सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने की जरुरत

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पौराणिक द्वारिका का स्याल्दे-बिखौती कौतिक, द्वाराहाट सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने में अहम भूमिका निभाता है। मेले को और अधिक विस्तार देने तथा भागीदारी करने वाले धड़ों व आम लोगों के बीच बेहतर तालमेल कायम करने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। ताकि कौतिक को उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान के रूप में भव्य रूप दिया जा सके।

यह बात एतिहासिक स्याल्दे मेले, द्वाराहाट,के समापन पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि विधायक महेश नेगी ने कही। उन्होंने कहा कि आधुनिक चकाचौंध के बावजूद विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहर को संजोया है। इसके लिए उन्होंने बुजुर्ग संस्कृति व रंगकर्मियों को श्रेय दिया। विधायक ने कहा स्याल्दे-बिखौती मेले को और अधिक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने युवा पीढ़ी से मेले के स्वरूप को संजोए रखने के लिए आगे आने का आह्वान किया। विधायक महेश नेगी व मेला समिति अध्यक्ष विमला साह ने संयुक्त रूप से पुरस्कार बांटे। इस दौरान कई सांस्कृतिक व रंग कर्मी मौजूद रहे।