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पानी का बकाया बिल एकसाथ जमा करने पर माफ होगा सरचार्ज : पंत

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हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार ने पानी के बकाया बिल को एक मुश्त जमा करने पर सरचार्ज माफ करने का फैसला किया है। इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। राज्य के जल संसाधन मंत्री प्रकाश पंत ने सोमवार को यह जानकारी दी।

मंत्री पंत ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि योजना की शुरुआत हरिद्वार से की जाएगी। 01 से 30 जनवरी तक हरिद्वार में अलग-अलग जगहों पर कैंप लगाकर पानी के बकाया बिल जमा कराए जाएंगे। सरचार्ज माफ करने के लिए पहले हरिद्वार को चुना गया है और धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में पानी के बकाया बिल पर लगने वाले सरचार्ज को लेकर पहले से विरोध हो रहा था।

गल्फ कौथिग 2017 ने सात सुमंदर पार बिखेरे उत्तराखंड की संस्कृति के रंग

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गल्फ कौथिग 2017 के 5 देशों में सफल आयोजन के बाद उत्तराखंडी सितारों की टीम विदेश भ्रमण के बाद भारत वापस आ गयी, गल्फ कौथिग 2017 इस कड़ी का नौवा अध्याय था । इसमें उत्तराखंड के चर्चित और उदयीमान दोनों तरह के कलाकारों को आमंत्रित करके कुछ लोकल कलाकारों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुती दी गयी।

इस बार का कौथिग और खास इस इसलिए भी हैं, क्योंकि ये उत्तराखंड संगीत और सस्कृंति का “सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय टूर” हैं, जोकि 15 दिसंबर को दबुई, 16 दिसंबर को बहरेन, 17 दिसंबर को कुवैत, 20 दिसंबर को दोहा और 22 दिसंबर को मसकट में अपनी प्रस्तुति देते हुए 24 दिसंबर को भारत वापस आया और 24 और 25 दिसंबर को एनसीआर महाकौथिग में अपनी प्रस्तुति दी।

इस आयोजन में भारतीय दूतावास और हर देश की सरकार का भरपूर सहयोग मिला। इनके कार्यक्रम के संयोजक दीपक ध्यानी , यू.ए.ई के समन्वयक शैलेन्द्र नेगी, बहरेन के समन्वयक सतेंद्र डोबरियाल/विजू रावत, कुवैत के समन्वयक धीरेन्द्र रावत, कुवैत के समन्वयक दिनेश नौगाईं, ओमान के समन्वयक मोहन सेमवाल/गोविन्द नेगी, समस्त कार्यकारिणी, सभी उत्तराखंड असोसिएशन ने आभार व्यक्त किया।

क्रिसमस डे के दिन शुरु हुआ रंगारंग मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल

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मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का रंगारेग आगाज हो चुका है। सोमवार को लंढौर स्थित सर्वे ग्राउंड से किताबघर चौक तक शोभायात्रा निकाली गई। इसे जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन, क्षेत्रीय विधाक गणेश जोशी, पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

शोभायात्रा लंडौर, पिक्चर पैलेस, झूलाघर होते हुए किताबघर पहुंची। मॉलरोड पर जौनपुरी, जौनसारी और पंजाबी गानों की धुन पर पर्यटकों ने जमकर डांस किया। वहीं शाम को किताबघर में उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने हवा में गुब्बारे छोड़कर विंटर लाइन कार्निवाल एवं शाम के कार्यक्रमों का आगाज किया। शोभायात्रा में याक डांस आर्कषण का केंद्र बना रहा।

इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद उतराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मसूरी विंटर लाइन कार्निवल मील का पत्थर साबित हुआ है। आयोजन हर साल किया जा रहा है, जो कि पर्यटन के क्षेत्र में एक सफल कदम है। इससे यहां के पर्यटन में भी इजाफा हुआ है। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि विंटर लाइन कार्निवल में स्थानीय लोक कलाकारों के साथ ही स्टार कलाकारों को भी प्रस्तुति देंगे।

कहा कि विंटर लाइन कार्निवल के दौरान मालरोड पर पर्यटकों के लिए पहाड़ी व्यजनों के स्टाल भी लगाये गये हैं, जिससे पर्यटक पहाड़ी व्यजनों का भी आनंद ले सकेंगे। शाम 6 बजे सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ पद्मश्री जागर सम्राट बसंती बिष्ट ने नंदा के जागर सुफल ह्वे जाया तुम्हारी जात्रा में संजोया है जागर से किया। पर्वतीय नाट्य मंच के कलाकरों ने वीर भड़ माधो सिंह भण्डारी के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका का सुंदर मंचन किया गया। उक्त नाटिका में 70 कलाकरों ने प्रतिभाग किया।

पतंजलि बनाएगी 671 करोड़ की लागत से हर्बल पार्क

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हरिद्वार । पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण और छत्तीसगढ़ वाणिज्य उद्योग विभाग के विशेष सविच डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने सोमवार को एक एमओयू पर हस्ताक्षण किए। इसके तहत राजनांदगांव के ग्राम बिजेताला में कृषि व हर्बल प्रसंस्करण पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कंपनी 671 करोड़ का निवेश करेगी।

आचार्य बालकृष्ण ने रायपुर में बताया कि इस उद्योग में आंवला, एलोवेरा जूस तथा टमाटर कैचप के साथ अन्य कृषि उपजों से खाद्य वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा। बिजेताला में पतंजलि द्वारा लगभग 500 एकड़ में यह उद्योग स्थापित किया जाएगा। इससे रोजगार का सृजन होगा। इस उद्योग से प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2200 तथा परोक्ष रूप से लगभग 22000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। पतंजलि आयुर्वेद किसानों से सीधे उनकी फसल खरीदेगी तथा हर्बल पार्क में उसको प्रसंस्करित करेगी। किसानों को बिचैलियों के मनमाने भाव पर फसल बेचने की मजबूरी से निजात मिलेगी।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के विकास के लिए पतंजलि के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ वर्षों से राष्ट्रसेवा के कार्य करते हुए रोजगार का सृजन करती रही है। इससे युवाओं को न सिर्फ आगे बढ़ने का अवसर मिला है अपितु उनकी क्षमताओं का भी विकसित हुआ है। अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव में आचार्य बालकृष्ण रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने विवि द्वारा तैयार किए गए सर्पगंध, अश्वगंध, गिलोय, केवांच, ऐलोवेरा, लैमन ग्रास, अपराजिता, पचैली, हडजोड़ व पान सहित लगभग 160 औषधीय एवं सुगंधित पौधों की प्रजातियों का अवलोकन किया तथा उन्हें खरीदने में रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि इसके लिए विवि को अलग से प्रस्ताव भेजेंगे। कृषि विवि के कुलपति डाॅ. एसके पाटील ने औषधीय व सुगंधित फसलों के उत्पादन और संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

सवालों के घेरे में नारी निकेतन की व्यवस्थाएं

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देहरादून। संवासिनी के साथ दुष्कर्म, गर्भपात की घटना हो या फिर शिशु निकेतन में दो बच्चों की मौत का मामला, हमेशा ही नारी निकेतन की व्यवस्थाएं कटघरे में खडी रही है। हैरत की बात ये है कि एक के बाद एक व्यवस्थाओं पर उठते सवालों के बावजूद शासन या सरकार अति संवदेनशील नारी निकेतन की व्यवस्थाओं को सुधारने में नाकाम साबित हुआ है। इसी का नतीजा है कि खुद नारी निकेतन में रहने वाली संवासियों ने भी चार माह पूर्व घर जाने की जिद को लेकर हंगामा कर दिया था।

सबसे पहले वर्ष 2015 नवंबर में नारी निकेतन में रहने वाली मूक बधिर संवासिनी के साथ वहीं के स्टॉफ ने दुष्कर्म किया और फिर चुपचाप संवासिनी का गर्भपात करा दिया। इसके बाद इस घिनौने अपराध को छिपाने के लिए नारी निकेतन के स्टॉफ से लेकर पूरा विभाग जुट गया। अव्यवस्थाएं यहीं खत्म नहीं हुई इसके कुछ दिन बाद सामान्य संवासिनियों ने घर जाने की जिद को लेकर नारी निकेतन में हंगामा और तोडफोड कर दी। संवासिनियों का आरोप था कि यहां उनके साथ अभद्र व्यवहार होता है। ये मामला ठीक से शांत न हुआ था कि एक माह बाद तत्कालीन अपर समाज कल्याण अधिकारी मनोज चंद्रन द्वारा इसी जुलाई में किए गए बालिका निरीक्षण की रिपोर्ट ने एक और खुलासा कर दिया है। रिपोर्ट शासन को पहुंची तो पता चला कि बालिका एवं शिशु निकेतन के स्टॉफ की लापरवाही से शिशु निकेतन में दो नवजात बच्चों की मौत हो गई और एक सात साल की लडकी अपाहिज होने के कगार पर आकर खडी हो गई। हालांकि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए खुद समाज कल्याण मंऋी ने बालिका निकेतन का निरीक्षण करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और इसी लापरवाही का नतीजा है कि अब एक साथ पांच लडकियां बालिका निकेतन की व्यवस्थाओं को धत्ता बताते हुए बालिका निकेतन से फरार हो गई।
बाल कल्याण समिति ने उठाए सवाल
बालिका एवं शिशु निकेतन की व्यवस्थाओं पर बाल कल्याण समिति ने भी सवाल उठाए हैं। समिति की ओर से नेहरू कॉलोनी थाने को भेजी गई रिपोर्ट में गोपनीय जांच करने को कहा है। इसमें समिति ने कहा है कि इन बिंदुओं पर जांच करना जरूरी है कि निकेतन से विद्यालय आते जाते हुए ये लडकिया किन किन लोगों के संपर्क में आती है, क्या कोई मानव तस्करी का गिरोह तो बालिका निकेतन में सक्रिय नहीं है।
दिव्यांगों के भरोसे बालिका निकेतन की सुरक्षा
बाल कल्याण समिति ने एक अन्य पत्र जिला प्रोबेशन विभाग को भेजा है। इसमें समिति ने कहा है कि विभाग ने बालिका निकेतन में लडकियों की सुरक्षा के लिए तीन केयर टेकर रखी है, लेकिन ये तीनों ही दिव्यांग है। इनमें सारिका नेत्रहीन व मानसिक रुप से दिव्यांग है। दूसरी कविता पूर्ण रुप से पोलियो ग्रस्त है जो चलने फिरने में असमर्थ है। जबकि तीसरी संवासिनी बीना मूक बधिर है।
लड़कियों का होता है उत्पीड़न
पांच लडकियों के फरार होने के बाद बाल आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी ने बालिका निकेतन का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया था कि बालिका निकेतन में लडकियों का शोषण होता है। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। साथ ही लडकियों को जो भी संस्था या समितियों की ओर से दान में सामान मिलता है उसे भी छीन लिया जाता है।
समाज कल्याण के निदेशक मेजर योगेंद्र यादव के बताया कि बालिका एंव शिशु निकेतन के स्टॉफ से बडी लापरवाही हुई है। विभागीय जांच में भी लापरवाही सामने आई है। इसलिए निदेशालय ने मामले की जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की है।

चिकित्सकों की मांग को लेकर मुखर हुए ग्रामीण

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द्वाराहाट। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की मांग को लेकर ग्रामीण रविवार को भी धरने पर बैठे रहे। इसके साथ ही सोमवार को प्रस्तावित जुलूस की तैयारियों को लेकर जनसंपर्क भी किया गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि समय रहते समस्या का समाधान न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

चिकित्सकों की मांग को लेकर ग्रामीणों के धरने का रविवार को पांचवां दिन था। आंदोलन को समर्थन देने के लिए दूर-दराज के इलाकों से भी ग्रामीण पहुंचे। मौके पर बीडीसी नारायण सिंह अधिकारी, गवर्नमेंट वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन अध्यक्ष हरिराम आर्या, नंदराम, त्रिलोक राम, गणेश अधिकारी, किसन सिंह, देब सिंह रावत, प्रताप अधिकारी, आनंद कुमार आदि मौजूद रहे।

आयोग ने दिए पूर्व कर अधीक्षक को आवास खाली कराने के निर्देश

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(देहरादून) मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने नगर निगम हरिद्वार के आवास पर वर्ष 2008 के काबिज तत्कालीन कर अधीक्षक महेंद्र यादव से आवास खाली कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बिना अनुबंध आवास आवंटित करने व अब तक आवास खाली न कराने के जिम्मेदार कार्मिकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।
दरअदल, निगम में पूर्व में तैनात रहे कर अधीक्षक को आवास आवंटित करने को लेकर भगवानपुर क्षेत्र के निवासी विवेक कुमार ने आरटीआइ में जानकारी मांगी थी। निगम के लोक सूचनाधिकारी ने यह कहकर मामला टाल दिया कि यह सूचनाएं धारित नहीं हैं। विभागीय अपीलीय अधिकारी स्तर से भी संतोषजनक जवाब न मिलने पर विवेक कुमार ने सूचना आयोग में अपील की। प्रकरण की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने पाया कि तत्कालीन कर अधीक्षक को वर्ष 2008 में जो आवास आवंटित किया गया था, उसका कोई अनुबंध तैयार नहीं किया गया। जबकि उस दौरान आवास आवंटन का आदेश देते हुए तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष (उस समय नगर निगम नहीं था) ने अनुबंध तैयार करने को कहा था। आयोग के संज्ञान में यह बात भी आई कि अब आवास के कब्जेधारक कार्मिक ऋषिकेश में तैनात हैं। अपनी टिप्पणी में मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि इस मामले का वैसे तो सूचना का अधिकार अधिनियम से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन यह प्रकरण गंभीर किस्म का प्रतीत होता है। इसी कारण उन्होंने नगर आयुक्त को आवास खाली कराने के साथ ही दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपेक्षा की।

जीएसआई ने उठाया उत्तराखंड के सूखते जल स्रोतों को रीचार्ज करने का बीड़ा

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(देहरादून) भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) विभाग ने देशभर के सूखते जल स्रोतों को रीचार्ज (पुनर्भरण) करने का बीड़ा उठाया है। उत्तराखंड में इस काम की शुरुआत अल्मोड़ा जिले के जल स्रोतों से की जा रही है। इसको लेकर जीएसआई ने केंद्रीय भूजल बोर्ड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। भूजल बोर्ड व उत्तराखंड जल संस्थान के आंकड़ों पर गौर करें तो अल्मोड़ा के करीब 46 जल स्रोतों का पानी निरंतर घट रहा है, जबकि इनमें से 10 स्रोतों का पानी 90 फीसद तक घट गया है।
जीएसआई के निदेशक भूपेंद्र सिंह के अनुसार अल्मोड़ा में उत्तर अल्मोड़ा व दक्षिण अल्मोड़ा नाम से दो भूकंपीय फॉल्ट लाइन गुजर रही है। अल्मोड़ा का बड़ा भूभाग इन दोनों लाइनों के मध्य आता है और इनके दायरे में आने वाले जल स्रोतों को ही रीचार्ज करने का निर्णय लिया गया है। जीएसआइ निदेशक भूपेंद्र सिंह के अनुसार देखा जाएगा कि कहीं फॉल्ट के सक्रिय स्थिति में होने के चलते तो स्रोत नहीं सीख रहे। स्थिति स्पष्ट होने के बाद उसके मुताबिक जल स्रोतों को रीचार्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
एमओयू हस्ताक्षरित होने के बाद जीएसआइ ने बोर्ड ने अल्मोड़ा के जल स्रोतों का पूरा ब्योरा मांगा है। वहीं, बोर्ड के क्षेत्रीय प्रमुख अनुराग खन्ना का कहना है कि उनके पास अभी सीमित रूप से जल स्रोतों की जानकारी उपलब्ध है। वह जल संस्थान से आग्रह करेंगे कि जिन भी स्रोत का वह जलापूर्ति के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उनकी जानकारी अध्ययन के लिए उपलब्ध कराएं।
अल्मोड़ा के सूखते स्रोतों की तस्वीर (सूखने की स्थिति फीसद में)
ब्लॉक, 50 से 75, 75 से 90, 90, कुल
ताड़ीखेत, 04, 13, 04
भिकियासैण, 02, 07, 06
चौखुटिया, 02, निल, निल, 02
स्यालदेय, 03, 05, निल, 08
कुल, 11, 25, 10, 46
1.5 लीटर प्रति मिनट प्रवाह
केंद्रीय भूजल बोर्ड अल्मोड़ा जिले के 15 जल स्रोतों की मॉनिटरिंग करता है। बोर्ड के अध्ययन की बात करें तो जिले में दो जल स्रोत ऐसा भी है कि जिसका प्रवाह महज 1.5 लीटर प्रति मिनट तक पाया गया है। वहीं, आठ स्रोत ऐसे हैं, जो प्रति मिनट 10 व इससे कम लीटर पानी देते हैं।
कम प्रवाह वाले स्रोत (लीटर प्रति मिनट में)
चिंदोआ 1.5, भगतोला 1.5, धारा नौला जू 02, पालना 02, गुरुड़ा 2.25, धारा नौला 06, दीपकोट 7.5, सोमेश्वर 10 

कोबरा गैंग के पांच बदमाश गिरफ्तार, नकदी समेत 30 लाख की स्मैक बरामद

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(देहरादून) शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को स्मैक आदि सप्लाई करने वाले कोबरा गैंग के पांच बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से करीब 30 लाख की स्मैक और एक लाख 20 हजार की नकदी बरामद हुई है। आरोपी जिले शिक्षण संस्थानों में सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों स्मैक आदि सप्लाई करते थे।

सोमवार को एसएसपी देहरादून ने बताया कि जिले की कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों को नशे का शिकार बनाये जाने के लिए कोबरा गैंग के नाम के एक नेटवर्क सक्रिय होने सूचना मिली थी। थाना प्रेमनगर, थाना बसंत विहार पुलिस और एसओजी की टीमें गठित कर जांच की जा रही थी। सोमवार की सुबह मुखबिर से सूचना मिली की स्मैक की तस्करी करने वाले अन्र्तराजीय गिरोह के कुछ सदस्य आज देहरादून पहुंच कर सैलाकुई में सप्लाई करने के बाद प्रेमनगर की ओर आ रहे है। इस पर एएसपी सदर द्वारा टीम के साथ चौकी झाझरा पर प्रारम्भ की गयी चैकिग के दौरान धूलकोट की तरफ से आती हुई एक सफेद गाडी को रोकने का इशारा किया तो चालक ने गाडी को बैक करके भागने का प्रयास किया। जिसको टीम द्वारा घेर कर पकड लिया गया। गाडी की तलाशी लेने पर उसमें पांच युवको से अलग-अलग कुल से 280 ग्राम स्मैक जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रूपये व एक लाख 20 हजार रूपये नगद, एक अवैध तमंचा बरामद हुआ।
पूछताछ में अभियुक्त अजीत, रजत पुष्पेन्द्र निवासीगण देहरादून द्वारा नशे के कारोबार से मोटी रकम कमाने के लालच में बरेली निवासी शेरदिल खान व शाहिद से स्मैक प्राप्त कर देहरादून के विभिन्न कालेज के छात्र-छात्रों व सेलाकुई स्थितऔद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को सप्लाई करने की बात स्वीकार की। बरामद 1 लाख 20 हजार रूपये सेलाकुई में विभिन्नों ग्राहकों को स्मैक बेचकर प्राप्त होने की बात बताया।
अभियुक्तों द्वारा वाट्सअप, फेसबुक व सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ग्राहकों से स्मैक की बुकिंग प्राप्त करने के बाद माल को बुकिंग के अनुसार पर्चियां / पैकेट बनाकर अलग- अलग टीमें तैयार कर ग्राहकों को सप्लाई किया जाता है। सबसे पहले अजीत एवं पुष्पेन्द्र माल को बाटंने का रूट तय करते है। फिर इनका अपना कोई एजेंट स्कूटी से पूरे रोड की रैकी करता है और रूट क्लीयर करने के पश्चात दूसरा व्यक्ति माल की डिलीवरी करता है। इस दौरान कोई भी किसी से मौबाइल पर वार्ता लाप नही करता है। केवल अजीत के द्वारा ही ग्राहक से सम्पर्क किया जाता है।
गिरफ्तार अभियुक्त शेरदिल खान पुत्र शेर अली खान निवासी माधवपुर माफी मौहल्ला इस्लाम नगर थाना फतेहगंज बरेली उत्तरप्रदेश, अजीत पुत्र वीर सिंह निवासी रायुपर रोड सर्वे चौक देहरादून, पुष्पेन्द्र पुत्र जयप्रकाश शर्मा निवासी करनपुर देहरादून,शाहिद पुत्र मुस्ताक निवासी ग्राम इस्लाम पुर तहसील मीरगंज थाना फतेहगंज बरेली उप्र, रजत जैसवाल पुत्र राकेश जैसवाल निवासी करनपुर थाना डालनवाला के रहने वाले है। 

जनवरी से एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा के आवेदन, 27 मई को होगी परीक्षा

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(देहरादून) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एमबीबीएस के दाखिले की तैयारी कर रहे युवाओं का इंतजार खत्म होने वाला है। एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा 27 मई को आयोजित की जाएगी। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जनवरी माह में शुरू होगी।
बता दें कि एम्स और जिपमर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट के दायरे में नहीं आते हैं। इन दो संस्थानों को अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा की छूट दी गई है। देश में 7 एम्स में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवारों को एम्स एमबीबीएस परीक्षा देना आवश्यक है। जिसकी आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन है। अभ्यर्थी 12 वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण, या फिर 2018 में बारहवीं की परीक्षा में सम्मलित हुआ होना चाहिए। एम्स एमबीबीएस परीक्षा के परिणाम 12 जून तक घोषित किए जाएंगे और जुलाई काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। आवश्यकता पडऩे पर 27 सितंबर को ओपन काउंसिलिंग का भी आयोजन किया जाएगा। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की संभावित तिथि 2 जनवरी है। बलूनी क्लासेज के एमडी विपिन बलूनी के अनुसार देश के दिल्ली सहित कुल सात एम्स में एमबीबीएस की 707 सीटें हैं। एम्स की परीक्षा तुलनात्मक रूप से मुश्किल मानी जाती है। एग्जाम का एक सेक्शन एप्टीट्यूड एंड लॉजिकल थिंकिंग का रहेगा। इस सेक्शन के तहत 10 सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा फिजिक्स, कैमिस्ट्री व बायोलॉजी के 60-60 और जनरल नॉलेज के 10 प्रश्न रहेंगे। यानी अच्छे स्कोर के लिए किसी भी छात्र को एप्टीट्यूड एंड लॉजिकल थिंकिंग पर भी मेहनत करनी होगी। उन्होंने बताया कि गत वर्षों में प्रदेश के छात्र-छात्राओं का एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में सफलता का प्रतिशत बढ़ा है।