एक बार फिर लटका नगर निकाय चुनाव का मामला,हाईकोर्ट ने निरस्त किया आरक्षण

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हाईकोर्ट

(देहरादून) उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव हुए या ट्वेंटी-20 मैच हो गया रोज सरकार और हाईकोर्ट के बीच निकाय चुनाव को लेकर उठापटक जारी है अब एक बार फिर निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट ने सरकार को आइना दिखा दिया है इस बार हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश की नगर पालिकाओं में नए सिरे से आरक्षण तय करने के आदेश दिए हैं। इसमें बाजपुर और श्रीनगर नगर पालिका परिषद को भी शामिल करने के लिए कहा है। अदालत ने सरकार के 28 अप्रैल को आरक्षण को लेकर जारी अधिसूचना निरस्त के बाद ये निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की। सरकार ने दो पालिकाओं को छोड़कर बाकी 39 में आरक्षण पर अधिसूचना जारी कर दी थी।

बाजपुर (ऊधमसिंह नगर) निवासी मुश्ताक अहमद ने मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि सरकार ने जान-बूझकर बाजपुर और श्रीनगर नगर पालिका को अलग रखकर आरक्षण घोषित कर दिया है, जो न्यायसंगत नहीं है। सुनवाई के दौरान इस मामले में सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने मांग को जायज बताते हुए यह आदेश दिए। इसमें नगर पालिकाओं को लेकर 28 अप्रैल 2018 को जारी अधिसूचना निरस्त कर दी गई है। इसके साथ सरकार को श्रीनगर और बाजपुर नगर पालिकाओं को शामिल कर नए सिरे से अध्यक्ष पद का आरक्षण तय करने के आदेश दिए हैं। चुनाव में अपने भाग्य को अजीम आने का सपना देख कर शहर भर में पोस्टर और होल्डिंग लगाकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने वाले नेताओं पर हाई कोर्ट का यह चाबुक लगातार प्रभात करता जा रहा है जिसका असर उम्मीदवारों की जेब पर भी भारी पड़ रहा है