डाक्टरों की कुर्सी की जंग
सर्च अभियान में लापता हेमकुंड यात्रियों का मिला सामान
गोपेश्वर, शुक्रवार को सर्च अभियान के दौरान मारवाड़ी से हेलंग बाईपास के समीप एक जैकेट मिला है, उसमें कुछ सामग्री मिली है, उसके अनुसार यह जैकेट हरपाल सिंह पुत्र चरण सिंह की है। हेमकुंड की यात्रा से लौटे इनोवा कार में आठ लोग सवार थे, जो टंया पुल के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके लिए सर्च अभियान चलाया गया लेकिन कुछ दिनों बाद रोक दिया गया था।
बीते मई माह में जोशीमठ-गोविंदघाट हाईवे पर टंया पुल के पास इनोवा कार के दुर्घटना ग्रस्त होने से जिन आठ सिख तीर्थ यात्रियों के लापता होने की खबर ने सनसनी मची थी, उनमें दो अप्रवासीय भारतीय सिख भी थे। जब अमेरिका दूतावास से खोजबीन के लिए दबाव पड़ा तो पीएसी के गोताखोर, एसडीआरएफ व चमोली पुलिस ने सर्च अभियान फिर तेज किया।
सर्च अभियान के दौरान अलकनंदा नदी के किनारे एक जैकेट मिली। पुलिस कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जैकेट की जेब से आधार कार्ड मिला है, जो संभवतया गुमशुदा हरपाल का है। साथ ही रूमाल, कंघा और रिस्टबैंड भी मिला। आधार कार्ड के आधार पर जानकारी परिजनों को भेजी दी गई है।
खनन में चल रहा रिश्वत का खेल
हरिद्वार, हरिद्वार प्रशासन ने अवैध खनन की रोकथाम के लिए भले ही सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हों तथा पुलिस प्रशासन द्वारा छापामार कार्रवाई भी की जा रही हो, किन्तु अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन का खेल जारी है।
खनन की अनुमति मिलने के बाद आलम यह है कि हर कोई खनन के खेल में खोया हुआ है। इस खेल में अधिकारी हों या पुलिसकर्मी सभी संलिप्त हैं। अधिकारी इस कदर मस्त हैं कि खुलेआम खनन कराने के एवज में पैसे की मांग कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वन विभाग के एक अधिकारी खनन कराने के नाम पर न केवल खनन करने वालों से पैसे ले रहे हैं। बल्कि वे इसके लिए बची हुई रकम को भी जल्द देने पर जोर डाल रहे हैं।
करीब तीन मिनट 46 सेकेंड के इस वीडियो में वन अधिकारी खनन के एवज में पैसे की मांग करते हए देखा जा सकता है। वीडियो में टेबल पर पैसे रखे हुए हैं और यह अधिकारी बाकी पैसों को जल्द देने की बात कर रहा है। यह वीडियो हरिद्वार के भोगपुर क्षेत्र का बताया जा रहा है, जिसमें जानकारी के अनुसार बीस हजार रुपये में खनन किए जाने की बात हुई। पहले दस हजार और उसके बाद बाकि के दस हजार रुपये देने की बात तय हुई।
भोगपुर में वन चौकी प्रभारी अजय कुमार ध्यानी के इस वीडियो में वे पुलिस और अन्य किसी से डर न होने की बात कर रहे हैं। वीडियो में साफ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्हें पुलिस से कोई डर नहीं है, डर है तो केवल अपने अधिकारी का। इस वीडियो के आने के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि खनन को लेकर अधिकारियों का रवैया किस तरह का होता है। इस वीडियो में दिख रहे अधिकारी पर किसी तरह की कार्रवाई होगी इस पर भी संदेह है।
हेमा मालिनी ने ट्विटर पर पति धर्मेन्द्र को जन्मदिन की दी बधाई
अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनी ने ट्विटर पर पति धर्मेन्द्र के 82 वें जन्मदिन पर उनके साथ की एक पुरानी फोटो को साझा करते हुए लिखा है कि धरमजी के जन्मदिन पर, मैं उनकी खुशी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हूं। भगवान उन पर हमेशा प्यार और आशीर्वाद बनाए रखे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रकाशित हुई जीवनी ‘बियॉन्ड दा ड्रीम गर्ल’ में हेमा मालिनी ने दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र सिंह के साथ अपने रिश्ते के बारे में खुलासा करते हुए लिखा है, ‘सच तो यह कि मुझे नहीं पता था कि मैं क्या चाहती थी। मुझे पता था कि मैं उनकी (धर्मेंद्र) ओर आकर्षित हूं, लेकिन इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं था। शुरुआत में हम सिर्फ अच्छे दोस्त थे| मुझे उनकी कंपनी पसंद थी, जिसका मैने आनंद लिया। मैंने ढेर सारी फ़िल्में उनके साथ की … एक समय था जब हम एक साथ न सिर्फ दिन या हफ्तों के लिए, बल्कि महीनों भर शूटिंग करते थे। जिसके कारण, यह हर समय एक-दूसरे के साथ रहने की आदत बन गई … समय बीतने के बाद मैं उनके लिए क्या महसूस करती हूं| यह वर्णन कर पाना मुश्किल हो गया। ईमानदारी से कहूं तो मैं कभी उनसे शादी करने का नहीं सोचती थी| इसमें एक मात्र तर्क यह था कि मैं जान-बूझकर प्रेम में नहीं पड़ना चाहती थी। यह अजीब होगा, लेकिन मैं हमेशा यह सोचती थी मैं जब भी शादी करुंगी तो उनके जैसे किसी लड़के से ही। मैंने कभी उनके बारे में नहीं सोचा था। हालांकि, यह भाग्य और नियति थी।’
हेमा मालिनी ने अपना फिल्मी करियर 1968 में राजकपूर के साथ सपनों के सौदागर से की। हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के फिल्मी करियर में शोले (1975), सीता और गीता(1972), बागवान (2003), अंधा कानून(1983), सत्ते पे सत्ता (1982) जैसी कई हिट फिल्में दी। हेमा मालिनी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मथुरा से लोकसभा सांसद हैं|
सुपरहिट फिल्म ‘चालबाज’ को हुए 26 साल
फिल्म ‘चालबाज’ को आज 26 साल हो गए हैं। 8 दिसम्बर 1989 को आई इस फिल्म का निर्देशन पंकज पराशर ने किया था। इस फिल्म के मुख्य कलाकार रजनीकान्त, सनी देवल और श्री देवी के अलावा अनुपम खेर, शक्ति कपूर, जॉनी लीवर, रोहनी हट्टगड़ी, अनु कपूर, कादर खान, जैसे अन्य कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा थे। इसका सुपरहिट गाना ‘न जाने कहां से आई है’ आज भी लोगों की जुबान पर है। इस फिल्म के हास्य संवाद जिसमें शक्ति कपूर कहते हैं ‘मैं एक नन्हा-सा प्यारा-सा छोटा-सा बच्चा हूं’, रजनीकान्त का डायलॉग ‘आज सन्डे है, तो दिन में दारु पीने का दिन है’ आज भी लोगों के जुबान पर हैं।
चालबाज में श्री देवी का डबल रोल होता है। इस फिल्म की कहानी अंजू-मंजू दो बिछड़ी हमशक्ल बहनों की है जिसमें अंजू शहर की तेज तर्रार लड़की होती है जबकि मंजू सीधी-सादी और अपने चाचा-चाची द्वारा सताई हुई लड़की होती है। फिल्म ‘चालबाज’ 1972 में आई फिल्म ‘सीता-गीता’ का रिमेक थी जिसमें हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र कुमार और संजीव कुमार मुख्य भूमिका में थे।
उल्लेखनीय है कि निर्देशक डेविड धवन फिल्म ‘चालबाज’ का रिमेक बनाने वाले हैं जिसमें आलिया भट्ट श्री देवी वाले लीड रोल में नज़र आएंगी।
भाजपा ने किया विरोध, कांग्रेस ने कहा औचित्यहीन
काशीपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंणीशंकर अय्यर द्वारा की गयी टिप्पणी पर भाजपाइयों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए महाराणा प्रताप चौराहे पर कांग्रेसी नेता का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की।
भले ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेसी नेता द्वारा की गयी टिप्पणी पर भाजपाईयों को किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने का संदेश दिया हो मगर भाजपाई है कि विरोध करने की आदत जाती नहीं है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान के बाद कि कार्यकर्ता कोई टिप्पणी ना करें और मर्यादा में रहे, के बावजूद विरोध करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं ने काशीपुर में जोरदार प्रदर्शन किया और कांग्रेसी नेता मणीशंकर अय्यर कि टिप्पणी पर माफी मांगने की बात कहीं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस नेता ने न केवल प्रधानमंत्री बल्कि देश की 125 करोड़ जनता को गाली दी है। जिसे जनता माफ नहीं करेगी।
कांग्रेस ने दी अपनी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता खुद को संगठन और सरकार से उपर समझ रहे हैं यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कार्यकर्ताओं को हिदायद देने के बावजूद कार्यकर्ता अपने मन से काम कर रहे हैं, उन्होने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में तत्काल ही मणीशंकर अय्यर को निस्काशित कर दिया था, जिसके बाद विरोध का कोई औचित्य नहीं बनता है।
एडमिशन को लेकर तीसरे दिन भी दिया धरना
ऋषिकेश। ओमकारानंद स्कूल के बाहर पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे अभिभावकों का एडमिशन को लेकर धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। धरने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।
शुक्रवार को स्कूल प्रशासन प्रदर्शनकारियों को उठाने के लिए पुलिस को बुलाया लेकिन बात नहीं बनी। मौके पर पहुंचे कैलाश गेट चौकी प्रभारी द्वारा प्रदर्शनकारियों से नारेबाजी न करने बात कहने पर माहौल गरमा गया और आधे घंटे तक हो हल्ला होता रहा। अखिल भारतीय विधार्थी परिषद स्वर्गाश्रम मंडल सहित विभिन्न संगठन द्वारा भी धरने को समर्थन दिया गया।
खैर के पेड़ काटते पांच गिरफ्तार
हरिद्वार। हरिद्वार के जंगलो में एक बार फिर वन तस्करों द्वारा अवैध रूप से पेड़ों को काटने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना मिलने के बाद वन महकमें के सचल दस्ते ने छापेमारी अभियान चलाकर पांच वन तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके लिए वन विभाीग ने अभियान में डाॅग स्क्वायड मार्शल की मदद ली गई। जिसके चलते तस्करों की गिरफ्तारी की राह आसान हो गई।
वन विभाग ने डाॅग स्क्वायड मार्शल की मदद से वन माफियाओं पर शिकंजा कसने की शुरुआत कर दी है। डाॅग स्क्वायड मार्शल की गश्ती में खैर की लकड़ी के तस्करों को पकड़ने में हरिद्वार वन प्रभाग कामयाब रहा है। घटना हरिद्वार वन प्रभाग के पथरी सर्कल की है। यहां पर वन महकमें को खैर के पेड़ों को काटे जाने की सूचना मिली। सूचना पर वन विभाग की टीम ने खोजबीन करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से बड़ी मात्रा में लकड़ी बरामद की गई।
प्रभागीय वनाधिकारी आकाश कमार वर्मा ने बताया कि ये वन तस्कर पिछले काफी समय से वन प्रभाग के लिए आतंक बने थे। जिन्हें गुप्त सूचना के आधार पर काटे गए खैर के चार पेड़ बरामद किए गए। साथ ही उनके पास से पेड़ काटने वाले औजार भी बरामद किए हैं। हालांकि इनका मुख्य सरगना वन महकमें की गिरफ्त से बाहर है। लेकिन जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को प्रशासन ने जबरन उठाया
हरिद्वार, गंगा में खनन खोले जाने के विरोध में विगत 28 दिनों से अनशन पर बैठे मातृ सदन के स्वामी शिवानंद के शिष्य स्वामी आत्मबोधानंद को प्रशासन ने जबरन उठा लिया। पुलिस ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को देहरादून के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को जबरन उठाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
मातृसदन लम्बे अर्से से गंगा में खनन के खिलाफ आंदोलन करता चला आ रहा है। इसी के चलते ब्रह्मचारी निगमानंद की मृत्यु भी हो गई थी। प्रशासन द्वारा हाल ही गंगा में खोले गए खनन के विरोध में ब्रह्मचारी निगमानंद विगत 38 दिनों से अनशन पर थे। अनशन के कारण उनका स्वास्थय तेजी से गिर रहा था। हालांकि प्रशासन पहले भी मातृसदन वार्ता के लिए गया था। वहीं स्वामी शिवानंद का तर्क था कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के आंकलन के बिना खनन खोल दिया गया है। इस कारण पहले खनन बंद हो तब वार्ता की जाएगी।
एसडीएम मनीष कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मातृसदन पहुंचा और अनशन कर रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को जबरन उठा लिया। प्रशासन ने ब्रह्मचारी निगमानंद को देहरादून के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया दिया। ब्रह्मचारी आत्मबोधानदं को जबरन उठाए जाने पर मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने इस मामले पर कड़ा एतराजल जताते हुए कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चिंता आज किसी को नहीं है। नियमों को ताक पर रखकर खनन की अनुमति दी गई है।
खनन बंदी और गंगा रक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं स्वामी शिवानंद ने जिलाधिकारी दीपक रावत पर अपने अधिकारों की सही जानकारी न होने की बात कही। कहा कि डीएम को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। इसलिए उन्हें दोबारा ट्रेनिेंग दी जानी चाहिए। स्वामी शिवानंद ने ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद पर भी खनन माफियाओं से जुड़े होने का आरोप लगाया।
मुर्दों को जिंदा दिखाने वाला लिपिक गिरफ्तार
जसपुर, फर्जी प्रमाम पत्रों के आधार पर मुर्दों को जिंदा दिखाकर बीमा करने के मामले में पुलिस ने नगर पालिका के जन्म मृत्यु दर लिपिक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मुर्दों के बीमा के मामले में ये चौथी गिरफ्तारी है।
पुलिस ने बताय कि नगर पालिका के लिपिक द्वारा फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाये गये थे, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने कार्यवाही को अंजाम दिया है, आरोपी लिपिक ने गांव में मरे व्यक्ति का बिना जांच किए जसपुर नगर पालिका से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया था। इस मामले में अन्य आरोपियों ने इसी व्यक्ति को मृत्यु के बाद जिंदा दिखाकर बीमा कंपनी से भी लाखों रुपये हड़पे थे। मामला सुर्खुयों में तब आया जब ग्राम नारायणपुर निवासी राम सिंह की मौत तीन वर्ष पूर्व हुई थी।
17 अक्टूबर को पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में पाया था कि राम सिंह की मौत उसके गांव में हुई थी। परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार ग्राम ध्याननगर में किया था, लेकिन जसपुर नगर पालिका में फर्जी तरीके से नाम दर्ज करने तथा गांव के मरे व्यक्ति का नगर में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में पुलिस ने नगर पालिका के जन्म-मृत्यु दर लिपिक राम रतन को रिमांड पर लेकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।