गर्भवती डाॅक्टर ने एम्स के टर्मिनेशन के खिलाफ एनसीडब्लू से लगाई गुहार

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उत्तराखंड की एक डॉक्टर ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) से संपर्क किया है और कहा है कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) ऋषिकेश ने किसी भी कारण का हवाला ना देते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं, वो भी तब जब उन्होंने मैटरनिटी लीव के लिए बकायदा अप्लाई किया था।

डॉ निहारिका नैथानी धामी जो एम्स ऋषिकेश में दंत चिकित्सा विभाग में सीनियर रेजीडेंट की तरह काम कर रहीं थी, उन्होंने 9 जून को एनसीडब्ल्यू के पास एम्स के 5 अधिकारीयों सहित निर्देशक डॉ रवि कांत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसमें उन्होंने मुद्दा बताया है, ‘मेरी सेवाओं को एक सीनियर रेजीडेंट के रूप में समाप्त करना, जब मैं मैटरनिटी लीव पर गयी।’

धामी, जो 35 हफ्ते की गर्भवती हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनके टर्मिनेशन लेटर से पहले उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी। धामी ने बताया, ‘मेरा टर्मिनेशन लैटर देने से पहले मुझे मेरे काम में कोई गलती नहीं बताई गई और मेरा लेटर भी 12 मई से बनाया गया जबकि मैने 27 मई तक कार्य किया था।”

धामी ने लिखा है कि “मेरे करियर का भविष्य बेरहमी से कम कर दिया गया है। यह मुझे भावनात्मक और मानसिक रूप से बहुत परेशान कर रहा है। मैं अपने वर्तमान मानसिक स्वास्थ्य और अपने अजन्में बच्चे को किसी भी तनाव से बचाने के लिए न्याय मांग रही हूं जो जुलाई के पहले सप्ताह में पैदा होने वाला है। कृपया मुझे न्याय देने में मेरी मदद करें और दावा करें कि किसी भी औरत को दोबारा इस तरह की चोट ना दी जाए”।

दंत चिकित्सा में एक मास्टर डिग्री, कंजरवेटिव और एंडोडाँटिक्स में (एमडीएस) करने के बाद धामी ने 3 अप्रैल को एम्स में ज्वाइन किया। धामी बताती है कि, ‘मैटरनिटी लीव के लिए आवेदन करते समय मैं उचित चैनल के माध्यम से 29 मई को मैटरनिटी लीव पर चली गया।” धामी ने कहा, “2 जून को, मुझे अपनी सेवाओं के लिए टर्मिनेशन लैटर मिला, टर्मिनेशन लैटर से पहले इस संबंध में मेरी प्रशासन से कोई भी बातचीत नहीं हुई। दो महीने तक वहां काम करते समय मुझे किसी तरह की कोई चेतावनी भी नहीं मिली।”

कई प्रयासों के बावजूद निर्देशक को उनके संस्करण के लिए संपर्क नहीं किया जा सका,  एम्स के विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एम्स में उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और “सोमवार तक इस पर टिप्पणी करने में सक्षम होगें।”

इस बीच, एनसीडब्ल्यू के सदस्य रेखा शर्मा ने कहा कि महिला पैनल को शिकायत मिली है और इस मामले की जांच के बाद ही मामले में कोई उचित कार्रवाई की जाएगी। शर्मा ने कहा, ‘हम (एनसीडब्ल्यू) ने पहले ही एम्स के अधिकारियों को एक नोटिस जारी कर दिया है और शिकायत के बारे में पूछताछ के लिए उन्हें शीघ्र ही बुला रहे हैं। हम डॉक्टर (धामी) को भी फोन करेंगे।’

धामी से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि वह अभी हल्द्वानी में हैं और अभी इस मामले पर अौर कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहती।