EXCLUSIVE: क्या है जम्मू हवाई अड्डे का देहरादून कनेक्शन?

Anshu filling colours in his project for Jammu Airport

देहरादून: दून के मथोरोवाला निवासी और लघु चित्रकला में महारथ रखने वाले अंशु मोहन इन दिनों काफ़ी व्यस्त हैं। यह कलाकार इन दिनों 25×3 फीट और 23×3 फीट (कुल 49×3 फीट) की कलाकृति में रंग भरने में लगे थे, जो आने वाले दिनों में जम्मू हवाई अड्डे की रौनक बढ़ायेगी।

अपनी पेंटिंग को आख़िरी रूप देते हुए अंशु हमें बताते हैं कि, “मैंने बशोली कला में, राधा-कृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया है। जम्मू हवाई अड्डे के लिये बनाई जा रही यह पेंटिंग रासामंजरी कड़ी का हिस्सा है, जो 15वीं शताब्दी के संस्कृत कवि भानुदत्ता के काम पर आधारित है।”

ज़्यादातर लघुचित्र, ए3 या ए4 साइज़ के काग़ज़ों पर होते हैं, ऐसे में अपनी कलाकृति को 49 फ़ीट के कैनवास पर उतारना अंशु के लिये चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ रोमांच से भी भरा था।

दिसंबर 2019 में शुरू हुए एस प्रोजेक्ट को पूरा होने में क़रीब दो महीने का समय लगा। फ़ोन पर बात करते हुए अंशु हमें बताते हैं कि, “आज मैंने पेंटिंग ख़त्म कर कुरियर कर दी है, और जल्द ही यह लोगों के लिये सार्वजनिक कर दी जायेगी।”

The 49 feet painting which will adorn the walls of Jammu Airport

बचपन से ही जब भी अंशु किसी भी संग्रहालय जाते थे तो वहाँ मौजूद कला के अलग-अलग नमूनों से उन्हें प्रेरणा मिलते थी। वो कहते हैं कि, “आज भी मैं 200 साल पहले मौजूद कला के तरीक़ों को फ़ॉलो करता हूँ। मैं उसी तरह की पेंटिंग और तकनीक को रंगों के माध्यम से बनाने की कोशिश करता हूँ।”

ग्वालियर के मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय से डॉक्टर की उपाधि की पढ़ाई कर रहे अंशु, देशभर के फ़ाइन आर्ट के छात्रों के लिये कार्यशालाऐं भी आयोजित करते हैं। उनका मानना है कि, शिक्षक थ्योरी पर तो अच्छा ध्यान देते हैं, लेकिन, इस क्षेत्र में प्रैक्टिकल ज्ञान की कमी है, और यह ज़रूरी है क्योंकि ये क्षेत्र पूरी तरह भाव और उसको ज़ाहिर करने के तरीक़ों पर निर्भर करता है।

आज, अंशु की कला के नमूने देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों की रौनक़ बढ़ा रहे हैं, इनमें भारतीय पुरातत्व विभाग, भारत भवन, और काँगड़ा संग्रहालय शामिल हैं। जब अंशु के हाथों में पेंटिंग ब्रश नहीं होता है तो वो, भारतीय और ख़ासतौर पर गढ़वाली लघु चित्रकारी के इतिहास का अध्ययन कर रहे होते हैं।