उम्र को मात देकर पहाड़ों को जीतना हैं तो ये कोर्स आपके लिये है

अगर आप उम्र के ऐसे पड़ाव पर हैं जहां से आप छोटे बड़े पहाड़ों पर चड़ाई करना चाहते हैं लेकिन आपकी उम्र शायद आपको रोकती है तो आपके लि़ये अच्छी खबर है।

साल 2011 से नंदा देवी इंस्टीट्यूट ऑफ माउनटेंन एजुकेशन और आउटडोर एजुकेशन पर्वतारोहण प्रशिक्षण के गुर अस्सी गंगा वेली में सिखा रहे हैं। एनडीआई के ये कोर्स इसलिये भी खास हो जाते है कि इनमे 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिये खास 13 दिनों का कोर्स है जिसमें 5 दिनों हाइट गेन इंड्योरेंस एजुकेशन का प्रशिक्षण भी शामिल है।

Camping, Mountaineering
Camping at Nanda Devi Institute

एनडीआई के ़डॉ सुनील कैंथोला का कहना है कि, “भारत में 35 प्रतिशत लोग इस उम्र के दायरे में आते हैं। द सकेंड विंड नाम का यह कोर्स पर्वतारोहण का शौक रखने वाले 35 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिये उम्दा मौका है।”

इसी साल जून में इस कार्यक्रम के तहत 10 से 50 साल के उम्र के 14 लोगों ने संक्लप से पर्वतारोहण के गुर यहां सीखे। इसकी कामयाबी के बाद एनडीआई अब अक्टूबर से नवंबर के बीच यहां पांच बैच चलाने जा रहा है। इन बैच में 14 से 21 लोगों को रखा जायेगा औऱ पर्वतारोहण के बारे में सिखाया जायेगा।

Courtesy: Dr. Sunil Kainthola
Participants learn the tricks of rope climbing

इस कोर्स में दाखिले से पहले आवेदन करने वालों को प्री ट्रेनिंग मेडिकल चेकअप कराना ज़रूरी है। ये चेकअप एक रेजिस्टर्ड मेडिकल डॉक्टर से कराया जाना है। इसके साथ ही इस कोर्स के लिये आपको क्या सामान लाना है और क्या छोड़ना है इसके बारे में भी बताया जायेगा। गौरतलब है कि इस कोर्स की कामयाबी सिखाने वाले के साथ साथ सीखने वाले के जुनून पर निर्भर करता है। इसलिये कोर्स के दौरान मोबाइल फोन के इस्ते माल पर रोक रहती है, कैंप के आस पास घूमने के लिये पहले से परमीशन और आस पास कूड़ा न फैलाना औऱ सफाई रखने को कड़ाई से लागू किया जाता है।

Picture Courtesy: Dr. Sunil Kainthola
Rock Climbing at the camp

हाल ही में इस कोर्स को कामयाबी से पूरा करने वाली अदिती कौर का कहना है कि “ये एक बेसिक पर्वतारोहण का कोर्स है। 13 दिनों में हम सुबह फिसिकल प्रशिक्षण के साथ शुरू कर रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, जिप लाइन आदि करते हैं। यहां मौदजूद उपकरण काफी बेहतरीन क्वालिटी के हैं और ट्रेनर्स बहुत अनुभवी हैं। ट्रेनिंग के दौरान हमने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर 3800 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद दारवा पास में ट्रैकिंग करी। मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं ये कर सकूंगी।

तो अगर आप भी अपने अंदर को जोश और जुनून को बाहर लाकर पर्वतों तो चुनौती देना चाहते हैं तो नीचे दिये लिंक पर क्लिक कर के अपना आवेदन कर सकते हैं और आने वाले कोर्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

https://ndi.edu.in/second-wind-basic-mountaineering-course/