मेजर ढोंढियाल और बिष्ट समेत उत्तराखंड के सात सपूतों को बहादुरी पुरस्कार

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पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी रशीद का सफाया करने वाले आरआर राइफल्स के मेजर विभूति शंकर ढोंढियाल समेत उत्तराखंड के सात जांबाजों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने बहादुरी पुरस्कारों का ऐलान किया। मेजर ढोंढियाल (मरणोपरांत) को शौर्य चक्र और उनके मित्र रहे मेजर चित्रेश बिष्ट(मरणोपरांत) को सेना मेडल दिया जाएगा।

फौज से सम्मान तक साथ

मेजर ढोंढियाल और मेजर बिष्ट दोनों देहरादून के निवासी थे। साथ-साथ फौज में गए थे और इसी साल फरवरी में शहीद हुए थे। 18 फरवरी को मेजर चित्रेश और 19 फरवरी को मेजर ढोढिंयाल के शव देहरादून पहुंचे थे। अब दोनों को एक साथ बहादुरी का सम्मान भी दिया गया है।

दोनों मेजर इंजीनियर 

मेजर ढोंढियाल 18 फरवरी को पुलवाम के पिंगलिया गांव में आतंकियों के साथ चले सौ घंटे के ऑपरेशन के बाद शहीद हो गए थे। वे इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। इस ऑपरेशन में चार जवान भी शहीद हुए थे। शहीद होने से पहले मेजर ढोंढियाल पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी रशीद का खात्मा करने में सफल हो गए थे। इसके ठीक एक दिन पहले ही 17 फरवरी को मेजर चित्रेश उस समय शहीद हो गए थे जब वे नौशेरा सेक्टर में आतंकियों द्वारा बिछाई गई एक सुरंग को निश्क्रिय कर रहे थे। वे सेना की इंजीनियर्स रेजिमेंट से थे। देहरादून के ये दोनों मेजर इंजीनियर थे और इंजीनियर्स कोर के थे।

इन्हें भी मिला सम्मान

इसी प्रकार 36वीं आरआर राइफल के राइफलमैन मंदीप रावत गुरेज सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। उन्होंने और उनके साथियों ने गुरेज सेक्टर में दो आतंकियों को मार गिराया था। यह घटना आठ अगस्त 2018 की है। मूलत कोटद्वार के निवासी मंदीप गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। वहीं गढ़वाल राइफल्स के छठीं बटालियन के अजवीर सिंह चौहान को शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा। 31 पैराशूट बटालियन के लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान सिंह बिष्ट, कुमाऊं रेजिमेंट के सिपाही सुशील सिंह कलाकोटी, छठी गढ़वाल राइफल्स के प्रीतम सिंह को सेना मेडल दिया जाएगा।