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मनोज वाजपेयी ने बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सीएम से की अपील

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बिहार के रहने वाले अभिनेता मनोज वाजपेयी इन दिनों अपने गृह राज्य में बाढ़ की विपदा से चिंतित हैं। मनोज ने सोशल मीडिया पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सरकारी तंत्र ज्यादा मुस्तैदी से काम करें।

मनोज वाजपेयी ने जिला पूर्वी चंपारण के अपने पैतृक गांव का जिक्र करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘हालात गंभीर हैं और हमारे गांव के लोगों को खाना भी नहीं मिल पा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि लोगों की दुआओं और मदद से जल्दी ही हालात में सुधार होगा।’

मनोज इस समय लंदन में हैं और अगले सप्ताह लौटने के बाद वे पटना जाकर मुख्यमंत्री से निजी तौर पर मुलाकात करने के लिए विचार कर रहे हैं। ये भी कहा जा रहा है कि मुंबई लौटकर मनोज एक ऐसी योजना पर भी काम करेंगे, जिसमें वे अपने राज्य में बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद के लिए बालीवुड के सितारों से मदद की गुहार करेंगे।

आमिर खान, शाहरुख खान और अक्षय कुमार सहित कई सितारों ने लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद की अपील की है। 

कपिल के शो में सिद्धू की जगह अर्चना पूरन सिंह को बनाए रखने का फैसला

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कपिल शर्मा के कॉमेडी शो को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी को दरकिनार करते हुए अर्चना पूरन सिंह को इस शो से जोड़े रखने का फैसला हो गया है। इस शो में नवजोत सिंह सिद्धू के अस्वस्थ होने के बाद उनकी चेयर पर मेहमान कलाकार के तौर पर अर्चना पूरन सिंह को एक एपिसोड के लिए लाया गया था, जिस पर खबरों के अनुसार, सिद्धू ने आपत्ति जताते हुए कपिल शर्मा से विरोध दर्ज कराया था।

इस विरोध को अनदेखा करते हुए ताजा खबर ये है कि अगले फैसले तक अर्चना पूरन सिंह इस शो का हिस्सा बनी रहेंगी। खबरो के मुताबिक, कपिल शर्मा की टीम के साथ सोनी चैनल के अधिकारियों की एक मीटिंग में इस बात पर सहमति हुई। उधर, अर्चना पूरन सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

अर्चना पूरन सिंह ने नवजोत सिद्धू की नाराजगी के विवाद को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन कपिल शर्मा के शो के साथ जुड़ने को लेकर खुशी जताते हुए कहा कि पुराने साथियों के साथ फिर से काम करने में खुशी महसूस हो रही है। नवजोत को लेकर अर्चना का कहना है कि ये कपिल की टीम और चैनल के बीच की बात है, जिस पर वे कोई कमेंट नहीं करना चाहतीं। कपिल और अर्चना पूरन सिंह सोनी पर ही आने वाले शो ‘कॉमेडी सर्कस’ में साथ काम कर चुके हैं। 

यूएन से ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ को मिली वाहवाही

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देश-विदेशों के सिनेमाघरों में इन दिनों धूम मचा रही अक्षय कुमार की हालिया रिलीज फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा की गूंज संयुक्त राष्ट्र संघ तक जा पंहुची है।  संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से सोशल मीडिया पर फिल्म की एक झलक के साथ संदेश लिखा है कि भारत में लोगों का सामाजिक जीवन स्तर बेहतर करने के अभियान को यह फिल्म एक नई ऊंचाइयां देती नजर आ रही है। यह पहला मौका है, जब किसी भारतीय फिल्म को संयुक्त राष्ट्र जैसी विश्व संस्था की ओर से सराहा गया हो।

अब तक भारतीय बाक्स आफिस पर 90 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर चुकी यह फिल्म पहले तीन दिनों में अपनी लागत (40 करोड़) की वसूली के बाद अब मुनाफे की बरसात कर रही है। देश के साथ साथ पाकिस्तान सहित विदेशी सिनेमाघरों से भी फिल्म का अच्छा कारोबार करने की खबरें मिल रही हैं।

विदेशी सिनेमाघरों से फिल्म अब तक 18 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत के अभियान के तहत लोगों के घरों में शौचालयों के होने की जरूरत पर बल देती इस फिल्म की प्रमुख भूमिकाओ में अक्षय के साथ भूमि पेडनेकर, दिव्येंदु शर्मा, सुधीर पांडे और अनुपम खेर हैं। पहली बार निर्देशन के मैदान में आए श्रीनारायण सिंह ने इसका निर्देशन किया है। 

नदियों को जोड़ने के अभियान में सलमान भी शामिल

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तेजी से सूखती जा रहीं नदियों को बचाने के लिए और नदियों को आपस में जोड़ने के लिए शुरू हुए राष्ट्रव्यापी अभियान के साथ अब सलमान खान भी जुड़ गए हैं।

सलमान खान ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो संदेश में इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ये हम सबके लिए बेहद चिंता की बात है कि हम सबकी प्यास बुझाने वाली तमाम नदियां तेजी से सूखती जा रही हैं। इनको संरक्षण देने के लिए अगर समय रहते उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में नदियों की स्थिति और ज्यादा भयावह हो जाएगी।

सलमान खान ने कहा कि सूखती जा रही नदियों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है और इसके लिए हम सबको आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि मैं इस अभियान के साथ हूं और अपील करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़कर इस बड़े अभियान का हिस्सा बनें।

सलमान खान से पहले साउथ में काम करने वाली स्टार भाटिया और बालीवुड के अभिनेता ऋषि कपूर भी इस अभियान से जुड़ चुके हैं। इस अभियान के आयोजकों का कहना है कि आने वाले समय में वह और सितारों को इस अभियान से जोड़ने के लिए कोशिश कर रहे हैं।

जिन सितारों के इस अभियान के साथ आने की संभावना है, उनमें अमिताभ बच्चन, जूही चावला, सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार, वरुण धवन, विवेक ओबेराय, शिल्पा शेट्टी, तब्बू, कैटरीना कैफ, हेमा मालिनी, अनुपम खेर, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, करण जौहर, अर्जुन कपूर और फरहान अख्तर के नाम है। इस अभियान के तहत दिल्ली में अगले महीने एक बड़ी जन चेतना रैली होने जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के साथ-साथ फिल्मी हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। 

सरकार व पतंजलि चलाएंगे अॉर्गेनिक प्लांटेशन अभियान

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योग को वैश्विक गौरव दिलाने के बाद अब पतंजलि योगपीठ ने अब आयुर्वेद को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित कराने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसी संकल्प के साथ पतंजलि योगपीठ परिसर में ‘विश्व की चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर उत्तराखंड सरकार के आयुष, वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत और कृषि, उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार योगपीठ के साथ मिलकर ऑर्गेनिक प्लांटेशन अभियान चलाएगी।

गुरुवार को आयोजित गोष्ठी में आयुर्वेद चिंतन में भारतीय ऋषियों द्वारा अनुसंधित प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मानकों के अनुरुप प्रामाणिकता दिलाने, विश्व स्तर पर जनमानस तक इसकी पहुंच बनाने के लिए देश-विदेश में आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान शालाओं की स्थापना कर आयुर्वेदिक औषधियों की गुणवत्ता को परखनें की प्रणाली विकसित करने, इसकी प्राचीन जटिल एवं विस्तृत उपयोग प्रक्रिया का सरलीकरण करने एवं विविध रोगों में आयुर्वेदिक औषधियों के प्रयोग से प्राप्त होने वाली आरोग्यता का डॉक्यूमेंटेशन करने, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध जड़ी-बूटी व आयुर्वेद सम्मत बनौषधियों की गुणवत्ता से वहां की जनता को परिचित कराने के लिए विराट स्तर पर साहित्य तैयार कराने तथा आयुर्वेद सम्मत संपूर्ण प्रामाणिक संदर्भों के आधर पर विश्व स्तर पर जन आंदोलन खड़ा करने जैसे बिन्दुओं पर चर्चा हुई।
उत्तराखण्ड सरकार के आयुष, वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि योगऋषि बाबा स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के अथक प्रयास से योग-आयुर्वेद को वैश्विक पहचान मिली हैं। उन्होंने कहा पतंजलि योगपीठ आयुर्वेद पद्धति का मानक गढ़ है। पतंजलि के आयुर्वेद अभियान से प्रेरित होकर ही आज जन-जन में आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति जज्बा पैदा हुआ है।
कृषि, उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पतंजलि योगपीठ ने उत्तराखण्ड को एक नई पहचान दी है। उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटियों को लेकर जो भी सम्भावनाएं हैं, सभी दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा सरकार किसानों को जड़ी-बूटियों के प्रति प्रोत्साहन देगी। साथ ही इस दिशा में पतंजलि के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड सरकार और पतंजलि जड़ी-बूटी के आर्गेनिक प्लांटेशन का अभियान भी चलाएगी।
चेयरमैन-सीसीआईएम, दिल्ली विनीता ने बताया कि पतंजलि योगपीठ ने आयुर्वेद में प्राण फूंककर दुबारा से जगाया है, यही कारण है कि अब गंभीर से गंभीर रोगों का समाधन आयुर्वेद के माध्यम से होने लगा है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने आयुर्विज्ञान के प्रति सकारात्मकता दिखाई है। आचार्य ने आयुर्वेद को लेकर भ्रम पैदा कर रहे लोगों व कम्पनियों पर रोक लगाने पर जोर दिया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण रचित आयुर्वेद सिद्धांत रहस्य पुस्तक का स्वीडिश सहित 24 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में विमोचन भी हुआ।
पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर आयोजित इस कार्यशाला में देश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, आयुर्वेद महाविद्यालयों के प्राचार्यगण एवं अन्य आयुर्वेद क्षेत्र के विशिष्टगणों ने सहभागिता की।

यूपी उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के पैतृक गांव से चकबन्दी की होगी शुरुआत

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पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी की मांग अब पूरा होने जा रही है । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांवों से होगी चकबन्दी की शुरुआत। चकबंदी को लेकर आयोजित कार्यशाला में चकबंदी विशेषज्ञों ने काश्तकारों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण किया। बैठक में जिलाधिकारी तथा हरिद्वार व रुड़की के चकबंदी विशेषज्ञों ने ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी विशेषताओं व अन्य लाभों से काश्तकारों को रूबरू कराया।

जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में शीघ्र ही चकबंदी समिति का गठन किया जायेगा। बताया गया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के पैतृक गांवों में शीघ्र ही चकबंदी की जायेगी। ब्लॉक के ग्राम सभा लखोलयोजित कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ जिलाधिकारी सुशील कुमार व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने किया।
कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत ने चकबंदी ‘‘स्वैच्छिक या अनिवार्य‘‘ जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं से जिलाधिकारी व विशेषज्ञों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में मन में चकबंदी को लेकर विभिन्न शंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि काश्तकार चकबंदी की उपयोगिता व इसके दूरगामी परिणामों के बारे में भी बेहद चिंतित हैं। ग्रामीणों की शंकाओं का निस्तारण करते हुए जिलाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों की भूमि का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सके इसके लिए चकबंदी बेहद जरूरी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि चकबंदी काश्तकारों की सहमति पर ही होगी। उन्होंने कहा कि चकबंदी से काश्तकारों को खेती का और विकास करने में सहायता प्राप्त मिलेगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद जैसे मामलों पर नकेल लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवादित प्रकरणों के निस्तारण को लेकर शीघ्र ही चकबंदी समिति का गठन किया जायेगा। जिसमें समिति के अध्यक्ष ग्राम प्रधान समेत सात सदस्यों को नामित किया जायेगा। उन्होंने ने बताया कि चकबंदी होने से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास कार्य केवल सरकारी भूमि पर ही किये जाएंगे ना कि ग्रामीणों की भूमि पर।
जिलाधिकारी ने कहा कि शहरों में भूमि के दाम आसमान छूने व वातावरण प्रदूषित होने के चलते लोग फिर से घर गांव की ओर आना शुरू हो गये हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पुनः चहल कदमी बढ़नी शुरू होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पैतृक गांव खैरा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचुर तथा कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के पैतृक गांव उड़ी आदि गावों में चकबंदी किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महिला समूहों का गठन करने को कहा। उन्होंने कहा कि समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ शीघ्र ही प्राप्त हो सकेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि महिला समूहों के लिए सरकार की ओर से कई स्वरोजगार परक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इस मौके पर जिलाधिकारी ने लखोली में पंचायत घर की स्वीकृति भी प्रदान की। कार्यशाला में हरिद्वार व रुड़की के चकबंदी विशेषज्ञ डीएस नेगी तथा अनिल कुमार ने काश्तकारों को कई तकनीकी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश में चकबंदी से काश्तकारों को खेती में रिकार्ड मुनाफा प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि चकबंदी से भूमि संबंधी अभिलेखों का शुद्धीकरण, बेनामा, दाखिलखारिज, भूमि का एकीकरण तथा खाता खतौनियों आदि के सत्यापन कार्य तेजी से किया जायेगा। इसके अलावा काश्तकारों को भूमि संबंधी कई समस्याओं का स्वतः ही निस्तारण भी हो सकेगा।
इस मौके पर ग्राम प्रधान लखोली वेद प्रकाश रावत समेत स्यालधार, कमेड़ी, मेलगांव आदि के ग्राम प्रधान, बीडीओ डीडी नथवान, तहसीलदार हरिमोहन खंडूरी, सहायक चकबंदी अधिकारी चंद्रप्रकाश आर्य आदि उपस्थित रहे।

राज्य में खुलेंगे 18 नए कॉलेजः डॉ. धन सिंह रावत

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राज्य में 18 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में की गई थी इन कॉलेजों की घोषणा। गुरुवार को निजी विश्विवद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कॉलेजों की समीक्षा के बाद की जाएगी प्रक्रिया शुरू।

गुरुवार को विधान सभा स्थित कार्यालय में निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक में प्रदेश के सभी 31 विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह में भारतीय परंपरा पर आधारित वेशभूषा और एक समान शुल्क रखने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं निदेशकों से अपेक्षा की है कि वे अपना पूर्ण सहयोग सरकारी विश्वविद्यालयों को दें। इसके लिए उन्होंने एक-एक विश्वविद्यालय में धनराशि उपलब्ध कराने को कहा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी अपेक्षा की है कि प्रदेश के सभी 31 विश्वविद्यालयों में दीक्षान्त समारोह के लिए एक ड्रेस कोड लागू कराने में सहयोग करें। इसके लिए उन्होंने 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक कमेटी गठित की। कमेटी में छह निजी विश्वविद्यालय और पांच सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति हैं। कमेटी दो माह में ड्रेस कोड तय करेगी। प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों में एक समान फीस को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। इसके लिए सरकार शासनादेश जारी कराने की तैयारी कर रही है। उन्होंने छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों में समाधान पोर्टल बनाने के निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में दो स्थानो पर सुपर-100 क्लासेज चलाई जाएंगी। इनमें 50 बच्चों को अल्मोड़ा और 50 बच्चों को श्रीनगर में कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए गेल कम्पनी ने सहयोग पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 तक उत्तराखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सभी निजी विश्वविद्यालय पांच-पांच गावों को गोद लेकर पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों के अच्छे शिक्षक सरकारी विश्वविद्यालयों में छात्रों को पढ़ाने के लिए समय दें। इसी तरह सरकारी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को भी निजी विश्वविद्यालयों में भेजा जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि स्थानीय परेड ग्राउण्ड में 28 अगस्त से पांच सितम्बर 2017 तक पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश और प्रदेश के बाहर के साहित्यकारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों के 500-1000 बच्चों को प्रतिदिन भाग लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले के दौरान नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बैठक में निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ ही अपर मुख्य सचिव डॉ. रणबीर सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ. सविता ममगांई आदि मौजूद रहे।

डेंगू और स्वाइन फ्लू का डबल अटैक,स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या 14 तक पहुंची

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राज्य में स्वाइन फ्लू का कहर थमता दिखाई नहीं दे रहा है। यह बीमारी न सिर्फ एक के बाद एक कई लोगों को अपनी जद में ले रही है, बल्कि जानलेवा भी बन चुकी है। उत्तरकाशी चिन्यालीसौड़ की रहने वाली चार साल की एक बच्ची की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। बच्ची का दून के वैश्य नर्सिंग होम में उपचार चल रहा था। ऐसे में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या अब 14 पहुंच गई है।

गुरुवार को स्वाइन फ्लू के तीन और मामले सामने आए हैं। इसमें एक बच्ची का इलाज वैश्य अस्पताल में चल रहा था। बीते नौ अगस्त को बच्ची की मौत अस्पताल में हो गई थी। हालांकि इसकी दो दिन बाद रिपोर्ट आई और जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। वहीं, रायपुर रांझावाला निवासी (32) वर्षीय महिला में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। महिला मैक्स अस्पताल में भर्ती है।
इसके अलावा, दून अस्पताल में भर्ती धर्मपुर निवासी नौ वर्षीय लड़की में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इस साल अभी तक स्वाइन फ्लू के 75 मामले सामने आ चुके हैं। वर्तमान में 26 मरीज विभिन्न अस्पताल में भर्ती हैं। जिसमें 11 हिमालयन अस्पताल, सिनर्जी में पांच, दून अस्पताल में दो, वैश्य में चार और कैलाश अस्पताल में चार मरीज शामिल हैं।

डेंगू की चार और मरीजों में पुष्टि
स्वाइन फ्लू के साथ ही अब डेंगू भी अपना असर दिखाने लगा है। गुरुवार को चार और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है इसमें दो मरीज डेंगू के हैं। इसके अलावा एक अन्य मरीज दून के बंजारावाला का रहने वाला है, जबकि चौथा मरीज जनपद चमोली से है। अभी तक डेंगू के 22 मामले आ चुके हैं। सबसे ज्यादा हरिद्वार जनपद के 16 मामले हैं। देहरादून में पांच और एक मरीज यूपी से है।

राज्य को मिलेंगी 908 महिला सिपाही

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राज्य को जल्द 908 महिला सिपाही मिल जाएंगी। इनका प्रशिक्षण पूरा हो गया है और 19 से 24 सितंबर को होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद इनकी जिलों में विधिवत तैनाती हो जाएगी। शुरुआत में इन्हें छह माह के प्रशिक्षण पर रखा जाएगा।

डीजीपी अनिल रतूड़ी ने बताया कि अब राज्य में महिला सिपाही की कमी नहीं रहेगी। अलग-अलग जिलों में प्रशिक्षण ले रही करीब 908 महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग पूरी हो गई है। 19 अगस्त को हरिद्वार से पीओपी की शुरुआत होगी। इसके बाद 22 अगस्त को पुलिस लाइन देहरादून में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पीओपी में भाग लेंगे। हरिद्वार में स्वयं डीजीपी अनिल रतूड़ी, चंबा में एडीजी अशोक कुमार और रुद्रपुर में एडीजी राम सिंह मीणा बतौर मुख्य अतिथि पीओपी में भाग लेंगे।
डीजीपी ने बताया कि राज्य में महिला सिपाहियों की संख्या अब पर्याप्त हो गई है। हर थाना और चौकी में इनकी तैनाती कर दी जाएगी। उधर, आइजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद महिला सिपाहियों को जिलेवार तैनाती दी जाएगी। छह माह तक फील्ड ट्रेनिंग के बाद स्थायी नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके लिए विकल्प मांगे गए हैं। इसी आधार पर तैनाती दी जा रही है। जहां महिला सिपाहियों की जितनी जरुरत हैं, वहां उतनी तैनाती की जा रही है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह से नदारद 54 आईएएस से जवाब तलब

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स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में नदारद रहने वाले 54 आईएएस अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

गुरुवार को मुख्य सचिव एस रामास्वामी की ओर से इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस दिए जाने वाले अधिकारियों में अपर सचिव से प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रमुखों, जिलाधिकारियों और मंडलायुक्त से भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों की सूची तलब की थी, सूची मिलने के बाद इन अधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

15 अगस्त को परेड मैदान में आयोजित राज्य के मुख्य स्वतंत्रता दिवस समारोह से कई अधिकारी गायब थे। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताते हुए तत्काल कार्रवाई के लिए कहा था। इसी क्रम में नोटिस जारी किए गए हैं।