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100 साल बाद मिला गढ़वाल राइफ्ल्स के इन शहीदों को मोक्ष

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भारतीय सेना की 39 गढ़वाल राइफ्ल्स के दो जवानों के पार्थिव शरीरों को फ्रांस के लैवेंत शहर की आर्मी सिमिट्री में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मोकै पर भारतीय दल जिसमें गढ़वाल राइप्ल्स के रेजिमेंटल सेंटर से कमांडेंट और सुबेदार मेजर, दो बैगपाइपर और कर्नल नितिन नेगी जो कि विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित नाइक दरवान सिंह के पोते हैं शामिल रहे।

इस मौके पर न्यूवे वॉर मेमोरियल पर भारतीय सेना के सेना अध्यक्ष की तरफ से ब्रिगेडियर इंद्रजीत चैटर्जी और कमांडेंट और सुबेदार त्रिलोक सिंह नेगी ने फूल अर्पित किये। कमांडेंट ने कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीश्न का भारतीय सैनिकों को सही सैनिक सम्मान देने के लिये शुक्रिया अदा किया। इस सेरिमनी के लिये उन्होंने फ्रांस सरकार का भी आबार व्यक्त किया।

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दरअसल 20 सितंबर 2016 को पैरिस से करीब 230 किमी दूर लैवेंत सैन्य एकादमी के पास खुदाई के दौरान दो मानव सरीरों के अवशेश मिले।बाद में इनकी पहचान 39 वीं रॉयल गढ़वाल राइफ्ल्स के सैनिकों के तौर पर हुई। इसके चलते कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन ने फ्रांस में भारतीय दूतावास से संपर्क किया और ादिकारिक तौर से पूरे सैनिक सम्मान के साथ इन अवसेसों का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया। इसके लिये फ३ांस और बेल्जियम में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गये भारतीय सैनिकों के सम्मान में होने वाली सालाना मेमोरियल सर्विस का समय चुना गया। एक समामान की तरह इन सिपाहियों की कब्रों की मिट्टी को वापस भारत लाया जायेगा।

गौरतलब है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान गढ़वाल ब्रिगेड जिसमें 1/39 और  2/39 रॉयल गढ़वाल के सैनिक शामिल थे फ्रांस के खतरनाक इलाकों में ब्रिटिश सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़े। इस दौरान गढ़वाल ब्रिगेड को छह बैटल हॉनर्स औऱ दो विक्टोरिया क्रॉस से नवाज़ा गया।

लावारिस अवस्था में घूम रहीं महिला को पुलिस ने घर पहुँचाया

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थाना रानीपोखरी क्षेत्र में एक अर्ध-विक्षिप्त महिला लावारिस अवस्था में घूमते हुए पाई गयी, जिसे स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस टीम ने थाना रानीपोखरी पर लाया गया। पूछताछ में महिला ने अपना नाम लक्ष्मी देवी, हिंडोलाखाल, देवप्रयाग, बताया।इस संबंध मे पुलिस ने  किये गए अथक प्रयासों से जनपद टिहरी पुलिस से समन्वय स्थापित करने के बाद महिला के परिजनों से संपर्क किया गया। जिनके द्वारा आर्थिक तंगी होने की वजह से थाना रानीपोखरी आने में असमर्थता जाहिर की गयी।

महिला की स्थिति को देखते हुए आज थाना स्तर पर महिला कॉस्टेबल सुलेखा व कांस्टेबल नरेंद्र कुमार की निगरानी में महिला को थाना हिंडोलाखाल टिहरी गढ़वाल भेजा गया था, जहाँ उक्त महिला को उसके पिता धीरज सिंह बिष्ट के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने द्वारा किए गए कार्य की उच्चाधिकारियों व स्थानीय जनता द्वारा भूरी- भूरी प्रशंसा की गयी।

रस्किन बांड की कहानियों पर आधारित “द ब्लैक कैट” रिलीज़ हुई

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हर उम्र के बच्चों के लिये दोहरी खुशी का मौका है – मशहूर लेखक रस्किन बांड की कहानी पर आधारित फिल्म “द ब्लैक कैट” लोरियन मोशन पिक्चर के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर आज रिलीज़ हुई।  

‘एवेकनिंग’ और ‘काफिरों की नामज़’ जैसी चर्चित फिल्में बना चुके निर्देशक, प्रड्यूसर भार्गव साइकिया की यह फिल्म ‘फैंटसी’ के इर्द-गिर्द घूमती है और दर्शकों से इस फिल्म ने खासी वाहवाही बटोरी है।

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बीस मिनट की इस शार्ट फिल्म में रस्किन बांड की भूमिका निभाते दिखे टॉम ऑलटर। इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले ये फिल्म मुख्य भूमिका में टॉम ऑलटर की आखिरी फिल्म है। फिल्म में ‘मिस बेलोस’ की भूमिका शर्नाज़ पटेल ने निभायी है और साथ ही होगी एक काली बिल्ली। 

इसी साल सितंबर में रस्किन बांड के लिये मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल में फिल्म की खास कॉस्क्रीनिंग रखी गई थी। इस मौके पर फिल्म के बारे में बात करते हुए बांड ने कहा कि, “ये फिल्म बच्चों को ही नही, बड़ों और फिल्मों के चाहने वालों के लिये एक बढ़िया फिल्म साबित होगी।”  इस फिल्म को लेकर साइकिया के नज़रिये से भी बांड काफी खुश हुये । वो कहते हैं कि, “साइकिया ने उपन्यास को फिल्म में उतारते हुए कहानी के मूल चरित्र से खिलवाड़ नहीं किया है जो काबिले तारीफ है।” 

इस फिल्म ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खासी वाहवाही बटोरी है। इनमें अमेरिका में ऊटा फिल्म फेस्टीवल के साथ-साथ श्रीलंका से लेकर हैदराबाद और गुवाहाटी में फिल्म ने अपनी धाक जमाई है। 

गढ़वाल विश्विद्यालय में फिल्म वर्कशॉप का हुआ समापन

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हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जर्नलिस्म एंड मास कम्यूनिकेशन द्वारा आयोजित फिल्म एप्रीसियेशन वर्कशॉप का सोमवार को समापन हो गया। इस वर्कशॉप में आये 111 लोगों को वरिष्ठ पत्रकार दिनेश जुयाल ने सर्टिफिकेट दिये।

9-13 नवंबर तक चले इस कार्यक्रम का आयोजन पुणे के फिल्म एड टेलीविशन इंस्टूय्ट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर किया गया था। इस तरह की उत्तराखंड में दूसरी और एफटीआईआई द्वारा की गई यह पहली वर्कशॉप रही।

इस मौके पर वर्कशॉप के कोर्स निदेशक पंकज सक्सेना ने कहा कि, “अच्छे सिनेमा का संदेश पहाड़ों की वादियों में बसे इस प्रतिष्ठित संस्थान तक लाना एक सुखद अनुभव रहा। राज्य स्थापना की वर्षगांठ के साथ आयोजित इस वर्कशॉप में जिस संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया उससे एक बात साफ है कि आने वाले दिनों में पहाड़ों में अच्छे और सही संदेश देने वाले सिनेमा का भविष्य उज्जवल है।”

इस मौके पर पत्रकारिता विभाग के निदेशक ए.आर. डंगवाल के साथ-साथ आर.सी.शर्मा, निदेशक पर्यावरण विग्यान, प्रो. ओ.पी गुसांई, निदेशक आई.क्यू.ए.सी और अन्य अध्यापक और छात्र मौजूद रहे।

पंचेश्वर बांध पर ग्रामीणों में बना संशय

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पंचेश्वर बांध को लेकर पक्ष और विपक्ष द्वारा दिए जा रहे अलग-अलग बयानों को लेकर प्रभावित क्षेत्र की जनता परेशान है। बयानों के भ्रमजाल में फंसी जनता ने अब सरकार से सही स्थिति सार्वजनिक करने की मांग की है।

पंचेश्वर बांध परियोजना बनने के बाद सीमांत जिले की सर्वाधिक उपजाऊ भूमि काली नदी के जल में जलमग्न हो जाएगी। जोग्यूड़ा, बगड़ीहाट से लेकर पंचेश्वर तक की सारी भूमि तराई, मैदान की तरह ही उपजाऊ है। अतीत में इस जमीन में साल भर तीन फसलें उगती थी। आज भी इस घाटी के लोग अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं। नदी घाटी का क्षेत्र होने के कारण पानी को लेकर कोई समस्या नहीं रहती है। इस क्षेत्र के पंचेश्वर बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आने के बाद से आए दिन बांध के पक्षधर और विरोध करने वाले पहुंच रहे हैं। दोनों अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। जिसे लेकर सीधे सादे ग्रामीण भ्रम की स्थिति में हैं। सच और झूठ का आकलन नहीं कर पा रहे हैं।

तहसील डीडीहाट के तल्लाबगड़ क्षेत्र में जनता काफी परेशान है। इस क्षेत्र में अधिकांश लोग आज भी गांवों में ही जमे हैं। क्षेत्र में पलायन अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कम है। पर्याप्त खेती के अलावा आम, च्यूरा, अमरूद, लीची के बागों के मालिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। तल्ला बगड़ की जनता का कहना है कि जनता बांध विरोधी नहीं है परंतु अपने भविष्य को लेकर परेशान है। सरकार उनके पुनर्वास और विस्थापन के लिए सही स्थिति नहीं बता रही है। अपने पुश्तैनी गांवों को छोड़ कर जिस स्थान पर उन्हें बसाया जाएगा इसका भी स्पष्टीकरण नहीं कर रही है।

जनता का कहना है कि प्रभावितों को विश्वास दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार नेताओं के माध्यम से नहीं अपितु सार्वजनिक रूप से प्रभावितों के हित में घोषित होने वाले कार्यो का खुलासा करे। जनता पुनर्वास, विस्थापन, रोजगार, पेंशन, भूमि के बदले भूमि, बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति, चिकित्सा और आवागमन की सुविधा चाहती है। यह सब सरकार को सबसे पहले स्पष्ट करना चाहिए। तभी जाकर प्रभावित अपने गांव, घर व भूमि के त्याग के बारे में सोचेंगे। इस संबंध में 14 नवंबर को क्षेत्र की जनता जौलजीवी मेले में आ रहे प्रदेश मुख्यमंत्री से मिल कर उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराएंगे।

बाल विवाह की जंजीरों से मुक्त हो रहा उत्तराखंड

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देहरादून,  उत्तराखंड का बचपन अब बाल विवाह (14 वर्ष तक की उम्र) की जंजीरों से मुक्ति की तरफ बढ़ रहा है। आंकड़े सुनहरे भविष्य की तरफ इशारा कर रहे हैं। प्रदेश में बाल विवाह के अब महज 0.40 फीसद ही मामले शेष रह गए हैं और पूरे देश में सिर्फ पांच ही राज्य ऐसे हैं, जो उत्तराखंड से बेहतर स्थिति में नजर आते हैं। बाल विवाह की यह स्थिति जनगणना 2011 की है और ऐसी कामना है कि अगली जनगणना में उत्तराखंड में बाल विवाह से मुक्त होगा।

बाल विवाह के मामले में देश के औसत की बात करें तो यह आंकड़ा है 0.73 फीसद। यानी हम राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर स्थिति में पहुंच चुके हैं। आर्थिक संसाधनों के मामले में हमसे कहीं आगे महाराष्ट्र व गुजरात जैसे राज्य भी बाल विवाह से मुक्ति की लड़ाई में पीछे चल रहे हैं। हालांकि जनगणना 2011 के अनुसार प्रदेश में अभी भी 14 वर्ष तक की उम्र के 12 हजार 632 बच्चे बाल विवाहित हैं। लिहाजा, प्रयास किए जाने चाहिए कि वर्ष 2021 में जब अगली जनगणना हो तो हम इस कुरीति से पूरी तरह मुक्ति पा लें। तभी सही मायने में बाल दिवस की सार्थकता साबित हो पाएगी।

बाल विवाह से मुक्ति में आगे राज्य (बाल विवाह के आंकड़े फीसद में)
मिजोरम, 0.31
चंढीगढ़, 0.34
दिल्ली, 3.36
नागालैंड, 0.38
केरल, 0.38
उत्तराखंड, 0.40

बाल विवाह मुक्ति में पिछड़े राज्य
महाराष्ट्र, 1.16
राजस्थान, 1.06
गोवा, 0.98
गुजरात, 0.95
पंजाब, 0.82
हरियाणा, 0.77

मुख्यमंत्री, डॉ.स्वामी राम की 22वीं पुण्यतिथी के अवसर पर सम्मिलित हुए।

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सोमवार को हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक डॉ.स्वामी राम की 22वीं पुण्यतिथी के अवसर पर आयोजित आराधना एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम डॉ.स्वामी राम जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत द्वारा हिमालयन इंस्टीट्यूट की लैब व रिसर्च बिल्डिंग एवं शौर्य दीवार का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कार्यक्रम में सम्मिलित होकर और यहां के आध्यात्मिक वातावरण को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। संस्थान द्वारा सेवा करने वालों एवं अपने उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा ‘सेवा रूरल‘ संस्था को सम्मानित किया जाना, एक अच्छा उदाहरण है। सेवा रूरल संस्थान द्वारा आदिवासियों के लिए किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आदिवासी ज्यादा एडवाँस हैं, लेकिन अन्य राज्यों में आदिवासी आज भी जंगलों में कन्दमूल खाकर जीवनयापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करा रही हैं। इसके लिए राज्य में टेली रेडियोलाॅजी की शुरूवात कर दी गयी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी डाॅक्टर्स भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी स्वास्थ्य सुविधाएँ दुरूस्त करने को प्रतिबद्ध है।
सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिमालय पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। राज्य में हिमालयन इंस्टीट्यूट स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के समग्र व्यक्तित्व का विकास करना है।
इस अवसर पर कुलपति, हिमालयन इंस्टिट्यूट श्री विजय धस्माना एवं मैनेजिंग ट्रस्टी, सेवा रूरल संस्था, डॉ पंकज शाह उपस्थित थे।

रेस 3 की पहली झलक

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सलमान खान ने फिल्म रेस 3 की शूटिंग शुरु कर दी है और पहले दिन की शूटिंग के बाद सलमान ने फिल्म के सेट से तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी की हैं। मुंबई के महबूब स्टूडियो में फिल्म का पहला शेड्यूल शुरु हो गया है, जिसमें सलमान के साथ फिल्म की पूरी टीम हिस्सा ले रही है। सलमान ने सोशल मीडिया पर पहले दिन की शूटिंग के बाद टीम के फोटो भी शेयर किए।

टिप्स कंपनी द्वारा बनाई जा रही इस फिल्म में सलमान के साथ बाबी देओल, जैक्लीन फर्नांडिज, सलीम साकीब, डेसी ईरानी और फ्रेडी दारुवाला काम कर रहे हैं। रेस की पहली दो कड़ियों का निर्देशन अब्बास-मस्तान की जोड़ी ने किया था, लेकिन इस बार निर्देशन रिमो डिसूजा कर रहे हैं। इस फिल्म को अगले साल ईद के मौके पर रिलीज किया जाएगा। मुंबई के शेड्यूल को पूरा करने के बाद दिसंबर में ये टीम आबूधाबी में फिल्म का दूसरा शेड्यूल शुरु करेगी।

फुकरे रिटर्न्स का ट्रेलर लांच

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फुकरे की टीम की वापसी वाली फिल्म फुकरे रिटर्न्स का नया ट्रेलर लांच हो चुका है। 15 दिसंबर को रिलीज होने जा रही इस फिल्म का निर्माण फरहान अख्तर की कंपनी ने बनाया है।

सिक्वल में चूचा का किरदार आने वाले वक्त की आहट महसूस कर लेता है, जबकि पिछली फिल्म में चूचा का किरदार नींद में लाटरी के नंबर देखता है। फुकरे रिटर्न्स में फुकरे की पूरी टीम है। चूचा का किरदार निभाने वाले वरुण शर्मा के अलावा पुल्कित सम्राट, अली फजल, मनजोत सिंह के साथ भोली पंजाबन के किरदार में एक बार फिर ऋचा चड्ढा नजर आएंगी।

इस सिक्वल का निर्देशन मृगदीप लांबा ने किया है। इस फिल्म को पहले 8 दिसंबर को रिलीज किया जाना था, लेकिन 1 दिसंबर को संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के रिलीज होने की वजह से इसकी रिलीज को एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

2 अभियुक्तों को 70 ग्राम स्मैक के साथ किया गिरफ्तार

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थाना रानीपोखरी पुलिस व जनपद स्तर पर गठित नारकोटिक्स पुलिस टीम द्वारा स्मेक की अवैध तस्करी करते हुए 2 अभियुक्तों को 70 ग्राम स्मैक के साथ किया गिरफ्तार

रात में थाना रानीपोखरी पुलिस ने जनपद स्तर पर गठित नारकोटिक सेल की टीम के साथ संयुक्त रुप से एयरपोर्ट तिराहे के पास सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान दो संदिग्धों को 70 ग्राम नाजायज स्मेक परिवहन करते हुए पकड़ा गया। पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि वह दोनों इस स्मेक को बरेली से लाकर ऋषिकेश क्षेत्र में आने वाले विदेशी लोगों, नवयुवको व वाहन चालकों को बेचने जा रहे थे।

बरामदगी माल :-

अभियुक्तगणों के कब्जे से 70 ग्राम स्मैक बरामद की गयी। जिसका बाजार में कीमत लगभग 5,00,000/- रू0 है।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम:-

अभियुक्तगणों के कब्जे से भारी मात्रा में स्मेक बरामद करने वाली पुलिस टीम  को ₹ 2500/- के नकद पुरस्कार से पुरुस्कृत करने की घोषणा की गयी।