देहरादून। प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री भारत सरकार नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से भेंट की।
संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने गुजरात एवं हिमाचल राज्य में उन्हें विजय की बधाई दी और पांच जन्य दक्षणा व्रती शंख भेंट किया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात के दौरान मंत्री सतपाल ने उनका ध्यान आकृष्ट किया कि प्रदेश की 93 बसावटों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से कोर नेटवर्क में संयोजित करना दर्शाया है, जबकि यह 93 बसावटें पीएमजीएसवाई की सड़कों से आच्छादित नहीं हैं तथा धरातल में संयोजित नहीं हैं। उन्होंने कोर नेटवर्क में इस त्रुटि को ठीक करने की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया, ताकि उपरोक्त बसावटों में पीएमजीएसवाई की सड़कों का निर्माण किया जा सके। मामले में केंद्र सरकार की ओर से सकरात्मक कार्रवाई करते हुए समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया गया।
पर्यटन मंत्री ने पीएम मोदी को भेंट किया पांच जन्य दक्षणा व्रती शंख
मौसम में बदलाव के साथ बढ़ी बिजली कटौती
विकासनगर। सर्दियों के बढ़ने के साथ ही जनजातीय क्षेत्र में बिजली कटौती का दौर भी शुरू हो गया है। आए दिन हो रही बिजली कटौती से लोग परेशान हैं।
मंगलवार को दोपहर तीन बजे क्षेत्र की बिजली गुल हो गई। शाम सात बजे तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी। जिसके चलते शाम ढलते ही चकराता छावनी बाजार, त्यूनी और साहिया बाजार के साथ ही आसपास के सैकड़ों गांवों में अंधेरा पसर गया। लोगों में विभाग के प्रति खास आक्रोश दिखा। लोगों का आरोप है कि सर्दियों के शुरू होने के साथ क्षेत्र में बिजली की आंख मिचौली का खेल शुरू हो जाता है। स्थानीय निवासी शमशेर चौहान, अंकित मोहल, राजेश चौहान, सुरेंद्र तोमर आदि का कहना है कि करीब एक माह से क्षेत्र में बिजली कटौती का दौर जारी है। अक्सर सुबह और शाम के समय बिजली कटौती की जाती है। जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होते हैं। लोगों का कहना है कि लाइन सालों पुरानी है। लोड बढ़ने पर अक्सर लाइन ट्रिप कर जाती है। यूपीसीएल के अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने बताया कि 33केवी की लाइन में फाल्ट आया गया है। फाल्ट को ढूंढने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है।
एरा इंफ्रा को केंद्र से मिले 280 करोड़ रुपये, राज्य में रुके प्रॉजेक्टस के लिये जगी उम्मीद
(देहरादून) एरा इंफ्रा को केंद्र से मिले 280 करोड़ रुपये के ‘अभयदान’ के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कंपनी के साथ नया एमओयू साइन करेगी। इस एमओयू के बाद ही कंपनी को यह ग्रांट जारी की जा सकेगी। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और नए साल से चौड़ीकरण का कार्य गति पकड़ने लगेगा।
हरिद्वार से देहरादून के बीच करीब 39 किलोमीटर दूरी को फोरलेन करने का काम इरा इंफ्रा कंपनी ने नवंबर 2011 में शुरू किया था। यह कार्य कंपनी को बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर/बनाना, चलाना और हस्तांतरण) मोड में आवंटित किया गया था। यानी कि कंपनी को अपने खर्चे पर चौड़ीकरण कार्य करना था और 20 साल की अवधि तक इसका संचालन, रखरखाव भी करना था। इसकी एवज में राजमार्ग पर टोल टैक्स के जरिये होने वाली आमदनी कंपनी को मिलनी थी। चौड़ीकरण का काम अक्टूबर 2013 तक पूरा किया जाना था, जबकि इसके बाद सितम्बर 2016 व दिसम्बर 2017 की संशोधित डेडलाइन मिलने के बाद भी कार्य की प्रगति 53 फीसद से आगे नहीं बढ़ पाई। जबकि परियोजना की लागत 1020 करोड़ की जगह अब 1400 करोड़ को पार कर गई है। इसके लिए कंपनी ने विभिन्न बैंकों से 736 करोड़ रुपये का ऋण लिया था और यह राशि भी ब्याज समेत 800 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इसी वित्तीय संकट के कारण इरा इंफ्रा ने चौड़ीकरण कार्य से हाथ खड़े करते हुए सरकार से 280 करोड़ रुपये की मदद मांगी थी। जबकि केंद्र सरकार निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी कर चुकी थी। हालांकि कंपनी को ऋण देने वाले बैंकों ने सरकार से ऐसा न करने का आग्रह किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे कर्ज डूब जाएगा। हाल ही में केंद्र ने भी तमाम स्तर पर मंथन करने के बाद कंपनी के लिए 280 करोड़ रुपये की ग्रांट स्वीकार कर दी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पीएस गुसाईं के अनुसार इस राशि को कंपनी को देने के लिए दिसम्बर माह के अंत तक एमओयू साइन कर लिया जाएगा। एमओयू कंपनी को ऋण देने के वाले बैंक ऑफ इंडिया व अन्य बैंकों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में साइन किया जाएगा। इसी के अनुरूप कंपनी को अधूरा काम पूरा करने के लिए एक वर्ष की अवधि की नई डेडलाइन जारी की जाएगी।
चौड़ीकरण कार्य पर एक नजर
कार्य : हरिद्वार-दून राजमार्ग का चौड़ीकरण
लंबाई: 39.025 किमी
चौड़ीकरण के बाद लंबाई: 36.52 किमी
कार्य शुरू: नवम्बर 2011
कार्य समाप्ति की अवधि: अक्टूबर 2013
समय विस्तार: सितम्बर 2016
नई डेडलाइन: दिसम्बर 2017
कार्य प्रगति: 53 फीसद
गजब : बिजली कनेक्शन व मीटर लगे बिना बन रहे बिल
देहरादून, ऊर्जा निगम के कारनामे एक से बढ़कर एक है। कनेक्शन दिया नहीं, मीटर लगा नहीं और बिल जेनरेट हो गया। यह देख उपभोक्ता हैरान हुआ, क्योंकि साल भर पहले आवेदन करने के बाद भी कनेक्शन नहीं लगा तो बिल कैसे आया। जेई, एसडीओ तक खूब चक्कर काटे। फिर, विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में शिकायत दर्ज कराई तो सुनवाई में पता चला कि विभाग स्तर से मीटर जारी तो हुआ, पर लगाया नहीं गया। मंच के निर्देश पर मीटर लगा और विभाग को आदेश दिए कि मीटर लगने से पूर्व का बिल निरस्त किए गए।
विनोद विहार कॉलोनी ऋषिकेश निवासी सिद्धार्थ मैठाणी ने जून, 2016 में घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदन किया था और इस्टीमेट के अनुसार 1400 रुपये की धनराशि भी जमा करा दी थी। एक साल तक वह चक्कर काटते रहे, पर विभाग ने कनेक्शन नहीं दिया। अगस्त, 2017 में उनके घर मीटर रीडर आया, लेकिन मीटर तो लगा ही नहीं था। इसके बाद सिद्धार्थ ने कॉल सेंटर फोन किया तो पता चला कि करीब दो महीने पहले कनेक्शन लग चुका है और 630 रुपये का बिल भी बना हुआ है। मंच में सुनवाई के दौरान उप खंड अधिकारी अमित कुमार भट्ट ने पक्ष रखते हुए कहा कि मीटर लाइनमैन महेंद्र सिंह बिष्ट को दिया था। लाइनमैन ने न तो मीटर लगाया और न ही इस संबंध में जानकारी दी। उससे स्पष्टीकरण तलब किया है।
विभागीय स्तर पर किया गया खेल
मंच ने ऊर्जा निगम से कनेक्शन से पूर्व बिल जारी करने के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी और जेई ने 09 सितम्बर 2017 को मीटर स्थापित करने की बात कही। मंच ने इससे जुड़े कागजात मांगे तो उसमें मीटर लगाने की तिथि 20 सितम्बर थी। सीलिंग में टिप्पणी अंकित थी कि पुराना मीटर खराब होने के कारण नया मीटर लगाया गया, जबकि सीलिंग पर विभागीय कर्मचारी के साथ उपभोक्ता या उसके किसी प्रतिनिधि के हस्ताक्षर तक नहीं थे। मीटर के विवरण वाला कॉलम भी खाली था। वहीं, उपभोक्ता को जारी बिल पर भी मीटर संख्या का उल्लेख नहीं था। मंच ने आदेश में कहा है कि मीटर स्थापित करने की तिथि से ही उपभोक्ता को बिल दिया जाए।
नहीं सुधर रही विभागीय व्यवस्थाएं
कनेक्शन जारी करने में देरी पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग पिछले आठ सालों में ऊर्जा निगम पर 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। निगम की हठधर्मिता ऐसी है कि व्यवस्थाओं में सुधार करने के बजाय कई बार जुर्माना माफी की याचिका आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर चुका है। इतना ही नहीं, इस वित्तीय वर्ष में एक माह की भी लंबित कनेक्शन रिपोर्ट आयोग को नहीं दी गई, जबकि हर महीने रिपोर्ट देने का प्रावधान है। हाल ही में आयोग ने ऊर्जा निगम को नोटिस जारी किया है।
राहुल के हाथों पर बागडोर देते ही भाजपा की फतहःभट्ट
रानीखेत, मिशन गुजरात और हिमांचल जीत के बाद कोन्फीडेंस से भरी भाजपा अब कांग्रेस पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड रही है, प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कसीदे पढ़ते हुए कांग्रेस पर जमकर तंज कसे, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के हाथ में बागडोर आने पर कांग्रेस गुजरात और हिमाचल से भी हाथ धो बैठी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में सिडकुल घोटाले को कांग्रेसराज की देन करार देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर त्रिवेंद्र सरकार किसी को बख्शने वाली नहीं है।उन्होने तल्ख तेवरों में कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि एनएच-74 हो या मौजूदा सिडकुल घोटाला, सब पूर्व की कांग्रेस सरकार की देन है, नोटबंदी, जीएसटी आदि पर विपक्ष द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की देश-विदेश में बढ़ती लोकप्रियता और जनविश्वास से कांग्रेस बौखला गयी है।
साइकिल पर डीएम जाऐंगे ऑफिस, शनिवार होगा ”नो कार डे”
चंपावत, शहर में बढ़ रही गाड़ियों और उनसे निकलने वाले धूएं से हर रोज प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे लोगों में अलग-अलग बिमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए चंपावत जिले के डीएम ने एक अलग और अनोखी पहल की है। डीएम अहमद इकबाल ने कहा है कि, “मुख्यालय पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी साइकिल से दफ्तर आये। केवल जरूरी दौरे या फिर बीमार होने की स्थिति में ही वाहन का प्रयोग करे।” शनिवार को जारी हुए इस अनोखे आदेश पर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही हैं।
कलक्ट्रेट सभागार में हुई सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक में इस समस्या पर लंबी चर्चा चली। जिसमें अधिकारियों व आमजन ने कई सुझाव रखे। इन्हीं सुझावों को देखते हुए डीएम ने पर्यावरण संरक्षण, सेहत व यातायात समस्या का हवाला देते हुए डीएम ने ये एडवाईजरी जारी की है। इसके तहत शनिवार को ‘नो-कार डे’ मनाया जायेगा। डीएम डॉ. इकबाल ने न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि, “यह केवल एक एडवाइजरी है और यह स्थानीय लोगों के लिए करना आसान भी है, ऐसा करने से ट्रैफिक की समस्या के साथ-साथ सेहत भी ठीक रहेगी।” उन्होंने कहा कि “समीक्षा बैठक में हमने यह एडवाइजरी क्षेत्रीय लोगों के लिए निकाली और साथ ही अपने दफ्तर में भी इसे करने का सोचा। इसमें कार पूलिंग के अलावा एक दिन ‘नो-कार-डे’ भी शामिल है। आने वाला शनिवार इस योजना का पहला शनिवार है और हम आशा करते हैं कि यह दिन हमारी अपेक्षाओं पर खरा उतरे। हमने सभी अॉफिस वालों को अपनी साइकिल खरीदने की बात कही है और कुछ लोगों ने मुझे बताया कि आज से 15 साल पहले हर कोई साइकिल से ही चलता था और अगर एक बार और ऐसा वापस हो जाए तो इससे अच्छी बात क्या होगी।”
बीते दिनों वन अभियान में चारधाम में आॅल वेदर सड़क के नाम पर जिस तरह से विकास के नाम पर दानवीय प्रवृति दिख रही है, वह खतरनाक संकेत है। 18 से 24 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और 24 मीटर का अधिग्रहण हो रहा है। पर्वतीय क्षेत्र में पेड़ों का कटान जहां तेजी से हो रहा है तो प्रदूषण की मात्रा भी तेजी से बढ़ी है। यही नहीं यातायात की समस्या भी इस कदर बढ़ गई है कि तमाम प्लानिंग के बाद भी इस पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
चिन्यालीसौड़ में हुर्इ वायु सेना के मालवाहक की सफल लैंडिंग
उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर मंगलवार को वायु सेना के मालवाहक विमान एएन-32 ने सुरक्षित लैंडिंग की। हवाई पट्टी का जायजा लेने के लिए वायु सेना के इस विमान ने तीन लैंडिंग और टेक आफ का परीक्षण किया। इसके साथ ही वायु सेना की टीम ने हवाई पट्टी बनाने वाली यूपी निर्माण निगम के अधिकारियों से हवाई पट्टी के बारे में जानकारी ली। वायुसेना के इलाहाबाद के एयरबेस के एयर कामाडोर एस बनर्जी ने बताया कि वे जल्द ही वायु सेना के दूसरे विमान की भी यहां लैंडिंग कराएंगे। उन्होंने हवाई पट्टी को भविष्य में किसी भी आपात आपरेशन के लिए मुफीद बताया।
वायुसेना के इलाहाबाद के एयरबेस के एयर कामाडोर एस बनर्जी की अगुवाई मे वायुसेना के 6 सदस्यीय पायलेट दल ने दोपहर 1.15 बजे चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायु सेना के मालवाहक विमान एएन-32 को उतारा। रनवे का परीक्षण करने के लिए पायलेट दल ने तीन बार आसमान में चक्कर लगा कर तीन बार लैंडिंग की। तीनों बार पायलेट दल ने रनवे को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मुफीद पाया। साथ ही हवाई पट्टी के आसपास हवाई सर्वेक्षण किया। हालांकि रनवे के एन्डिग प्वाइंट पर जहाज को घुमाने में हलकी कठिनाई हुई। जिसको एयर कामाडोर ने एन्डिग र्सिकल पांच मीटर बढाने और रनवे के दोनों और पीसीसी व हवाई अड्डे के लिए सेपरेशन दीवार बनाने को कहा।
गौरतलब है कि सामरिक नज़रिये से भारत और चीन की सीमा नाजुक मानी जाती है। पिछले कुछ समय से बॉर्डर को जाने वाली सड़कों और अन्य व्यवसाथओं को सुदृण करने के लिये सरकार ने काफी कदम उठाये हैं।
वाई-फाई आदि से लैस धनोल्टी के 13 गांव बनेंगे पर्यटन के “मॉडल विलेज”
धनोल्टी के 10 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों के क्लस्टर का खासतौर पर विकास किया जायेगा। सभी गावों में बुनियादी सुविधाओं के साथ थीम के आधार पर (गांव की विशेष पहचान) विकास किया जायेगा। पर्यटन के लिहाज से ये गांव माॅडल बनेंगे। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने नेशनल अरबन मिशन के बैठक में इस बात की जानकराी दी। उन्होने बताया कि क्लस्टर का विकास इस ढ़ंग से किया जाय कि पर्यटक आकर्षित हों औऱ गांव के लोगों की आमदनी बढ़े।
इन गांवों में कौशल विकास, सड़क, सम्पर्क मार्ग, गैस कनेक्शन, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधा, स्कूलों का अपग्रेडेशन, स्वच्छता, कृषि, प्रसंस्करण सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। एग्रो टूरिज्म के रूप में इन गांवों का विकास किया जायेगा। इसके लिए गांवों का डूर टू डूर सर्वेक्षण कर लिया गया है। योजना के अनुसार गांव के लोगों को हाॅस्पिटलिटी, योगा, पंचकर्मा की ट्रेनिंग दी जायेगी। स्थानीय संस्कृति, संगीत, व्यंजन, वेशभूषा के अनुरूप होम स्टे विकसित किया जायेगा। सभी गांवों में वाईफाई होगा। गांव वालों को डिजिटल लिटरेट किया जायेगा। गांवों की थीम संगीत, वाद्य यंत्र, एग्रो टूरिज्म, योग, एंडवेचर, आभूषण एवं कला, हिमालयी पक्षी, जड़ी-बूटी, मसाले, फल और फल पट्टी, फूल, पशु आदि पर होगी। बताया गया कि नेशनल अरबन मिशन के तहत भारत सरकार 90ः10 के अनुपात में क्रिटिल गैप फंडिंग करेगा। इसके लिए 66 करोड़ रूपये की योजना बनाई गई है।
उत्तराखंड के राजनीतिक अखाड़े में बीजेपी के नये दांव शौर्य डोभाल पर कांग्रेस ने साधा निशाना
प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल ने उत्तराखंड बीजेपी के रास्ते राजिनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। हल्द्वानी में आयोजित बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शौर्य डोभाल का प्रदेश कार्यकारणी सदस्य के रूप में एंट्री लेना इसकी तस्दीक करता है।
थिंक टैंक इंडिया फाउंडेशन के कर्ताधर्ता शौर्य डोभाल पिछले दिनों विपक्षी दल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के निशाने पर भी आये थे,जब डोभाल की संस्था पर कुछ सौदों को लेकर आरोप लगाए गए थे। इसके पीछे इंडिया फाउंडेशन के कई निदेशकों के केंद्र में मंत्री पद पर होना कारण रहा।
एक हफ्ता पहले गोआ में बीजेपी की थिंक टैंक की मीटिंग राम माधव ने ली थी जिसमे शौर्य डोभाल भी शामिल हुए थे। डोभाल गोआ से सीधे हल्द्वानी पहुंचे और बतौर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के रूप में बैठक में सम्मलित हुए। हांलाकि कुछ खास कारणों के चलते ये खबर स्थानीय मीडिया को बिल्कुल भी नही लगने दी गई और न ही प्रदेश बीजेपी नेताओं ने इसे हाईलाइट किया।
एकाएक शौर्य डोभाल का उत्तराखंड की भाजपा राजनीति में सक्रिय होने के पीछे ये बात मानी जा रही है कि राजनीति में हमेशा हितों को ही साधा जाता है। अटकलों का बाज़ार गर्म है कि डोभाल या तो राज्य सभा या फिर लोक सभा के लिए अपनी ज़मीन तैयार कर रहे हैं। गौरतलब है कि इंडिया फाउंडेशन ने लंबे समय से प्रधान मंत्री मोदी के लिए गुजरात और देश विदेश में एक थिंक टैंक का काम किया है। खुद मौजूदा राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस संस्था के साथ सक्रिय तौर पर जुड़े रहे हैं।
वहीं कांग्रेस ने इस कदम पर बीजेपी को घेरा है और कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि ”वंशवाद के खिलाफ जो बात करते हैं,वहीं लोग यह काम कर रहे हैं,तो यह उन्हें शोभा नहीं देता है।शौर्य डोभाल की जितनी बात सामने आई है वह ठीक नहीं है,जो खाऊंगा और नहीं खाने दूंगा की बातें करते हैं,उनके लिए भी यह ठीक नहीं है।”
बहरहाल इतना तो तय है कि उम्रदराज़ नेताओं को गुडबाय कहती उत्तराखंड बीजेपी में ढोभाल किस तरह अपनी जगह बनाते हैं ये देखना आने वाले दिनों काफी दिलचस्प होगा।