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उम्र छुपाते ये उत्तराखंडी नेता

यदि आप सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते है तो आप के लिए आवेदन पत्र में  जन्म तिथि का विवरण जरुरी हैं लेकिन चुनाव लड़ने के लिए नेताओं के लिए यह जरुरी नहीं हैं। और हो भी क्योँ क्योंकि प्रदेश का भविष्य इन्हीं नेताओं के हाथों में सुरक्षित हैं। बात करते हैं चुनाव आयोग द्वारा लिए जाने वाले शपथ पत्रो की।

उत्तराखंड, के नामांकनों की अगर बात करें तो पिछले पांच सालों में कई नेताओं की तो उम्र महज तीन या चार साल ही बढ़ी है। जबकि वे पांच साल तक विधायक रह चुके हैं। एक नज़र उन नेताओं पर जिन्हें अपनी उम्र ही नहीं पता हैं या फिर वे पांच सालों में शपथ पत्र के हिसाब से महज तीन ही साल की उम्र बढ़ाने में सफल हुए हैं। 

पुरोला विधान सभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मालचंद तो शपथ पत्र में अपनी उम्र का जिक्र करना ही भूल गए। वहीँ रामनगर से कांग्रेस के प्रत्याशी रणजीत रावत ने इस बार अपनीं उम्र 57 दर्ज की हैं जबकि उनकी उम्र 2012 चुनाव में 51 थी यानि विगत पांच साल में उनकी उम्र में शपथ पत्र के हिसाब से एक बर्ष और बढ़ गई।

वही कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी ज्वाइन करने वाले यशपाल आर्य की उम्र जो 2102 मैं 60 साल थी अचानक पार्टी बदलते ही 67 हो गई है।

जागेश्वर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधान सभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल की आयु में भी महज चार वर्षों का ही इजाफा हुवा हैं। कुंजवाल की उम्र 2012 में 67 साल थी।

पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर द्वाराहाट सीट से चुनाव जीतने वाले मदन सिंह बिष्ट ने 2012 में अपनी उम्र 51 साल दर्शायी थी। लेकिन पांच साल में उम्र केवल तीन साल ही बढ़ी है। इस बार उन्होंने अपनी उम्र 54 साल बताई है। अल्मोड़ा से 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे मनोज तिवारी पांच साल पहले 42 साल के थे। अब वह 45 साल के हैं।

पिथौरागढ़ से 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते मयूख महर तब 56 साल के थे। इस बार के शपथ पत्र में उन्होंने अपनी उम्र 59 साल बताई है। यानि पांच साल विधायक रहने के बाद उम्र में कुल इजाफा तीन साल। बीएचइएल रानीपुर से भाजपा के टिकट पर जीतने वाले आदेश चौहान ने पिछली बार अपनी उम्र 38 वर्ष दिखाई थी। इस बार वे अपनी उम्र ही भूल गए।

बहरहाल नेता तो अपना उम्र के बारे में सही जानकारी देने में चूक गये लेकिन दखना ये है कि चुनाव आयोग कितनी गंभीरता से इस चूक को लेता है।

इलेक्शन 2017 से जुड़ा फेसबुक

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फेसबुक से लिंक हुआ राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को जागरुक करने के लिए निर्वाचन आयोग की एक और पहल।देश को डिजीटल बनाने के लिए मुहिम चल रही है और इसी कड़ी में फेसबुक ने युवा वोटरों को जागरुक करने के लिए एक आप्शन दे दिया है।

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को फेसबुक ने भी मतदाताओं को ऑप्शन दिया है। फेसबुक में दिए ऑप्शन में पर क्लिक करने पर राष्ट्रीय सेवा मतदाता पोर्टल की वेबसाइट जाकर खुलता है जहाँ पर मतदाता अपना पोलिंग बूथ देख और उसकी जानकारी ले सकता है। इसमें आपको अपने नाम के साथ कुछ और जानकारियों के साथ जिला निर्वाचन छेत्र की जानकारी देनी होगी। जिसके बाद आपका पोलिंग बूथ किस जगह है आप जान सकते हैं।

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वोट के लिए पहाड़ चढ़ रहे प्रत्याशी

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भारत चीन सीमा से लगे भारत के सरहदी इलाके चमोली में प्रत्याशियों के पसीने छूट रहे, उन्हें वोट मांगने के लिए 20 से लेकर 25 किमी की दूरी नापनी पड़ रही है। बार-बार मौसम खराब हो रहा है लिहाजा कभी बर्फ तो कभी बरसात का भी सामना करना पड़ रहा है ऐसे में प्रत्याशियों के लिए यह चुनाव प्रचार पहाड़ चढ़ने से कुछ कम नही।

डुमक, कलगोठ तथा किमाणा ऐसे गांव है जहां 15 से 24 किमी खड़ी चढ़ाई नाप कर गांव पहुंचा जा सकता है। डुमक के जगत सिह सनवाल बकरियों के लिए दवा लेने गोपेश्वर पशु चिकित्सालय पहुंचे थे। बताते है कि गांव तक बडी मुश्किल से प्रत्याशी पहुंच रहे है। पाखी से जब डुमक कलगोठ आ रहे तब उन्हें पता चल रहा है कि हम आदम अवस्था में कैसे रह रहे है। उर्गम घाटी भरकी, भेटा, पिलखी, पला, जखोला, किमाणा, रेगडी, करछों जैसे दुरस्थ गांवों में कुछ प्रत्याशी पहुंचे है। भर्की के दुलब सिंह, देवग्राम से राम सिंह व बडगिंडा के रघुवीर सिंह बताते है कि गांव तक सड़क आती तो हमारी समस्या का भी निदान होता और प्रत्याशियों का भी इतना पसीना नहीं बहाना पड़ता। उर्गम घाटी से ही चुनाव लड़ रही अरूणा कहती है कि प्रत्याशियों को अब पता चल रहा है पहाड़ के गांव का दर्द जब चुनाव के दौरान पैदल आना पड़ रहा है। हमारे यहां तो महिलाऐं सडक़ और स्वास्थ्य न होने के कारण प्रसव के दौरान छटपटाती रहती है।

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545 मतदेय स्थलों वाले तीनों विधान सभा क्षेत्र बदरीनाथ थराली व कर्णप्रयाग में 70 मतदेय स्थल ऐसे है जो मतदान के दौरान मौसम परिवर्तित होने के कारण हिमाच्छादित रह सकते है। जिला निर्वाचन कार्यालय ने इन्हें चिह्नित कर दिया है। तीन दिन पहले ऐसे मतदेय स्थलों पर मतदान कराने वाली टीम व अधिकारी पहुंचेगे। बदरीनाथ में 26 ऐसे मतदेय स्थल है जिनमें कलगोठ, किमाणा, डुमक, ईराणी, झीझी, पाणा, कलसीर, डुमक, जखोला, पगनो आदि है। थराली विधान सभा निर्वाचन में तोरती, हरमल, बमियाला, सुतोल, बुरा, रामणी, पगना, घेस, वाण आदि सहित 25 मतदेय स्थल ऐसे है जो हिमाच्छदित हो सकते है। कर्णप्रयाग विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में पज्याणा, चैरा, सेण, डोटल, बरतोली, कंडारी, घोट, समेत 19 मतदेय स्थल ऐसे चिहिंत किये गये है जो हिमाच्छादित हो सकते है।

जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी बीके सुमन ने बताया कि दूरस्थ मतदेय स्थलों पर पहुंचने के लिए तीन दिन पहले टीम रवाना होगी कही पर खच्चरों और कुलियों से भी ईवीएम पहुंचायी जायेगी। बदरीनाथ के दुरस्थ क्षेत्रों मे बदरीनाथ 417 थराली 399 व कर्णप्रयाग 194 कुली लगाये गये है। कुछ स्थानों पर खच्चर भी लगाये गये है। टार्च, छतरी और विंड चटर भी ऐसे दुरस्थनों के लिए दिए गये है।

रेनकोट प्रकरण में पीएम पर जमकर बरसे सचिन पायलेट

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प्रदेश में इन दिनों स्टार प्रचारकों की भरमार लगी है देश की राजधानी को छोड़ कर स्टार प्रचारक के रूप में  नेता पहाड़ पर उतर रहे है,चाहे बात बीजेपी की करें या फिर कांग्रेस की उत्तराखंड में जीत के लिए सभी पार्टी पूरी मेहनत कर रहे है । इसी सिलसिले में केंद्र में पूर्व केबिनेट मंत्री और राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट नरेंद्रनगर के ढालवाला छेत्र में आये जहाँ उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया। सचिन पायलट ने रेनकोट प्रकरण पर बोलते हुए मोदी कटघरे में खड़ा किया और आरोप लगाए की प्रधानमंत्री लगातार अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, “लगातार कांग्रेस  वरिष्ठ नेताओ का अपमान किया और कर रहे है, “बीजेपी पर चुटकी लेते हुए सचिन पायलेट ने कहा, “उत्तराखंड में बीजेपी का हाल तो देखिये इनके पास चुनाव लड़ने के लिए कोई चेहरा ही नहीं है, चेहरा न होने के चलते यहाँ के  कई नेता कोट पहनकर सीएम पद के लिए बैठे  हुये है ,हरीश रावत इन सब पर भारी पड रहे है।उन्होंने यह भी उजागर किया है कि, “बिना चेहरे के भाजपा कैसे कांग्रेस मुक्त होगी ये सोचने वाली बात है। सचिन पायलेट ने नरेन्द्र नगर से प्रत्याशी हिमांशु बिल्जवान को वोट देने की अपील की और कहा, “युवा शक्ति देश को बदल सकती है ज्यादा से ज्यादा युवा जब विधान सभा में पहुचेगे तभी विकास की नयी धारा बहेगी।”

सितारगंज सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनीं

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ऊधम सिंह नगर जनपद की सितारगंज सीट पूर्व मुख्यमंत्री और बागी विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा के चुनाव लड़ने से बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गयी है। वहीँ कांग्रेस ने भी बहुगुणा परिवार को हराने के लिये अपनी पूरी ताकत झोक दी है। इसलिए बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक का रुख सितारगंज हो गया है। जहां एक तरफ बीजेपी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सितारगंज में सौरभ बहुगुणा के लिए एक जनसभा को संबोधित किया और मीडिया से वार्ता करते हुए निशंक ने कहा की रावत सरकार में अपराध का ग्राफ बड़ा है । भारतीय अपराध अनुसन्धान ब्यूरो के अनुसार उत्तराखंड में 59 प्रतिशत बच्चों – महिलाओं और एस सी – एस टी के प्रति अपराध बढ़ा है। कांग्रेस सरकार ने उत्तराखंड को अपराध नगरी बना दिया है। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि ये राजनीति की विडंबना ही कही जायेगी कि कुछ समय पहले तक जिस मुख्यमंत्री को बीजेपी भ्रष्टाचार का पर्याय बता रही थी आज उन्हीं के सुपुत्र को जीत दिलाने के लिये खुद बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री और शीर्ष नेता ऐड़ी चोटी का दम लगाये हुए हैं।

जहां एक तरफ कांग्रेस और बीजेपी सितारगंज में अपनी अपनी होड़ में लगे है वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती को भी इस सीट से उम्मीदें हैं।बीते दिनों मायावती को 2 बड़ी जनसभाओं में से एक जनसभा सितारगंज में भी थी।इस बार सितारगंज कि जनता किसका दामन पकड़ती है और किसको दरकिनार करती है,यह देखना रोमांचक होगा।

स्टार प्रचारकों के तूफानी दौरों से बदलने लगा हरिद्वार का चुनावी समीकरण

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चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारकों के तूफानी दौरों के साथ ही सभी सीटों पर समीकरण बदलने लगे हैं। कुछ विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशियों का गणित फेल कर रहे हैं। जनपद हरिद्वार की 11 विधानसभा सीटों पर सबसे रोचक मुकाबला ग्रामीण पर देखने को मिलेगा। जहां कांग्रेस पार्टी की ओर से हरीश रावत भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद से सीधी टक्कर ले रहे हैं। वहीं हरिद्वार की नग्र विधानसभा में भाजपा के मदन कौशिक का चुनावी प्रबंधन के आगे कांग्रेस के ब्रहमस्वरूप ब्रह्मचारी का गणित डगमगा रहा है। कांग्रेस को हरिद्वार नगर की सीट पर कब्जा करने के लिये प्रबंधन में सुधार करना होगा। चुनावी वातावरण दिलचस्प हो चला है। वहीं ज्वालापुर सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी बृजरानी ने भाजपा के सुरेश राठौर और कांग्रेस के सपी सिंह इंजीनियर को सर्दी में पसीना दिला रखा है।

उत्तराखंड में आगमी 15 फरवरी को मतदान होगा। चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ ही चुनाव की सरगर्मी तेज हो चली है। भाजपा, कांग्रेस, बसपा और निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिये लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं । इसी के साथ ही स्टार प्रचारकों की रैली और रोड शो शुरू हो गये हैं। भाजपा के केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की रैली के बाद से कांग्रेस के युवराज का रोड शो प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भाजपा प्रत्याशियों को जीत दर्ज कराने के लिये हरिद्वार में रैली संबोधित करने वाले हैं। इन दिग्गजों के चुनावी रणक्षेत्र में कूदने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशियों की पकड़ भाजपा और कांग्रेस को भारी पड़ रही है। हरिद्वार सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की जनता में कमजोर पकड़ और विफल चुनावी मैनेजमेंट चुनावी दौड़ में मदन कौशिक से काफी पीछे ले जा रहा है। वही, रानीपुर सीट पर भाजपा के आदेश चैहान को काग्रे्रेस के अंबरीष कुमार से कड़ी चुनौती मिल रही है।
अंबरीष के साथ बनिया बिरादरी की कजुटता रेस में आदेश से आगे ले रही है। वही, ग्रामीण सीट पर कांग्रेस के हरीश रावत को भाजपा के यतीश्वरानंद के साथ-साथ निर्दलीय मुकर्रम अंसारी के मैदान में आने से चुनावी गणित उलझा दिया है। इसके अलावा ज्वालापुर सीट की बात करें तो भाजपा के सुरेश राठौर, कांग्रेस के सपी सिंह इंजीनियर के गणित को निर्दलीय प्रत्याशी बृजरानी ने फेल कर दिया है। इस सीट पर जीत का दंभ भरने वाले पार्टी नेताओं को निर्दलीय बृजरानी के आ जाने से पसीने आ रहे है। हरिद्वार जनपद की सभी 11 सीटों पर रोचक मुकाबला तय है। इन सभी सीटों पर चुनावी गणितज्ञों की राय मौजूदा हालात से मेल नहीं खा रही है।

निर्वाचन आयोग ने कहा कड़े कदम उठा कर रोकेंगें शराब की सप्लाई

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भारत निर्वाचन आयोग के उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य में चुनाव की तैयारियों और विशेष रूप से देहरादून जनपद में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। सक्सेना ने आबकारी और आयकर विभाग के कार्य को आने वाले 05 दिनों में और तेज करने के निर्देश दिये हैं।हालांकि उन्होंने पर्वतीय जनपदों में पकड़ी जा रही अवैध शराब पर संतोष व्यक्त किया परन्तु साथ ही देहरादून, हरिद्वार से पहाड़ों की ओर हो रही सप्लाई को रोकने के लिये और अधिक कड़े कदम उठाने की जरूरत भी बतायी।सक्सेना ने हेलीपैड, हवाई अड्डे और अन्य जगहों पर अगले पांच दिनों के लिये पुलिस और आयकर विभाग की संयुक्त टीम बनाकर जांच करने के निर्देश दिये हैं। आयकर विभाग को आवश्यकता पड़ने पर कुछ दिनों के लिये बाहर से अधिकारियों को बुलाने के निर्देश भी दिये गये हैं।सक्सेना ने देहरादून जनपद के सभी सामान्य एवं व्यय प्रेक्षकों से भी बात कर उनका फीडबैक लिया। सभी प्रेक्षकों ने देहरादून में चुनाव की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।
परिवहन सचिव सीएस नपलच्याल ने बताया कि चुनाव के लिये लगभग नौ हजार गाडियों का बुक किया गया है और वाहनों की कोई कमी नहीं है। बीएसएनएल के अधिकारियों यह निर्देश दिये गये है कि सभी मतदान केन्द्रों पर कनेक्टिविटी को पुनः जांच लिया जाये। जिन मतदान केन्द्रों पर बिल्कुल भी कनेक्टिविटी नहीं है वहां पुलिस अथवा वन विभाग के वायरलैस सैटों की स्थापना की जायेगी।
मण्डलायुक्त एवं सचिव सूचना विनोद शर्मा ने मीडिया की सकारात्मक भूमिका से आयोग को अवगत कराते हुए कहा कि बहुत से प्रकरणों में मीडिया की निश्पक्ष रिपोर्टिंग के कारण चुनाव मशीनरी को सहायता मिल रही है। प्रदेश में पैड न्यूज का मात्र एक मामला अभी तक सामने आया है और दो प्रकरणों में नोटिस जारी किये गये है। श्री शर्मा ने गढ़वाल मण्डल में निर्वाचन की तैयारियों से जुड़े समस्त तथ्यों से आयोग को जानकारी दी।
देहरादून की समीक्षा करते हुए उप चुनाव आयुक्त ने धर्मपुर विधानसभा जहां वी.वी. पैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाना है वहां के रिटर्निंग आॅफिसर को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि वी.वी. पैट मशीन के खराब होने की स्थिति में उन्हें तत्काल बदलने के लिये पूरे विधानसभा क्षेत्र में अगल-अलग स्थानों में अतिरिक्त वी.वी. पैट मशीनों का स्टोरेज किया जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं की सुविधा का मतदान केन्द्रों पर ध्यान रखा जाय और इसके लिये सुरक्षा कर्मियों को भी संवेदनशील बनाया जाय।
सुरक्षा व्यवस्था के समीक्षा के दौरान पुलिस विभाग को लाईसेंसी हथियारों को जमा करने की प्रक्रिया मे तेजी लाने के निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर नोडल पुलिस अधिकारी एवं आईजी दीपम सेठ, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, डीएस गब्र्याल, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी.षणमुगत, डाॅ.नीरज खैरवाल, आबकारी आयुक्त जुगल किशोर पंत, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवनीत पाण्डे, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

राज्य की 16 से 21 साल तक की परवरिश बीजेपी को सौंपे-पीएम मोदी

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आज का दिन पीएम मोदी का उत्तराखंड का तूफानी दौरा रहा,उन्होंने अपने सर्मथकों के सामने काफी बातें रखीं,उन्होंने कहा ‘अभी 16 साल का है उत्तराखंड, 16 से 21 साल की उम्र बेहद महत्वपूर्ण है। 21 साल तक निखारना है उत्तराखंड और ये पांच साल गंवाने नहीं चाहिएं। उन्होंने कहा, ‘ अटल जी ने उत्तराखंड बनाया, उन्होंने सपना देखा था देवभूमि के भाग्य को बदलने का।
उन्होंने कहा कि चारधाम की यात्रा पर हर कोई आना चाहता है, लेकिन यहां आकर उसे दुख होता है।
केंद्र सरकार ने 12 हजार करोड़ लगाकर चारधाम मार्ग को आधुनिक रास्तों से जोड़ने का बीड़ा उठाया है। छोटा इंजन- राज्य में भाजपा सरकार और बड़ा इंजन-केंद्र की भाजपा सरकार। दोनों इंजन मिलकर देवभूमि का नक्शा बदल देंगे।”
मोदी ने उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताया और याद दिलाया, “सीमा पर उत्तराखंड का जवान डटा हुआ है। ये वीरों की भूमि, त्याग बलिदाम की भूमि है, वीर माताओं की भूमि है।” साथ ही साथ उन्होंने हरीश रावत को आड़े हाथ लेते हुए बोला कि, “ ये जो सीएम हैं वो पहले केंद्र में मंत्री थे। इनका ध्यान सीएम की कुर्सी खींचने पर था। जब सरकार में बैठे थे तो कम से कम वन रैंक-वन पेंशन का काम तो करवा लेते। फौजियों के बारे में रत्ती भर नहीं सोचा। हमने सत्ता में आते ही ओआरओपी का काम करवाया।” पीएम ने पूरे देवे ले कहा, “ 11 मार्च को यहां भाजपा की नई सरकार बनेगी। नई सरकार देवभूमि का नक्शा बदल देगी।” 2013 की त्रासदी को याद करते हुए मोदी बोले, “जब उत्तराखंड में बाढ़ आई तो मैं गुजरात से दौड़कर आया था। जब केदारनाथ की घटना हुई थी तो कांग्रेस के नेता विदेश में मौज कर रहे थे। “ मोदी जी ने उत्तराखंड की जल संपदा पर ध्यान आकर्षित करते हुए बोला, “यहां का पानी, बिजली हिंदुस्तान की प्यास बुझा सकती है, अंधेरा मिटा सकता है। जो राज्य देश का अंधेरा मिटा सकता है उसको कांग्रेस ने अंधेरे में डुबो रखा है। मैं केंद्र में बैठा हूं, मैं दूंगा यहां स्थिर सरकार।” मोदी ने कहा कि बस एक मौका दो , “देवभूमि की 16 से 21 साल की उम्र की परवरिश का दायित्व मुझे सौंपे।

पीएम मोदी उत्तराखंड के हरिद्वार में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ”आप अपनी जुबान संभाल के रखो नहीं तो मेरे पास आपकी पूरी जन्मपत्री पड़ी है, पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने विवेक और मर्यादाओं को छोड़ना नहीं चाहता” लेकिन अगर आप उन्हें छोड़ कर अनाप-शनाप बाते करोगे तो आपका इतिहास आपको नहीं छोड़गा।

आखिरी में पीएम मोदी ने कहा कि एक बार बीजोपी की सरकार आ गई तो उत्तराखंड में ऐसी टीम बैठाऊंगा जो 2021 तक उत्तराखंड को बदल देगी।

असली नकली की लड़ाई

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उत्तराखण्ड की सितारगंज विधानसभा में पूर्व कांग्रेस कमेटी सदस्य श्याम विश्वास की कांग्रेस प्रत्याशी पत्नी मालती विश्वास और उनकी ‘असली पत्नी’ बिन्दा विश्वास जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरी हैं।इन दोनों के बीच असली और नकली का कड़ा मुकाबला चल रहा है। उधम सिंह नगर जिले की सितारगंज सीट में अबतक सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और बागी विजय बहुगुणा विधायक थे, जिन्होंने भा.ज.पा. में जाकर अपने पुत्र सौरभ बहुगुणा को भा.ज.पा.प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। इसी सीट में बंगाली समुदाय के लोगों का 30 प्रतिशत का अच्छा खासा प्रभाव है जिसे देखते हुए कांग्रेस ने बंगाली मूल की मालती विश्वास को प्रत्याशी घोषित किया है।
निर्दलीय प्रत्याशी 52 वर्षीय बिन्दा और 56 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी मालती ने एस.डी.एम.को दिए अपने शपथपत्र में व्यवसायी श्याम विशवास को अपना पति बताते हुए शक्ति फार्म के टैगोर कॉलोनी को अपना घर का पता बताया है। यहाँ बिन्दा ने अपनी संपत्ति 48,690 रूपये बताई है तो मालती ने 71 लाख रूपये बताई है । श्याम ने मालती को अपनी क़ानूनी पत्नी बताया है जबकि उनके बिन्दा अपने को उनकी पत्नी होने की अफवाह फैला रही है।बिन्दा ने बताया कि वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव इसलिए लड़ रही है कि इस चुनाव से वो न्याय और अपने खोए वजूद को वापस ला सके । उन्हें विशवास है कि वो चुनाव में जरूर जीत दर्ज करेंगी ।बिन्दा ने बताया कि उनका विवाह सन 1976 में श्याम से कोलकत्ता में हुआ था, जिसके बाद वो वृन्दावन जाकर वहीँ बस गए थे। इसके बाद वो उत्तराखण्ड के सितारगंज आ गए और यहाँ बिन्दा के मायके वालों की मदद से बीड़ी बनाने की फैक्ट्री लगाकर व्यवसाय शुरू किया और श्याम का भाग्य बदल गया ।
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बिन्दा ने बताया कि एक बार जब वह कोलकत्ता स्थित अपने मायके गई थी तो श्याम मालती को लेकर आए थे और उसके बाद से ही वो उसके के साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया की श्याम ने बिन्दा को घर से निकाल दिया और तभी से वो अपनी विवाहित बेटी के साथ रहती हैं और बीड़ी बनाकर आजीविका कमाती हैं। बिन्दा का दावा है कि श्याम से उनकी तीन बेटियां हैं जबकि मालती से दो बेटे हैं। मालती और उनके पति श्याम विशवास ने कोई भी जवाब नहीं दिया है । बिन्दा ने इन आरोपों के साथ जनता से इस असली नकली की लड़ाई में साथ देने की बात कही है ।

चुनावों में शराब का खेल है जारी, ऋषिकेश पुलिस ने पकड़ी लाखों की शराब

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मुनि के रेती पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पहाड़ो में चुनावों के दौरान वोटरों को प्रभावित करने के लिए लायी जा रही 310 पेटी शराब को चेकिंग के दौरान एक जीप से बरामद किया गया। ये शराब बड़ी सफाई से छुपा कर लायी जा रही थी ,गौरतलब है चुनावी मौसम के दौरान अवैध शराब का कारोबार काफी फल फूल रहा है। चुनावी मौसम में उत्तराखंड में शराब की खपत बहुत ज्यादा हो जाती है, यही कारण है शराब माफिया चंडीगढ़ से सस्ती शराब को लेकर उत्तराखंड में सप्लाई करते है।

खूफिया सुचना के आधार पर मुनि की रेती पुलिस ने गाड़ियों की चेकिंग के दौरान दो अलग अलग गाड़ियों को पकड़ा जिस में कुल 310 पेटी शराब थी। इसकी कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है और माना जा रहा है कि ये शराब विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा अपने छेत्र में बाटी जानी थी। पुलिस निरीक्षक रवि कुमार ने बताया ये शराब पौड़ी और चमोली ले जायी जा रही थी और इस खेप के साथ 3 लोगों को पुलिस ने पकड़ा। इन सभी से और पूछताछ जारी है। 

राज्य में अलग अलग जगह जिस तरह शराब पकड़ी जा रही है उससे एक बात तो साफ है कि हमारी पार्टियां और नेता जितना चाहे साफ चुनावों के और सालों लोगों के लिये काम करने के दावे कर ले लेकिन आखिरकार उनके कामों में कुछ बहुत द्यादा कमी रह जाती है जिसके चलते वोटरों को अपनी तरफ करने के लिये  उन्हें शराब का सहारा लेना पड़ता है।