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सूबे की मिट्टी में बोरोन व कार्बन की भी मात्रा कम

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देहरादून। उत्तराखंड की मिट्टी की जांच में पता चला कि इसमें बोरोन की मात्रा सबसे कम है। बोरोन वह तत्व है, जो पौधों में फूल व फल बनाने में सहायक होता है। भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से मिट्टी के 250 सैंपल लिए गए थे।

संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गोपाल कुमार के मुताबिक, सभी सैंपल में बारोन की मात्रा कम पाई गई है। वहीं, 40 सैंपल में कार्बन की मात्रा कम पाई गई। कार्बन वह सबसे अधिक तत्व है जिसके आधार पर मिट्टी की क्षमता तय होती है। यह मिट्टी में पोषण का स्तर बनाए रखने व पानी को सोखने में सहायता करता है। इसके अलावा सैंपलों की जांच में नाइट्रोजन मध्यम स्तर की पाई गई। जबकि फासफोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, आयरन व मैग्नीज की मात्रा पर्याप्त पाई गई। उनके अनुसार तुलनात्मक रूप मिट्टी की सेहत ठीक है, लेकिन जो तत्व कम हैं, उनके लिए ऑर्गेनिक के साथ इनॉर्गेनिक खाद का प्रयोग किया जाना जरूरी है।

रिमांड होते ही डीपी का बढ़ा बीपी और शुगर

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रुद्रपुर- डीपी सिंह को रिमांड लेते ही बीपी और शुगर हाई हो गयी, जिसके चलते उनको पुरी रात ्स्पताल में गुजारनी पडी, डीपी को दोपहर में सिडकुल चौकी लाया गया, एनएच घोटाले के मुख्य आरोपी डीपी सिंह को बारी फोर्स के साथ चौकी लाया गया साथ ही डीपी के स्वास्थ्य में सुधार को देखते हुए अब उनसे आगे की पुछताछ शुरु की जाएगी।

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कुमकुम रानी की अदालत द्वारा एनएच 74 मुआवजा घोटाले में न्यायिक हिरासत में जेल में निरुद्ध मुख्य आरोपी ऊधमसिंह नगर के पूर्व एसएलओ डीपी सिंह को सोमवार को पुलिस को तीन दिन की रिमांड पर दिया गया था। पुलिस ने अदालत में रिमांड पर लेने का मुख्य आधार अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एसआईटी की जांच में डीपी सिंह 40 करोड़ की अघोषित संपत्ति का भेद मिला है। सभी संपत्तियों को विभिन्न नामों से अलग अलग ढंग से उपयोग में लायी जा रही है। ऐसे में पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है। कोर्ट की रिमांड मंजूरी के बाद डीपी को सिडकुल पुलिस चौकी में रखा गया था। बता दें कि डीपी को पहले भी पुलिस ने कोर्ट से तीन दिन की रिमांड ली थी।

जिसमें पुलिस उससे कुछ खास नहीं उगलवा सकी थी। हालांकि पुलिस ने जो कोर्ट में दलील दी उसमें कहा गया कि दो दिन तक तो डीपी अपने स्वास्थ्य को लेकर पुलिस को इधर उधर छकाते रहे, केवल एक दिन की पूछताछ में जो तथ्य निकलकर आए उसमें पुलिस को भले ही पूरी तरह सफलता न मिली हो, लेकिन अभी कई चीजों से पर्दा नहीं उठ सका है। इधर, डीपी ने कोर्ट में कहा कि उनके एसआईटी की जांच में हुए बयानों को बदला गया है। इस पर एसआईटी ने कड़ा प्रतिकार किया गया। जिसके बाद पुलिस डीपी को सिडकुल चौकी ले गई। जहां करीब साढ़े दस बजे डीपी की तवियत बिगडऩे लगी, जिस पर उसे रात्रि में ही 10 बजकर 45 मिनट पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डीपी का ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराई गई।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक डीपी का बीपी हाई आया और शुगर भी बढ़ी मिली। उसे नॉमर्ल करने के लिए दवाईयां दी गईं। सुबह तक डीपी के काफी नॉमर्ल हो गए। डीपी को पूर्वान्ह करीब 11 बजे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।डिस्चार्ज करते ही डीपी को सिडकुल पुलिस अपने साथ पुलिस चौकी में ले गई। चूंकि रिमांड के मुताबिक डीपी से पुलिस को अभी मुआवजा घोटाले बावत काफी कुछ उगलवाना बाकी है।

किताबों के घोटाले की जांच करेगा चतुर्थश्रेणी कर्मचारी

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18 लाख की किताबें महाविघालय में किसके आदेश से आयी और बिना टेंडर किताबें आखिर किससे मंगवायी एसे कई सवालों के जवाब मांग रहे छात्रों को प्राचार्य से कोई जवाब नहीं मिला लिहाजा छात्रों ने जहां आंदोलन की चेतावनी दे दी है वहीं प्राचार्य अब इस मामले की जांच के लिए अपने ही अधिनिस्तों से अपनी जांच करा कर खुद सवालों के घेरे में आ गये हैं, जबकि खुद महाविघालय के पूर्व लाईबेरियन एक लिखित पत्र में पुरी पोल खोल कर रख दी है।

18 लाख की किताबों का शोर काशीपुर के राधे हरी महाविघालय के कोने कोने में गूंज रहा है, सभी जानते हैं कि दाल में काला है, छात्रों ने पुस्तकालय के लिए खरीदी गयी पुस्तकों का ब्योरा क्या मांगा कि प्राचार्य लिपापोती पर जुट गये, जहां खरीद के लिए टेंडर के फर्जी कागज तैयार किये गये तो दुसरी ओर एक ही किताब दो दुकानों से खरीदना दिखाया गया, यही नहीं करीब 1200 सौ किताबों के प्रिंट रेट पर काली स्याही लगाकर अधिक मूल्य दर्शाया गया है। जांच टीम को सिर्फ 3215 किताबों की सूची उपलब्ध कराई गई, जबकि भुगतान बिल, टेंडर प्रक्रिया के दस्तावेज नहीं दिए गए। जांच टीम को बुकसेलर के नौ बिल दिए गए हैं, मगर यह सब हाथ से बने हैं। बिल में जीएसटी शामिल नहीं है। चोरी से सोमवार देर शाम महाविद्यालय में 1751 और किताबें मंगाई गई हैं। इससे साफ होता है कि घोटाला हुआ है। उन्होंने इन किताबों को पुस्तकालय से उठवा कर दूसरे कमरे में रखवा दी। वहीं लाईबेरियन ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि बिना उनकी अनुमति के पुस्तकें मंगवायी गयी है जिसकी उनको जानकारी तक नहीं है, यही नहीं राज खुलने के डर से पुस्तकालय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है।
वहीं घोटाले के आरोपी प्राचार्य ने पहले किताबों के घोटाले के लिए जो जांच कमेठी बनाई थी उस रिपोर्ट को दर किनार करते हुे दुसरी जांच कमेठी तैयार की है जिसमे संविदा कर्मी और एक फोर्थ क्लास को जांच कमेठी मे रखा गया है, खुद की ही जांच करा रहे प्राचार्य अपने मातहतों से जांच की बात कहकर घोटाले को दबाने की जुगत में लगे हैं।
18 लाख की किताबों के घोटाले की जांच आरोपी प्राचार्य खुद ही करा रहे हैं, यही नहीं अपने अधिनिस्तों से अपनी जांच करार घोटाले को दबाने की कोशिश में लगे हुए हैं, जबकि किताबों की खरीद के ना तो पक्के बिल ही है और ना ही कोी टेंडर प्रक्रिया ही कि गयी, किसके इशारे पर लाखों की किताबे खरीदी गयी इसको लेकर छात्र उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं।

जेसीबी की गरज के आगे विरोध के स्वर फिके

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रुद्रपुर- एनएच चौडीकरण के मार्ग में बादा बने भवनों पर जेसीबी जमकर गरजी जिसकी गरज के सामने विरोध के स्वर भी धीमे पड गये, एसडीएम ने भी विरोध करने वालों को जमकर फटकारा और मुआवजा लेने के बाद भी ना छोडने पर कटोर कार्यवाही की बात कहीं। रुद्रपुर में एनएच 74 के चौड़ीकरण में बाधा बने भवनों को ध्वस्तीकरण के लिए मंगलवार को प्रशासन एवं पुलिस फोर्स एक्शन में आ गया। अनेक भवनों को ध्वस्त कर दिया गया। अभियान की शुरूवात में कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू किया, मगर एसडीएम ने लोगों को फटकार कर पुलिस फोर्स की मदद से भगा दिया।

भारी विरोध के बावजूद जेसीबी की गरज के सामने विरोध फिका पड गया और प्रशासन ने लम्बे समय से कब्जा जमाये बैठे लोगों के भवनों को ध्वस्त करने में आखिर कामयाबि हासिल कर ही ली। एनएच 74 की जद में आ रहे भवनों को हटाने की कवायद काफी समय से चल रही है, लेकिन बीच में मुआवजा वितरण पर रोक के कारण भवनों को नहीं हटाया जा सका। मुआवजा वितरण के साथ ही प्रशासन एक्शन में आ गया। मंगलवार को किच्छा रोड पर दूधिया मंदिर के समीप से प्रशासन ने अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो कुछ लोगों ने विरोध किया, मगर उन्हें फटकार कर भगा दिया गया। जेसीबी गरजी तो पक्के भवन भरभरा कर गिरने शुरू हो गए। पूरी पुलिस फोर्स मुस्तैदी से लगी रही। देखते ही देखते अनेक भवनों को ध्वस्त कर दिया गया। किसी की चाहरदीवारी टूटी तो किसी का पूरा मकान ही टूट गया। एनएच 74 चौड़ीकरण का कार्य यहां भवनों के ध्वस्त न होने के कारण रुका हुआ था।

भविष्य निर्माताओं के भूत ही फर्जी, कैसे संवरेगा बच्चों का भविष्य

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रुद्रपुर- फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की मुसिबते लगातार बढती जा रही है, एसआइटी के हाथों में फर्जी शिक्षकों की जांच जबसे आइ है, तबसे लगातार शिक्षकों के फर्जी तरीके से नौकरी करने का मामला प्रकाश में आ रहा है। ऐसे में एसआइटी ने अब नए सिरे से जांच शुरू करने का फैसला किया है। 2012के बाद से सभी बीएड, बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और टीईटी के नई भर्ती शिक्षकों के दस्तावेज खंगाले जाएंगे।

उधमसिंनगर जिले में फर्जी शिक्षकों की जांच एसआइटी कर रही है। जांच में अब तक फर्जी शिक्षकों के कई खुलासे हो चुके हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद एसआइटी ने वर्ष 2012 के बाद नौकरी पाने सभी शिक्षकों के शैक्षिक व नियुक्ति दास्तावेज खंगालने की तैयारी की है। इस मामले में एसआइटी हल्द्वानी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। खास बात यह है कि अब ऐसे शिक्षक भी फंसते नजर आ रहे हैं जो अब तक नजरों से बचे हुए थे। क्योंकि अब एसआइटी ने बीटीसी शिक्षकों के साथ ही बीएड, टीईटी और विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की कुंडली खंगालेगी। इसके लिए ऊधमसिंह नगर के 2012, 2013 और 2015 सन के दायरे में आने वाले सभी शिक्षकों की गर्दन फंसने वाली है।

मुख्य सचिव ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के प्रगति की समीक्षा की

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सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के प्रगति की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। 125.20 कि.मी. की लम्बाई में बनने वाली इस नई रेलवे लाइन में 16216 करोड़ रूपये की लागत आयेगी।
वीरभद्र रेलवे स्टेशन से 6 कि.मी तक रेल लाइन निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। चंद्रभागा नदी पर पुल का निर्माण हो रहा है। 6 कि.मी तक का निर्माण कार्य अवार्ड कर दिया गया है। बताया गया कि रेलवे लाइन का 85 प्रतिशत हिस्सा टनल (सुरंग) से होकर जायेगा। यानि 125 कि.मी मे 105 कि.मी की 17 टनल बनेगी। मात्र डेढ़ घंटे में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंचा जा सकेगा। इससे तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों की यात्रा सुगम हो जायेगी।
बैठक में बताया गया कि 98.54 कि.मी एस्केप टनल का निर्माण भी किया जायेगा। इस तरह से 218 कि.मी टनल बनाया जायेगा। 2835 मीटर लम्बाई में 16 पुलों का निर्माण होगा। 100 कि.मी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन चलेगी। माल गाड़ियों की गति 65 कि.मी रखी जायेगी। रेलवे लाइन के निर्माण में 791 हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल होगा। इसमें 564 हेक्टेयर वन भूमि, 60 हेक्टेयर सरकारी भूमि, 167 हेक्टेयर निजि भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही अंतिम चरण में है। बताया गया कि इसके अलावा चार धाम रेल कनेक्टिविटी की 327 कि0मी0 रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे हो गया है। तकनीकी परीक्षण का कार्य चल रहा है।

सब्जी बनाते हुए कैसे जली आग, युवक झुलसा

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काशीपुर- लजीज पकवान की चाह में छोंका लगाते समय कढ़ाई में अचानक आग लगने से युवक आग की चपेट में आ गया। जिससे युवक का पूरा शरीर आग ने कब्जे में ले लिया। चीख पुकार सुनकर परिजनों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। युवक को एलडी भट्ट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर चिकित्सकों युवक की हालत गंभीर बताते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।

काशीपुर के बरखेड़ा पांडे निवासी राजेश मजदूरी करता है। पत्नी ने बताया कि वह शराब पीने का आदी है। मंगलवार दोपहर भी राजेश शराब के नशे में घर पहुंचा और परिजनों को गाली-गलौज करने लगा। इस दौरान युवक नशे में गैस पर कढ़ाई रख हरे साग में छोंका लगाने लगा। अचानक कढ़ाई में आग की लपटें उठ गईं। इससे युवक आग की चपेट में आ गया। युवक का पूरा शरीर झुलस गया। चीख पुकार सुन परिजनों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। साथ ही 108 एंबुलेंस सेवा को सूचित कर दिया। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस से परिजनों ने युवक को एलडी भट्ट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर चिकित्सकों ने युवक की हालत गंभीर बताकर उसे हर सेंटर रेफर कर दिया।

पड़ोसी देश नेपाल की सीमा सील

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खटीमा- बुधवार को प्रतिनिधि व प्रदेश सभा के चुनाव के मद्देनजर पड़ोसी देश नेपाल की सीमा सील कर दी गई है। साथ ही सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। चुनाव के मध्येनजर खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों को एलर्ट कर दिया गया है।

पड़ोसी देश नेपाल में प्रतिनिधि सभा एवं प्रदेश सभा के दूसरे चरण में बुधवार को नेपाल के कंचनपर, महेंद्रनगर, बाबाथान, चांदनी क्षेत्रों में मतदान होना है। जिसके बाद सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर खासी चौकसी बरती जा रही है। सीमा पर तैनात एसएसबी जवान सीमा पर आने-जाने वाले नागरिकों की सघनता से चेकिंग कर रहे है। सीमा से लगे जंगलों में भी गश्त बढ़ा दी गई है। इतना ही नहीं खुफिया एजेंसियां चप्पे-चप्पे की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

त्रिवेणी को मैली कर रही उत्तराखण्ड की नदियां

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उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जनपद कि नदियां कर रही है युपी की त्रीवेणी को मेली, जिसके लिए युपी सरकार ने उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस जारी कर इसके लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को लखनऊ तलब किया है।

कल युपी के सचिवों के साथ बैठ कर आने वाले माघ मेले के मध्येनजर नदियों को स्वच्छ रखने पर रणनीति बनाकर मसोदा तैयार करेंगे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि इलाहाबाद त्रीवेणी मे होने वाले माघ मेले के मध्येनजर उत्तराखण्ड की नदियों को स्वच्छ रखने के लिए अधिकारियों की बैठक लखनऊ मे रखी गयी है, जिसमें त्रीवेणी को स्वच्छ रखने में उत्तराखण्ड सरकार से सहयोग मांगा गया है, जिसके लिए अधिकारियों ने पहले ही इन नदियों में दूषित पानी छोडने वाले उघोगों को नोटिस जारी कर दिया है, जिससे मेले के दौरान गंगा को शुद्ध रखा जा सके।

नोटबंदी के बाद बढ़ा डिजिटल लेनदेन

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देहरादून, कैशलेश अर्थ व्यवस्था लोगों के लिए लगातार मददगार साबित हो रही है। धीरे-धीरे समाज कैशलेश इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। यह कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का। मंगलवार को उन्होंने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं का सुपरिणाम दिखने लगे हैं।

भट्ट के अनुसार, अगस्त 2016 में 87 करोड़ का डिजिटल लेनदेन हुआ था। अगस्त 2017 में यह संख्या बढक़र 138 करोड़ हो गई।यानि 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पीओएस मशीनों की संख्या अक्तूबर 2016 में 15.11 लाख की तुलना में अगस्त 2017 में 28.82 लाख हो गई। ये आंकड़े चौंकने वाले हैं। पीओएस मशीनों पर डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन की संख्या अगस्त 2016 में 13.054 करोड़ से बढ़कर अगस्त में 26.55 करोड़ हो गई। इन मशीनों पर डेबिट कार्ड के द्वारा अगस्त 2016 में 18.370 करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए थे, जबकि अगस्त 2017 में 35.413 करोड़ हो गए।

प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का मानना है कि कैशलेश अर्थव्यवस्था की ओर हम लगातार बढ़ रहे हैं। अगस्त 2016 में मोबाइल वॉलेट के द्वारा 7.07 करोड़ का लेनदेन हुआ, अगस्त 2017 में यह बढ़कर 22.58 करोड़ हो गया। इस व्यवस्था से जनसामान्य को अच्छा लाभ मिला है। इसका प्रमाण यह भी है कि रियल स्टेट की कीमतों में भारी कमी आई है।