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जानवरों की आवाजाही रोकने के लिए बना रहे हैं वाटर होल्स

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हरिद्वार, राजाजी टाइगर रिजर्व से लगातार रिहायशी इलाकों में आ रहे जंगली जानवरों की रोकथाम के लिए पार्क प्रशासन द्वारा जगह-जगह पानी के कुंड बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में ये होल्स हरिद्वार रेंज में बनवाए गए हैं, ताकि जानवरों को पानी के लिए रिहायशी इलाकों का रुख न करना पड़े।

पिछले कुछ सालों में देखने में आया है कि हाथी, गुलदार पार्क सीमा लांघ कर अक्सर शाम होते ही रिहायशी इलाकों की ओर चले जाते हैं। इसी को देखते हुए हरिद्वार रेंज में विभिन्न स्थानों पर कच्चे और पक्के पानी के कुंड तैयार किए जा रहे हैं। वार्डन कोमल सिंह ने बताया कि पानी की आपूर्ति के लिए ये होल्स तैयार हो रहे हैं।

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का भी कहना है कि पिछले 20 से 25 वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण वो जल स्रोत भी सूख गए हैं, जो कभी नहीं सूखा करते थे। इस वजह से जानवर आबादी वाले इलाकों की ओर चले जाते हैं। जंगली जानवरों को रोकने के लिए अब पार्क प्रशासन ने पानी के कुंड का सहारा लिया है। पानी के बाद अब वन महकमे को जानवरों के भोजन की भी पार्क के अंदर ही व्यवस्था करनी होगी। ताकि जानवर बाहर आबादी वाले क्षेत्र में जाकर तांडव न मचाए।

आठ साल में 82 बाघों की मौत, कौन है जिम्मेदार?

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हरिद्वार, उत्तराखंड के कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क की केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में अलग पहचान है। ऐसे में वन विभाग भी पार्क सहित जंगलों में बाघ, गुलदार, हाथी, हिरण समेत दूसरे जंगली जानवरों की देखरेख में कोई कमी नहीं छोड़ता। लेकिन हालिया सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में पिछले आठ साल में बाघों के मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते आठ साल में अबतक कुल 82 बाघों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि प्रदेश में वर्तमान में बाघों की संख्या वन विभाग के मुताबिक, 362 है। उत्तराखंड बाघों के संरक्षण में कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर आता है, लेकिन प्रदेश में बाघों के पूर्ण संरक्षण के बावजूद बाघों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, यह चैंकाने वाली बात है। वर्ष 2010 से 2017 के बीच बाघों की मौत का ये आंकड़ा 82 तक पहुंच चुका है, जिसमें वर्ष 2011 में 18 अौर वर्ष 2015 में सर्वाधिक 13 बाघों की मौत हुई। इस साल अब तक 12 बाघ मर चुके हैं।

प्रदेश में बाघों के बढ़ते मौत के आंकड़े के मद्देनजर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने चिंता जताते हुए महकमें के अधिकारियों को इस मामले की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि कहीं बीमारी के चलते तो बाघों की मौत नहीं हो रही है या फिर विभाग की ओर से कोई लापरवाही बरती जा रही है?

राज्यपाल ने राजभवन में रोपे ट्यूलिप के पौधे

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प्रदेश के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पॉल ने राजभवन के गार्डन एरिया में ट्यूलिप के बल्ब रोपित किए। राज्यपाल ने कहा कि, “ट्यूलिप के फूल विश्व के सबसे मंहगे व आकर्षक फूलों में माने जाते हैं। ट्यूलिप ठंडे और पर्वतीय क्षेत्रों के अनुकूल वातावरण में ही लगाया जा सकता है।” अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में ‘ट्यूलिप’ के फूलों की बहुत अधिक मांग है। इसकी व्यावसायिक खेती उत्तराखंड के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती है।

‘ट्यूलिप’ फूल की उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में व्यावसायिक खेती की संभावनाएं तलाशने की दृष्टि से ही राज्यपाल ने प्रायोगिक तौर पर राजभवन में दो वर्ष पूर्व ट्यूलिप लगवाना प्रारम्भ करवाया था। राजभवन में उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित ने बताया कि वर्ष 2015 में ट्यूलिप के 100 बल्ब व वर्ष 2016 में 200 बल्ब लगवाए गए थे। दोनों ही बार अच्छा परिणाम देखने को मिला था। इस वर्ष राज्यपाल के निर्देशों पर ट्यूलिप के तीन प्रजातियों के कुल 500 बल्ब लगाए गए हैं। आशा है कि लगभग 45-50 दिनों में इनमें फूल खिल जाएंगे।

राजभवन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली पुष्प प्रदर्शनी के लिए यह एक आकर्षण होगा। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन, चीफ हाॅर्टीकल्चर संजय श्रीवास्तव सहित राजभवन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

होटल व्यवसाय पर मंदी की जबरदस्त मार

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ऋषिकेश। धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश मे होटलों पर मंदी की मार छा गई है। होटल इंड्रस्टीज मे छाए सन्नाटे के चलते व्यवसाय से जुड़े लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। वर्ष बीतने के बावजूद नोटबंदी से होटल व्यवसाय के लोग उबर नहीं पा रहे हैं।

नोटबंदी के एक वर्ष गुजर जाने के बावजूद होटल व्यवसाय पटरी पर नही आ पाया है। होटल व्यवसायी जबरदस्त मंदी के दौर से जूझ रहे हैं। होटल एसोसिएशन के सचिव व होटल गंगा किनारे के स्वामी सूरज गुल्हाटी का कहना है कि शहर के तमाम आलीशान होटलों में 30 से 40 फीसदी तक दी जा रही छूट के बावजूद पर्यटक आर्कषित नहीं हो पा रहे हैं। जिसकी वजह से होटलों के कमरे खाली पड़े हैं।
नोटबंदी से पूर्व तक विंटर के मौसम के आगाज के साथ ही पर्यटकों की जबरदस्त आमद के साथ होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल उठते थे। खासतौर पर नवम्बर-दिसम्बर मे विदेशी सैलानियों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य हिमाचल, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ा करती थी लेकिन इस वर्ष तस्वीर बिल्कुल अलग है। नगर के अधिकांश होटलों मे सन्नाटा पसरा हुआ है।
तपोवन रिसोर्ट के मालिक दिलेराम रतूड़ी का कहना है कि मंदी से परेशान होटलों मे भी खर्च को सीमित करने के लिए कर्मचारियों की छटनी भी की जा रही है। जबकि अधिकांश होटल व्यवसायियों ने उत्तराखंड राज्य में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बैंकों से कर्ज लेकर अपने व्यवसाय को खड़ा किया है लेकिन यात्रियों के ना होने के कारण उनके खर्चे भी नहीं निकल रहे हैं। 

युवती की तहरीर पर सिटी बस सीज

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देहरादून। राजधानी देहरादून की सिटी बस में सफर कर रही एक युवती को स्टॉपेज के बजाय अन्य स्थान पर उतारने की घटना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बुधवार को बस को सीज कर दिया। मामला थाना कैंट क्षेत्र का है।
मंगलवार को एक युवती ने थाना कैंट में लिखित तहरीर दी कि बीते तीन दिसम्बर की शाम वह एक बस में सवार हुई थी। उसे बल्लूपुर चौक पर उतरना था। युवती ने कंडक्टर को किराया देते हुए अपना स्टॉपेज बता दिया। युवती का आरोप है कि करीब सात बजे सिटी बस बल्लूपुर चौक के पास पहुंची तो वह अपना बैग उठाकर बस के गेट पर आ गई। आरोप है कि ड्राइवर ने बल्लूपुर चौक निकलते ही बस रोकने के बजाए उसकी गति बढ़ा दी और बल्लूपुर चौक पर न उतारकर फ्लाईओवर के ऊपर से ले जाकर किशन नगर चौक के पास उतार दिया। पुलिस ने अज्ञात बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
वाहन को चिन्हित करने के लिए थाना कैंट पुलिस ने बल्लूपुर चौक से लेकर किशननगर चौक के मध्य लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की व बस ऑपरेटर यूनियन से घटना के समय उस रूट पर चलने वाली सभी बसों का विवरण एकत्रित किया। सीसीटीवी फुटेज व प्राप्त बसों के विवरण का भौतिक सत्यापन करने पर संदिग्ध बस (यूके 07 पीए 0493) को रोका व बस में सवार कंडक्टर को वादिनी द्वारा अभियुक्त के रूप में शिनाख्त की गयी। थाना कैंट पुलिस ने बस को सीज कर दिया है।

पुलिस के हत्थे चढ़े तरस तस्कर, 2 लाख की पहाड़ी चरस भी हुई बरामद 

ऋषिकेश :- ऋषिकेश पुलिस को उस वक़्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब अंतराष्ट्रीय गिरोह के दो चरस तस्कर को पुलिस ने 2 लाख की पहाड़ी चरस के साथ गिरफ्तार किया। ऋषिकेश सीईओ मंजूनाथ टीसी ने प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी। आपको बता दे कि पिछले कई समय से पुलिस प्रशाशन को चरस की तस्करी की सूचना मिल रही थी, कि नेपाली मूल के कुछ युवक रायवाला, ऋषिकेश और जॉलीग्रांट के छेत्रों में चरस सप्लाई करते है, सूचना के बाद से ही पुलिस इनकी तलाश कर रही थी और चैकिंग अभियान के दौरान दोनों आरोपियों को रानीपोखरी चोक से गिरफ्तार किया गया. मीडिया से बात करते हुए सीओ मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपियों के पास से 2 लाख की चरस मिली है और आरोपियों को फिलहाल पेशी के लिए कोर्ट में भेज दिया गया है.

 

नंबर कम आने पर नहीं मिला एडमिशन,स्कूल के खिलाफ धरने पर बैठे अभिभावक

ऋषिकेश :- सरकार भले ही शिक्षा की स्थिति को सुधारने के तमाम बातें करती हो लेकिन हकीकत यह है कि आज जिस तरह प्राइवेट स्कूल लगातार अपनी मनमानी करते जा रहे है उसका खामियाजा वहां पढ़ रहे बच्चों के भविष्य और उनके अभिभावकों को उठाना पड़ता है. तीर्थ नगरी ऋषिकेश के मुनि की रेती में स्तिथ एक प्राइवेट स्कूल दवरा एक बच्चे को एडमिशन नहीं दिया गया जिसके बाद अब अभिभावक स्कूल परिसर के गेट में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।

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प्रदेश के प्राइवेट स्कूल कि मनमानी हमेशा से ही अभिभावकों पर भारी पड़ती आई है, ताजा मामला ऋषिकेश के मुनि की रेती क्षेत्र का है जहां पर एक प्राइवेट स्कूल मैं दसवीं में पढ़ने वाले गौतम को कम माक्स आने पर 11वीं में एडमिशन नहीं दिया गया जिस से गुस्साए अभिभावक अब स्कूल परिसर के गेट के बाहर धरने पर बैठ चुके हैं. पीड़ित छात्र के अभिभावक का कहना है कि स्कूल प्रशासन हमेशा से ही एडमिशन को लेकर अपनी मनमानी करता आया है, उन्होंने आरोप लगाया की उनके बच्चे के अंक अच्छे आये है लेकिन समय पर स्कूल द्वारा एडमिशन नहीं दिया गया और अब काफी समय बीतने के बाद भी स्कूल प्रशासन एडमिशन के लिए मना कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक बच्चे का एडमिशन नहीं होगा तब तक उनका धरना लगातार चलता रहेगा।

आपको बता दें कि स्कूल के गेट के बाहर धरने पर बैठे पीड़ित पक्ष का कहना है कि प्राइवेट स्कूल की मनमानी हम नहीं सहेंगे तो वही स्कूल के प्रिंसिपल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनकी मांने तो एडमिशन में देरी बच्चे के अभिभावकों की वजह से ही हुई है, उन्होंने बताया कि हम ने बच्चे को एडमिशन के लिए मना नहीं किया है, बच्चे के दसवीं में माक्स काम आए थे जिसके बाद उसे आर्ट्स स्ट्रीम में एडमिशन दिया जाना था लेकिन अभिभावक उसका एडमिशन कॉमर्स स्ट्रीम में कराना चाहते हैं जो कि स्कूल रूल के खिलाफ है।प्रदेश में इस तरह के मामले अब आम हो चुके हैं हर जगह प्राइवेट स्कूल्स अपनी मनमानी के उदाहरण देता रहता है जिससे ना सिर्फ प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि उनके अभिभावक भी इस मनमानी से हमेशा परेशान रहते हैं. बहरहाल अब देखने लायक बात होगी कि स्कूल प्रशासन के खिलाफ इन अभिभावकों की लड़ाई कब तक चलती है.

 

महिला आयोग बच्चियों की तस्करी मामले का लेगा संज्ञान

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देहरादून। अब महिला आयोग नाबालिग बच्चियों की मानव तस्करी संबंधी प्रकरणों की जांच न किए जाने के मामलों का भी संज्ञान लेगा। आयोग ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही मानव तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में शासन द्वारा तीन नाबालिग बच्चियों की मानव तस्करी के गंभीर मामलों में बाल आयोग के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई न होना चिंता की बात है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने कहा कि बाल आयोग द्वारा मुख्य सचिव को भेजे पत्र में बच्चों संबंधी पांच प्रकरणों की जांच न होने की बात कही गई है। इनमें तीन नाबालिग बच्चियों के मानव तस्करी से जुड़े गंभीर मामले हैं। क्योंकि प्रकरण बच्चियों से संबंधित हैं। इसलिए महिला आयोग भी प्रकरणों का संज्ञान लेगा। उन्होंने कहा कि महिला आयोग संबंधित प्रकरणों की विस्तृत जानकारियां जुटाएगा। अगर शासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो तुरंत जांच कराने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित प्रकरण में अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करों के शामिल होने की बात कही। प्रदेश में मानव तस्करी के लगातार मामले सुनने में आ रहे हैं। इस संबंध में वे शासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी मानव तस्करी से जुड़े प्रकरणों को गंभीरता से लेने को कहेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए महिला आयोग सख्त है। वहीं सोमवार को बाल आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने मुख्य सचिव से बच्चों संबंधी पांच प्रकरणों की जांच न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी। इन्हीं में मानव तस्करी से संबंधी प्रकरण भी शामिल थे।

अभियान के तहत हटाए विवादित होर्डिंग

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हरिद्वार। कांग्रेसियों द्वारा विज्ञापन घोटाले में की गई राजनीति पर नगर निगम द्वारा चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान से विराम लग गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विज्ञापन बोर्ड पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कांग्रेस का जमकर विरोध भी जताया गया था। जिसके चलते नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कांग्रेसी द्वारा लगाए गए घोटाले के विज्ञापन बोर्डों के घोटाले वाले बोर्डों को पूरे शहर से उतार दिया गया।

शहर भर में अतिक्रमण अभियान जोरों शोरों से चलाया गया। अब अतिक्रमण अभियान के दौरान हटाई गई सामग्री नगर निगम के प्रांगण में जमा कर दी गई है। भाजपा के नेताओं द्वारा जमकर कांग्रेसी नेताओं का विरोध किए जाने के बाद नगर निगम प्रशासन ने तुरंत सड़कों से बोर्डों को हटा दिया गया है। लगातार दोनों पार्टी के नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप के दौर हरिद्वार में देखे जा सकते हैं। इस बार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा मेयर पर घोटालों के आरोपों के बोर्ड सड़कों पर ही लगा दिए गए। जिससे विवाद उत्पन्न होने पर विभिन्न बोर्डों को तत्काल सड़कों से हटा दिया गया।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष नरेश शर्मा का कहना है कि कांग्रेसी नेता औछी राजनीति करने पर उतारू हैं। सड़कों पर लगाए गए आरोपों के होर्डिंग को तत्काल हटा दिया गया है। क्योंकि बेबुनियाद आरोप लगाकर मेयर मनोज गर्ग को बदनाम करने की नीयत से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा बोर्ड लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी अपना जनाधार खोती जा रही है। भाजपा का जनाधार लगातार बढ़ता जा रहा है। बौखलाहट में कांग्रेसी नेता भाजपा के नेताओं को बदनाम करने की नीयत से औछी राजनीति करने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को जनता पूरी तरह से पहचान चुकी है। होर्डिंग बोर्ड लगाकर मेयर को बेबुनियाद आरोपों में घेरने की यह तैयारी कांग्रेस की पूरी तरह से फेल हो गई है। 

केंद्र सरकार की योजना विजन-2022 का किया निरीक्षण

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हरिद्वार। नीति आयोग द्वारा विजन-2022 हेतु जनपद हरिद्वार के लिए नियुक्त की गई प्रभारी भारत सरकार की ज्वाइन्ट सेक्रेटरी ज्योत्सना सिटलिंग ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विजन-2022 के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने गत 05 वर्षों में जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों एवं अगले पांच वर्षों के लिए बनाई कार्य योजनाओं का प्रोजेक्टर के माध्यम से निरीक्षण किया।

कार्य योजनाओं के निरीक्षण के दौरान ज्योत्सना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए जनपद स्तर के साथ ही विभागों की ओर भी सब कमेटी का गठन कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर गहनता से विचार विमर्श कर एक वर्षीय व पांच वर्षीय योजना बनाई जाए, ताकि योजना को नीति आयोग के सम्मुख प्रस्तुुुत किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, स्वच्छता, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि कार्यों को अधिक महत्व दिया जाए। योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से भी नीति आयोग को अवगत कराया जाए। इस दौरान उन्होंने अवगत कराया गया कि भारत सरकार ने विजन-2022 के अन्तर्गत देश के ऐसे 115 जिलों का चयन किया है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से अत्यन्त पिछड़े हैं। इन जनपदों में अमीरी और गरीबी का अंतर बहुत अधिक है। भारत सरकार का उद्देश्य इन जनपदों को 2022 तक समग्र विकास की ओर ले जाना तथा इन जनपदों में बहुत अमीर और बहुत गरीब लोगों के बीच के अन्तर को कम करना है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के दो जनपदों हरिद्वार एवं उधमसिहंनगर का चयन विजन-2022 के लिए किया गया है। विजन-2022 के तहत उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्रभारी अपर सचिव नियोजन डाॅ. रंजीत सिन्हा को नियुक्त किया गया है। नीति आयोग द्वारा देश में चयनित 115 जिलों के विकास कार्यों का मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी के माध्यम से हर वर्ष कराया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कौन-सा जनपद किस क्षेत्र में कितना विकास कर रहा है। बैठक में जिलाधिकारी दीपक रावत ने जनपद की विभिन्न समस्याओं के साथ ही विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने मेनपावर की समस्या को जनपद की प्रमुख समस्या बताया। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अभाव में जनपद में स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित होती हैं। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कार्ययोजना के साथ ही विभागों से जुड़ी फण्ड, मेन पावर, मशीनरी आदि की डिमाण्ड जो भारत सरकार द्वारा पूरी की जा सकती है से भी नीति आयोग को अवगत कराएं। बैठक में अपर सचिव नियोजन डाॅ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव ग्रामीण विकास वाईके पन्त, सीडीओ स्वाति भदौरिया, पीडी संजीव राय, डीडीओ पुष्पेन्द्र चौहान, सीएमओ अशोक कुमार गैरौला, जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।