ऑस्ट्रेलिया से आएंगी 7वीं-10वीं शताब्दी की तीन बेशकीमती मूर्तियां

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भारत से चुरा कर विदेशों में बेचीं गई मूर्तियों को वापस लाने की कड़ी में संस्कृति मंत्रालय ने एक और पहल की है। मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) जल्दी ही ऑस्ट्रेलिया के नेशनल गैलरी में मौजूद तीन भारतीय मूर्तियों को वापस लेकर आएगा। इन मूर्तियों में दो तमिलनाडु के वीरांगल्लूर से चुराई गई दो द्वारपाल की मूर्तियां हैं और एक राजस्थान- मध्यप्रदेश  से चुराई गई नागराज की मूर्ति है।

संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार तीनों मूर्तियों को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के भारत दौरे से पहले इन मूर्तियों को स्वदेश लेकर लाया जा सकेगा। अधिकारी ने बताया कि तीनों मूर्तियों को 18 दिसंबर तक लाया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के कारण इन्हें कुछ दिन बाद लाया जा सकेगा। मौजूदा समय में ये मूर्तियां ऑस्ट्रेलिया के नेशनल गैलरी में मौजूद हैं।

7वीं से 10वीं शताब्दी की हैं तीनों मूर्ती

द्वारपाल मूर्ति पत्थर की हैं और 10वीं शताब्दी की हैं। इन्हें तमिलनाडु के वीरांगल्लूर से 1995 में चोरी कर बाहर बेचा गया था। इसके चोरी होने की सूचना होने के कारण इसे खोजा जा सका। दूसरी मूर्ति नागराज की है जो राजस्थान या मध्यप्रदेश से चोरी की गई थी। यह मूर्ति 7वीं से आठवीं शताब्दी की हैं। इसे साल 2006 में ऑस्ट्रेलिया के नेशनल गैलरी ने न्यूयॉर्क से खरीदा था।