Page 295

नरेन्द्रनगर में ताछला-नौर-मलास मोटर मार्ग निमार्ण कार्य ग्रामीणों ने रोका

ऋषिकेश – नरेन्द्रनगर में ताछला-नौर-मलास मोटर मार्ग निमार्ण कार्य विश्व बैक खण्ड़ नई टिहरी के अधिकारियों के लापरवाही के कारण लगातार विवादों में आ रहा है, ग्रामीणों ने आज निर्माणाधीन मोटर मार्ग में काम रूकवा दिया, और मोटर मार्ग पर कई घटों तक धरना दिया, ग्रामीण आज सुबह से ही ऋषिकेश-टिहरी हाई-वे जाम करने भारी संख्या में पहुचे थे जिसे लेकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था लेकिन कृर्षि मंत्री सुबोध उनियाल के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने हाई-वे का जाम स्थगित कर दिया, ग्रामीणों का आरोप है कि विश्व बैक खण्ड़ नई टिहरी द्वारा ताछला-नौर-मलास मोटर मार्ग निमार्ण कार्य की जद में आए उनके खेतों घरो का मुआवजा नही दिया जा रहा है, वही ग्रामसभा की कई रास्ते, पेजयल लाईने और पुस्ते भी सड़क निर्माण के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, लेकिन विश्व बैक खण्ड़ नई टिहरी के अधिकारीयों ने पहले तो ग्रामीणों को झूठे आश्वासन दिया और अब ग्रामीण और ग्रामसभा को किसी भी प्रकार के मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है।

 

अब घर-घर कूड़े को एकत्र करेगा ई-रिक्शा

0

चम्पावत। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश तिवारी ने बुधवार को बाजार और वार्डों में ई-रिक्शे का ट्रायल लिया। अब नगर पालिका कर्मचारी ई-रिक्शे को घर-घर ले जाकर जैविक और अजैविक कूड़े को एकत्र करेंगे।

नगर पालिका चम्पावत का कूड़ा कलेक्शन करने के लिए ई-रिक्शा पहुंच गया है। नगर में जगह-जगह फैले कूड़े के निस्तारण के लिए अब ई-रिक्शे का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए नगर पालिका ने एक माह पहले प्लान तैयार कर लिया था। चम्पावत नगर पालिका ने पांच ई-रिक्शों की डिमांड की गई है,जो रुद्रपुर में तैयार किए जा रहे हैं। इसमें से एक ई-रिक्शा बुधवार को पहुंच गया है। यह रिक्शा हर रोज सुबह घर-घर जाकर जैविक और अजैविक कूड़े को एकत्रित कर नियत जगह पर डंप करेगा।
नगर पालिका के पास अब तक टिंपर और पिकअप ही कूड़ा ढोने का एक साधन था। वार्डों में सड़कें सकरी होने से वाहन गली-मोहल्लों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इसके चलते लोग मजबूरन कूड़े को नालियों में ही फैला रहे थे। नगर पालिका का ई-रिक्शा पहुंचने के बाद वार्डों में निवास कर रहे लोगों को जगह-जगह फैले कूड़े से राहत मिल जाएगी।
नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि पांच ई- रिक्शे की डिमांड भेजी गई है। ट्रायल के लिए एक ई-रिक्शा पहुंच गया है। ई-रिक्शे को वार्डों में भेजकर कूड़ा निस्तारण किया जाएगा। बताया कि रोस्टर के माध्यम से वार्डों में ई-रिक्शे को भेजा जाएगा। पालिका की इस पहल से लोगों में खुशी का माहौल है।

पुलिस कर्मियों के लिए लाईब्रेरी

0

रुद्रपुर- पुलिस उपमहानिरीक्षक पूरन सिंह रावत ने पुलिस लाइन में निर्मित पुस्तकालय भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने इस पुस्तकालय में मौजूद पुस्तकों को भी देखा। श्री रावत ने पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों के लिए बनाई गई लाइब्रेरी का फीता काट कर उद्घाटन किया। यह लाइब्रेरी महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा एवं बजाज के सहयोग से बनाई गई है।

इसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। डीआईजी ने उद्घाटन के बाद उसमें रखी पुस्तकों को देखा। डीआईजी ने कहा कि पुलिस कर्मचारी इन पुस्तकों का अध्ययन करके प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकते हैं। साथ ही अपना ज्ञान वर्धन कर सकते हैं। कहा कि फैक्ट्रियों का सहयोग पुलिस कर्मियों का बौद्धिक विकास में सहायक साबित होगा। डीआईजी पूरन सिंह रावत ने बारावफात के मौके पर हुए हंगामे पर कहा कि स्थानीय अभिसूचना विभाग की रिपोर्ट को क्यों नजरअंदाज किया गया, इसकी वह जांच कराएंगे। कहा कि जांच के बाद वह कार्रवाई कराएंगे।

‘दंगल’ को मिला बेस्ट एशियन फिल्म का अवार्ड

0

सातवें आस्ट्रेलियन अकादमी आफ सिनेमा एण्ड टेलीविजन आर्ट्स (आक्टा) ने हिन्दी फिल्म दंगल को बेस्ट एशियन फिल्म के अवार्ड से नवाजा है। यह अवार्ड आस्ट्रेलियन अकादमी आफ सिनेमा एण्ड टेलीविजन आर्ट्स (आक्टा) के जूरी अध्यक्ष रसल क्रो द्वारा दिया गया।

‘दंगल’ को बेस्ट एसियन फिल्म का अवार्ड मिलने की खुशी व्यक्त करते हुए दिग्गज कलाकार शबाना आजमी और अनुपम खेर ने ट्वीट कर आमिर खान और उनकी पूरी टीम को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि 2016 में आई सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ शौकिया कुश्ती खिलाड़ी महावीर सिंह फोगाट के वास्तविक जीवन पर आधारित थी। जो अपनी अपनी बेटियों गीता और बबीता को विश्व स्तरीय महिला कुश्ती खिलाड़ी बनाना चाहता था।

कनाडा उच्चायोग में दक्षिण भारत की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर पर बनी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

0

दिल्ली में स्थित कनाडा उच्चायोग भारत में बालिका एवं महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने अनोखे अभियान के पूरा होने का जश्न मना रहा है। इस क्रम में कनाडा उच्चायोग भारतीय महिला पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘ड्रॉइविंग विद सेल्वी’ का प्रदर्शन करेगा। इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कनाडा उच्चायोग ने 25 दिवसीय बस यात्रा का आयोजन किया था।

‘ड्रॉइविंग विद सेल्वी’ एक पूर्व बाल दुल्हन और घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार भारतीय लड़की सेल्वी पर आधारित वृत्तचित्र है, जिसे कनाडाई फिल्म निर्माता एलिसा पालोस्ची ने बनाया है। सेल्वी दक्षिण भारत की पहली महिला ट्रैक्सी ड्राइवर बनती है। इसके लिए एलिसा पालोस्ची ने उस महिला टैक्सी ड्राइवर सेल्वी के 10 साल से अधिक समय तक के काल को निराशा से उम्मीद की यात्रा के रूप में दर्शाया है। इस वृत्तचित्र को 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया है, और एलिसा एवं सेल्वी ने विदेशों में 15 से अधिक शहरों में इस वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया है। सेल्वी का चयन महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘प्रथम अचीवर्स’ पुरस्कार के लिए किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र महोत्सव एम्स्टर्डम, मुंबई फिल्म महोत्सव और न्यूजीलैंड फिल्म समारोह में इसका प्रदर्शन किया जा चुका है। इस वृत्तचित्र का प्रसारण नीदरलैंड, जॉर्डन, पेरू, केन्या और यूएसए सहित कई देशों में किया जा चुका है।

2004 में, सेल्वी लड़कियों के लिए बनाए आश्रय से भाग निकलती है। अठारह साल की उम्र में उसकी जबरदस्ती शादी कर दी जाती है। लेकिन सेल्वी की शादीशुदा जिंदगी घरेलू हिंसा से भरपूर होती है। एक दिन, निराशा में, वह भागने का चुनाव करती है और दक्षिण भारत की पहली महिला टैक्सी चालक बन जाती है। इसके साथ ही सेल्वी घरेलू हिंसा वाली बालिका वधू से एक सशक्त कामकाजी महिला के रूप में बदल जाती है। इस तरह यह एक आकर्षक, मजबूत और पूरी तरह से साहसी युवा महिला की यात्रा है, जो एक नया जीवन बनाने के लिए अनुभव किए गए दर्द से आगे बढ़ रही है।

यह फिल्म वर्तमान में 25-दिवसीय बस-यात्रा पर है जिसमें महिला सशक्तिकरण पर एक सामाजिक प्रभाव अभियान के भाग के रूप में भारत के उत्तरी और दक्षिण भाग को कवर किया गया है। यह अभियान एलीसा और सेल्वी द्वारा संचालित है और कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों द्वारा समर्थित है।

मानसिक रुप से कमजोर गुमशुदा व्यक्ति का शव खेत मे पड़ा मिला

0

थाना पटेलनगर को सूचना मिली कि कारबारी गाँव मे एक व्यक्ति का शव खेत मे पड़ा है। सूचना पर चौकी नयागांव से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुँचा। मौके पर जाकर जानकारी करने पर शव की शिनाख्त गुमशुदा सन्दीप सिंह रावत, कारबारी, थाना पटेलनगर, उम्र 31 वर्ष, के रूप मे हुई।

मृतक /गुमशुदा की दिनांक 31/11/17 को थाना पटेल नगर पर गुमशुदगी दर्ज है। मृतक मानसिक रुप से कमजोर था तथा विगत 8/9 वर्षों से इधर-उधर घूमता रहता था। मृतक का शव औंधे मुंह खेत मे लगे आम के पेड़ की ठोस मेढ़ पर पडा था। मृतक के शरीर पर कोई खुली चोट नहीं पाई गई तथा मृतक की दाहिनी आंख चिड़िया आदि ने खा दी  तथा शरीर पर कीड़े पड़े हुए है।

शव करीब पांच-छह दिन पुराना लग रहा है। प्रथमदृष्टया प्रतीत होता है कि मृतक शौच आदि के लिए खेत में गया एवं ठोकर लगने से पेड़ की ठोस मेढ़ में गिर गया और उसकी मृत्यु हो गयी। मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया है। बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

ट्रेफिक मोबाइल दस्ता हल करेगा देहरादून के ट्रेफिक जाम

0

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के आदेशानुसार व पुलिस अधीक्षक यातायात के निर्देशन में एक टीम (ट्रेफिक मोबाइल दस्ता) तैयार की गई है, जिसमें 1 हे.कानि व 8 आरक्षी शामिल किये गये हैं। टीम को ट्रैफिक हैगार्ड व ट्रेफिक जाम से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

टीम उपकरणों व हैन्डसेट के मय वाहन के रहेगी।  कन्ट्रोल रूम से ट्रेफिक जाम की सूचना पर तत्काल वहां पहुंचकर स्थिती को सामान्य करेगी, उक्त मोबाइल पार्टी का केन्द्र बिन्दु घंटाघर रहेगा।

एडीबी विंग की लापरवाही का हर्जाना भुगत रही जनता

0

(देहरादून) एडीबी विंग की लापरवाही का हर्जाना जनता को भुगतना पड़ रहा है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर एडीबी विंग की ओर से किए जा रहे हवा-हवाई कार्यों से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य ही रुकवा दिया।

आगामी 23 जनवरी को एडीबी विंग का राज्य सरकार से अनुबंध समाप्त हो रहा है, जिसके चलते एडीबी अधिकारी जल्दवाजी कर इस अवधि से पहले सभी कार्य को रफा-दफा करने में लगे हुए हैं। इसके लिए जब एडीबी विंग मोहिनीगंज में लाइन डालने पहुंचे तो लोंगो ने उनका विरोध कर कर्मचारियों को भगा दिया। लोगों का आरोप है कि दो साल पहले एडीबी विंग ने पानी की लाइन डाली थी। लेकिन अभी तक इस लाइन से लोगों को कनेक्शन नहीं दिए गए। इतना ही नहीं, लाइन डालते वक्त एडीबी ने पुरानी लाइन तो क्षतिग्रस्त कर दी, सीवर लाइन के चेंबर तोड़ दिए और सड़कों को खुदी हुई छोड़ दी। इससे तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा।

इस संबंध में एडीबी विंग के अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब एडीबी विंग के ऊपर से भरोसा उठ गया है स्थानीय लोंगो का। उनका कहना है कि अब वह क्षेत्र में एडीबी विंग को कोई भी काम नहीं करने देंगे। पूर्व पार्षद राजकुमार का कहना है कि जब तक एडीबी विंग पूर्व में किए गए कार्योंं को पूरा नहीं करते, तब तक यहां नई लाइन बिछाने का कार्य शुरु नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एडीबी विंग ने काम किया था तो उस समय पानी की पुरानी पाइप लाइन, सीवर के चेंबर तोड़कर छोड़ दिए थे। साथ ही सड़क की भी सालभर तक कोई सुध नहीं ली। अब तक वह लाइन चालू नहीं हुई है।

विधिक राय को दरकिनार कर काम कर रही अफसरशाहीः शिवानंद

0

(हरिद्वार)उत्तराखंड में बेलगाम अफसरशाही का यह आलम है कि वह अपने ही विभाग की न्यायिक सलाह को दरकिनार करते हुए काम कर रहे हैं। इसका ताजा मामला हरिद्वार में देखने को मिला। आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ कि टीएसआर के अधिकारी अपने विभाग की कानूनी सलाह को दरकिनार करते हुए काम कर रहे हैं। मामला खनन से जुड़ा है।
दरअसल औद्योगिक विभाग ने अपने विभाग की विधिक राय के इतर हरिद्वार में स्टोन क्रेसर खोले जाने की बात सामने आ रही है। अपनी मांगों को लेकर पिछले 38 दिन से अनशन कर रहे मातृ सदन के आत्मबोधानंद के गुरु स्वामी शिवानन्द सरस्वती ने आरटीआई में मांगे गये जवाब के आधार पर इस बात का खुलासा किया हैं। बुधवार को मातृसदन में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उनके द्वारा औद्योगिक विभाग एवम् सरकार के विधिक सलाहकार विभाग को आरटीआई के माध्यम से पूछा था कि आपके द्वारा खनन व स्टोन क्रेसर खोले जाने को लेकर क्या विधि राय दी गयी थी। जिसका जवाब देते हुए दोनों विभाग द्वारा भेजे गये पत्रों के आधार पर स्वामी शिवानन्द ने बताया कि उत्तराखंड में बेलगाम अफसरशाही का यह आलम, औद्योगिक विभाग द्वारा न्याय विभाग से राय मांगी गयी थी कि खनन खोले जाने को लेकर न्याय विभाग की राय क्या है। जिस पर उत्तराखण्ड सरकार के न्याय विभाग ने साफ लब्जों में लिखा है कि चूंकि खनन का मामला एनजीटी, सीपीसीबी और हाईकोर्ट में चल रहा है इसीलिए सरकार को उचित फोरम पर जा कर ही उक्त मामले में कोई निर्णय लेना उचित होगा। मातृ सदन ने इस संबध में एडवोकेट जनरल और औद्योगिक विभाग से पत्र लिखकर जवाब मांगा हैं।
मातृ सदन के परामाध्यक्ष स्वामी शिवानंद का कहना है कि मातृ सदन में अपनी मांगों को लेकर तपस्या कर रहे आत्मबोधानंद की हत्या का षडयंत्र किया जा रहा है। उन्हांेने बताया कि शनिवार को आये एसडीएम ने देहरादून से डॉक्टर आने की बात कही थी लेकिन नहीं आया।
शिवानंद ने बताया कि दरअसल गंगा पुत्र निगमानंद की मौत को लेकर जांच में कई बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। इसलिए इस तरह का षड़यत्रं करके मातृ सदन को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

नियुक्ति को बनाई समितियों में बाहरी दखल से धांधली की आशंका

0

(देहरादून) उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अनियमितताओं और गड़बड़ियों पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रही है। विवि में कक्षाओं में फैकल्टी नहीं, कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के लिए संसाधनों की कमी को लेकर तो पहले ही हंगामा जारी है। वहीं अब एक बार फिर नियुक्तियों में धांधली का ‘जिन’ बाहर आ गया है।
मामला विवि में चल रही नियुक्तियों के लिए बनाई गई समितियों को लेकर है। आरोप है कि संबंधित समितियों में चल रहे गोपनीय कार्यों में सदस्यों के अलावा बाहरी लोगों को भी दखल है। खास बात यह कि मामले में यह आरोप खुद विवि के उपकलसचिव ने लगाए है। उपकुलसचिव डा. राजेश अधना ने इसे लेकर लिखित शिकायत कर समितियों को भंग किए जाने की भी मांग की है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर, देहरादून, ऋषिकुल, गुरुकुल परिसर हरिद्वार में भर्ती की प्रक्रिया लटकती आ रही थी। कभी चुनाव के चलते प्रक्रिया पर रोक लगी तो कभी कुलाधिपति ने नियुक्तियों को लेकर सवाल खड़े कर किए, जिस कारण प्रक्रिया को रोक दिया। अब यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर नियुक्तियों के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने शैक्षिक, तकनीकी व नर्सिंग संवर्ग सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की है। इसके तहत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती होनी है। इन्हीं पदों पर नियुक्ति के लिए विवि द्वारा विभिन्न समितियों का गठन किया गया था। समितियों के सदस्यों का भी चयन कर नियुक्तियों के लिए संबंधित गोपनीय कार्य भी संपादित किए जा रहे है। लेकिन अब इन गोपनीय कार्यों में बाहरी लोगों के दखल की बात सामने आई है। विवि द्वारा गठित समितियों पर खुद विवि के उपकुलसचिव डा. राजेश कुमार अधना ने आरोप लगाया है कि संबंधित समितियों के सदस्यों के अतिरिक्त कुछ बाहरी व्यक्तियों को गोपनीय कार्य मे शामिल होते देखा जा रहा है। दरअसल, आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने टीचिंग व नान टीचिंग के लिए आवेदन मांगे थे। आज कल फार्म की स्क्रूटनी चल रही है। जिसके लिए समितियां बनाई गई। समिति के नामित सदस्य अनुपस्थित और गैर सदस्य इस काम को कर रहे हैं। उप कुलसचिव ने स्क्रूटनी रोककर समितियां भंग करने की कुलपति से मांग की है।
मामले में सूत्रों की मानें तो कई पात्र आवेदकों के आवेदन में से डॉक्युमेंट गायब कर दिए जाने का अंदेशा भी लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं कुछ आवेदकों के फार्म में जानबूझकर स्याही गिरा दिए जाने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि इन आरोपों को लेकर कोई पुष्टि नहीं है। लेकिन समितियों में बाहरी लोगों के दखल को लेकी खुद उपकुलसचिव द्वारा विवि कुलपति को भेजा गया पत्र इसकी कहीं न कहीं पुष्टि जरूर करता है। मामले में कुलसचिव डा. अनूप कुमार गक्खड़ ने कहा कि समितियों में गोपनीय कार्यों में बाहरी दखल की बात अभी पुष्ट नहीं है। मामले में गंभीरता से जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जहां तक समितियां भंग करने का मामला है तो कुलपति के अनुमोदन से समितियां बनाई गई थी वहीं इन्हें भंग करने का अधिकार रखते हैं।