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यूएपीएमटी में एक सीट पर छह दावेदार

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उत्तराखंड आयुष प्री-मेडिकल टेस्ट (यूएपीएमटी) के जरिये भरी जानी वाली राज्य की आयुष सीटों पर इस बार मुकाबला कड़ा है। संस्थानों में एक सीट पर छह दावेदार मैदान में हैं। प्रदेश में बीएएमएस, बीएचएमएस व बीयूएमएस की राज्य कोटे की 530 सीट हैं। जिनपर दाखिले यूएपीएमटी के माध्यम से होंगे। कुल 2991 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।

उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलसचिव प्रो. अनूप गक्खड़ ने बताया कि यूएपीएमटी के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो गई है। परीक्षा तीन सितंबर को आयोजित की जाएगी। जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। परीक्षा की सुचिता व सुरक्षा के लिए इस दफा पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि परीक्षा के प्रवेश पत्र भी ऑनलाइन डाउनलोड किए जा सकेंगे।
इस साल आयुष मंत्रालय ने दाखिले नीट के माध्यम से करने का आदेश दिया था। बाद में इसमें राज्यों को एक साल की रियायत दे दी गई। यह आदेश हुआ कि राज्य चाहें तो इस साल अलग परीक्षा करा सकते हैं। लेकिन अगले साल प्रवेश नीट के द्वारा ही होंगे। जिसके बाद आयुष विभाग ने यूएपीएमटी कराने का निर्णय लिया था। निजी कॉलेज मैनेजमेंट कोटे की सीटों के लिए दस सितम्बर को अलग से परीक्षा आयोजित करेंगे।

इस बार बढ़ सकती हैं सीट:
शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च सेंटर झाझरा व दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज शंकरपुर में बीएएमएस के लिए सीसीआईएम का निरीक्षण हो चुका है। मान्यता मिलने पर इन्हें भी काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा। जिसके बाद आयुष पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों को बढ़ी सीटों का लाभ होगा।

कहां कितनी सीट:

  • कॉलेज का नाम-पाठ्यक्रम-राज्य कोटे की सीट-स्ववित्तपोषित
  • ऋषिकुल परिसर-बीएएमएस-60-00
  • गुरुकुल परिसर-55-05
  • मुख्य परिसर आयुर्वेद विवि-30-30
  • उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज-50-00
  • पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-50-00
  • क्वाड्रा इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद-30-00
  • हिमालयीय आयुर्वेदिक कॉलेज-30-00
  • ओम आयुर्वेदिक कॉलेज-30-00
  • मदरहुड आयुर्वेदिक कॉलेज-50-00
  • हरिद्वार आयुर्वेदिक कॉलेज-30-00
  • चंदोला होम्योपैथिक कॉलेज-25-00
  • परम हिमालय होम्योपैथिक कॉलेज-25-00
  • उत्तरांचल यूनानी कॉलेज-30-00

जान हथेली पर रखकर जाते हैं स्कूल

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भीषण आपदा से जूझ रहे पिथौरागढ के एक गांव की हकीकत ये हैं कि यहां सम्पर्क मार्ग टूट जाने से लोग जान हथेली पर रखकर बाजार जाते हैं और स्कूली बच्च भी जान जोखिम में डाल कर स्कूल पढने जाते हैं। पांअो फिसल जाए तो सीधे चार सो मीटर गहरी खाई जिसे देख कर आपके होश उड जाएं मगर जिनके लिए इस खतरनाक रास्ते पर चलना मजबूरी है उनके लिए हर दिन खतरों से भरा है।
हम बात कर रहे हैं कौली गांव की जहां कौली से अस्याली होकर बलीगाड़ तक बन रही सड़क के मलबे से अस्याली गांव को जाने वाला पैदल रास्ता पूरी तरह टूट गया है। इस कारण लोगों को इसी खतरनाक रास्ते से जान हथेली पर रखकर निकलना पड़ रहा है। इसी रास्ते से होकर अस्याली गांव के 25 बच्चे थल बाजार के स्कूलों में आते हैं। अस्याली गांव के लोग रामगंगा में खुद अस्थायी पुल बनाते हैं। यह पुल इस बार जून में नदी का जलस्तर बढ़ते ही बह गया था।

उसके बाद गांव के लोगों को थल बाजार आने के लिए पांच किलोमीटर दूर घटीगाड़ के झूलापुल तक जाना पड़ रहा है। घटीगाड़ जाने का जो रास्ता है वह पूरी तरह टूट गया है। टूटे रास्ते के ठीक नीचे रामगंगा बहती है। यदि किसी का पैर फिसला तो सीधे रामगंगा में गिरने का खतरा है।

गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश रजवार ने आठ अगस्त को क्षेत्र के दौरे पर आई विधायक मीना गंगोला के सामने भी रास्ते की समस्या रखी थी। विधायक ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए थे कि तीन दिन के भीतर रास्ते की मरम्मत की जाए, लेकिन दस दिन बाद भी रास्ता नहीं सुधरा है। वहीं अब गांव के लोगों का कहना है कि पैदल रास्ते की मरम्मत के लिए आंदोलन किया जाएगा।

108 के अधिकारी अब ‘रुद्रप्रयाग’ जिले के एक-एक स्कूल को लेंगे ‘गोद’

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शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए एक अलग सी पहल में रुद्रप्रयाग जिले के 108 राज्य सरकार के अधिकारियों ने एक-एक गांव को ‘गोद लिया है। अधिकारियों ने बच्चों को खुद पढ़ाने से लेकर,बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए जो भी किया जा सके, उसके योगदान के लिए तत्पर रहेंगे।

इसके अलावा गजट आॅफिसर वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को प्रशिक्षित करने की योजना भी कर रहे हैं। अलग-अलग स्कूलों से कक्षा 5 के छात्रों में से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान करने के लिए माॅक टेस्ट लिए जाऐंगे और इन टेस्ट में बेहतरीन पर्फामेंस वाले बच्चों को आगे के लिए तैयार किया जाएगा।

रुद्रप्रयाग जिला मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्लियाल ने बताया कि, “रुद्रप्रयाग में 500 से अधिक सरकारी स्कूल हैं, जिनमें कुल 5000 छात्र हैं और 108 के अधिकारी बड़ी संख्या में जिले में तैनात हैं। हाल में हिई एक बैठक में, अधिकारियों ने जिले में शिक्षा को सुधारने में योगदान देने का फैसला किया। “

घिल्डियाल ने पहले इस क्षेत्र में आपदा प्रभावित युवाओं को सिविल सर्विस के लिए मुफ्त कोचिंग देने की बात कही थी। बाद में उन्होंने पाया कि राजकुमारी बालिका इंटर कॉलेज, रुद्रप्रयाग में कोई विज्ञान शिक्षक नहीं था, उन्होंने इस मामले पर अपनी पत्नी उषा के साथ चर्चा की, जो अब हर दिन दो घंटे तक छात्रों को पढ़ाती हैं।

इस नई पहल के तहत, अधिकारी हर महीने अपने दत्तक यानि को गोद लिए हुए स्कूलों में दो बार मुलाकात करेंगे। इन यात्राओं के दौरान, वे बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे और बच्चों की शिकायतों को सुनेंगे।

घिल्डियाल ने कहा कि, “यहां तक कि इन अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ने भी परियोजना में शामिल होने का मन बना लिया है।उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हो रही थी कि अधिकारियों में से एक की बेटी ने हाल ही में अपने पहले वेतन से 5,000 रुपये का अपने पिता को उनके गोद लिए हुए स्कूल के लिए दिया।

सरकारी स्कूलों के कर्मचारियों ने कहा कि ऐसा कदम उन्हें शिक्षा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।रातूरा के सरकारी प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल धरम सिंह रौथाण ने कहा कि, “सरकारी अधिकारियों ने स्कूलों के दौरे से निश्चित रूप से विद्यार्थियों और कर्मचारियों की समस्याएं उनके सामने आ जाऐंगी।

डम्पर अनियंत्रित होकर खाई में गिरा, चालक की मौत

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चमोली जिले के सीमांत गांव नीती घाटी में सड़क निर्माण कार्य में लगा एक डम्पर गुरुवार की देर सांय को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें चालक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया है। घायल का चिकित्सालय में उपचार चल रहा है।

नीती रोड पर कार्य कर रहा डम्पर अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा, जिससे चालक नितिन (38) निवासी मुजफ्फरनगर की मौके पर मौत हो गयी। एक अन्य व्यक्ति प्रमोद (24) निवासी बिहार घायल हो गया है, जिसका उपचार चल रहा है। थानाध्यक्ष जोशीमठ आशीष रवियान ने बताया कि घटना गुरुवार की देर सांय की है।

ऋषिकेश की बेटी के कमांड में होगा आइएंस वितरणी जहाज का विश्व सागर अभियान

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लड़किया किसी भी छेत्र में पुरुषो के वर्चश्व को पीछे छोड़कर आगे निकलती जा रही है, ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है। ऋषिकेश में पली-बड़ी लेफटिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने पहली बार विश्व भर्मण पर निकलने वाली 6 सदस्यीय 9 सैनिक महिला दल की टीम लीडर बन के वर्तिका विश्व के समुद्र को नापने का काम करेंगी। उनकी इस टीम में लेफिटिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्वाल पी स्वाति, लेफ्टिनेंट अस विजय देवी, वी ऐश्वर्या और पायल गुप्ता शामिल है।
vartika joshi
वर्तिका ने इण्टर तक की शिक्षा ऋषिकेश में ली है, उनके पिता डॉ पी के जोशी श्रीनगर गढ़वाल में और माँ ऋषिकेश पग ऑटोनोमस कॉलेज में हिंदी की विभाग अध्यक्ष है। 2010 में नौ सेना में शमिल होने से पूर्व वर्तिका ने एमेटी यूनिवर्सिटी, नॉएडा से एयरोस्पेस में बीटेक और दिल्ली अाय.अाय.टी से एमटेक, और दसवीं बारहवीं की शिक्षा ऋषिकेश के एनडीएस से की है।
उसके स्कूल में ख़ुशी का माहौल है वर्तिका अपनी टीम के साथ सितम्बर के पहले सप्ताह में गोवा से नादिका सागर परिक्रमा अभियान की शुरुवात करेगी और ये अभियान मार्च 2018 में पूरा होगा। वर्तिका की माँ डॉ.अल्पना जोशी का कहना है कि, ‘वर्तिका बचपन से ही रंगमंच खेल खुद और कम्युनिकेशन में सबसे आगे रहती थी और आज उसकी इस उपलब्धि पर हम सबको नाज है।’

बिना रॉयल्टी के आ रहे खनन सामग्री के आठ ट्रक जब्त

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उत्तर प्रदेश से बिना रॉयल्टी के आ रहे खनन सामग्री के आठ ट्रक तहसीलदार ने सीज कर दिए। प्रशासन की इस कार्रवाई से खनन माफिया में हड़कंप मचा है। काफी समय से जिलाधिकारी दीपक रावत को शिकायतें मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश से बिना रॉयल्टी दिए ही खनन सामग्री भगवानपुर आ रही है। यह खनन सामग्री चोरी छिपे दुकानों पर बेची जा रही है। शिकायतों के मद्देनजर जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश से आ रहे खनन वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

जिलधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को तहसीलदार अबरार हुसैन ने प्रशासन की टीम के साथ मिलकर सिकदंरपुर गांव के पास घेराबंदी कर दी। गागलहेडी रोड से होकर आ रहे खनन के आठ ट्रकों को सिकंदरपुर चौक पर पकड़ लिया। सभी ट्रक में बजरी लदी थी। बताया गया है कि सभी चालकों के पास उत्तर प्रदेश के ही बिल थे और इन्हें वहीं पर बेचा जाना था। उत्तराखंड की सीमा में आने के लिए इनके पास कोई बिल या रॉयल्टी का भगतान नहीं किया गया था। इस पर तहसीलदार अबरार हुसैन ने इन सभी ट्रक को सीज कर दिया गया। बताया जा रहा है कि खनन की यह सामग्री बेहट क्षेत्र से आई थी। यह सामग्री भगवानपुर कस्बे में किसी दुकान पर बेची जानी थी। प्रशासन की टीम इस बात की जांच कर रही है कि खनन की सामग्री किसकी दुकान पर पहुंचाई जा रही थी। 

औपचारिकताएं पूरी नहीं होने पर कनेक्शन माना जाएगा अवैध

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एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ओर से शहर की सभी कॉलोनियों में पेयजल लाइन डाली जा चुकी हैं। कुछ कॉलोनियों में नई पेयजल लाइनों से पानी की आपूर्ति भी बहाल कर दी गई है, लेकिन अभी भी हजारों उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने जल संस्थान से नई लाइन से कनेक्शन नियमित नहीं कराया है। ऐसे में यदि जल्द ही इन उपभोक्ताओं ने कनेक्शन नहीं लिया तो आने वाले दिनों में उन्हें दिक्कत उठानी पड़ सकती है।


शहर में पेयजल प्रोजेक्ट का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। लाइन डालने के बाद विभिन्न कॉलोनियों में लाइन टेस्टिंग का काम चल रहा है। वर्तमान में जल संस्थान के ग्यारह हजार से अधिक उपभोक्ता हैं। जबकि लाइन डालते समय कार्यदायी संस्था ने लगभग पांच हजार से अधिक नए लोगों को कनेक्शन दिया है, लेकिन इन लोगों ने जल संस्थान से औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं। ऐसे में अभी इनका कनेक्शन अवैध ही माना जाएगा।
उधर, आने वाले समय में जब विभाग की ओर से नई पेयजल लाइन से उपभोक्ताओं को आपूर्ति देना प्रारंभ किया जाएगा तो फिर ऐसे उपभोक्ताओं को पानी के संकट से जूझना पड़ सकता है। उधर, शहरवासियों को जागरूक करने के लिए जल संस्थान की ओर से सात टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में दो-दो कर्मचारी होंगे। जो घर-घर जाकर एडीबी से कनेक्शन लेने वाले लोगों को जल संस्थान से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए जागरूक करेंगे।
जल संस्थान के सहायक अभियंता राजेश कुमार निर्वाल के अनुसार एडीबी ने नई पेयजल लाइन से जिन उपभोक्ताओं को भी कनेक्शन दिया है। उन्हें जल संस्थान से अपना कनेक्शन नियमित करवाना होगा। अन्यथा उनका कनेक्शन अवैध ही माना जाएगा। उनके अनुसार लोगों में सही जानकारी का अभाव है। इस वजह से टीम घर-घर जाकर लोगों को नियमों से अवगत कराएगी। एडीबी की ओर से शहर में आठ नए ट्यूबवेलों का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर तक सभी ट्यूबवेल बनकर तैयार हो जाएंगें। ऐसे में लोगों को भरपूर मात्रा में पानी मिल सकेगा।
उधर, वर्तमान में मांग के अनुसार पानी उपलब्ध नहीं होने से उपभोक्ताओं को पानी की कमी की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। क्योंकि विभाग के आठ ट्यूबवेल खराब पड़े हैं।

उत्तरकाशी के दो स्कूलों से शुरु हुआ ”हाईजिनिक मैंस्टू्यल मिशन”

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पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी पहली पहल के लिए सराहना पाने वाले, उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने एक मैंस्ट्रयूल साइकिल स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत स्कूल में पढ़ रही लड़कियों के लिए दो सरकारी इंटर कॉलेजों में चार सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं। यह नैपकिन बाजार में मिलने वाली नैपकिन से सस्ती है और तीन के पैक के लिए केवल 10 रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा इस्तेमाल किए हुए नैपकिन का डिस्पोज करने के लिए भी इलेक्ट्रानिक इनसिनेटर भी लगाया गया है।

जिला मजिस्ट्रेट आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि, “कई लड़कियां अपनी पीरियड्स के दौरान कक्षाएं नहीं ले पाती हैं क्योंकि उनके पास सैनिटरी पैड उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, जिसकी वजह से मासिक धर्म की स्वच्छता भी नहीं हो पाती । दोनों समस्याओं को हल करने के लिए, दो वेंडिंग मशीन लड़कियों के सरकारी इंटर काॅलेज में लगाई गई है।”

डीएम ने कहा कि, “यह योजना सभी लड़कियों और को-एड वाले उच्च विद्यालयों और जिले के इंटर कालेजों तक विस्तारित की जाएगी और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सैनिटरी नैपकिन बनाने के लिए जोड़ा गया है।”

हालांकि पिछले साल, देहरादून नगर निगम की योजना के तहत शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सैनिटरी नैपकीन के लिए वेंडिंग मशीन लगाए जाने थे, लेकिन अब तक इसपर कोई काम शुरु नहीं हुआ है। इस योजना में दून के मुख्य स्पाट पर यह मशीन लगनी थी जिसमें गांधी पार्क के पास भी एक वेंडिंग मशीन लगाई जानी थी, यह योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाई गई थी।

दुख की बात यह है कि अब तक राज्य का राजधानी देहरादून में यह योजना धरातल पर नहीं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र उत्तरकाशी में यह अमल में आ गया है।

क्या हैं डेंगू, कैसे करें रोकथाम, यहां पढ़ें

डेंगू एक तरह का बुखार है जिसे डेंगू बुखार/ डेंगू फीवर/और अंग्रेज़ी में Dengue के नाम से जानते है। यह एक वेक्टर विशेष से फैलता है।यह वेक्टर एक विशेष प्रकार की मादा मच्छर है । जिसे एडीज एजिप्टी कहते है। यह मच्छर 25 से 50 मीटर तक उड़ सकती है और एक अनुमान से 8 से 12 दिन तक जीवित रह सकती है।

डेंगू वायरस की चार प्रजातियां पाई जाती है जो कि आपस में बहुत समान है।डीईएन-1,डीईएन-2,डीईएन-3,डीईएन-4 जिसमे से डीईएन-1,3 ज्यादा खतरनाक होते हैं।

डेंगू के प्रकार:

  • क्लासिकल डेंगू बुखार
  • डेंगू हीमोरेजिक फीवर
  • डेंगू शाॅक सिंड्रम

डेंगू के लक्षण:

डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही दिखते है। लक्ष्ण कूछ इस प्रकार के होते है :

  • ब्लड प्रेसर का सामान्य से बहुत कम होना
  • तीव्र ज्वर
  • खून में प्लेटलेट की संख्या का कम होना
  • उल्टी जैसा लगना व उल्टी का हो जाना
  • आँखों में लालिमा का होना
  • शरीर पर लाल गुलाबी चकते पड़ना
  • सिर व शरीर में तीव्र शूल
  • अरुचि, थकावट इत्यादि।

डेंगू से बचाव:

  • घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दे
  • घर में मच्छर भागने हेतु कॉइल, स्प्रे इत्यादि का निरंतर प्रयोग करें
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे
  • अगर पांच दिन से अधिक बुखार हो तो चिकित्सक से परामर्श ले

डेंगू से बचने के लिए घरेलू उपाय:

  • गिलोय: ये आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है
  • पपीते के पत्ते: इनका रस प्लेटेलेट को बढ़ाता है
  • हल्दी: यह दर्द को घटाता है तथा मेटाबोलिज्म अच्छा रखता है

चेतावनी:

  • डेंगू के सीजन में यदि किसी को भी बुखार है तो एसपिरीन का सेवन बिल्कुल न करें।
  • किसी भी तरह के बुखार में सबसे सेफ पैरासिटामाॅल का प्रयोग करना है।
  • डॉक्टर/ वैद्य की परामर्श जरूर ले।

दून पहुंचे राहुल गांधी के स्वागत में उमड़े कांग्रेस के दिग्गज

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देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के स्वागत के लिए यहां बड़ी संख्या में कांग्रेसी पहुंचे थे। आपको बतादें कि इस दौरे में राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी थी।

rahul gandhi

देहरादून आ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां एयरपोर्ट परिसर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके स्वागत में खड़े थे। स्वागत के बाद सीधे कार में सवार होकर राहुल गांधी का काफिला एयरपोर्ट से देहरादून के लिए निकाल पड़ा।

एयरपोर्ट पर स्वागत करने वालों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, किशोर उपाध्याय, विधायक काजी निजामुद्दीन समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। इससे पहले एयरपोर्ट पर समर्थकों को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा थी। यहां बैरिकेटिंग भी की गई थी। बता दें कि राहुल गांधी दून स्कूल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देहरादून आए हैं।