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नशे की जद में सरोवर नगरी की लड़कियां

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स्मैक नैनीताल के लड़कों को बर्बाद तो कर ही रहा था अब लड़कियां भी इसके चपेट में आ गई हैं। पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि नामी संस्थानों में पढ़ रही छात्राएं नशा कर रही हैं। स्मैक लिए हर रोज 300 रुपये की जरूरत के लिए वह कुछ भी करने का तैयार हो जाती हैं। डहरिया में एक महिला स्मैक सप्लाई का धंधा कर रही है, एक संस्थान की 15 फीसदी छात्राएं भी पुलिस के रडार पर हैं। हीरानगर पुलिस ने चार दिन पहले स्मैक पी रहे युवकों का पीछा किया था, उनके साथ एक लड़की पांच फीट ऊंची दीवार फांदकर चली गई थी।

पुलिस ने दूसरे दिन उसी लड़की को टेंपो में स्मैक पीते पकड़ लिया, उसके साथ दो किशोर भी थे। पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि वह 11वीं में पढ़ती है। एक दिन डहरिया की एक महिला ने उसे बुलाया और स्मैक देकर कहा कि थोड़ा लो, मजा आएगा। छात्रा के अनुसार पहली बार स्मैक पीने में काफी मजा आया, नींद भी अच्छी आई। इसके बाद उसकी स्मैक पीने वाले किशोरों से दोस्ती हो गई। दो महीने में हालत ऐसी हो गई कि अब वह बिना चरस के नहीं रह सकती। छात्रा के अनुसार नशे की तलब होने पर शरीर में टूटन होने लगती है, खाना अच्छा नहीं लगता है।

चौकी प्रभारी प्रताप सिंह नगरकोटी ने बताया कि “छात्रा से पूछताछ के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। एक निजी संस्थान की 15 फीसदी छात्राएं स्मैक की शिकार हो गई है। अन्य कॉलेजों की दो से चार लड़कियां भी नशा कर रही हैं। हाॅस्टल में रह रही छात्राएं भी नशे के शिकार युवकों के संपर्क में आई हैं।” एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि, ‘नशे की शिकार लड़कियों को पकड़ने के लिए अधीनस्थों के साथ गोपनीय प्लान तैयार किया गया है। जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा।  उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से बरेली और किच्छा में स्मैक सप्लाई हो रही है। किच्छा से स्मैक नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में तस्कर स्मैक सप्लाई कर रहे हैं।’
नैनीताल पुलिस तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य जिलों से जानकारियां इकट्ठा कर रही है।  किच्छा से स्मैक सप्लाई होने की जानकारी मिलने पर एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने अभियान चलाया था। अभियान के दौरान कई तस्कर पकड़े गए लेकिन बड़े तस्कर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि बड़े तस्कर नशेड़ियों को लालच देकर स्मैक सप्लाई कराते हैं। पहले बरेली रोड पर बसों के माध्यम से स्मैक आती थी लेकिन पुलिस का शिकंजा कसने पर तस्कर ट्रेन से स्मैक लाने लगे। ट्रेनों में पुलिस की चेकिंग बढ़ने पर तस्कर अब रामपुर रोड, कालाढूंगी रोड पर बसों के माध्यम से स्मैक सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस ने नशेड़ियों को पकड़ने के साथ-साथ तस्करों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनायी है।
एसएसपी का कहना है कि बड़े तस्करों को पकड़ने में पुलिस को कई बार असफलता हाथ लगी है लेकिन वे निराश नहीं है। इस मामले में समीपवर्ती जिलों के पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर तस्करों के खिलाफ जानकारियां इकट्ठा की जा रही है।

विधानसभा और सचिवालय बनेंगे अभेद्य किले

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उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद उत्तराखंड विधानसभा एवं सचिवालय की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। ऐसी फूल प्रूफ व्यवस्था बनाई जा रही है ताकि गैर जानकारी में परिंदा भी पर न मार सके। इसके लिए विधानसभा का हर कोना सीसीटीवी कैमरा से सजाया जा रहा है ताकि कैमरे की नजर में हर गतिविधि रहे। व्यवस्था यहां तक की जा रही है कि वाहनों के प्रवेश पर भी सख्ती रूख अपनाया जाएगा।

नई व्यवस्था के अनुसार अब विधानसभा में केवल अधिकृत वाहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही विधानसभा में नियमित पास के जरिए आने वालों की एंट्री को भी बायोमेट्रिक से जोड़ी जाएगी। इसके लिए विधानसभा द्वारा व्यवस्था की जा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा सभा एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक में इस आशय के एक निर्देश दिए गए थे। इसी संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा का औचक निरीक्षण भी किया ताकि कमियां उनकी जानकारी में आ सकें। यही कारण है कि उन्होंने विधानसभा सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए अहम कदम उठाने के निर्देश दिए थे। कर्मचारियों के अलावा अन्य व्यक्ति जो नियमित रूप से विधानसभा आते हैं और जिनका वार्षिक पास बनता है उन लोगों की भी बायोमीट्रिक एंट्री की जाएगी।
विधानसभा सचिव जगदीश चंद ने कहा कि सचिवालय सुरक्षा को लेकर पहले से ही नियम बने हैं,अब इन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा। इसी कड़ी में सचिवालय को भी विधानसभा जैसा ही अभेद्य बनाया जाएगा ताकि अवांछित तत्व सचिवालय में प्रवेश न कर सकें। उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन अपने कार्मिकों के अलावा अन्य विभागों के कार्मिकों, बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश के मानक सख्त कर रहा है। पत्रकारों के प्रवेश के लिए भी पुरानी व्यवस्था को बदलने की कार्यवाही शुरू हो गई है।

मेडिकल में सरप्राइज सीटों पर भी मिलेगा राज्य के होनहारों को दाखिला

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अगर आप नीट परीक्षा की बाधा पार कर चुके हैं और एमबीबीएस की सीट पर दाखिले की दौड़ में शामिल हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अभ्यर्थियों को एमबीबीएस की राज्य कोटे की तय सीट से अलग भी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का तोहफा मिल सकता है। बीते वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो आल इंडिया कोटे की सीट खाली रहने पर स्टेट कोटे में तब्दील हुई हैं यानी इस बार भी सरप्राइज सीटों पर दाखिले की पूरी गुंजाइश है।

उत्तराखंड में तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज है। इनमें श्रीनगर व हल्द्वानी में एमबीबीएस की 100-100 सीट हैं, जबकि दून मेडिकल कॉलेज में 150 सीट। इनमें 15 प्रतिशत ऑल इंडिया जबकि शेष राज्य कोटा है लेकिन अगर पिछले वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो ऑल इंडिया कोटे की खाली सीटों का लाभ स्टेट कोटे पर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों को मिला था। यहां अतिरिक्त सीट पर एडमीशन किए गए।
एमबीबीएस के दाखिले को मुकाबला इस साल भी कड़ा है। सरकारी व गैर सरकारी कॉलेजों में दाखिले को सैकड़ों दावेदार हैं लेकिन, उसमें विकल्प बेहद सीमित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों की ओर बाहरी अभ्यर्थियों के कम रुझान को देखते हुए इस बार भी ऑल इंडिया की सीटें रिक्त रहने की संभावना है। इसका फायदा राज्य के अभ्यर्थियों को होगा। मेडिकल परीक्षा के विशेषज्ञ बलूनी क्लासेज के एमडी विपिन बलूनी का कहना है कि ऑल इंडिया काउंसिलिंग में रिक्त रहने पर सीट राज्य कोटे में भरी जाती है। वर्ष 2014 में आठ और 2015 में 15 सीट वापस हुई थी। गत वर्ष भी करीब 20 सीटों पर ऐसा ही हुआ। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बाहरी अभ्यर्थियों का यहां के कॉलेजों में रुझान कम होता है। इसका फायदा राज्य के अभ्यर्थियों को हो सकता है।

27 लोगों के खाते से ब‌िना एटीएम कार्ड उड़ाए लाखों रुपये, हरकत में आई पुल‌िस

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देहरादून में साइबर क्राइम का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। क‌िसी ने शहर के अलग-अलग इलाकों के 27 लोगों के अलग-अलग बैंकों के खातों से लाखों रुपये उड़ा द‌िए। इसके बाद से पुल‌िस भी सकते में आ गई है।एटीएम कार्ड का डाटा चुराकर, खातों में सेंध लगाने के शहर में अब तक के सबसे बड़े मामले में साइबर क्रिमिनल्स ने अलग-अलग बैंकों के दर्जनों खाताधारकों के लाखों रुपयों पर हाथ साफ कर दिया।

शनिवार रात तक 27 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी थीं, जिनमें करीब नौ लाख रुपए उड़ाए गए हैं। अलग-अलग थानों में शिकायत आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।देर रात तक मिली जानकारी के मुताबिक थाना नेहरू कॉलोनी मेें सर्वाधिक 22, डालनवाला में तीन, सिटी कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज हो चुकी थीं। एटीएम कार्ड क्लोनिंग के जरिए डाटा चुराकर वारदात अंजाम दी गई है। सभी खातों से कैश जयपुर (राजस्थान) के अलग-अलग एटीएम से निकाले गए हैं। जिनके खातों से कैश निकाले गए हैं उनके एटीएम कार्ड उन्हीं के पास हैं। वारदात का शिकार बने सभी पीड़ित थाना नेहरू कॉलोनी, डालनवाला,  रायपुर और शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले है।

पुलिस को आशंका है कि अभी और मामले सामने आ सकते हैं। फिलहाल, एसएसपी ने एसओजी और साइबर थाने की संयुक्त टीम गठित कर उन्हें जयपुर भेज दिया है।

खातों से 2500 रुपये से लेकर 80000 रुपये तक की नगदी निकाली गईं हैं। सबसे ज्यादा मामले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाताधारकों के हैं। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, आईडीबीआई, आईसीआईसीआई के खाताधारक भी शिकार बने हैं। पीड़ितों के मुताबिक शुक्रवार देर रात पांच लोगों ने उनके खातों से कैश निकाले जाने की सूचना नेहरू कालोनी थाना पुलिस को दी थी। पुलिस ने आदतन इसे नजरअंदाज कर दिया। शनिवार को भी कई लोग नेहरू कॉलोनी थाने में इस तरह की शिकायतें लेकर पहुंचे। थाने में सुनवाई नहीं हुई तो कई लोग शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे। एसएसपी ने सवाल किया तो पुलिस को होश आया।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी ने बनाये 12 दल

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भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के लिए बनाई गई रणनीति। 5-5 विधायकों के 12 दल बनाए गए। प्रत्येक दल में एक टीम लीडर और 4 सदस्य। भाजपा के 57 विधायकों के आलावा 2 निर्दलीय विधायकों और एक मनोनीत विधायक को भी शामिल किया गया । हालांकि मनोनीत विधायक को राष्ट्रपति चुनाव में मत का अधिकार नहीं है । नैतिक समर्थन के लिए मनोनीत विधायक भी मतदान के दौरान रहेंगे मौजूद। भाजपा नेताओं के मुताबिक ये रणनीति मतदान के दौरान आपसी तालमेल के लिए बनाई गई है लेकिन समझा जा रहा है कि क्रॉस वोटिंग की किसी भी संभावना को ख़त्म करने के लिए भाजपा ने ये 12 दल बनाए हैं।

जन शिकायतों के निस्तारण के लिए लगेगा शिविर

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आम जनता की शिकायतों को सुनकर त्वरित निस्तारण के लिए रुद्रपुर जिले के विभिन्न ब्लॉकों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शिविर लगाया जाएगा।

अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह शाह ने बताया कि शिविरों में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, समस्त विभागो के तहसील एवं विकास खण्ड स्तरीय अधिकारी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे। ताकि शिविरों में आने वाली अधिकतर शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया जा सकें।

ये शिविर 18 जुलाई को तहसील गदरपुर, 25 जुलाई को तहसील खटीमा, 01 अगस्त को तहसील काशीपुर, 16 अगस्त को तहसील सितारगंज, 22 अगस्त को तहसील बाजपुर, 29 अगस्त को तहसील किच्छा व 05 सितम्बर को तहसील जसपुर में तहसील दिवस/बहुउद्देशीय शिविरो का आयोजन प्रातः 10 बजे से किया जाएगा।

 

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती इन दो “भुलियों” की कहानी

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दुनिया में बहुत कम लोगों को मौका मिलता है कि उनकी बनाई हुई रचना को उन्हीं के पसंदीदा कलाकार के जीवन में जगह मिले। लेकिन देहरादून की दो तान्याओं के साथ ये सुखद सपना सच हो गया। तान्या कोटनाला औऱ तान्या सिंह का ब्रेन चाइल्ड है “भुली” नाम का चित्रों का संग्रह।

एक ही नाम शेयर करने वाली देहारदून में पली बड़ी इन दोनों लड़कियों के बीच नाम के साथ-साथ देहरादून भी एक काॅमन फैक्टर है। हांलाकि दोनों की पढ़ाई की पृष्ठभूमि अलग है, पर अपनी जन्म भूमि के लिये कुछ खास करने की चाह दोनों में ही थी औऱ इसी चाह ने इरादा बन कर “भुली” को जन्म दिया।

न्यूजपोस्ट से बात करते हुए तान्या कोटनाला बताती हैं कि, “2015 में निफ्ट से पढ़ाई पूरी कर, जब में देहरादून आई तो मैने देखा कि उत्तराखंड में संस्कृति की झलक के पास वे प्लाटफाॅर्म नही है जो होना चाहिये। हमारे लिये ‘भुली’ एक सोच है, एक तरीका जिससे पहाड़ की संस्कृती और कला को देश दुनिया के नक्शे पर पहुंचाया जा सके।”

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शुरुआती दिनों में तानया काॅलेज के रिसर्च पेपरों के लिये इलस्ट्रेशन बनाती थी। इसी दौरान उन्होंने लाल और नीले रंग मे एक पहाड़ी लड़की का चित्र बनाया और यहीं से शुरुआत हुई भुली की। ‘भुली’ का अर्थ, पहाड़ी बोली में छोटी बहन होता है।

वहीं इस जोड़ी की दूसरी सदस्य हैं तान्या सिंह। पेशे से न्यूट्रीशनिस्ट तान्या ने महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है। भुली के चित्रों को तान्या कि किताब में भी देखा जा सकता है, तान्या कहती हैं कि, “इस समय हमारा फोकस महिला विकास, महिला स्वास्थ्य और महिला उद्यमियों को बढावा देने पर है। इसके साथ-साथ हम ऐसे प्रोडक्ट तैयार करना चाहते हैं जो बाजार में सही फिट बैठे। हमारा मकसद ऐसा कंटेंट तैयार करना है जिससे पहाड़ के लोगों को और खासतौर पर महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया जा सके”

भले ही भुली कुछ महीनों पुराना ही हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसने अपनी पहचान बनाई है। हाल ही में एमस्टर्ड्रम के प्रसिद्ध मैडम टुसेड वैक्स संग्रहालय में मशहूर हाॅलिवुड अभिनेता जार्ज क्लूनी के पुतले के हाथों में भुली की कला ने जगह बनाई। उत्तराखंड में पलायन को लेकर लंबे समय से बहस चली आ रही है। चुनावों में ये एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनता है और चुनावों के बाद ये महज सोशल मीडिया और बहस का मुद्दा बनकर रह जाता है। अगर सही मायने में पलायन को रोकना है तो राज्य के युवाओं को आगे आकर और कई ‘भुली’ जैसे माॅडल तैयार करने होंगे जिससे पहाड़ों को एक अलग पहचान मिल सके।

कावड़ यात्रा पर पुलिस की नजर

अमरनाथ यात्रा पर हुए हमले के बाद से ही उत्तराखंड-यूपी और दिल्ली में चल रहे कावड़ यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन कोई चूक नहीं करना चाहता यही कारन है की कावड़ यात्रा के दूसरे सोमवार को लेकर पुलिस ने  चौकसी और तेज़ कर दी है। यात्रा के ऊपर परेशानी के बादल न आ सके इसके लिए प्रदेश में प्रशाशन मुस्तैद हो चूका है और यात्रा पर पेनी नजर बनाये बैठा है। उत्तराखंड – उत्तरप्रदेश और दिल्ली में इन दिनों कावड़ यात्रा की रौनक है, पूरा समां केसरिया रंग से रंगा हुआ है लेकिन देश में चल रहे आतंकी गतिविधियों के बिच इस यात्रा को सुचारु ढंग के चलना पुलिस प्रसाशन के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं हो रहा है।

खासकर अमरनाथ में हुए हमले के बाद अब कावड़ यात्रा के दूसरे सोमवार के लिए पुलिस महकमा यात्रा की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता, सावन के माह की सबसे बड़ी यात्रा पर केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने कांवड़ मेले में आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए भी सुरक्षा काफी बढ़ा दी है। जिसमे ए.टी.एस की टीमें भी हर वक्त पूरे मेले पर नजर रख रही है, साथ ही कुछ पुलिस कर्मियों को सादी वर्दी में भी तैनात किया जा रहा है, जिससे हर तरह के खतरे से निपटा जा सके।

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आपको बता दे कि नीलकंठ यात्रा के लिए सबसे ज्यादा कावड़िये दिल्ली-हरियाणा-पंजाब-यूपी से देवभूमि पहुँचते है। कावड़िये ऋषिकेष-हरिद्वार से गंगा जल लेकर नीलकंठ महादेव में सबसे पहले जलाभिसेक करते है। नीलकंठ कावड यात्रा हर साल उत्तराखंड प्रशाशन के लिए एक चुनोती की तरह रहती है। ऐसे में आतंकी हमले की संभावनाएं बढ़ जाती है जिसके लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस कृमियों को निर्देश दिए गए है कि वो पूरी यात्रा के दौरान मुस्तेदी से ड्यूटी करे और हर पल सतर्क रहें। तो वहीँ आतंकी साया होने के बावजूद शिव भक्तों की आस्था पर कोई कमी नहीं दिख रही है।

कावड़िये बम-बम भोले के जयकारों के साथ अपनी यात्रा को पूरी कर रहे है। देश मे चल रहे आतंकी गतिविधियों के बीच कावड़ यात्रा को सुचारू रूप से चलाना उत्तराखंड प्रशाशन के लिए किसी चुनोती से कम नही है, अव देखने लायक बात होगी की सावन के इस कावड़ यात्रा में श्रद्धालु को सरकारी दावों के अनुसार इंतजाम और सुरक्षा मिल पाती है या नहीं।

अन्तराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन की तैयारी

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देश में शांति और भाईचारा बनाने के लिए तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन काशीपुर में किया जा रहा है। इसमें 26 देशों से प्रतिनिधियों के पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि सम्मेलन में 37 देशों को आमंत्रित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष और जसपुर बौद्धमठ के चेयरमैन रेवरेंड महानायक महाथेरा अश्वघोष ने शनिवार को मुरादाबाद रोड स्थित, नवीन अनाज मंडी गेस्ट हाउस, में प्रेसवार्ता की। बताया कि भाईचारा, शांति, प्रेम, देशप्रेम बनाने के लिए 28 सितंबर से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन होगा।

इसमें एशियाई संस्कृति, इसके पुनरुत्थान में बौद्ध धर्म की प्राप्तियां सहित कई अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में एशिया सांस्कृतिक केंद्र, बौद्धिक शिक्षा, एशिया में सामाजिक, राजनीतिक बदलाव सहित 10 बिंदुओं पर चर्चा होगी। सम्मेलन में 37 देशों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें 13 देशों के 24 लोगों की स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने बताया कि 26 देशों के प्रतिनिधि, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध विचारक एवं बौद्ध विद्वानों के आने की उम्मीद है। मुख्य अतिथि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे होंगे। विशिष्ट अतिथि परम पावन दलाईलामा, परम पावन कर्मापा, परम पावन शाक्याट्रेसिंग, ड्रकूंम है।

कांग्रेसियों के उत्पात के चलते पुणे में ‘इंदु सरकार’ का समारोह रद्द

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मधुर भंडारकर अपनी नई फिल्म ‘इंदु सरकार’ को लेकर जहां एक तरफ सेंसर बोर्ड से उलझे हुए हैं, तो दूसरी ओर, कांग्रेसी नेता भी उनके लिए सरदर्द बनते जा रहे हैं। शनिवार को अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए पुणे पंहुचे मधुर भंडारकर के विरुद्ध कांग्रेसियों ने उत्पात मचाया, जिसके चलते मधुर की फिल्म का समारोह रद्द करना पड़ा।

कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि इस फिल्म में उनकी पार्टी की नेता इंदिरा गांधी और दूसरे नेताओं की छवि को धूमिल किया गया है। मधुर और उनकी फिल्म के टीम पुणे के जिस होटल में रुके हुए थे, कांग्रेस के स्थानीय नेता वहीं जमा हो गए और मधुर तथा उनकी फिल्म के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। माहौल को बिगड़ता देख होटल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने व्यवस्था संभालने की कोशिश की, लेकिन जब कांग्रेसी नेताओं का उत्पात बंद नहीं हुआ, तो मधुर को अपनी फिल्म का समारोह रद्द करना पड़ा। इस उत्पात से दुखी मधुर ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए अपना दुख इन शब्दों के साथ जाहिर किया कि अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई करने वाले लोग मेरी फिल्म के रिलीज में बाधा बनने की कोशिश कर रहे हैं।

मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने हाल ही में सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी को पत्र लिखा था कि फिल्म को सेंसर किए जाने से पहले उनकी पार्टी के नेताओं को दिखाई जाए, लेकिन पहलाज ने इस मांग से सेंसर बोर्ड को अलग कर लिया और मधुर ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। कांग्रेस के कुछ नेता यहां तक धमकी दे चुके हैं, कि मधुर की फिल्म के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज कराया जाएगा।