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बेरोजगारी से परेशान बीवी के दुपट्टे को फंदा बनाकर फांसी पर झूला पति

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रुद्रपुर, रम्पुरा चौकी क्षेत्र में देर रात एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। छत पर लगी लोहे की राड पर लटके युवक को देखकर घरवालों के होश फाख्ता हो गए। आनन फानन में हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। आत्महत्या की सही वजह तो सामने नहीं आई, लेकिन माना जा रहा है कि युवक ने बेरोजगारी के चलते फांसी लगाकर जान दे दी है। पुलिस मामले की तफ्तीश पर लग गई

घरवालों की मानें तो बीती रात करीब साढ़े आठ बजे फिरोज घर आया, लेकिन उसने किसी से बात नहीं की और सीधा दूसरी मंजिल पर बने अपने कमरे में चला गया। जबकि पत्नी शहनाज नीचे काम कर रही थी। रात करीब नौ बजे शहनाज खाने के लिए ऊपर कमरे में गई। कमरे का दरवाजा खुला था और जैसे ही उसने अंदर देखा तो अंदर का नजारा देख कर उसके होश फाख्ता हो गए।

टीन शेड की छत पर लगे कुंडे से फंसे पत्नी के दुपट्टे के सहारे फिरोज का शव लटक रहा था। पति की लाश देखते ही शहनाज चीख पड़ी, चीख सुनकर घर के अन्य सदस्य भी दौड़ पड़े। पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिरोज के पिता नजाकत ने बताया कि, “फिरोज एक टायर पंचर की दुकान पर काम करता था। दो माह पहले उसका काम बंद हो गया। इससे वह थोड़ा परेशान रहता था और नशा भी करने लगा था। हालांकि उनका मानना है कि यह सुसाइड की वजह नहीं हो सकती।” आखिर में मौत की वजह क्या है यह अभी साफ नहीं हो सका है।

स्कूटी लूट का पुलिस ने किया खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार 

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काशीपुर, आईटीआई थाना पुलिस ने स्कूटी लूट का खुलासा करते हुए तीन लुटेरों को गिरफ्तार करके लूटी गई स्कूटी बरामद की। साथ ही घटना में प्रयुक्त बाइक भी कब्जे में ली है।

गौरतलब है कि 21 दिसंबर को शाम सात बजे जसपुर खुर्द शिवालिक स्कूल जाने वाले मार्ग के चौराहे पर एक बाइक सवार तीन युवकों ने भूपेंद्र सिंह नेगी पुत्र विक्रम सिंह नेगी निवासी ग्राम निझड़ा को रोक लिया तथा हमला करके उसकी स्कूटी लूट ली थी। जिस पर आईटीआई थाना पुलिस को सूचना दी गई। अपर पुलिस अधीक्षक डा. जगदीश चंद्र ने आईटीआई थाना प्रभारी जसवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में दो टीमों का गठन किया। एक टीम ने घटनास्थल के आस पास के सभी सीसीटीवी फुटेज संकलित किए तथा दूसरी टीम ने संबंधित स्थानों का साइड डाटा सैल एकत्र किया। जिसमें कुछ मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले, उन नंबरों के विश्लेषण के आधार पर संदिग्ध युवकों की तलाश की गई।

आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम चेकिंग में जुट गई, बीती रात दडिय़ाल रोड बरखेड़ा पांडेय तिराहे पर तीन लोग एक काले रंग की स्कूटी से आते दिखाई दिए, जो पुलिस बल को देखकर वापस लोहिया पुल दडिय़ाल रोड पर जाने लगे। पुलिस ने शक होने पर तीनों को पकड़ लिया। उन्होंने अपने नाम जुबैर अली पुत्र शमशेर निवासी धर्मकांटा बैंक कालोनी काशीपुर बताया तथा दूसरे ने देवेंद्र सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी निझड़ा फार्म बताया। तीसरा आरोपी किशोर था। पुलिस ने उनके कब्जे से लूटी गई स्कूटी तथा घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल नंबर यूके 18 सी 2947 को बरामद किया। आरोपियों ने बताया कि लूटी गई स्कूटी को लोहिया पुल के आगे झाडिय़ों में दिया था।

उत्तराखंड में रिलीज होगी पद्मावत, सीएम ने माना फिल्म में कुछ गलत नहीं

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देहरादून, उत्तराखंड में पद्मावत के रिलीज होने का रास्ता खुल गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कर्णी सेना द्वारा किए जा रहे विरोध पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि अभी तक पद्मावत फिल्म नहीं देखी है और न ही उसकी औपचारिक समीक्षा पढ़ी है, लेकिन उन्हें लगता है कि उच्चतम न्यायालय ने यदि फिल्म जारी करने का निर्देश दिया है तो न्यायमूर्तियों ने निश्चित रूप से इस मामले में पूरी जांच-पड़ताल कर ली होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना था कि, “पद्मावत ऐतिहासिक प्रकरण है। इस प्रकरण पर यदि फिल्म निर्माता ने ज्यादा इतिहास से छेड़छाड़ की होती तो निश्चित रूप से उच्चतम न्यायालय इस मामले पर संज्ञान लेता। उनका मानना है कि इतिहास से छेड़छाड़ का किसी को अधिकार नहीं है, लेकिन फिल्म के जारी करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को वे पूरी तरह से मान देते हैं। उनका कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म रिलीज करने का आदेश दिया है तो उत्तराखंड में फिल्म के रिलीज होने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।” 

बतादें कि कर्णी सेना तथा अन्य राजपूत संगठनों द्वारा इतिहास के छेड़छाड़ के नाम पर इस फिल्म को रोकने की मांग की है। उत्तराखंड राजपूत सभा ने भी पद्मावत उत्तराखंड में रिलीज न होने की मांग की थी। इस संदर्भ में राजपूत नेताओं का दावा है कि यह फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी दुराग्रह का शिकार होकर किसी का विरोध ठीक नहीं है।

25 जनवरी से फिल्म पद्मावत रिलीज की जा रही है। इसका नाम पहले पद्मावती था। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात तथा मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा इस फिल्म के विरूद्ध जो अधिसूचनाएं जारी की गई थी। इस कारण उच्चतम न्यायालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। कर्णी सेना ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में जाने का निर्णय लिया है। 

एसआईटी ने कब्जे में ली तीन गावो की पत्रावली 

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रुद्रपुर, एनएच 74 घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने सितारगंज एनएच 125 में पडऩे वाले आधा दर्जन गांवों के संशोधित अभिनिर्णय की पत्रावलियां कब्जे में ली हैं। एसआईटी को आशंका है कि इन गांवों में संशोधित अभिनिर्णय पारित करके एसएलएओ ने किसानों को अनुचित लाभ पहुंचाया है। इसके अलावा एसआईटी ने कई अन्य गांवों की पत्रावलियां मांगी हैं।

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की टीम ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के दफ्तर से सितारगंज के ग्राम पंडरी, खैरना, बिडौरा, पचपेड़ा व कल्याणपुर के जमीन अधिग्रहण के बाद अभिनिर्णय, अनुपूरक अभिनिर्णय व संशोधित अभिनिर्णय की पत्रावलियां कब्जे में ली हैं। यहां बता दें कि एनएच 74 में एनएच 125 के कुछ गांव आ रहे हैं।

एसआईटी को आशंका है कि इन गांवों में एसएलएओ ने संशोधित अभिनिर्णय पारित करके किसानों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए मुआवजा राशि बढ़ाई है। यहां बता दें कि एसएलएओ दफ्तर में एनएच घोटाले से संबंधित सारी सत्यापित  पत्रावलियां मौजूद हैं, जबकि मूल पत्रावलियां डबल लॉक में रखी हुई हैं। इन सत्यापित पत्रावलियों को एसआईटी ने अपनी विवेचना में शामिल किया है।

बताया जा रहा है कि एसआईटी ने कई अन्य गांवों की पत्रावलियां भी एसएलएओ दफ्तर से मांगी हैं। गौरतलब है कि थाना पंतनगर में पंजीकृत मुकदमा नंबर 32/17 धारा 167, 218, 219, 409, 465, 467, 468, 471, 474, 120 बी, 34 भादवि एवं 13(1) घ, 8/9 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की एसआईटी जांच कर रही है। तकरीबन तीन सौ करोड़ रुपये के इस घोटाले में एसआईटी अब तक तीन पीसीएस अफसरों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। सितारगंज में भी मुआवजा वितरण में बड़ा खेल सामने आने की संभावना है।

भारतीय अंडर-16 फुटबॉल टीम दुबई दौरे पर रवाना

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नई दिल्ली,  भारत की अंडर-16 फुटबॉल टीम प्रमुख कोच बिबियोनो फर्नांडीस के नेतृत्व में शुक्रवार को दुबई दौरे के लिए रवाना हो गई है।

रवानगी से पहले फर्नांडीस ने कहा, “अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) ने टीम के लिए दुबई से शुरू होने वाले दौरे की बेहतरीन योजना बनाई है। मुझे लगता है कि यह एएफसी अंडर -16 चैम्पियनशिप की तैयारी के लिए एक बेहतरीन तरीका है।”

दुबई दौरा एआईएफएफ द्वारा अंडर-16 टीम की तैयारियों के लिए बनाई जाने वाली श्रृंखला की शुरुआत है। टीम दुबई के बाद कतर जाएगी इसके बाद अगस्त तक दूसरे देशों के यात्रा की भी योजना है।

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान अभिषेक यादव (वर्तमान में एआईएफएफ के स्काउटिंग नेटवर्क के निदेशक) ने कहा कि, “असली परीक्षा अब शुरू हो गई है। अब जब हमने एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है तो अब हमारी असली परीक्षा शुरू होती है। एआईएफएफ ने खेल प्राधिकरण की मदद से टीम की बेहतरीन तैयारी के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है।” 

दुबई दौरे पर जाने वाली अंडर-16 सदस्यीय भारतीय टीम इस प्रकार है-
गोलकीपर: लालबीख्लुआ जोंगटे, नीरज कुमार, मानिक बालियान।
डिफेंडर: संदीप मंदीप, शाबास अहमद, गुरकीरत सिंह, हरप्रीत सिंह, समीर करकेटा, मोइरंग्थेम थाइबा सिंह, लालरोकीमा।
मिडफिल्डर्स: लालचन्हामा सैलो, एरिक रिमरुअतपुआ चेंगटे, गिवसन सिंह मोइरंगत्थेम, एनाम ग्राफेंबर्ग जिरवा, रिकी जॉन शबाँग, रवि बहादुर राणा।
फॉरवर्डः बेकी ओराम, विक्रम प्रताप सिंह, हरप्रीत, आदर्श राय दास, रिज मेलविन डेमलेलो, रोहित दानू, शानन एलेक्सिन्हो विएगास, सुबुंगा बासुमतारी।

खास मौके पर पुलिसवालों को मिलेगा ये खास तोहफा

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जहां एक तरफ उत्तराखंड हर रोज नए प्रयोग कर रहा है ताकि राज्य की पुलिसिंग सेवाएं बेहतर हो सके वहीं राज्य के जिले रुद्रप्रयाग में भी एक नई शुरुआत की गई है। रुद्रप्रयाग जिले में अभी लगभग 450 पुलिसकर्मी कार्यरत है,और अब इन सबको खास मौकों पर छुट्टी मिल सकेगी।

जिले में काम करने वाले पुलिसकर्मीयों को अपने जन्मदिन या बच्चों के जन्मदिन या फिर अपनी शादी की सालगिरह यानि की केवल दो मौके पर छुट्टी मिलेगी। जहां यह पुलिसवालों के लिए अच्छी खबर है वहीं इस नियम को करने का क्या कारण है आइयें रुद्रप्रयाग एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा से जानते हैं।

टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में रुद्रप्रयाग एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि, “हमें परिवार के सदस्यों से शिकायत मिलते रहती है कि उनके घरवाले खुशी और उत्सव के मौकों पर शामिल नही हो पाते।इसके लिए अपने कार्यक्षमता को जांचने के बाद हमने एक रास्ता निकाला की हम अब पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता के अनुसार छुट्टी देंगे  जैसे अगर वह शादी-शुदा है तो उसे शादी की सालगिरह और उसके बच्चों के जन्मदिन पर छुट्टी दी जाएगी और यह सुविधा खासकर इन दोनों अवसरों पर ही उपलब्ध होगी।और अगर एक पुलिसवाला शादी-शुदा नहीं है तो उसे अपने माता-पिता और भाई-बहन के सालगिरह पर छुट्रटी दी जाएगी।”

उन्होंने कहा कि, “पुलिस में असमंजस की स्थिति रहती है कि छुट्टी मिलेगी या नही तो अगर उसे पहले से छुट्टी का पता चलेगा तो वह उसके अंर्तगत काम कर सकता है और हम महीने की शुरुआत में ही छुट्टियों की लिस्ट दे देंगे जिससे वह अपनी छुट्रटियां उसी हिसाब से प्लान कर सकें।”

इन छुट्टियों से पुलिसकर्मियों के चेहरे पर कितनी मुस्कान आती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन ऐसी सुविधा देने वाला रुद्रप्रयाग प्रदेश का पहला जिला बन गया है।

देश में पहली बार जानवरों के इलाज के लिये अल्ट्रासाउंड इस्तेमाल करेगा उत्तराखंड

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(देहरादून) देश में पहली बार जंगली जानवरों पर अल्ट्रासाउंड प्रक्रिया से गर्भावस्था का पता लगाया जाएगा वो भी प्रेगनेंसी नियंत्रण पद्धति को इस्तेमाल करने के बाद। उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीव संस्थान (डब्लुआईआई) को गुरुवार को मैन-एनिमल कनफ्लिक्ट को संबोधित करने के लिए अपनी नसबंदी परियोजना के तहत प्रमाणन दिया।

वर्तमान में, मशीन का उपयोग जंगली सूअरों, बंदरों, नील गयां और हाथियों में गर्भावस्था का पता लगाने के लिए किया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान, 10 करोड़ रुपए मूल्य के तीन वर्षीय योजना का हिस्सा है जो केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के तहत है जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ईम्यूनोलॉजी भी सहयोग कर रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) वाई सी थापियाल ने कहा, “यह देश में पहली बार है कि राज्य में जंगली जानवरों पर अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। चूंकि पूर्व अवधारणा और जन्मपूर्व नैदानिक तकनीक अधिनियम के दिशानिर्देश जंगली जानवरों पर लागू नहीं होते हैं, इसलिए यह मंजूरी पूरी तरह से डब्लूआईआई  को प्रदान की गई है। “

डब्लूआईआई डायरेक्टर वी बी माथुर ने कहा, “राज्य सरकार ने जंगली जानवरों में गर्भावस्था के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रमाणन दिया है। अल्ट्रा ध्वनि मशीनों का उपयोग करने की गतिशीलता मनुष्य और जंगली जानवरों के लिए अलग हैं। मनुष्य के मामले में, यह लिंग और सुरक्षा को निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जबकि जंगली जानवरों में, परीक्षण गर्भधारण की पुष्टि के लिए किया जाता है और अगर परिणाम पॉजिटीव है फिर जानवरों को जंगलों में छोड़ दिया जाता है।” माथुर ने कहा कि मानव निवास के विस्तार के साथ, जंगली जानवरों के लिए जगह कम हो रही है। “परिणामस्वरूप, मनुष्य-पशु संघर्ष के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए जानवरों की आबादी को नियंत्रित करने के यह जरूरी कदम है,इसलिए पर्यावरण मंत्रालय ने इन चार प्रजातियों के अनुसंधान और नियंत्रण जनसंख्या को संचालित करने का निर्देश दिया। यदि पशु गर्भवती नहीं है, तो नसबंदी की जाएगी।”

माथुर ने कहा कि पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीने खरीदी जाएंगी ताकि पशु के स्थान के अनुसार ही परीक्षण किया जा सके। “मनुष्य की तरह जानवरों में भी, नैतिकता के अनुसार हम किसी भी गर्भनिरोधक पद्धति को लागू नहीं करेंगे, लेकिन बारीकी से उनके व्यवहार और भोजन की आदतों पर नज़र रखेंगे और फिर निर्णय लेगें उनके खाने में गोलियां दी जाएंगी या पिर सर्जरी की जाएगी।

माथुर ने कहा, “हम सबसे पहले सभी चार प्रजातियों का जनसंख्या अनुमान सर्वेक्षण आयोजित करेंगे ताकि उनकी आबादी पर एक नजर रखा जा सके। बंदरों के लिए, हमने चंदरबानी क्षेत्र का चयन किया है, जो डब्लूआईआई के चारों ओर है, जहां हमारे शोधकर्ताओं ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अन्य प्रजातियों के लिए प्रोजेक्ट साईट जल्द ही तय किए जाएंगे। “

डब्ल्यूआईआई डायरेक्टर ने कहा कि तीन डब्लूआईआई वैज्ञानिकों के अलावा, अनुसंधान के लिए नए विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।इसके अलावा डब्लूआईआई मे पशुओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां बनाने के लिए एक अलग विंग की स्थापना की जाएगी और हरिद्वार के चिडियपुर रेस्क्यु सेंटर में सर्जरी आयोजित की जाएगी।

जल संरक्षण के लिए 3000 बच्चों ने लिखे 7000 स्लोगन

ऋषिकेश, ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज में अबोध एनजीअो द्वारा जल संरक्षण के लिए 3000 बच्चों के साथ 7000 स्लोगन चार्ट पेपर में बनाये गए। कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य बच्चों के साथ-साथ आम लोगों को नदियों और जल स्रोतों के प्रति जागरूक करना था।

आपको बता दे की पूरे भारत में कैंपिंग करके अबोध ऑर्गनाइजेशन लोगों को पानी और स्वच्छता के लिए जागरुक करने का काम कर रही है। संस्था का उदेश्य लोगों को सेव वाटर सेव रिवर के प्रति जागरुक करना है जिससे आने वाली जनरेशन को साफ और स्वच्छ पानी मिल सके। कार्यक्रम की आयोजक निधि उनियाल का कहना है कि, “इस तरह के कार्यक्रम करने से बच्चों में जागरूकता आती है और हमारा समाज और हम लोग पानी के सर्वेक्षण के लिए आगे आ  पाएंगे।” 

इस कार्यक्रम में अलग-अलग स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया और अपनी क्रिएटिविटी के जरिए इन स्लोगंस को लिखकर पानी को बचाने का संदेश दिया।

अवैध स्मैक के साथ दो गिरफ्तार

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देहरादून, नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत थाना क्लेमेंटाउन पुलिस ने आज पोस्ट ऑफिस रोड, क्लेमेंटटाउन पर चैेकिंग के दौरान दो अभियुक्तों शाह आलम को 5.5 ग्राम अवैध स्मैक व शहजाद को 110 ग्राम चरस के साथ को गिरफ्तार किया है| गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना क्लेमनटाऊन पर एनडीपीएस एक्ट मे अभियोग पंजीकृत किया गया है|

अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया जाएगा, दोनों अभियुक्त पटेल नगर देहरादून के रहने वाले है।अभियुक्त से पूछताछ की गई तो अभियुक्तों ने बताया कि उसके द्वारा स्मैक बरेली से सस्ते दामों में खरीद कर देहरादून में शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मोटे दामों में बेची जाती है।

आईएसबीटी गौलापार में ही बनाने के लिए अड़े कांग्रेसी

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(हल्द्वानी)राज्य सरकार एक ओर अंतरराज्यीय बस अड्डे(आइएसबीटी) का निर्माण तीनपानी बाईपास की तरफ करने पर जोर शोर से प्लानिंग में लगी है। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता गौलापार में प्रोजेक्ट खारिज किए जाने को बड़ी साजिश और भाजपा का विकास विरोधी कदम बता रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने विरोध में बुधवार से क्रमिक धरना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को भी कांग्रेस नेताओं ने बुद्ध पार्क तिकोनिया में धरना दिया। उन्होंने मांग उठाई कि बस अड्डा गौलापार में ही बनाया जाए। प्रदेश प्रवक्ता हुकुम सिंह कुँवर, प्रदेश सचिव मयंक भट्ट और जगमोहन चिलवाल ने कहा कि जब तक आइएसबीटी निर्माण के मामले में सरकार द्वेष भावना से लिये गए निर्णय को वापस नही लेती, आंदोलन जारी रहेगा। बस अड्डा बनना शहर के विकास के लिए जरूरी है। शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या छिपी नही है। वहीं सरकार ने बिना ठोस कारण के ही महत्वाकांक्षी परियोजना को बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का प्लान बना दिया। यह जनहित के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। 30 जनवरी को नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश की भूख हड़ताल में सभी कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। धरने में राजेंद्र बिष्ट, अलका आर्य, रोहित भट्ट, शाहिल, भूपेंद्र बिष्ट आदि शामिल रहे।