धरने को नौटंकी करार देते हुए उन्होंने पुख्ता प्रमाण सहित इस विषय में उनकी नाकामयाबी और और संवेदनशीलता का उल्लेख करते हुए इस विषय में हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल करने वाले लोकेंद्र बिष्ट प्रस्तुत किया जिन्होंने बताया कि सरकार को दिसंबर  2014 तक इस विषय में अपना पक्ष रखने का समय मिला था किंतु यह समय उन्होंने ऐसे ही गंवा दिया और बाद में दिखाने के लिए केवल रिट याचिका दाखिल करने के लिए एक वकील को 55 हजार रुपए की धन राशि का भुगतान कराया गया किंतु ना तो रिट याचिका ही दायर हुई और ना ही कोई अन्य कार्यवाही ही।

चुनाव आयोग ने आचार संहिता को लेकर शुरू की सख्ती

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आचार संहिता के नियमों का पालन न करने वालों पर निर्वाचन आयोग ने एक्शन लेना शुरु कर दिया है।बीते 4 जनवरी से अब तक निर्वाचन विभाग ने भाजपा की शिकायत पर हवाई सेवा के साथ राज्य के लिए इस्तेमाल में आने वाले हेलीकाप्टरों के इस्तेमाल और अन्य सात बातों पर नोटिस के द्वारा जवाब मांगा है।इतना ही नही निर्वाचन आयोग ने दो विधायकों और दो पूर्व विधायकों के साथ एक अधिशासी अभियन्ता के अधिकारी को भी नोटिस दिया है।

जिन लोगों के खिलाफ यह नोटिस जारी किया गया है उन लोगों को बिना अनुमति बैठक करने और विज्ञापन जारी करने के मामले मे अपना पक्ष रखने को कहा गया है। मुख्य निवार्चन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया कि भाजपा ने आचार संहिता लागू होने के बाद घोषणाएं करने,शिलान्यास करने, निशुल्क हवाई यात्रा करने के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने और राजकीय हेलीकाप्टरों द्वारा सात और बातों पर प्रदेश सरकार की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद राज्य सरकार को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है। इसके साथ उत्तरकाशी के विधायक विजयपाल सजवाण, हरिद्वार ग्रामीण के विधायक यतीश्वरानंद,पुरोला के पूर्व विधायक राजकुमार और रुड़की के पूर्व विधायक प्रदीप बतरा को अलग अलग मामलों में शिकायत के आधार पर नोटिस भेजा गया है।नोटिस पाने वाले सभी लोगों से जवाब मांगा गया है।

पहाड़ों की रानी मसूरी में परिवार संग पहुंचे सचिन तेंदुलकर

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उत्तराखंड फिल्मी सितारों के साथ साथ क्रिकेटरों की भी पहली पसंद है। विराट कोहली के बाद अब भारतीय क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजली तेंदुलकर के साथ पहाड़ों के राज्य उत्तराखंड में दस्तक दे चुके हैं। जी हां पहाड़ो की रानी मसूरी के लिए सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मसूरी पहुंच चुके हैं।

सचिन मसूरी में अपने खास दोस्त संजय नारंग से मिलने आए है।सचिन तेंदुलकर आज पहली बार मसूरी नहीं आए है वो अक्सर अपने दोस्त संजय नारंग से मिलने आते रहते हैं और अच्छी खासी छुट्टियां बिताते हैं।पिछली बार जब सचिन मसूरी आए थे तब लगभग एक हफ्ते के लिए मसूरी में रुके थे।

गौरतलब है कि नए साल के शुरुआत से ही उत्तराखंड की वादियों में सितारों का तांता लगा हुआ है। पहले विराट अनुष्का,फिर अमिताभ और अंबानी परिवार,अरशद वारशी,और अब भारत के लोकप्रिय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर।

पिछले शनिवार और रविवार को हुई बर्फबारी के बाद मसूरी में मानों मेला लग गया हो,दूर दराज के पर्यटक यहां बर्फबारी और मौसम का आनंद लेने अपने अपने ठिकानों से दूर पहाड़ों की गोद में आ गए है। मंगलवार को खिली धूप की वजह से मौसम थोड़ा बदला जरुर है लेकिन शाम होते होते ठंडी हवाओं ने ठंड और बढ़ा दी है।देहरादून में लोग जगह जगह अलाव जलाकर खुद को गरम करने का इंतजाम कर रहे हैं।

मौसम के इस बदलते रुप ने हर किसी को घर में कैद रहने पर मजबूर कर दिया है,शहर में 7बजने के साथ ही व्यापारी अपनी दुकानें बढ़ा दे रहें क्योंकि ठंड की वजह से ना तो बाजार में ग्राहक है ना ही ज्यादा बिक्री।

उत्तराखंड की टीम का 27वें कयाकिंग और कैनोइंग नेशनल चैंपियनशिप में उम्दा प्रदर्शन

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इंदौर में 7 से 13 तक चलने वाले 27वे कयाकिंग और कैनोइंग नेशनल चैंपियनशिप महिला और पुरुष दोनों वर्ग में उत्तराखंड की टीम ने अपने नाम अब तक हर श्रेणी में गोल्ड,सिल्वर, और ब्रांज मेडल कर लिए है। उत्तराखंड की टीम यू.के.सी.आर.के के बैनर तले इस चैंपियनशिप में भाग ले रही है।

गोल्ड,सिल्वर और रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम इस प्रकार हैं-

·       C1 उप जूनियर लड़कों 1000मी.गोल्ड रेडियेन्ट सिंह,

·       C2 उप जूनियर लड़कों 1000मी.गोल्ड एन रॉबसन सिंह व उज्ज्वल सिंह,

·       K2 उप जूनियर ब्वॉय 1000मी.गोल्ड वाई रमादा सिंह व सबमिट दाना के।

·       K4 उप जूनियर लड़कों 1000मीगोल्ड मनदीप, सौरभ, अंकित कुमार और वाई रमादा सिंह।

·       C1 जूनियर पुरुष 1000मी – गोल्ड – मनोज

·       C2 जूनियर पुरुष 1000मी – रजत – बादल कुमार एंड देवराज कुमार।

·       C4 जूनियर पुरुष 1000मी – सिलमवर -मनोज, आर। दिनेश सिंह, बादल कुमार, गु। दीप्तिमान सिंह।

·       K2 जूनियर पुरुष 1000मीकांस्य – नितिन कुमार व शीनू कुमार।

·       K4 जूनियर पुरुष 1000मीरजत – नितिन कुमार, दाना, शीनू कुमार,सबमिट दाना व सोनू कुमार।

·       C1 पुरुषों 1000मी – कांस्य – आर.दिनेश सिंह।

·       C4 1000मी पुरुष सिल्वर – मनोज व आरके.दिनेश सिंह, बादल कुमार एंड चीता कुमार

·       C1 महिला श्रेणी में शिवानी कुमारी- रजत पदक

आने वाले तीन दिन में अभी और भी मुकाबले बाकी है और यू.के.सी.आर.के को अपने खिलाड़ियों से और मेडल्स की उम्मीद है।यह मुकाबला 13 जनवरी तक चलने वाला है जिसमें उत्तराखंड के खिलाड़ी अपना जौहर दिखाने और प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा मेडल लाने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नही छोड़ेगें।

हरीश रावत की गर्दन में पड़ा भार, नहीं पहुंचे दिल्ली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक मे

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चुनावी माहौल में हरीश रावत ने उस समय अपने समर्थकों और कांग्रेस पार्टी समेत उन सभी लोगों को बेचैन कर दिया जब मंगलवार सुबह अचानक रावत देहरादून स्थित दून अस्पताल पहुंचे। रावत ने गर्दन में दर्द और बेचैनी की शिकायत बताई। डाॅक्टरों की देखरेख के बाद रावत कुछ घंटों में अस्पताल से निकले और अपने को स्वस्थ और फिट बताया। रावत ने कहा कि कुछ समय पहले उन्हें जो गर्दन में चोट लगी थी उसके चलते डाॅक्टरों ने उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी थी। लेकिन काम के भार के चलते शायद वे ऐसा न कर सके और इसके चलते उन्हें आज तकलीफ हुई। उन्होने अपने समर्थकों को कहा कि में पूरी तरह फिट हूं औऱ चुनावों में पूरे जोश के साथ तैयारी कर के लडूंगा।

गौरतलब है कि राज्य में चुनाव सर पर हैं और ऐसै में अन्य दलों की ही तरह कांग्रेस में भी टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस सब के बीच आज दिल्ली में कांग्रेस टिकट स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी होनी थी। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिये प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सोमवार रात ही दिल्ली रवाना हो गये थे और मुख्यमंत्री का भी मंगलवार को दिल्ली जाने का कार्यक्रम था। लेकिन अचानक बिगड़ी तबियत के चलते रावत दिल्ली नहीं जा सके। राजनीतिक गलियारों में इसे रावत का टिकट बंटवारे में अपनी बात मनवाने औऱ हाल ही में उत्तर प्रदेश और पंजाब के बाद अचानक उत्तराखंड में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आने से रावत की नाराज़गी से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। हांलाकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पहले ही प्रशांत किशोर के आने का स्वागत कर चुके हैं औऱ कहा है कि उनके आने से राज्य में कांग्रेस के प्रचार को नई घार मिलेगी। लेकिन मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने प्रशांत किशोर के आने को कांग्रेस के अंदर फैले हार के डर से जोड़ कर देखा है

राजनिति हमेशा ही संभावनाओं और अनिशिचिताओं का खेल रही है और खासतौर पर तब जब बात राज्य में औऱ पार्टी दोनों पर ही वर्चस्व की लड़ाई का हो। बहरहाल आम कांग्रेसी कार्यकर्ता की उम्मीद तो ये ही होगी हरीश रावत जल्द से जल्द स्वस्थ हो जायें और सेहत से जुड़ी कोई वजह पार्टी के चुनावी रथ को न रोके।