कठिन हालातों में पहाड़ों पर रोमांच का मज़ा लेने को शुरु हुई “वाईट राइड टू बद्रीनाथ”

0
757

उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और रोमांच के दीवानों के लिये “वेह्यर ईग्लस डेयर” ग्रुप ने शनिवार को देहरादून से“वाईट राइड टू बद्रीनाथ” की शुरुआत की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून से 35 सदस्यीय दल को बद्रीनाथ के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रवाना की गई इस टीम में 04 महिलाएं भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन, टिहरी झील व आस पास के क्षेत्रों को साहसिक पर्यटक हब के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटकों का आकर्षित करने के लिए संस्कृति ग्राम व गामीण पर्यटन की सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो सकती हैं।”
WhatsApp Image 2018-01-05 at 17.04.28

हिस्सा लेने वाली टीमों में 20 बाइकर और 4 एसयूवी मिलाकर कुल 35 सदस्य रहेंगे। इनमे पांच महिलाऐं भी इस रोमांच का हिस्सा बनेंगी। पहाड़ी रास्तों कीजटिलता और बाइकरों की सुरक्षा को देखते हुए इस दल के साथ इंस्ट्रक्टरों की टीम, मकैनिक और जरूरत में काम आने वाले पुर्जे साथ रहेंगे। इस दल में गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, चण्डीगढ़ एवं तमिलनाडू के साहसिक पर्यटक हैं, जो बद्रीनाथ एवं उसके आस पास के बर्फीले क्षेत्रों में बाइक एव कारों से भ्रमण करेंगे। 5 दिन के इस सफर पर गया यह दल 10 जनवरी  को वापस देहरादून लौटेगा।

देहरादून से चलकर ये दल पीपलकोटी तक पहुंचेगा। इसके बाद मौसम से रूबरू होने के बाद सात जनवरी कोे नीति घाटी में ये अपना सफर करेंगे औऱ रात में जोशीमठ वापस पहुंचेंगे। आठ जनवरी को ये दल बद्रीनाथ जायेगा और भगवान से आशीर्वाद लेगा। ये दल वहां होटल स्नो क्रेस्ट में रुकेगा। होटल के मालिक श्री विरमानी ने कहा कि “इस दल के अपने यहां रहने से हम खासे उत्साहित हैं क्योंकि ये पहला मौका है जब हमारा होटल जनवरी में भी खुलेगा।”

CM Photo 01 dt.06 January, 2018

इसके बाद ये दल भारत चीन सीमा पर बसे आखिरी गांव माणा से होते हुए कर्णप्रयाग पहुंचेगा और रात वहीं रुकेगा। अगले दिन सुबह सुबह ये दल देहरादून के लिये वापस रवाना हो जायेगा। इस दल के सभी सदस्य खासे उत्साहित हैं क्योंकि इस सफर में न सिर्फ उन्हे उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को पास से देखने का मौका मिलेगा बल्कि पहाड़ों के जटिल रास्तों पर मुश्किल हालातों में बाइक चलाने के गुर भी सीखने को मिलेंगे।