एक्सपो में जागर सम्राट के गीतों पर झूमे दूनवासी

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देहरादून, नेशनल हैंडलूम एक्सपो में मंगलवार जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने परेड़ ग्राउड में मौजूद दूनवासियों को अपने सुरों से किया मंत्रमुग्ध। इस दौरान लोक गायिका मंजू सुन्दरियाल एवं जागर सम्राट की पूरी टीम ने उनका साथ दिया।

आयोजक उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वाराजागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने शुभ संध्या के साथ सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों का शुंभारंभ किया। नैशनल हैंडलूम एक्सपो में हिमालय रत्न ने मैजान्दू मेरी बसंती, शिव जागर, मिजाजी हौसिया, जमाया-जमाया (राज राजेश्वरी जागर), भीमा कठैत/ग्यानू माला पवाणा, सुन्दरा छोरी, मोरी रखिया खोली, नारायणी एक के बाद एक लोक गीतों की प्रस्तुति देकर परेड़ ग्राउड में मौजूद सभी लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि प्रीतम भरतवाण ने उत्तराखण्ड की संस्कृति को 22 देशों में पहुंचाया है, 2018 में उत्तराखंड सरकार द्वारा इनको डॉक्ट्रेट मान्द उपाधि भी मिली है। प्रीतम भरतवाण 2011 से अमेरिका के विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर एवं जर्मनी, कनाडा सहित 6 विश्वविद्यालयों में मध्य हिमालयी लोक संगीत और वाध्य यन्त्रों के माध्यम से जानकारी व हिमालय की संस्कृति को संरक्षित रखने का कार्य कर रहे हैं। प्रतीम भरतवाण को भागीरथी पुत्र, हिमालय रत्न, गढ़ लोक गायक व विशेष रूप से जागर सम्राट के नाम से पुकारा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रीतम भरतवाण जागर और पंवाडा गायन शैली के विशेषज्ञ हैं।

एक्सपो में भारी भीड़ देखने को मिली संध्या में प्रीतम भरतवाण की प्रस्तुति को देखने के लिए भी परेड़ ग्राउड में दूनवासियों का जमावाड़ा लगा रहा। देश के सभी जगहों से अलग-अलग तरह के हथकरघा से बने कपड़े उपलब्ध हैं। जयपुर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड और कई अन्य शहरों के स्टाल लगाये गये हैं। जिसमें हथकरघा व हस्तशिल्प बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों को लगातार पसंद किया जा रहा है। भीड़ देखकर सभी हथकरघा बनुकरों के चेहरे खिले रहे। मेला अधिकारी केसी चमोली ने कहा कि दूनवासियों की हथकरघा व हस्तशिल्प बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों के प्रति प्रेम को देखते हुए मेले को 10 जनवरी तक जारी रखने का निर्णय लिया। उन्होंने सभी हथकरघा बुनकरों से आग्रह किया कि एक दिन और अपने स्टॉलों को खुला रखें।