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जिसको मरा समझ किया अंतिम संस्कार वो अचानक वापस लौट आई।

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 उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड की सीमा से सटे गांव भूबरा से कुछ दिन पूर्व गायब जिस बेटी को मरा समझ परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया वो अंतिम संकार के बाद जीजा के साथ लौट आई। बेटी के जिंदा लौटने की खुशी तो परिजनों को थी मगर सवाल ये खड़ा हो गया कि जिसका अंतिम संस्कार किया वह शव किसका था।

प्रदेश की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के ग्राम भूबरा निवासी भूप सिंह की 20 वर्षीय पुत्री राजरानी कुछ दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गई थी। बुधवार को भूबरा ग्राम के पास ही किसी युवती का अधजला शव बरामद हुआ था। भूप सिंह ने उसकी पहचान अपनी पुत्री के रूप में की और पुलिस ने शव उन्हें सौंप दिया। परिजनों ने उसका विधिवत अंतिम संस्कार भी कर दिया।

वहीं, गुरुवार देर शाम अचानक राजरानी अपने जीजा के साथ घर पहुंच गई। उसे देखकर परिजन जहां खुश तो हुए साथ ही चकित भी हैबेटी के जिंदा लौटने की कबर पुलिस को दी गयी जिसके बाद पुलिस भी हैरत में पड़ गई। दिल्ली में निजी व्यवसाय करने वाले युवती के जीजा राकेश मौर्य ने बताया कि वह दिल्ली से लौट रहा था तो मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर उसने राजरानी को अकेले घूमते देखा और उसे लेकर ससुराल आ गया। जबकि स्वार रामपुर कोतवाल मनोज कुमार ने भूप सिंह को कोतवाली बुलाकर पूछताछ की तो भूप सिंह के परिवार में जहां पुत्री के सही सलामत होने से खुशी है, वहीं, बीते दिनों मिला युवती का अधजला शव पुलिस के लिए पहेली बन गया है। पुलिस अब आसपास के थानों से संपर्क कर जानकारी जुटा रही है। वहीं अब पुलिस के लिए चुनौती है कि अधजला शव किसका है?

उधमसिंहनगर में जमकर चल रहा है अवैध खनन का कारोबार

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अवैध खनन का गोरखधन्धा प्रशानिक अधिकारियों और पुलिस के संरक्षण में जमकर फलफूल रहा है। शासन द्वारा रोक के बावजूद उधमसिंहनगर जनपद में अवैध खनन का कारोबार जमकर चल रहा है। दिन रात खनन के कारोबारी नदी का सीना चीर कर अवैध खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

शाम ढलते ही नदी का सीना चिरते हुए जेसीबी और पोपलेन अवैध रुप से खनन के लिए नदियों में उतर जाती है। इन खनन माफियाओं को ना तो पुलिस का डर है और ना ही प्रशासन का।अवैध खनन का गढ बन चुका बाजपुर काशीपुर सितारगंज और किच्छा में खनन कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद है कि दिन दहाडे ही अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं कुछ इलाकों में तो शाम ढलते ही जेसीबी और पोपलेन से नदियों का सीना चिरकर खनन किया जा रहा है।अवैध खनन से भरे डम्पर और ट्रलियां नेशनल हाईवे से होकर ही उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों के लिए जाती है, मगर अवैध खनन तो खनन ओवर लोर्ड वाहन होने के बावजूद इनपर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है।

उत्तराखंड से निकल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री तक का इस योगी का सफर

आज का दिन कई मायनो में ख़ास है क्योंकि उत्तराखंड के पौड़ी जिले से दोदो लाल मुख्यमंत्री की कमान समलने जा रहे है पौड़ी गढ़वाल के एक छोटे से गांव में 5 जून, 1972 को जन्मे योगी आदित्यनाथ अब देश के सबसे बड़े राज्य के उत्तरप्रदेश के मुखिया बनने जा रहे हैं।जिस पर बीजेपी आलाकमान और विधायक दल ने मोहर लगा दी है ,राजभवन पहुच कर योगी आदित्य नाथ ने अपना दावा भी पेश कर दिया है और कल दिन में उनको शपथ दिलाई जाएगी

योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेते ही उत्तराखंड के पौड़ी से मुख्यमंत्री बनने वालों की फेहरिस्त बढ़कर पांच हो जाएगी। अबतक रमेश पोखरियाल निशंक, बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल से संबंध रखते हैं।पिछले कुछ समय से देखें तो देश में मुख्यधारा की राजनीति हो या कोई बड़ा संवैधानिक पद, वहां पहाड़ियों का वर्चस्व कायम हो रहा है। साल 2016 दिसंबर में बिपिन रावत को भारतीय थलसेना का प्रमुख बनाया गया है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का चीफ अनिल धस्माना हों या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ये सभी लोग उत्तराखंड से संबंध रखते हैं।
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योगी अदित्यनाथ का जीवन परिचय 

  • असली नाम: अजय सिंह बिष्ट।
  • पिता का नाम: नंदन सिंह बिष्ट।
  • भाई का नाम: महेंद्र बिष्ट (पत्रकार)।
  • गाव: पंचूर।
  • जिला: पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)।
  • जन्म तिथि: 05 जून, 1972 ।
  • शिक्षा : हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से गणित में बेचलर्स डिग्री।
  • छात्र राजनीतिक जीवन: विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रखर कार्यकर्ता रहे।

योगी आदित्यनाथ के जीवन के महत्वपूर्ण जानकारी-

  • 22 साल की उम्र में परिवार त्यागकर योगी स्वरूप में आ गए।
  • 1993 से अपना केंद्र गोरखपुर बना लिया।
  • गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत बने।
  • आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं।
  • 14 सितंबर, 1998 को उनके जीवन में नया अध्याय जुड़ गया।
  • अवैद्यनाथ ने 14 सितंबर को राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
  • यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है।
  • 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे।
  • 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने।
  • 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने।
  • आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी।
  • 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई।
  • योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए।

ऋषिकेश से नीलकंठ मार्ग पर लगभग 50 – 55  किमी दूर के यमकेश्वर के एक छोटे से गांव से आज उत्तर प्रदेश के कमान संभालने जा रहे योगी के गांव पंचूर में भी जश्न का माहौल है। पिता अजय सिंह बिष्ट इस अवसर पर अपने बेटे की इस सफलता पर काफी खुश है भाई महेन्द्र सिंह का कहना है कि ये पुरे यमकेश्वर छेत्र के लिए गर्व की बात है कि यहाँ की पहाड़ की पगडंडियो से निकल योगी आदित्य नाथ आज उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री होने जा रहे है जिस से हमारे छेत्र में एक नयी इबारत लिखी जाएगी

 

शौर्यचक्र प्राप्त चंदन सिंह भंडारी की 20वीं पुण्यतिथि मनाई गई

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द्वाराहाट अल्मोड़ा, शौर्यचक्र प्राप्त चंदन सिंह भंडारी की 20वीं पुण्यतिथि शहीद स्मारक पर मनाई गई। इस दौरान परिजनों, कुमाऊं रेजिमेंट अधिकारियों तथा क्षेत्रवासियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

सेना के जवानों ने बैंड के माध्यम से देशभक्ति व पहाड़ी धुन बजाई। इस मौके पर सेना के कैप्टन बप्पा दितिया डे ने मौके पर युवाओं से सेना से जुड़ने का आह्वान किया। भंडरगांव के सैनिक चंदन सिंह भंडारी पुत्र हरक सिंह 19 मार्च 1997 को कुपवाडा सेक्टर में आपरेशन रक्षक के दौरान आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में उन्होंने तीन आतंकियों को ढेर किया। उनकी वीरता पर राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्यचक्र से सम्मानित किया।

बग्वालीपोखर के शहीद स्मारक पर शहीद चंदन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सर्वप्रथम माता शांति देवी, बड़े भाई रमेश सिंह, कुंदन सिंह, देव सिंह, जसोद सिंह, प्रेम सिंह ने पुष्प अर्पित किए।

उसके बाद ब्रिगेडियर आतेश चाहर के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे कैप्टन बप्पा दितिया डे ने पुष्पचक्र अर्पित किए। उन्होंने चंदन सिंह की शहादत को सच्ची देश सेवा बताया औऱ युवाओं से सेना के साथ जुड़ने का आह्वान किया। पूर्व सैनिक लीग अध्यक्ष कुंवर सिंह नेगी ने इस कार्यक्रम को और अधिक भव्य बनाने की बात कही।

इस मौके पर हवलदार भवान सिंह के नेतृत्व में सेना के जवानों ने बैंड के माध्यम से देशभक्ति व कुमाऊंनी धुने बजाई।

ड्रग्स के साथ पकड़े गए महिला और युवक

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पुलिस ने मंडी चौकी क्षेत्र से स्मैक की 250 पुड़िया के साथ 1 युवक और एक महिला को किया गिरफ्तार। दोनों बनभूलपुरा के इंदिरानगर के निवासी है जो पिछले लम्बे समय से स्मैक की तस्करी कर रहे थे। सीओ लोकजीत सिंह ने बताया की पकड़ी गयी स्मैक की कीमत 2 लाख रूपये है।

हल्द्वानी शहर मे हो रही अवैध स्मैक की तस्क्री पर पुलिस को एक बडी सफलता हासिल हुई है, मंडी चौकी क्षेत्र से पुलिस ने अवैध स्मैक का धंधा करने वाले एक युवक और एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से पुलिस को 250 पुडिया स्मैक की बरामद हुई है, जिसकी कीमत 2 लाख रूपये के आसपास बतायी जा रही है। वही मामले का खुलासा करते हुए सीओ लोकजीत सिह ने बताया की शहर मे अवैध रूप से नशे के कारोबार करने वालो के खिलाफ पुलिस के द्वारा एक टीम बनाई गई है, जो की इस तरह की गतिविधियो पर अपनी नजर रखती है। जिसको आज बडी कामयाबी हाथ लगी है उन्होने बताया गया पकडे गये अभियुक्त इन्द्रानगर के रहने वाले है जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है।

लंदन के रायल कालेज आफ आर्ट में हुआ गोपेश्वर के दीपक का चयन

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उत्तराखंड की परंपरा और यहां कि प्रतिभा किसी से छिपी नहीं हैं।इसी कड़ी में विकासखंड घाट जाखणी निवासी दीपक का सेलेक्शन दुनिया भर में मशहूर और रैंकिंग में शीर्ष पर यूनिवर्सिटी रायल कालेज आफ आर्ट एंड डिजाईन,लंदन में मास्टर आफ फाईन आर्ट में रिसर्च के लिए हुआ है।इतना ही नहीं इस रिसर्च के लिए उन्हें स्कालरशिप भी मिलेगी।
दीपक सिंह कठैत की शुरुआती शिक्षा राजकीय इंटर कालेज घाट से हुई है।2004 में  इंटर करने के बाद 2006 में ललित कला महाविद्धालय से फाईन आर्ट के लिए एडमिशन लिया और 2010 में डिग्री ली।2017 में दीपक ने लंदन के रायल कालेज आफ आर्ट एंड डिजाईन से मास्टर और स्कालरशिप के लिए परीक्षा दी थी।बीते 13 मार्च को दीपक को उनके सेलेक्शन की खबर मिली।
विकासखंड घाट के जाखणी गांव के किसान परिवार में पैदा हुए दीपक को हमेशा से कला के क्षेत्र में रुचि थी और उन्होंने अपने सपनों के पीछे भागना नहीं छोड़ा।प्रारंभिक पढाई करने के बाद हमेशा ही कला से जुडाव रखा और अपना कैरियर भी इस क्षेत्र को चुना।दीपक के एडमिशन की बात से उनके परिवार के साथ साथ गांव वालों में भी खुशी की लहर है।दीपक हम में से ही एक है जिनके सपने कुछ अलग हट के करने के थी और उसके लिए दीपक ने बहुत मेहनत की और आज अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत दीपक लंदन जा रहें हैं,अपनी पढ़ाई पूरी करने।दीपक का कहना है कि  इस यूनिर्वसिटी में दूर दूर से और अलग अलग 60 देशों से एक हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं अपनी पढ़ाई करने आऐंगे।दीपक कहते हैं कि हमारे देश में यू तो पढ़ाई की सारी सुविधाएं है लेकिन कला के क्षेत्र में रुचि रखने वाले बहुत से सामान्य परिवार के लोग अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं।इस संबंध में दीपक कहते हैं कि राज्य सरकार को  ऐसे लोगों की मदद करने के लिए प्रावधान निकालना चाहिए जिससे उनके जैसे छात्रों को आगे बढ़कर अपना सपना पूरा करने का मौका मिल सके।दीपक ने बताया कि आने वाले सितंबर से उनका सेमेस्टर शुरु हो जाएगा और वह अपने जाने की तैयारी करना शुरु कर चुके हैं।

सरकारी भूमि का 7.39 करोड़ मुआवजा लेना चाहता था पीआईएल कर्ता

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हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले रामनारायन ने सरकारी जमीन का 7.39 करोड़ रुपये मुआवजा लेने की कोशिश की थी, लेकिन एसएएलओ डीपी सिंह ने उनका मुआवजा मंजूर नहीं किया था। इसी तरह कोर्ट में दूसरी याचिका करने वाले रमन फुटेला को गलत तरीके से 28 लाख मुआवजा वापस करने का नोटिस जारी किया गया था। सूत्रों की मानें तो कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले बरी गांव के रामनरायन ने खसरा संख्या 419 रकबा 0.0790 हेक्टेयर वर्ग 6 (4) खंती का 5403200 रुपये, खसरा संख्या 408 रकबा 0.0720 हेक्टेयर वर्ग चार क, खसरा संख्या 410 रकबा 0.088 हेक्टेयर वर्ग चार क, खसरा संख्या 411 रकबा 0.0848 वर्ग चार क, खसरा 468 रकबा 0.0331 हेक्टेयर, खसरा 709 रकबा 0.063 हेक्टेयर वर्ग 5 (3) अन्य बंजर का सात करोड़ 39 लाख दो हजार चार सौ रुपये का क्लेम किया था। इस मुआवजे की राशि को रोक दिया गया। इसके अलावा रमन फुटेला ने भी जनहित याचिका की है। सूत्रों की मानें तो रमन ने एसएएलओ, एसएएलओ दफ्तर के कर्मचारियों व चकबंदी अधिकारी से सांठगांठ करके 2895750 रुपये का मुआवजा हासिल कर लिया था। इसकी शिकायत मुनीश्वर दयाल ने की, जिसका संज्ञान लेते हुए रमन को नोटिस जारी करके उनसे प्रतिकर की राशि जमा करने के आदेश पारित किए गए थे।

उत्तराखंड के नए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्रियों ने ली शपथ

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बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री बनने पर शनिवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में 3 बजे शपथ ग्रहण करेंगे।शुक्रवार को देहरादून में पार्टी विधायक दल की बैठक में रावत के नाम पर सर्वसहमति से मुहर लगा दी गई।शुक्रवार को हुई बैठक में दिल्ली से आये पार्टी पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे। बीजेपी के चुनाव जीतने के साथ ही प्रदेश सीएम के नामों की अटकले लगना शुरु हो गई थी। इस रेस में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आये सतपाल माहराज, बीजेपी के प्रकाश पंत और त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम आगे था। इन सबके बीच त्रिवेंद्र रावत का नाम साफ छवि वाला और केंद्र में अच्छी पकड़ वाला रहा। त्रिवेंद्र सिंह रावत के पक्ष में उनकी साफ छवि के साथ साथ बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नज़दीकी भी काम आई।

शनिवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।आपको बता दे कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ओएनजीसी के गोस्ट हाउस में रह रहें हैं।शनिवार को सुबह 11 बजे  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शहीद स्थल पर शहीदों को नमन करने और फूल अर्पण करने  पहुंचे।दिन के 3 बजे पीएम मोदी देहरादून के परेड ग्राउंड में पहुंचे।उत्तराखंड के राज्यपाल के.के पाल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य 9 मंत्रीयों को शपथ दिलाई।

कैबिनेट मंत्रियों के नाम इस प्रकार हैः

  • सतपाल महाराज
  • प्रकाश पंत
  • हरक सिंह रावत
  • मदन कौशिक
  • यशपाल आर्य
  • अरविंद पांडे
  • सुबोध उनियाल

मंत्रीमंडल में दो राज्यों मंत्रियों को भी सपथ दिलाई गई।

  • रेखा आर्या
  • धन सिंह रावत

कैबिनेट में आने वाले 9 मंत्रियों के बाद अभी भी 2 नामों आने की गुंजाइश है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, उमा भारती, जे.पी नड्डा, अजय टम्टा, रामलाल,एम.एल खट्टर(हरियाणा सीएम), कैलाश विजयवर्गीय, विजय बहुगुणा, भगत सिंह कोश्यारी, रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूड़ी के साथ ही राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत भी रहे मौजूद।

उत्तराखंड में बना कांग्रेस युक्त मंत्रीमंडल

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शनिवार को उत्तराखंड के नौवे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शपथ ले ली। ऱाज्यपाल के.के पाल ने पीएम मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के साथ साथ मंत्रीमंडल के सदस्यों को शपथ दिलाई। चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देस को कांग्रेस मुक्त करने के अपे वादे की तरफ तो एक और कदम बढ़ा लिया लेकिन मंत्रीमंडल को अगर देखें तो ये कांग्रेस युक्त कहा जा सकता है। शनिवार को जिन मंत्रियों ने शपथ ली उनमें

  • नरेंद्रनगर से सुबोध उनियाल
  • कोटद्वार से हरक सिंह रावत
  • नैनीताल से यशपाल आर्या
  • चौबट्टाखाल से सतपाल माहराज रहे

इसके अलावा लगातार दलबदलती और निर्दलीय रही रेका आर्या ने बी मंत्रीपद की शपथ ली। इसको देखकर ये साफ है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के आधे मंत्री पुराने कांग्रेसी नेता हैं। 2017 चुनाव शुरु से कांग्रेसी बागियों को लेकर उठा पटक से भरा हुआ था। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल सभी बागियों को टिकटमिलने से जहां पार्टी नेताओं में नाराजगी थी वहीं चुनाव में इस चाल के उलटा पड़ने का डर। हांलाकि चुनावी नतीजों ने इन सब बातों को दरकिनार कर दिया और ये नेता अपनी अपनी सीटों पर जीत का परचम लहरा कर आये। पार्इटी को मिली इपार सफलता के बाद इस बात की सूगबुगाहटें भी तेज़ हो गई थी कि क्या अब पार्टी में इन बागियों की कोई महत्वपूर्ण भूमिका रह गई है? लेकिन मंत्रीमंडल की तस्वीर ने ये साफ कर दिया है कि न केवल पार्टी में बल्कि प्रधानमनंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लिये इन नेताओं का रोल अहम है। इस कदम से ये साफ है कि ये नेता अमित शाह की बीजेपी को एक नई बीजेपी बनाने के रोडमैप में मील ता पत्थर हैं। और शायद अब ये राज्य में बीजेपी के पुराने और उम्र दराज़ नेताओं के लिये रिटायर्मेंट का संकेत है।

त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री बनने से गढ़वाल विश्वविद्यालय में है कुछ खास उत्साह

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दायें से पहले स्थान पर है सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गढ़वाल विश्वविद्धालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।पत्रकारिता विभाग गढ़वाल विश्वविद्यालय से त्रिवेंद्र रावत ने 1981-83 तक प्रो.आशा राम डंगवाल जी के मार्गदर्शन में पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया। सीएम बनने से यह विश्वविद्यालय के टीचरों को उम्मीद है कि रावत न सिर्फ पूरे प्रदेश को विकास के पथ पर ले जायेंगे बल्कि पत्रकारिता के छात्रों की विभिन्न समस्याओं का समाधन भी करेंगे। आज गविवि अपने पूर्व छात्र पर गर्व महसूस कर रहा है।

गढ़वाल विश्वविद्धालय के पत्रकारिता एंव जनसंचार केंद्र के निदेशक प्रो.ए.आर डंगवाल सहित विभाग के डा.सुधांशु जायसवाल, डा. विक्रम बर्तवाल, डा. दिनेश भट्ट, डा. वंदना नौटियाल, डा. मनोज सुंद्रियाल ने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने पर प्रसन्नता ज़ाहिर की है। विभाग निदेशक प्रोफेसर डंगवाल ने कहा कि “त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल विश्वविद्धालय में पत्रकारिता विषय के छात्र रहे हैं।उन्होंने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। अपने छात्र जीवन से ही रावत को एक शांत स्वाभाव के छात्र के रूप में याद किया जाता है।”  प्रो. डंगवाल ने कहा कि उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पत्रकारिता को लेकर सकारातमक बदलाव करेंगे।

गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल विश्वविद्धालय में पत्रकारिता के छात्र रहे हैं और शनिवार को उत्तराखंड के सीएम पद की शपथ लेगें। आपको बता दे कि उत्तराखंड के 60-70 प्रतिशत मीडिया में काम करने वाले युवाओं ने गढ़वाल विवि से मीडिया की पढ़ाई की और उस लिहाज़ से त्रिवेंद्र सिंह रावत जी मेरे साथ बहुत से लोगों के सीनियर हुए।