गोपेश्वर। जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी ने फिस रेस के लिए किये जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर जीएमवीएन को स्लोप का कार्य हर हाल में 22 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए। मंगलवार को जिलाधिकारी ने औली में हो रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्किंग स्लोप पर चल रहे निर्माण कार्यों तथा कृत्रिम बर्फ बनाने वाली मशीनों, पंप हाउस, आर्टिफिसियल लेक आदि का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्लोप को सुरक्षित रखने हेतु उचित व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश जीएमवीएन के अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी ने लोनिवि को निर्देश दिए कि जोशीमठ-औली मोटर मार्ग को सही स्थिति में रखने तथा सड़क के गड्ढों को समय से पहले ठीक कर लिया जाए। जीएमवीएन एवं लोनिवि को आवश्यक स्थानों पर सड़क किनारे साइनबोर्ड लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने आर्टिफिसियल लेक में भी नियमित पानी की आपूर्ति रखने को कहा। जिलाधिकारी ने औली में पंप हाउस, मोबाइल स्नोगन, एवरेस्ट स्नोग्रूमर, स्नो ग्रूमर हस्की, स्नोवीटर, स्कीलिफ्ट, पोमा स्की लिफ्ट, चियर लिफ्ट आदि उपकरणों के मरम्मत कार्यों को भी शीघ्र पूरा करने तथा सभी उपकरणों को सही स्थिति में रखने के निर्देश जीएमवीएन के अधिकारियों को दिए।
औली में हो रहे कार्यों का डीएम ने किया निरीक्षण
तीर्थनगरी में प्री-क्रिसमस सेलिब्रेशन कार्यक्रम शुरू
ऋषिकेश। दुनिया भर में मनाए जाने वाले ‘क्रिसमस डे’ त्यौहार को लेकर तैयारियां चल रही हैं। वहीं तीर्थनगरी में अभी से ही क्रिसमस के आयोजनों की धूम शुरू हो गई है।
मंगलवार को ब्रिज आफ हॉप संस्था के तत्वावधान में कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित स्कूल में क्रिसमस के उपलक्ष्य में प्री-क्रिसमस सेलिब्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि समाजसेवी एवं मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्टीय सचिव डॉ. राजे सिंह नेगी, गढ़वाल महासभा के प्रदेश महामंत्री उत्तम सिंह असवाल, संस्था के समन्यवक शेर सिंह रावत ने संयुक्त रूप से केक काटकर किया। इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें गढ़वाली, राजस्थानी, पंजाबी डांस के साथ ही प्रभु जीसस के जन्म पर आधारित नाटक भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति जिंगलवेल पर सभी बच्चे एवं उनके अभिवाहक भी खूब थिरके।
संस्था के समन्वयक शेर सिंह रावत ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित सांय कालीन कक्षाओं में विभिन्न स्कूलों के करीब 104 बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ ही पठन सामग्री, ड्रेस एवं जरूरत की सामान भी दिया जाता है। साथ ही बच्चों द्वारा समय- समय पर कॉलोनी में पर्यावरण संरक्षण जागरुकता अभियान के तहत जनजागरण रैलियां भी आयोजित की जाती रही हैं। इस मौके पर मुख्यातिथि डॉ. राजे नेगी ने संस्था द्वारा किए जा रहे समाजिक कार्यों की सराहना करते हुए सभी लोगों से प्रभु यीशु के बताए गए सदमार्ग पर चलकर मानव कल्याण हेतु अपना योगदान निभाने की बात की। साथ ही सभी को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
तय नियमों के अनुसार होगी आन्दोलनकारियों की पहचान
रुद्रपुर। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण के लिए जिलाधिकारी डाॅ नीरज खैरवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कमेटी ने राज्य आन्दोलनकारी के चिन्हीकरण हेतु आए आवेदकों की बात सुनी गई, जिसके लिए 30 दिसम्बर को एक बैठक प्रस्तावित की गई।
मंगलवार को बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण के लिए जो मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं, उन्हीं मापदण्डों के अनुसार चिन्हीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिन लोगों के अभिलेख पूर्ण न होने के कारण जिनका चिन्हीकरण नहीं किया गया है, वे 29 दिसम्बर से पहले अपने पुष्ट साक्ष्य अपने क्षेत्र के उप जिलाधिकारी को प्रस्तुत करें। प्राप्त साक्ष्यों-अभिलेखों की जांच कर तहसील स्तरीय कमेटी उसकी संस्तुति उपलब्ध कराएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी जगदीश चन्द्र काण्डपाल, उप जिलाधिकारी सितारगंज विनोद कुमार, किच्छा के नरेश चन्द्र दर्गापाल, जसपुर से दयानन्द सरस्वती, खटीमा से विजय नाथ शुक्ल, इंस्पेक्टर एलआईयू सुरजीत सिंह, चन्हीकरण समिति के सदस्य महेश जोशी, सरदारा सिंह, शैलेन्द्र शर्मा, दिगम्बर सती सूरज पाल आदि उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के संचालन पर बनी सहमति
हरिद्वार। उत्तराखंड और यूपी के बीच होने वाला परिवहन करार अब 20 दिसम्बर को होगा। इस विषय पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच दोनों प्रदेशों की परिवहन निगम की बसों को चलाने को लेकर सहमति बन गई है।
बतादें कि परिवहन करार न होने से बस संचालन को लेकर दोनों प्रदेशों में काफी समय से विवाद चला आ रहा है जो कि इस अनुबंध के बाद थम जाएगा। पिछले दो बार से इकरार नामा निरस्त होने के बाद इस बार करार होने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही हैं। वहीं, दोनों राज्यों के बीच 17 सालों के बाद भी बसों के संचालन न होने के चलते उत्तराखंड को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था, जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने इसका संज्ञान लिया और यूपी सरकार से बसों के संचालन को सामझौते के तहत ही चालने को लेकर बात की, इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हामी भरी।
रोडवेज यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों ने खुशी जताते हुए कहा कि इस बार करार होने से कई समस्याएं दूर हो जाएंगी। साथ ही मामला निपटने के बाद उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति भी काफी हद तक मजबूत हो जाएगी। गौरतलब हो कि दोनों राज्यों के बीच परिवहन करार नवम्बर में होना था, लेकिन कुछ कारणों से उसकी तिथि को आगे बढ़ा दिया।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के वीसी ने दिया पद से इस्तीफा
उत्तराखंड के एकमात्र केंद्र विश्वविद्यालय, जे एल कौल, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (एचएनबीजीयू) के कुलपति,ने सोमवार को अपने पद से व्यक्तिगत और नैतिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।
कौल, जो नई दिल्ली में थे, उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने अपना इस्तीफा आगे बढ़ाया था। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाल ही में कौल के कथित प्रशासनिक अनियमितताओं के लिए बर्खास्त करने को मंजूरी दे दी थी। दो अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रमुख, विश्वभारती विश्वविद्यालय के सुशांत दत्तगुप्त और पांडिचेरी विश्वविद्यालय के चन्द्र कृष्णमूर्ति को केंद्रीय सरकार ने खारिज कर दिया है।
औली और जोशीमठ भी हो सकते हैं ऑल वेदर रोड में शामिल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अगुवाई में भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया है कि वे औली जोशीमठ को महत्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड परियोजना में शामिल करें।
बीजेपी के सांसदों ने कहा कि 11,700 करोड़ रुपये की चमोली जिले के औली स्की डेस्टिनेशन और जोशीमठ को परियोजना में शामिल करने से इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली में परिवहन भवन में नितिन गडकरी के साथ महाराज की मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि पहले उन्हें आश्वासन दिया था कि दो जगहों को मुख्य परियोजना का हिस्सा बनाया जाएगा या बेहतर व्यवस्था के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
केदार सिंह रावत, गोपाल रावत, महेंद्र भट्ट, भारती सिंह चौधरी और कुंवर प्रणव सिंह सभी ने नितिन गडकरी के साथ इस विषय पर मुलाकात की।
आपको बतादें कि चमोली में अंतरराष्ट्रीय एफआईएस रेस का आयोजन 15 जनवरी से 21 जनवरी, 2018 में किया जायेगा। इसमें विभिन्न प्रकार की स्कीइंग प्रतियोगिताएं की जायेंगी। इस प्रतियोगिता में पाये अंक के आधार पर ही खिलाड़ी ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करेंगे।
देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए औली के स्लोप का इस्तेमाल किया जाएगा। इस स्लोप के जरिये बर्फ में होने वाले खेलों को किया जा सकता है। बर्फ न होने की स्थिति में मशीन से बर्फ बनायी जाये। औली के स्लोप को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जाये।
देखना यह है कि टूरिज्म मंत्री के नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद औली और जोशीमठ को भी ऑल वेदर रोड में जगह मिलती है या नहीं।
अब नए आयुर्वेद कॉलेजों को नहीं मिलेगी मंजूरी : आयुष मंत्री
देहरादून। प्रदेश के मैदानी इलाकों में अब आयुर्वेद कॉलेजों को मंजूरी नहीं मिलेगा। सरकार अब पहाड़ी इलाकों में कॉलेजों की स्थापना पर फोकस करेगी। आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि देहरादून व हरिद्वार में तमाम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं और अब यहां नए कॉलेजों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। सरकार का ध्यान अब पर्वतीय क्षेत्रों पर है और आने वाले समय में ऐसे क्षेत्रों में ही नए मेडिकल कॉलेजों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह बात आयुष मंत्री ने नेशनल एक्रेडिशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच) की ओर से जन जागरुकता संगोष्ठी में कही।
सोमवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने यह भी कहा कि विश्व और भारत में आयुर्वेद तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले एक-दो वर्षों में आयुर्वेद का कारोबार 500 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड के सबसे पुराने संस्थान ऋषिकुल की खराब हालत से सभी परिचित है। सरकार का ध्यान ऐसे संस्थानों को बेहतर स्थिति में लाना है और इसके लिए तमाम स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि हमारी परंपरा में एलोपैथी से पहले आयुर्वेद आता है। आयुर्वेद को उत्तराखंड में अत्यधिक महत्व भी दिया गया, लेकिन चकाचौंध की दुनिया में एलापैथी का स्थान पहले हो गया है। यही वजह है कि आज आयुर्वेद का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा। हालांकि, राज्य सरकार आयुर्वेद को निरंतर बढ़ावा दे रही है। उम्मीद है कि आने वाले सालों में आयुर्वेद नई ऊंचाई तक पहुंचेगा।
संगोष्ठी में नेशनल एक्रेडिशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल की उप निदेशक डॉ. वंदना सिरोहा ने आयुष चिकित्सालयों को निर्धारित मानकों के तहत संचालित करने की जानकारी दी। उन्होंने खासकर चिकित्सक, चिकित्सा सहायक, आतुर चिकित्सा व्यवस्था, पंचकर्म क्रिया कक्ष व्यवस्था, औषध चिकित्सा व्यवस्था, आत्यामिक चिकित्सा व्यवस्था समेत योग एवं नेचरोपैथी चिकित्सालय व्यवस्था पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम में निदेशक आयुष डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, एनएबीएच के प्रमुख आकलनकर्ता डॉ. अनुराग मित्तल, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज के चेयरमेन डॉ. एके कांबोज, निदेशक सुमित कांबोज, हिमालयी आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एके ओझा आदि उपस्थित रहे।
विज्ञान ड्रामा में भाग लेने के लिए टीम रवाना
(उत्तरकाशी) विज्ञान ड्रामा टीम 20 दिसम्बर को राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र प्रगति मैदान दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करेगी। यह टीम सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
राजकीय इंटर कॉलेज कंवा एटहाली की नौ सदस्यीय टीम सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई। ड्रामा प्रतियोगिता टीम में नीरज बिजल्वाण, संजय, दिवाकर, पूजा, रुची, दीक्षा, रिशिता आदि छात्र-छात्राएं दिल्ली में होने वाले राष्ट्री विज्ञान ड्रामा प्रतियोगिता में शामिल होंगे। दिल्ली रवाना होने से पहले सभी प्रतिभागी मुख्य शिक्षा अधिकारी रमेश आर्य से मिले। आर्य ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जिला विज्ञान समन्वयक दिवाकर पैन्यूली ने भी टीम सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रीय विज्ञान ड्रामा के लिए चयनित सभी प्रतिभागी भरत मंदिर इंटर कॉलेज हाल में ही राज्य स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर राष्ट्रीय स्तर के लिए चुने गए थे। शिक्षक जोशी ने बताया कि इस नाटक के लिए सेट पर कैनवास संजय शाह और उत्तम रावत ने तैयार किया। साथ ही संवेदना समूह के सदस्यों ने भी काफी सहयोग प्रदान किया।
अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश के आसार
(देहरादून) मौसम के मिजाज फिर बदले नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के दौरान हरिद्वार व यूएस नगर में घना कोहरा पड़ने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों- उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। शेष प्रदेश में अभी मौसम सूखा बना रहेगा। सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान करीब 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
निजी विश्वविद्यालयों का शैक्षिक स्तर गिरना चिंतनीय: निशंक
देहरादून, देश में निजी विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक स्तर बेहद खराब है। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सासंद, सरकारी आश्वासन संसदीय समिति के सभापति और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान देश के निजी विश्वविद्यालयों में गिरते शैक्षणिक स्तर पर चिंता प्रकट की। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी मांगी।
सोमवार को प्रश्नकाल के दैरान डॉ निशंक ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों को स्तरीय पाठ्यक्रम बनाने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने यह भी पूछा कि अनुसंधान की उत्कृष्टता के लिए सरकार द्वारा क्या कोई प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न संकायों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगते हुए उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा स्थापित किए जा रहे विश्वविद्यालयों के लिए गुणवत्ता मानक स्थापित करने की मांग की। सवाल के जवाब में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बताया गया कि सरकार देश के विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों की गुणवत्ता का स्तर ऊपर उठाने के लिए प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने यह भी अवगत कराया कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना संबंधित राज्य सरकार के अधिनियम के द्वारा की जाती है और उन्हें संबंधित अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित किया जाता है। तथापि, यूजीसी, विनियम, 2003 के अनुसार, सभी निजी विश्वविद्यालयों में मानकों को पाठ्यचर्या संरचना, विषय-वस्तु, शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया, परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली और छात्रों के प्रवेश के लिए पात्रता मानदण्ड समेत प्रथम डिग्री और स्नात्कोत्तर डिग्री-डिप्लोमा कार्यक्रम से संबंधित सभी प्रासंगिक इन कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने से पूर्व यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयवत निर्धारित प्रारूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने डॉ. निशंक को यह भी बताया कि निजी प्रबंधित संस्थाओं को भी सामान्यतः निजी विश्वविद्यालयों के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है। इन संस्थाओं के लिए ज्ञान के क्षेत्र में विकास के दृष्टिगत यूजीसी विनियम-2016 में प्रत्येक तीन वर्ष में पाठ्यक्रम की समीक्षा का प्रावधान अनिवार्य है। मानव संसाधन मंत्री ने उनको निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति एवं शीर्ष प्रबंधन की नियुक्तियों पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने सरकार द्वारा सुयोग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर जोर दिया। डॉ. निशंक ने कहा कि किसी भी संस्थान का नेतृत्व सक्षम होगा तभी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में हम अपनी श्रेष्ठता साबित कर सकते हैं । उन्होंने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष पदों पर अयोग्य व्यक्त्यिों के नियुक्त होने से शैक्षिक उत्कृष्टता को काफी क्षति पहुंची है।
डॉ. निशंक ने सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी। मंत्रालय ने उनको बताया कि उपरोक्त वर्णित दोनों संस्थाएं यूजीसी (विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक स्टाफ की नियुक्ति सहित सभी प्रकार की नियुक्तियों हेतु न्यूनतम अर्हता और निजी विश्वविद्यालयों में मानकों के अनुरक्षण हेतु अन्य उपाय) विनियमन, 2010 द्वारा शासित है, जिसके तहत संकाय और अन्य कार्मिकों की न्यूनतम अर्हता का अनुपालन करना अपेक्षित है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लोक सभा में नियम 377 के तहत सरकार का ध्यान उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वन्य जंगली जानवरों के द्वारा किसानों की फसलों को हानि पहुंचाने संबंधी मामला भी सरकार संज्ञान में लाई।