पहली बार: आईएमए की पासिंग आउट परेड में नहीं शामिल होंगे कैडेट्स के परिजन 

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देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के गर्मी के बैच के लिये होने वाली पासिंग आउट परेड (पीओपी) जून 13 को होने वाली है। हर साल इस पीओपी का कैडेट और उनके परिजनों के साथ-साथ आम लोगों को भी बेसब्री से इंतज़ार रहता है। लेकिन, इस साल कोरोना ख़तरे के चलते इस परेड को उस भव्य तरीक़े से नहीं किया जायेगा जिसके लिये यह जानी जाती है।

यह शायद पहली बार होगा कि, जब यह कैडेट ऐतिहासिक चैटवुड हॉल के प्रांगण में ‘अंतिम पग’ को पार कर अफ़सर बनेंगे तो इनके परिवार के लोग इनके साथ नही होंगे। इसका मतलब है कि, पीओपी की पाइपिंग परंपरा, जिसमें परिवार के सदस्य नये बने अफ़सरों की वर्दी पर सितारे लगा कर उनके कैडेट से अधिकारी बनने के सफ़र की शुरुआत करते हैं, इस बार के आयोजन का हिस्सा नहीं होगी। आईएमए प्रशासन का कहना है कि कोरोना के कारण अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को देखते हुए यह फ़ैसला लिया गया है।

सैन्य अकादमी के पीआरओ, लेफ़्ट कर्नल अमित डागर का कहना है कि, “यह पहली बार होगा कि परिवार के लोग पीओपी का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन यह कदम सभी की सुरक्षा को घ्यान में रखते हुए उठाया गया है।”
अकादमी ने मीडिया से इस समारोह का सीधा प्रसारण करने की गुज़ारिश भी कि है, ताकि इन नये अधिकारियों के परिवार वाले सारे देश के साथ इनके इस सफ़र की शुरुआत को देख सकें।
पीओपी में शामिल होने वाले कैडेट्स में भारतीय कैडेट्स के साथ-साथ मित्र देशों के कैडेट भी शामिल होते हैं। फ़िलहाल आईएमए प्रशासन इनकी फ़ाइनल लिस्ट और परेड के रिव्यूइंग ऑफ़िसर के नाम पर विचार कर रहा है।