तम्बाकू मुक्त राज्य के लिए व्यापक जन-जागरुकता जरूरी: राज्यपाल

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उत्तराखंड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए व्यापक जन-जागरुकता पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विशेष तौर पर युवाओं को तम्बाकू के सेवन से होने वाले नुकसान की जानकारी देनी होगी। सोमवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में वर्ल्ड लंग फाउंडेशन द्वारा किए गए उत्तराखंड यूथ टाॅबेको सर्वे 2016 का विमोचन करते हुए राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पॉल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जागरुकता अभियान के माध्यम से ‘टोबेको किल्स’ का संदेश राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल डा. पॉल ने कहा कि तम्बाकू का सेवन टीबी, कैंसर आदि जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण है। उत्तराखंड सरकार और वर्ल्ड लंग फाउंडेशन (दक्षिण एशिया) के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे ‘उत्तराखंड टाॅबेको फ्री इनिशियेटिव’ के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। सर्वे में पाया गया है कि उत्तराखंड में तम्बाकू के सेवन में कमी देखने को मिली है। लेकिन, अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू को लेकर अनेक कानून बनाए गए हैं। इन कानूनों का सख्ती के साथ क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा।

युवाओं को जागरूक करने की जरूरत 
तम्बाकू उत्पादों के लिए युवा सॉफ्ट टारगेट होते हैं। युवाओं को तम्बाकू उत्पादों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए स्कूल व कालेजों पर विशेष ध्यान देना होगा। बच्चों की कॉपी-किताबों पर तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को प्रकाशित किया जा सकता है। बच्चों को तम्बाकू के सेवन से दूर रखने में अध्यापकों और अभिभावकों की भी अहम जिम्मेदारी है। तम्बाकू के सेवन का एक नये प्रकार ‘हुक्का’ के रूप में देखने को मिल रहा है। इस पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

वर्ल्ड लंग फाउंडेशन (दशिण एशिया) के अध्यक्ष डाॅ. जीआर खत्री ने उत्तराखंड यूथ टाॅबेको सर्वे 2016 में पाए गए निष्कर्षों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य अधिनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।