दस साल में सबसे फीके सीज़न से मसूरी के व्यापारियों के चेहरों पर छाई मायूसी

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नया साल आने वाला है और इसके स्वागत के लिये उत्तराखंड में तैयारियां ज़ोरों पर है। पर्यटन और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिये कमाई का बढ़ा जरिया है। लेकिन इस बार इस मौसम में भी इन व्यापारियों के चेहरों पर परेशानी और मायूसी झलक रही है। कारण है पहाड़ों की रानी मसूरी की तरफ पर्यटकों का कम रुझान।

मसूरी के मशहूर जेपी रेजिडेंसी होटल के वाइस प्रेसिडेंट अनिल शर्मा का कहना है कि “ये साल परयटकों के आने के लिहाज से काफी खराब रहा है। साल के इस समय हमारा होटल ओवर बुक रहता था जो अबी तक 70% भी नहीं पहुंचा है। इल लिहाज से ये पिछले दस साल में अब तक का सबसे खराब सीजन साबित हो रहा है।”

उत्तराखंड होटल व्यवसाई संगठन के अध्यक्ष संदीप साहनी बताते हैं कि “किन्ही कारणों से ये साल सभी होटल व्यापारियों के लिये अच्छा नही रहा है। कुछ होटलों की कमाई तो हो रही है पर अधिक्तर होटल घाटे में ही हैं।” वहीं पर्यटकों की मसूरी से बेरुखी के लिये संदीप देहरादून में बैठे हुक्मरानों को भी जिम्मेदार ठहराते हैं। संदीप कहते हैं कि “मसूरी से सालाना राज्य सरकार को करीब 50 करोड़ के राजस्व की कमाई होती है पर इतने सालों में सरकार ने मसूरी के विकास के लिये नाम मात्र ही किया है। हमारे यहां ट्रैफिक, पार्किंग आदि मूलभूत समस्याऐं हैं पर इन पर कोई ध्यान नही देता।”

हर साल की तरह मसूरी में नये साल का जश्न तो होगा ही लेकिन पहाड़ों की रानी मसूरी में आने वाले पर्यटकों की संख्या अगर ऐसे ही गिरती रही तो आने वाले दिनों में इस जोश में भंग जरूर पड़ेगा।