उत्तराखंड: राज्यपाल पहुंचे भारत-नेपाल-चीन सीमा के अंतिम गांव गुंजी

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राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) शनिवार को नववर्ष पर पिथौरागढ़ जिले के भारत-नेपाल-चीन की सीमा पर अंतिम गांव गुंजी पहुंचे। राज्यपाल यहां पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), सेना और एसएसबी के जवानों से मिलकर उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।

राज्यपाल ने जवानों की कुशलक्षेम पूछते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने जवानों से कहा कि आप हैं तो देश सुरक्षित है। सड़क सीमा संगठन के जवानों की ओर से ऐसी विषम परिस्थितियों और उच्च पर्वतीय स्थलों में सड़कों का निर्माण वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।

राज्यपाल ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण से पलायन रुकेगा और रिवर्स पलायन को बढ़ावा मिलेगा। सीमांत क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और स्थानीय आबादी का निवास सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने जवानों से उनकी समस्याओं और चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। जवानों ने गुंजी में एक विद्यालय आरंभ करवाने का राज्यपाल से अनुरोध किया। राज्यपाल ने जवानों को आश्वासन देते हुए कहा कि निश्चित ही जल्द गुंजी में एक विद्यालय खोला जाएगा।

इस मौके पर राज्यपाल ने 300 जवानों को जैकेट वितरित किए। राज्यपाल से गुंजी और नाबी गांव के लोग भी मिलने आए। राज्यपाल धारचूला में भी सेना के जवानों से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी। धारचूला में स्थानीय लोगों ने राज्यपाल को धारचूला आने का निमंत्रण दिया।