गढ़वाली खाने का अनोखा संसार

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पहाड़ों की रानी मसूरी में ”द शूटिंग बाक्स”, एक फिल्म और डाक्यूमेंट्री प्रोडक्शन हाउस है, जिसका मिशन दुनिया भर मे उत्तराखण्ड के महान संस्कृति को शोकेस और लोगो के बीच मशहूर करना है। उसी दिशा मे एक पहल करते संजय टम्टा जो कि ”दि शूटिंग बाक्स”  के फाउंडर है उन्होंने उत्तराखंड कुय्ज़िन यानि खाने और उसके कांनटीनेंन्टल फ्यूजन के बारे में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म का विमोचन किया।।संजय का मानना हे कि, ‘देवभूमि उत्तराखंड दुनिया भर मे अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीर्थ स्थानों’ के लिए प्रसिद्ध है।जहाँ जन जीवन शांत, साधारण और समृद्ध है। इस समृद्धि का विशेष कारण है यहाँ की पवित्र नदियाँ, उपजाऊं भूमि और मेहनतकश निवासी। यहाँ खेती बाड़ी के लिए कैमिकल या फर्टिलाइजर के बजाय शुद्ध जैविक खाद ही प्रयोग मे लायी जाती है।’

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यह 19 मिनट की डाक्यूमेंट्री में बहुत ही बखूबी से उत्तराखंड की मूल फसल, लाल चावल, झंगोरा,कोदा, कुलथ और राजमा, जिनसे तरह तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते हैं की झलक दिखाई गई है। गांवो से जब ये अनाज शहरों तक आता है कैसे वो हाथों हाथ बिक जाता हैइसके अलावा, उत्तराखण्ड मे प्रसिद्ध कंडाली का साग,जोकि एक जंगली लेकिन रोचक पौधे से बनाया जाता है, अपनी गर्म और बहुत लाभदायक औषधि प्रॉपर्टीज की वजह से फेमस है।स्टिंगिंग नेटल लीव को आम भाषा मे बिच्छू भी कहा जाता है, क्यूंकि इसके रसायन भरे छोटे छोटे कांटे,शरीर से लगने पर एक जलन भरा डंक देते हैं। ‘आज कल, जीएम,ब्रेंटवुड होटल और रेजार्ट के अरुण ङबराल का मानना है कि, ‘उत्तराखण्ड का खाना कान्टिनेंन्टल फ्यूजन की रेसिपी मे भी खूब सराहा जा रहा है।उत्तराखण्ड का स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना आज अंर्तराष्ट्रीय लेवल पर भी अपनी पहचान बना रहा है.”

यह डाक्यूमेंट्री अपने आप में सूचना और मनोरंजन यानि की इंफोटेन्मेंट युक्त है, जिसमें गढ़वाली खाने को एक अंर्तराष्ट्रीय लेवल के खाने की तरह पेश किया गया है।