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हरबर्टपुर में ”प्याऊ से दूर प्याऊ का पानी”

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no water dispenser in harbatpur

विकासनगर। हरबर्टपुर कस्बे में प्याऊ व सुलभ शौचालय नहीं होने से यहां आने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। चार राज्यों का संगम स्थल होने के चलते कस्बे में हर रोज हजारों यात्री आते हैं। नगर पालिका की निष्क्रियता का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि दो वर्ष पूर्व पालिका प्रशासन ने नगर में दो मोबाइल शौचालय रखे थे, जिन्हें सार्वजनिक समारोह के दौरान किराए पर उपलब्ध कराया जाता है।

पछवादून के केंद्र स्थल व चार राज्यों के मिलन स्थल हरबर्टपुर कस्बे में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कस्बे से हर रोज उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ के लिए वाहनों का आवागमन होता है, जबकि जम्मू कश्मर जाने वाले यात्री भी इसी कस्बे से होकर गुजरते हैं। जिसके यहां हर रोज सैकड़ों वाहनों में हजारों यात्रियों की आवाजाही होती है, इसके साथ ही सहारनपुर, सेलाकुई, पांवटा औद्योगिक क्षेत्रों को जाने वाले भारी वाहन भी इसी कस्बे से गुजरते हैं। पछवादून का केंद्र स्थल होने के चलते अधिकांश वाहन यहां पर आधा से एक घंटे तक रुके रहते हैं। ऐसे में कस्बे में प्याऊ व सुलभ शौचालय नहीं होने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। मानवाधिकार एवं आरटीआइ कार्यकर्ता एसोसिएशन अध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कहा कि यात्रियों का मुख्य पड़ाव होने के चलते कस्बे में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से यात्रियों को परेशानी होने के साथ ही प्रदेश की छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने स्थानीय निकाय प्रशासन से यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कस्बे में प्याऊ लगाने के साथ ही सुलभ शौचालय बनाने की मांग की है। उधर, नगर पंचायत अध्यक्ष वीना शर्मा ने बताया कि निकाय क्षेत्र में दो मोबाइल शौचालय खरीदे गए हैं, जिन्हें सार्वजनिक समारोह के दौरान उपयोग में लाया जाता है। इसके साथ ही प्याऊ लगाने के लिए जगह चिह्नीत की जा रही हैं।

शिक्षा आधुनिकता के साथ प्राचीन आदर्शों से भी जोड़े: राज्यपाल

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uttarakhand governor in convocation

देहरादून। शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन की कुंजी है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके बल पर दुनिया को बदला जा सकता है। शिक्षा ऐसी हो जो आधुनिक तौर तरीकों के साथ हमें अपने प्राचीन आदर्शों से भी जोड़े। सोमवार को प्रदेश के राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल ने हरिद्वार में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में राज्यपाल ने मेधावियों को डिग्री प्रदान कर सम्मानित भी किया।
ज्ञान का केंद्र बनेगा संस्कृत विवि
दीक्षांत समारोह का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को सेंटर फाॅर एक्सीलेंस बनाने के लिए और गम्भीरता से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। छात्रों के कौशल विकास के साथ ही शोध और अभिनव प्रयोगों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाए। तभी आने वाले समय में देवभूमि उत्तराखंड में स्थापित संस्कृत विश्वविद्यालय, ज्ञान का ऐसा उत्कृष्ट केन्द्र बन पाएगा जैसे कभी तक्षशिला और नालन्दा विश्वविद्यालय थे।
संस्कृत का बताया महत्व
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे सभी अपनी शिक्षा और संस्कारों के आधार पर नए मापदंड और आदर्श कायम करेंगे। शिक्षा एक अंतहीन यात्रा है जो जीवन पर्यन्त चलती है। अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करें।
राज्यपाल ने कहा कि देवभाषा संस्कृत के संरक्षण व संवर्धन के लिए उत्तराखंड संस्कृत विवि लगातार प्रयासरत है। संस्कृत भाषा में लोक जीवन से लेकर विज्ञान तक के ग्रंथ शामिल हैं। यह भाषा विभिन्न दर्शन शास्त्रों और अध्यात्म से लेकर लौकिक साहित्य को अपने भीतर समेटे हुए है। संस्कृत ने हमारे देश को एकसूत्र में बांधा है। देश में उत्तर-दक्षिण के बीच संस्कृत ही सबसे प्रभावी भाषा-सेतु है। विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में संस्कृत का उच्च स्थान रहा है। यह अनेक प्राचीन एवं आधुनिक भाषाओं की जननी भी है। संस्कृत भाषा, अलंकार व बाहुल्य, उच्चारण की स्पष्टता, वैज्ञानिकता के गुणों के कारण देववाणी भी कही जाती है।
प्राचीन विद्याओं के संरक्षण की युवाओं से की अपील
राज्यपाल ने कहा कि हमारे आज के संस्कृत विश्वविद्यालय आधुनिक युग के गुरुकुल हैं और यहां के छात्र और शिक्षक किसी न किसी स्तर पर प्राचीन परंपरा के आधुनिक रूप हैं। ऐसे में, खुद-ब-खुद उनके कंधों पर यह दायित्व आ जाता है कि वे प्राचीन विद्याओं और उसकी परंपराओं का संरक्षण करें। वैदिक साहित्य ने ज्ञान की अनेक शाखाओं को आधार प्रदान किया है। इनमें वैदिक गणित से लेकर व्याकरण तक शामिल हैं। भारत ने दुनिया को शून्य दिया, जिस पर आधुनिक विज्ञान टिका है। पाणिनी के व्याकरण को त्रिमुनि व्याकरण भी कहते हैं। प्रातिशाख्य ग्रंथों में ध्वनि विज्ञान आदि का जितना प्राचीन और वैज्ञानिक विवेचन मिलता है, उसकी तुलना किसी दूसरे ग्रंथ से करना बहुत मुश्किल है। चिकित्सा विज्ञान के रूप में आयुर्वेद का वैदिक काल से ही प्रचार था।
संस्कृत भाषा से ही बचेगा प्राचीन ज्ञान
राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद के ग्रंथ चरकसंहिता, सुश्रुतसंहिता आदि प्राचीन भारतीय ज्ञान की महान वैज्ञानिक धरोहर हैं। इसी प्रकार संस्कृत में धनुर्वेद और राजनीति आदि पर भी व्यापक साहित्य उपलब्ध है। वेद, वेदांग आदि के अलावा संस्कृत में दर्शनशास्त्र पर भी बड़ी मात्रा में साहित्य मौजूद है। कहा कि वर्तमान समय में संस्कृत को नई दृष्टि और नए संदर्भाें के साथ देखने की जरूरत है। हम अपने समृद्ध प्राचीन ज्ञान को तभी बचा सकते हैं जबकि संस्कृत भाषा बची रहे। संस्कृत के संरक्षण व संवर्धन के लिए इसे आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ना जरूरी है। देवभाषा को जनभाषा बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
आईआईटी रूड़की के साथ किया जा रहा कार्य
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत और उत्तराखंड के बीच बहुत गहरा नाता है। संस्कृत विश्वविद्यालय को अपनी उपाधियों को इस प्रकार निर्धारित करना चाहिए कि एक ओर वे परंपरा की वाहक हों और दूसरी ओर उनका रिश्ता आधुनिक दुनिया के साथ हो। विवि में योग विज्ञान भवन, सभागार व डिजीटल लाईब्रेरी भवन तैयार हो चुका है। आईआईटी रूड़की के साथ मिलकर मूक के अंतर्गत तीन आॅनलाईन पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने संस्कृत में फिल्म निर्माण पाठ्यक्रम के साथ ही इंदिरा गांधी कला केंद्र, नैड आदि से महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। विश्वविद्यालय समाज के प्रति अपने दायित्यों के निर्वहन में भी आगे बढ़ा है। दुर्गम व पिछड़े क्षेत्र के पांच गांवों को गोद लेकर वहां संस्कृत के प्रचार प्रसार के साथ ही योग, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, कैशलैस ट्रांजेक्शन, स्वच्छता अभियान आदि के तहत जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो. विश्वकांत दीक्षित ने विवि की भविष्य योजनाओं की भी जानकारी दी। कार्यक्रम में काफी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

उक्रांद प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से की मुलाकात

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ukd representative meets with chief secretary

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को पत्र सौंपते हुए विधानसभा घेराव कार्यक्रम के लिए गैरसैंण के जीआईसी मैदान के उपयोग की अनुमति मांगी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उक्रांद ने 1992 में उत्तराखंड राज्य के जनमानस की भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण चंद्र नगर को उत्तराखंड राज्य की स्थाई राजधानी की घोषणा/प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। तब से लगातार उत्तराखंड क्रांति दल गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने के लिए आंदोलनरत है। समय-समय पर उत्तराखंड राज्य में काबिज हुई राष्ट्रीय दलों की सरकारों ने राजधानी जैसे अहम मुद्दे को हमेशा अनदेखा किया है तथा लगातार जनता को गुमराह किया है।
उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि 20 मार्च 2018 को भराड़ीसैंण विधानसभा में बजट सत्र के दौरान घेराव के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी है। ’0 मार्च को इसके लिए गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल से हजारों कार्यकर्ता गैरसैंण में एकत्रित होंगे। उत्तराखंड क्रांति दल शासन-प्रशासन से इस लोकतांत्रिक विरोध-प्रदर्शन में सहयोग की अपेक्षा करता है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक भी कार्यकर्ता को गैरसैंण जाने से रोका गया अथवा किसी प्रकार की अभद्रता की गई तो दल की प्रतिक्रिया के लिए शासन-प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा। कार्यकर्ताओं को जबरन रोके जाने की दशा में अल्मोड़ा तथा गढ़वाल मंडल की ओर से गैरसैंण में जुड़ने वाले दोनों मुख्य मार्गों को जाम कर दिया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। प्रतिनिधिमंडल में दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी, वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन, केंद्रीय महामंत्री जयप्रकाश, महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री, केंद्रीय सचिव धर्मेंद्र कठैत, सुरेंद्र बुटोला व गौरव उनियाल शामिल थे।

जनसुनवाई : स्वच्छता, पेयजल व अतिक्रमण से जुड़े मामले दर्ज

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public problem hearing stage dehradun dm

देहरादून। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने जिले के विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। जनसुनवाई के दौरान प्राप्त हुए आवेदन में अधिकतर कूड़ा उठान, शहर में स्वच्छता, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण जमीन से जुड़े विवाद, पेयजल, विद्युत, छोटे-छोटे निर्माण कार्य से सम्बन्धित शिकायतें प्राप्त हुई। इसमें से अधिकांश का मौके पर ही निस्तारण किया गया। बाकी को डीएम ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को तय सीमा के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिये। इस दौरान कुल 35 शिकायतें प्राप्त हुए।
नेहरूग्राम की महिलाओं द्वारा शिकायत की गयी कि बरसात के समय में नाले में अत्यधिक पानी का बहाव होने के कारण उसे पार करने का जोखिम रहता है और उन्होने समय से इसके उपर पुलिया निर्माण करने का आग्रह किया। बहुत से फरियादी समाज कल्याण से पेंशन, छात्रवृत्ति की शिकायतें तथा उप जिलाधिकारी सदर, लो.नि.वि, नगर निगम, पेयजल इत्यादि विभागों से सम्बन्धित अधिकतर शिकायतें संज्ञान में आयी।
जिलाधिकारी ने इसके पश्चात जिला योजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और कम व्यय प्रतिशत्ता वाले विभागों को फटकार लगाते हुए शीघ्रता से व्यय की प्रगति बढाने के निर्देश दिये। उन्होंने पुरानी देनदारी का शीघ्रता से भुगतान करने तथा नये बजट से व्यय प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अगली जिला योजना की बैठक की तैयारी हेतु सभी विभागों को अपने-अपने स्तर पर पर्याप्त होमवर्क करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर नगर मजिस्टेªट मनुज गोयल, मुख्य विकास अधिकारी जीएस रावत, परियोजना प्रबन्धक डीआरडीए राजेन्द्र रावत, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी सहित जनपद के अधिकारी तथा कार्मिक उपस्थित थे।

हावड़ा-दून सहित आधा दर्जन ट्रेनें विलंब से पहुंचीं

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देहरादून। राजधानी देहरादून आने वाली लंबी दूरी की गाड़ियों के समय में सुधार नहीं हो पा रहा है। सोमवार को भी करीब आधा दर्जन ट्रेनें अपने तय समय से घंटों विलंब पहुंचीं।

सोमवार को वाराणसी से प्रतिदिन चलने वाली जनता एक्सप्रेस अपने तय समय से एक घंटे की देरी से पहुंची, जबकि हावड़ा से चलने वाली हावड़ा-दून एक्सप्रेस 4:30 घ‍ंटे की देरी से पहुंची। दिल्ली रोहिला सराय से चलकर देहरादून आने वाली मसूरी एक्सप्रेस और इंदौर देहरादून एक्सप्रेस डेढ़-डेढ़ घंटे तो इलाहाबाद से देहरादून प्रतिदिन चलने वाली लिंक एक्सप्रेस तीन घंटे की देरी से आई। जबकि अन्य ट्रेनें अपने तय समय से पहुंची। स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि सोमवार को दून आधा दर्जन ट्रेनें तय समय से लेट आईं। हालांकि यहां से जाने वाली गाड़ियों के समय में बदलाव नहीं किया गया है। सभी गाड़ियों को निर्धारित समय से रवाना किया जा रहा है। 

साधु की हत्या के आरोप में एक गिरफ्तार

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arrested for murder of saint

गोपेश्वर। चमोली जिले के विकास खंड गैरसैंण के सिलंगी गांव के पास सोमवार को नदी किनारे झाड़ियों में एक साधु का शव बरामद किया गया। ग्रामीणों की निशानदेही पर गांव के एक युवक को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार सोमवार को सिलंगी के लोगों ने सूचना दी कि गांव के पास नदी किनारे झाड़ियों में एक शव पड़ा हुआ है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू की गई तो पता चला कि मृतक साधु तीन-चार दिन से गांव के ही एक युवक सतीश के साथ देखा गया। सतीश नशेड़ी प्रवृत्ति का है। जिसकी अभी तक शादी नहीं हुई है। उसकी मां उसके साथ नहीं रहती है। पुलिस ने घटना के साक्ष्य एकत्र कर आरोपी को खोजने का कार्य शुरू किया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जगह-जगह दबिश देकर देर शाम को आरोपी सतीश चंद्र को गैरसैंण के गडोली गांव के पास गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह चरस, भांग पीने का आदी है और घर में अकेला ही रहता है। तीन दिन पूर्व गांव में एक बाबा आया था उसे वह अपने घर ले गया। बाबा ने अपना नाम विष्णुनाथ बताया था। रविवार रात्रि में दोनों ने घर में बैठक कर शराब पी और उसके बाद भांग पी। नशे की हालत में दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और मैंने बाबा को चिमटे व डंडे पीटा जिससे बाबा की मौत हो गई। रात को ही उसने बाबा के शव को नदी किनारे झाड़ियों में छिपा दिया था। पुलिस टीम ने अभियुक्त की निशान देही पर घटना में प्रयुक्त चिमटा, डंडा एवं अभियुक्त के घटना के समय पहने खून से सने कपड़े बरामद किये गये हैं। बाबा के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय गोपेश्वर भेजा गया है

स्टोर रूम से संचालित हो रही आपातकालीन सेवाएं

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विकासनगर। जौनसार-बावर, पछवादून, टिहरी, उत्तरकाशी, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले आदि के मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी विकासनगर में आपातकालीन सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं।

सीएचसी में आकस्मिक उपचार देने के लिए आपातकालीन कक्ष ही उपलब्ध नहीं है। एक शैय्या की क्षमता वाले स्टोर रूम में अस्पताल प्रबंधन द्वारा आपातकालीन सेवा संचालित की जा रही हैं। वहीं, मरहम पट्टी लगाने के स्टोर रूम से छोटे आकार के कक्ष का उपयोग किया जा रहा है। यही हाल अस्पताल में पैरा मेडिकल कर्मियों का भी है। छह सौ से अधिक की ओपीडी एक फार्मासिस्ट के सहारे संचालित होती है। जबकि आपातकालीन सेवा के लिए भी मात्र एक फार्मासिस्ट व दो अप्रशिक्षित उपनल कर्मियों की सेवा ली जा रही है। अस्पताल में पिछले तीन माह से आर्थोपेडिक सर्जन का पद रिक्त चल रहा है। ऐसे में क्षेत्र में कोई दुर्घटना होने पर अस्पताल प्रबंधन के पास घायलों को प्राथमिक उपचार देने के लिए मानव संसाधन के साथ ही पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। जाहिर है जहां आपातकालीन सेवाएं खुद ही वेंटिलेटर पर हों वहां आकस्मिक उपचार की आशा रखना बेमानी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विकासनगर आठ लाख की आबादी को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाला सबसे बड़ा स्वास्थ्य केंद्र है। दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील जौनसार-बावर परगने में सड़क दुर्घटना होने पर सीएचसी विकासनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल भी खुल जाती है। यहां एक साथ दो घायलों को आकस्मिक उपचार देना भी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए संभव नहीं है। कारण आकस्मिक सेवाओं को संचालित करने के लिए कक्ष में पर्याप्त जगह ही नहीं है। आठ लाख की आबादी को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने वाले अस्पताल में आपातकालीन वार्ड के नाम पर एक स्टोर नुमा कक्ष में मात्र एक बैड उपलब्ध है। ऐसे में क्षेत्र में बड़ी वाहन दुर्घटना होने पर घायलों को किस तरह प्राथमिक उपचार दिया जाता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं सीएचसी में मात्र दो फार्मासिस्ट तैनात हैं जिनमें से एक की ड्यूटी स्टोर रूम में रहती है। लिहाजा ओपीडी व आकस्मिक सेवाओं का संचालन मात्र एक ही फार्मासिस्ट के सहारे हो रहा है। दो अप्रशिक्षित उपनल कर्मी जरूर हर रोज फार्मासिस्ट की सहायता के लिए तैनात रहते हैं। क्षेत्र के सबसे बड़े स्वास्थ्य केंद्र में आपातकालीन सेवा के खुद ही वेंटिलेटर पर होने से जनता को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए जिम्मेदारों की संवेदनशीलता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून डॉ. वाईएस थपलियाल ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को दुरस्त करने के लिए आवश्यक भौतिक व मानव संसाधन प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराए जा रहे हैं। जिससे मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके।

जर्जर बसों से यात्रियों को हो रही परेशानी

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ऋषिकेश। राज्य परिवहन निगम की अधिकांश पुरानी व खटारा हो चुकी बसों को डेंट-पेंट व मरम्मत कराकर यात्रियों की सेवा में लगाया गया है। इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता है। परिवहन विभाग के ऋषिकेश डिपो में बसों के बेड़े में खस्ताहाल बसें यात्रियों के लिए दुखदायी साबित हो रही हैं। इसमें खुद विभाग की बसों सहित अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। विभाग की ओर से यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। कम दूरी की कई बसों में तो सफर करते समय दरवाजे व खिड़कियों के शोर से यात्रियों का सिर दर्द करने लगता है। इसके अलावा लंबी दूरी के यात्रियों को दोगुना समय लगाकर यात्रा करनी पड़ती है।

इस संबंध में जब चमोली की एआरटीओ अनीता से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि ऋषिकेश डिपो की कोई भी बस उनके कार्यालय मे पंजीकृत नहीं है, जबकि उनका रिकवरी वाहन अकेला उनके कार्यालय में पंजीकृत है बाकी सभी गाड़ियां जिनकी संख्या 71 बताई गई है वह देहरादून में पंजीकृत हैं। इसके बावजूद इस प्रकार की शिकायतें आने पर वह परिवहन निगम के अधिकारियों से बात करेंगी। उधर प्रतिदिन देहरादून हरिद्वार के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को कहना है कि ऋषिकेश डिपो में बसों की कमी लगातार बनी हुई है। कई रूटों पर तो खस्ताहाल बसों के जरिए ही यात्रियों को सफर करना पड़ रहा है।

अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों के लिये सैंपल

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सितारगंज। नगर में विभिन्न दुकानों में छापेमारी अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों के सैंपल लिये गए। इस दौरान नगर में चली इस कार्रवाई से व्यापारियों में हड़कम्प मच गया। एसडीएम विनोद कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा शाह ने सोमवार को लोगों की शिकायत पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को बुलाकर ब्रांडेड कम्पनी के आटा के सैंपल भरे। इस दौरान बाजार की दूसरी दुकानों से भी आटा व अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए। वार्ड सात निवासी रेनू ने रविवार को जब रोटी पकाने के लिए आटा गूंथा तो आटा रबर की तरह खिंचने लगा था। इसकी शिकायत उन्होंने प्रशासन से की। जिस पर प्रशासन की ओर सख्त रुख अख्तियार किया गया है। उपभोक्ताओं का कहना था कि खाद्य पदार्थों की नियमित चेकिंग करने व नकली खाद्य सामग्री बाजार से जब्त करने की कार्यवाही लगातार होनी चाहिए। इस प्रकार के अभियान से दुकानदारों में भय बना रहेगा।

देवभूमि में कौन है रजनी कांत का पावर हाउस

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फिल्म इंडस्ट्री के सुपर हीरो, भगवान, रजनी कांत,हर कोई जानना चाहता है आखिरकार थलैवा रजनी कांत को कहां से मिलती वो पावर,तो आज राज़ खुल ही गया..

रजनी कांत का पावर हाउस है, ऋषिकेश, शीशम झाड़ी में स्थित एक आश्रम में,इसलिए किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले रजनीकांत अपने गुरू ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती का आर्शीवाद ज़रूर लेतें हैं।रजनी कांत जल्द ही राजनैतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं,इसलिए 13 मार्च को वो देवभूमि आ रहे हैं और कुछ दिन यहां योग और ध्यान से मन स्थिर करने के बाद राजनीति में कदम रखेंगे।

इस आश्रम में विश्वास रखने वाली वो अकेली हस्ती नहीं,प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी अकसर यहां आते हैं। मोदी के आध्यत्मिक गुरू भी दयानंद सरस्वती थे,जो दो साल पहले वो शरीर त्याग चुकें हैं।