Page 259

बे-सहाराओं के लिए बने रेनबसेरे खुद सहारे को तरसे

0

उधमसिंहनगर, ठंड का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में असहाय, निराश्रित व बाहर से आने वाले लोगों के लिए सरकार ने रैन बसेरे तो बना दिए लेकिन इनमें बेसहारों को सहारा नहीं मिल पा रहा है। कारण कि रैन बसेरों में तो कहीं ताले लटके हैं तो कहीं इनका अभी तक प्रयोग ही शुरू नहीं हो पाया। जनपद उधमसिंहनगर में जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, सितारगंज, किच्छा आदि शहरों में रैन बसेरे में लोगों के लिए सुविधाएं ही नहीं है जहां सुविधाए है भी तो व्यापाक प्रचार प्रसार ना होने के कारण यहां कोई आता ही नहीं है।

कहीं रैनबसेरा में बेड व बिस्तर, बिजली, पानी व शौचालय की निश्शुल्क व्यवस्था है, लेकिन इसका प्रयोग बहुत कम हो पाता है। गरीब, असहाय, बेघर या दूरदराज से इलाज कराने आए लोग ही कभी कभी यहां रुकते हैं। इसके अलावा कभी खेल  प्रतियोगिताओं के लिए बाहर से प्रतिभागी आते हैं तब वे रैनबसेरा में रहते हैं।

रैनबसेरा का पूर्ण उपयोग न होने का एक कारण यह भी है कि अधिकांशत: यह बंद रहता है। रैनबसेरा की देखरेख के लिए नियुक्ति सुपरवाइजर व स्वच्छक भी यहां से अक्सर गायब ही रहते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल, थाना, कोतवाली, तहसील आदि मुख्य स्थानों में रैनबसेरा की जानकारी दी गई है तथा संपर्क नंबर दिए गए हैं। संपर्क करने पर ऐसे लोगों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

फोटो खींचने पर गजराज को आया गुस्सा

0

हरिद्वार, जंगल की दुनिया जितनी सुंदर होती है, उतनी ही खतरनाक भी है। देश-विदेश से उत्तराखंड में पर्यटक जंगल सफारी और जानवरों को देखने के लिए आते है, लेकिन कभी-कभी पर्यटक जानवरों का निवाला बनने से भी बच जाते हैं। कुछ ऐसा ही राजाजी नेशनल पार्क में देखने को मिला।

जंगलों के अंदर जरा सी लापरवाही कभी-कभी भारी भी पड़ जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की चीला रेंज में, जहां हरिद्वार के रहने वाले पांच युवक जंगल की सफारी के लिए पार्क गए थे। पांचों दोस्तों के इस ग्रुप को खुली जिप्सी में जंगल की सफारी करना बेहद भा रहा था। लेकिन मुश्किल तो तब पैदा हो गई जब अचानक रास्ते में उन्हें एक टस्कर हाथी दिखाई दिया।

जिप्सी के ड्राइवर ने रोज की तरह सावधानी से गाड़ी को निकाला, लेकिन गुस्से से भरे गजराज ने शायद ये सोच लिया था कि इन्हें बिना डराए जंगल से नहीं भेजना है। सभी दोस्तों को ड्राइवर ने गाड़ी के अंदर से ही फोटो लेने के लिए कहा। इस दौरान हाथी को और गुस्सा आया, वह गाड़ी के पीछे दौड़ पड़ा, जिसके बाद पर्यटक हक्के-बक्के रह गए। लेकिन अच्छा ये रहा कि ड्राइवर ने गाड़ी जल्दी वहां से निकाल ली वरना क्या होता खुद उन पर्यटकों को नहीं पता था। 

डीपीआर के लिए बजट की राह खुली

0

देहरादून। नमामि गंगे के तहत वर्ष 2014 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री उमा भारती के निर्देश पर करीब 2200 करोड़ रुपये की जो डीपीआर वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) ने तैयार की थी, उसकी बजट की राह अब खुल गई है। देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) पहुंचे केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वह इस राशि को जारी कराकर परियोजना को आगे बढ़ाएंगे। दरअसल, उमा भारती से जल संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी हट जाने के बाद मंत्रालय ने डीपीआर से किनारा कर लिया था और एफआरआइ के केंद्रीय वन मंत्रालय के अधीन होने पर यह डीपीआर इस मंत्रालय के गले आ पड़ी थी।

इस संबंध में शनिवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि डीपीआर को लेकर वह अधिकारियों के साथ कई बार गंभीर मंथन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह भी जब वह एफआरआइ परिसर में मॉर्निंग वॉक कर रहे थे तो महानिदेशक वन के साथ इसी डीपीआर को लेकर चर्चा की गई। गंगा स्वच्छता व संरक्षण की दिशा में यह डीपीआर अभूतपूर्व भागीदारी निभा सकती है, लिहाजा वन मंत्रालय इसे व्यर्थ नहीं जाने देगा। जल्द ही डीपीआर पर काम शुरू करने के लिए बजट जारी किया जाएगा। डीपीआर में उत्तराखंड समेत, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में गंगा किनारे वनीकरण व गंगा स्वच्छता की दिशा में तमाम अन्य कार्य किए जाने का ब्योरा है।

42 हजार करोड़ जारी करने की राह जनवरी तक खुलेगी
कैंपा में वनीकरण के करीब 42 हजार करोड़ की राशि के दिसंबर माह के अंत या जनवरी माह तक जारी किए जाने की पूरी उम्मीद है। देश के वन महानिदेशक वन सिद्धांत दास के मुताबिक यह मामला अभी वित्त मंत्रालय के पास है और उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी। इस राशि में से उत्तराखंड के हिस्से करीब 1500 करोड़ रुपये आएंगे। 

चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें युवा अधिकारी

0

देहरादून। भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों के सत्र के समापन में पहुंचे पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी द्वारा युवा अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण भविष्य में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट्री एक कठिन व्यवस्था है और जिन युवा अधिकारियों ने चुना है उनकी निष्ठा की प्रशंसा की जानी चाहिए।

शनिवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों के सत्र संपन्न हुआ। कार्यक्रम में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। इस मौके पर अकादमी के निर्देशक डॉ. शशि कुमार ने अपने संबोधन में मंत्री तथा पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव एवं वन महाननिदेशक सिद्धांत दास का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने कहा कि शुरू होने जा रहे हैं नए बैच के अधिकारियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि उन्हें समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए देश के संतुलित विकास के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने इन अधिकारियों को सफलता का सूत्र देते हुए कहा की सेवा में सफलता और संतुष्टि प्राप्त करने के लिए कर्तव्य के प्रति परम निष्ठा और लगन परम आवश्यक तत्व है।
वहीं, इस मौके पर मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि युवा अधिकारी देश की उम्मीद के केंद्र है। उन्होंने कहा कि आज की युवा देश की देश के चरित्र तथा उज्जवल भविष्य के प्रति पूर्णतया समर्पित है सरकार को इनसे अत्यधिक अपेक्षाएं हैं। उन्होंने युवा अधिकारियों को सलाह दी कि वह सत्य, प्रेम और दूसरों के प्रति संवेदना की शक्ति के साथ नए-नए विचारों को आगे लाएं यही रास्ता है जिससे हर समस्या का हल प्राप्त किया जा सकता है उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा कि यह हमारे समक्ष चिंता का विषय है जिसके समाधान के लिए अच्छी वैज्ञानिक समझ के साथ साथ प्रत्येक स्तर पर समेकित कार्यवाई करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की विशाल जनसंख्या आजीविका और निर्वहन के लिए वनों और वनभूमि पर सीधे आश्रित हैं। हमें सतत विकास के पथ पर चलते हुए ग्रामीण समुदायों की अनुकूलन क्षमता में वृद्धि के उपाय करने होंगे और युवा अधिकारियों को इस उद्देश्य से अपना योगदान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने कीर्तिचक्र श्रीनिवास तथा स्व. संजय सिंह तथा अन्य समस्त शहीदों को याद करते हुए नमन किया जिन्होंने अपने कर्तव्य के लिए अपने जीवन की भी कुर्बानी दे दी।
वहीं अकादमी के अपर प्राध्यापक डॉ. एस सेंथिल कुमार ने अकादमी की गतिविधियों के संबंध में विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए अकादमी में दिए जाने वाले प्रशिक्षकों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
उन्होंने बताया कि इस अकादमी द्वारा अभी तक अन्य भारतीय वन सेवा अधिकारियों के साथ 351 विदेशी प्रशिक्षुओं को भी प्रशिक्षित किया है। उन्होंने सूचित किया कि आरंभ हो रहे बैच में कुल 96 परीवीक्षार्थी शामिल है जिसमें से 2 विदेशी प्रशिक्षु भूटान है और इनमें कुल 8 महिलाएं परीवीक्षार्थी शामिल है। वहीं इस दौरान डॉ सिद्धार्थ दास ने अपने भाषण में युवा अधिकारियों को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि उनका वानिकी प्रशिक्षण ऐसे शहर में शुरू हो रहा है जिसे वानिकी की काशी कहा जाता है उन्होंने बताया कि भारत में वन प्रबंधन का इतिहास 1864 से आरंभ होता है आज भारत विश्व के उस शीर्ष 10 देशों में से एक है जहां जनसंख्या के गहन दबाव के बावजूद वन-आवरण में वृद्धि दर्ज की जा रही है आज वन प्रबंधन का उद्देश्य टिंबर से हटकर कार्बन एकत्रीकरण की ओर उन्मुख हुआ है और भारत में विश्व के समक्ष कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रति निष्ठा व्यक्त की है उसे प्राप्त करने में इन वानिकों को एक बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी में पर्यावरण पूरी दुनिया के समक्ष एक मुख्य समस्या बनकर उभरा है जिसका एक अभिन्न अंग वन भी है उन्होंने विश्वास व्यक्त किया की अकादमी में प्राप्त होने वाला प्रशिक्षण इन युवा अधिकारियों का पथ प्रशस्त करेगा । जिससे वे वानिकी क्षेत्र की हर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।

स्वच्छ भारत अभियान पर डीएम ने डाला प्रकाश

0

चम्पावत। जिलाधिकारी डॉ. अहमद इकबाल ने छात्र-छात्राओं से जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत अभियान में छात्रों की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने शिक्षण कार्यो पर शिक्षक और छात्र दोेनों को सही दिशा अपनाने को कहा।

शनिवार को आदर्श विद्यालय राइंका बाराकोट के वार्षिकोत्सव समारोह के मौके पर उपस्थित जिलधिकारी ने विद्यालय की प्रगति आख्या का जायजा लिया और मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ मुहिम में गति प्रदान करने की लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि समाज के बिना सहयोग के कोई भी योजना आगे नहीं बढ़ा सकता है। विशिष्ट अतिथि सीईओ ने आरसी पुरोहित ने कहा कि आज का छात्र कल का भाग्य विधाता है। राउमावि कोठेरा के प्रधानाचार्य गंगा दत्त जोशी ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। ब्लॉक प्रमुख निर्मल माहरा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वन्दना, स्वागत गीत के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
विद्यालय के प्रधानाचार्य आरआर लोहया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने विद्यालय में खेल मैदान, छह कम्प्यूटर और सभा कक्ष की आवश्यकता बताई। डीएम ने विद्यालय की मदद का आश्वासन दिया। छात्रा रेनू बोहरा ने महिलाओं और बालिकाओं की स्थिति पर विचार रखे। संचालन संचालन आशीष ओली, मीना गोस्वामी और नागेन्द्र कुमार जोशी ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर राशिसं के चम्पावत अध्यक्ष जगदीश सिंह अधिकारी, प्रवक्ता डायट शिवराज सिंह तड़ागी, बीआसी समन्वयक रमेश जोशी मौजूद रहे। 

संचार सेवा की बदहाली से लोगों में आक्रोश

0

पिथौरागढ़। बीएसएनएल और निजी कंपनियों के सेवा की बदहाली से आक्रोशित लोगों ने संचार सेवा में सुधार की मांग को लेकर आज जोरदार प्रदर्शन करते व्यवस्था में सुधार करने की मांग की। साथ ही कहा कि शीघ्र ध्यान नही दिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

शनिवार को बंगापानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश गोस्वामी के नेतृत्व में बीएसएनएल और निजी कंपनियों के खिलाफ सेरा में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संचार सेवा की बदहाली से क्षेत्र के 20 हजार की आबादी प्रभावित परेशान है। कहा बीएसएनएल और निजी संचार कंपनियों की के मोबाइल नेटवर्क हमेशा खराब रहने के कारण लोगों को संचार सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर सड़को पर उतरने की चेतावनी दी है। इस मौके पर करन रावत, पप्पू महर, महेश धामी सहित दर्जनों की संख्य में लोग शामिल थे। 

बिना फिटनेस-लाइसेंस के दौड़ रहे स्कूली वाहनों के काटे चालान

0

देहरादून। मानवाधिकार आयोग को सौंपी गई संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सुधांशु गर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिन वाहनों पर स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी है, वह बिना फिटनेस और चालक लाइसेंस के ही दौड़ाए जा रहे हैं। देहरादून समेत ऋषिकेश, विकासनगर, हरिद्वार व रुड़की में परिवहन विभाग ने सर्वाधिक 286 चालान बिना फिटनेस व लाइसेंस के वाहन संचालन पर ही काटे हैं।

आरटीआइ कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। बिना फिटनेस वाहन चलाए जा रहे हैं, चालकों के पास लाइसेंस नहीं है और वाहनों में ओवरलोडिंग कराई जा रही है। यहां तक कि खुले वाहनों में भी जमकर बच्चों को ढोया जा रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग सदस्य हेमलता ढौंडियाल ने आरटीओ का जवाब तलब किया था। आयोग के निर्देश के बाद संभागीय परिवहन कार्यालय में संभाग के तमाम शहरों में स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों की जांच भी की और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। आयोग के समक्ष इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीओ ने बताया कि इस साल अक्तूबर माह तक 334 वाहनों के चालान काटे गए हैं। साथ ही पांच लाख 38 हजार 300 रुपये का जुर्माना भी वसूल किया गया है। जवाब में आरटीओ ने यह भी बताया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों को बच्चों को लाने-जाने वाले वाहनों के संबंध में नवंबर माह में दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। वहीं परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग व वाहन की यांत्रिक व भौतिक दशा खराब होने पर भी चालान किए हैं और इन्हें मिलाकर ही चालान का आंकड़ा 334 पर पहुंचता है।

स्कूली वाहनों के काटे गए चालान 

  • शहर,     खुले वाहन  लाइसेंस फिटनेस
  • देहरादून     28          26    12
  • ऋषिकेश    10          42   32
  • विकासनगर 05          31   23
  • हरिद्वार      18          31   20
  • रुड़की       13         31    42
  • कुल          74        150 136 

एडीबी अधिकारी ने माना कि बिना अनुमति तोड़ी थी कब्रिस्तान की दीवार

0

रुड़की कब्रिस्तान की दीवार तोड़े जाने की जांच के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार एवं एडीबी के अधिकारियों ने मौके पर मुआयना किया। मौके पर एडीबी अधिकारी ने अपनी गलती स्वीकार की। बीते दिनों बिजली के खम्बे कब्रिस्तान में शिफ्ट करने के लिए कब्रिस्तान की दीवार तोड़ी जा रही थी, जिसका कारण एडीबी की मशीनों का रास्ता बताया गया।
आम आदमी पार्टी के शारिक अफ़रोज़ ने यह काम लिखित अनुमति न होने के कारण रुकवाया ओर इसमे साजिश होने का संदेह जताया। इसी क्रम में एक डेलिगेशन ज्वाइंट मेजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से मिला था, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया की कब्रिस्तान की दीवार को नही तोड़ा जाएगा व पूरे घटना क्रम की जानकारी के लिए तहसीलदार को आदेश किए। वक़्फ़ चेयरमैन इरशाद मसूद ने बताया कि उन्होंने एडीबी या बिजली विभाग को खम्बा शिफ्ट करने की कोई अनुमति नही दी और सबने इस पर एडीबी पर कार्यवाही करने का फैसला लिया। नायाब तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि कब्रिस्तान की दीवार को किसी हाल में नही तोड़ा जाएगा, क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है और समुदाय की आस्था जुड़ी है। शारिक अफ़रोज़ ने कहा कि दीवार को तोड़ने के पीछे एक षड्यंत्र है। इससे शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है, जो हम नही होने देंगे। हाजी मुस्तकीम ने बताया कि दीवार को तोड़ना झगड़े को निमंत्रण देना है। हाजी नदीम ने कहा कि दीवार को तोड़ने से मुस्लिम समुदाय में रोष है। जावेद अख्तर एडवोकेट ने कहा कि इस बार तो हमने टूटी दीवार की मरम्मत कर ली, अगर पुनः इसको तोड़ा गया तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मो. असलम ने नायब तहसीलदार को दोषियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने को कहा। एडीबी अधिकारी संजीव कुमार ने सार्वजनिक रूप से नायाब तहसीलदार के सामने माना कि बिना लिखित अनुमति के उन्होंने कब्रिस्तान की दीवार तोड़ने का कार्य किया और इसको एक चूक बताते हुए भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर शारिक अफ़रोज़, एडवोकेट जावेद अख्तर एडवोकेट , हाजी मुस्तकीम, हाजी नदीम, मो असलम, सय्यद शीराज़ मेहदी, मो आलम , मुमताज़ नक़वी, असलम कुरेशी, इरशाद मसूद, मसरूर खान, फैज़ान खान, फैसल, मो सालिम, हाजी इक़बाल, हाजी मेहबूब, हाजी समी खान, जहांगीर कुरैशी आदि शामिल रहे।

उत्तराखंड के निकाय चुनावों में क्या कांग्रेस बीजेपी को पटखनी दे सकेगी?

0

उत्तराखण्ड में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा को सीधी टक्कर देने के लिए सियासी समीकरण साधने में जुट गई है। पार्टी गढ़वाल और कुमांऊ दोनों मंडलों में अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए अलग-अलग बैठकें करेगी, जिसमें राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच रखने की खास योजना बनाई जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार राहुल गांधी के संभालने और प्रदेश में संगठन का जिम्मा प्रीतम सिंह के हाथ में आने के बाद संगठन के सामने भी इस परीक्षा में खरा उतरने की चुनौती है। वैसे भी शहरी मतदाताओं में भाजपा की पैठ और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। इससे निपटने के लिए पार्टी महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों के जरिए कार्यकर्ताओं के मनोबल को नई धार देने की कोशिश में है। हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने प्रदर्शन से बेहद खुश है। इसी उत्साह को वह उत्तराखण्ड नगर निगम चुनाव में उपयोग कर भाजपा पर बढ़त बनाना चाह रही है। लिहाजा, आठ नगर निगमों में पार्टी ने मजबूत प्रत्याशियों की ढूंढ शुरू कर दी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम समेत अन्य निकायों के लिए प्रत्याशियों के चयन के संबंध में गढ़वाल मंडल के पार्टी पदाधिकारियों की 26 दिसम्बर को दून और 07 जनवरी को कुमांऊ मंडल के पदाधिकारियों की बैठक तय की गई। क्योंकि इस बार पिछले निकाय चुनावों की तुलना में दमदार प्रत्याशियों पर दांव खेला जा सकता है। इसके लिए प्रदेश संगठन ने प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा और आम कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए दोनों मंडलों में सम्मेलन रखे हैं, जिसमें दोनों क्षेत्रों के कार्यकर्ता पदाधिकारी और चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी जुटेंगे।
हाल ही में 2जी और आदर्श घोटाला में न्यायालय द्वारा क्लिनचिट मिलने पर कांग्रेस द्वारा भाजपा पर भ्रमित राजनीति करने आरोप मढ़ रही है। साथ ही भाजपा सरकार के सीमा विस्तार के फैसले के विरोध में कांग्रेस ग्रामीण जनता का साथ देकर अपना बढ़ाने की दांव भी अजमाने के फिराक में है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष खुले मंच से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को साथ देने की बात कही। साथ ही सरकार को घेरने व निकाय चुनाव में धांधली को लेकर निर्वाचन आयोग से मिलकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन भी सौंप चुका है।

cong vs bjpकांग्रेसियों का कहना है कि लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में भाजपा जनता को गुमराह कर चुनाव जीत रही है, लेकिन अब जनता डबल इंजन सरकार की झूठे आश्वासनों में आने वाली नहीं है। जबसे भाजपा प्रदेश और देश में सत्ता संभाली है, तबसे महंगाई चरम पर है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई। शहर से लेकर गांव तक सफाई अभियान के नाम पर फोटो चमकाया जा रहा है। ऐसे में भाजपा को जनता अब स्वीकर नहीं करेगी। भाजपा के नेता पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक अराजकता फैलाए हुए हैं। ऐसे परिदृश्य में कांग्रेस के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सभी नगर क्षेत्रों में व्यापारी वर्ग की बहुलता है और यही वर्ग किसानों, बेरोजगारों के साथ सबसे ज्यादा पीड़ित है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भाजपा की चाल-चरित्र वाली पार्टी बताते हुए कहा कि सत्ता के लोभ में बीजेपी किसी को भी बदनाम कर सकती है। जैसे यूपीए सरकार के खिलाफ भाजपा एक सोची-समझी षडयंत्र के तहत खेल खेली और सत्ता भी लिया, लेकिन न्यायालय में एक के बाद एक निर्णय से भाजपा को सबक लेना चाहिए। उनका कहना है कि हम पूरे दम-खम से राज्य भर में चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए दोनों मंडलों के कार्यकर्ताओं संग बैठक की जाएगी। कांग्रेस निकाय चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ रही है। पार्टी कार्यकर्ता पदाधिकारी व कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सभी लोग पार्टी के द्वारा जो भी प्रत्याशी घोषित होगा और उनको जिताने का कार्य करेंगे। सम्मेलन में निकायों में अध्यक्ष और पार्षदों की सीटों पर दावेदारों के नाम मांगे जाएंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में इस जंग के लिए जोश भरा जाएगा। आश्चर्य नहीं कि विधानसभा चुनाव लड़ चुके कई दमदार चेहरे इस बार निकाय चुनाव में भी दम ठोकते नजर आएं। कांग्रेस की ओर से राजधानी देहरादून में 25 दिसम्बर को धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार के खिलाफ कांग्रेस हल्ला बोलेगी।

पांच दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आयोजन 26 से

0

उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के तत्वावधान में पांच दिवसीय 66वीं अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2017 का आयोजन 26 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर देहरादून में शुरू हाे रही इस प्रतियोगिता में कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतियोगिता का उद्घाटन पुलिस लाइन देहरादून में राज्यपाल डॉ़ केके पॉल करेंगे और समापन महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत करेंगे।
उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कन्ट्रोल बोर्ड के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि एथलेटिक्स मीट में देश की विभिन्न प्रदेशीय पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की 32 टीमों के 1119 एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं। इनमें 275 महिला एथलीट भी शामिल हैं। प्रतियोगिता में एथलीटों की संख्या के दृष्टिगत सबसे बड़ी टीम सीआरपीएफ (111) इसके बाद बीएसएफ (105), पंजाब (90) तथा उत्तराखण्ड (83, जिसमें 41 पुरुष व 42 महिला) हैं।
बता दें कि यह पहला मौका है जब उत्तराखंड ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स मीट की मेजबानी करेगा। इससे पूर्व भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऑल इण्डिया पुलिस वाटर स्पोर्ट्स, बैडमिंटन, टेनिस एवं फुटबॉल की मेजबानी की जा चुकी है। मीट की खास बात यह है कि पांच साल बाद उत्तराखंड पुलिस की महिला एथलीट ऑल इंडिया स्तर पर इस वर्ष ट्रैक पर उतरने जा रही हैं। अब तक 14 टीमों- बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा केरल का आगमन हो गया है। शेष टीमें 24 तक पहुंचेंगी। बीएसएफ एवं सीआरपीएफ की टीमें एक माह पहले ही देहरादून आकर प्रतियोगिता की तैयारी में जुटी हुई हैं।
ओवर ऑल चैंपियनशिप के लिए पिछले 10 वर्षों से इन्हीं टीमों के मध्य प्रतिस्पर्धा रही है। एथलेटिक्स मीट में कुल 44 कार्यक्रम होंगे, जिनमें से 23 पुरुष श्रेणी में और 21 महिला श्रेणी में हैं। कार्यक्रम में 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 5000 मीटर, 10000 मीटर दौड़, बाधा दौड़, मैराथन, 20 किमी वॉल्क रेस, लौंग जम्प, हाई जम्प, रिले रेस, ट्रिपल जम्प, शॉट पुट थ्रो, डिसकस थ्रो, जैवलिन थ्रो, हैमर थ्रो आदि प्रमुख हैं।