ट्रक से कुचल कर कैदी की मौत 

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हल्द्वानी मे हत्या के मामले में वांछित बंदी की जेल परिसर में ट्रक से कुचल कर मौत हो गयी। जेल में शौचालय निर्माण के लिए ईट उताकर लौट रहे ट्रक के पिछले टायर की चपेट में आने से यह दर्दनाक हादसा हुआ। जेल प्रशासन घायल बंदी को बेस अस्पताल ले गए, लेकिन यहां कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने बंदी का शव कब्जे में लेकर परिजनों को सूचित कर दिया है। वहीं डिप्टी जेलर की तहरीर पर ट्रक चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

जेल में इन दिनों शौचालय निर्माण चल रहा है। शनिवार सुबह ईट से भरा ट्रक जेल में पहुंचा। करीब 10 बजे ईट उतारने के बाद चालक ट्रक लेकर वापस लौट रहा था। जेल परिसर में ही अस्पताल भवन के पास संदिग्ध परिस्थिति में हत्यारोपी बंदी दीन दयाल(40) पुत्र पुत्तू लाल, ट्रक के पिछले टायर की चपेट में आ गया। इससे जेल में अफरा-तफरी मच गई। जेल प्रशासन ने तुरंत चालक को हिरासत में लेकर दीन दयाल को बेस अस्पताल पहुंचाया। यहां कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। एसएसआइ एमएस दसौनी ने बताया कि शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं जेल प्रशासन ने बताया कि हादसे के समय दीन दयाल फल लेकर वापस लौट रहा था।

दीन दयाल पर खटीमा थाने में वर्ष 2014 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। वह 15 दिसंबर 2014 को उपकारागार में आया था। देर शाम खटीमा से दीन दयाल के परिजन पहुंच गए। डिप्टी जेल पवन कोठारी की तहरीर पर ट्रक चालक ओम प्रकाश निवासी सिसौना, खजूरिया पीलीभीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। वहीं ट्रक को कोतवाली लाकर सीज कर दिया गया।

..तो कहीं जेल से भागने की फिराक में तो नहीं था दीन दयाल

जेल प्रशासन हादसे को लेकर जो कहानी बता रहा है, उसमें कई झोल नजर आ रहे हैं। जिस स्थान पर हादसा हुआ, उससे कुछ ही दूरी पर शौचालय निर्माण हो रहा है। ईट के ढेर के स्थान से लौटते समय पुरुष बैरक की चाहारदीवारी के गेट पर मोड़ है। मोड़ से 20 मीटर की दूरी पर ही दीन दयाल ट्रक के पिछले टायर की चपेट में आ गया। चर्चा है कि ट्रक के नीचे छिपकर दीन दयाल जेल से फरार होने की फिराक में होगा। इसी दौरान संतुलन बिगड़ने से गिरकर वह पिछले टायर की चपेट में गया होगा। हालांकि जेलर संजीव ह्यांकी का कहना है कि दीन दयाल फल लेकर लौट रहा था, इसी दौरान वह अचानक टायर की चपेट में आ गया।

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक दीन दयाल से मिलने के लिए काफी समय से उसकी पत्‍‌नी-बच्चे व रिश्तेदार नहीं आए थे। 25 सितंबर 2016 को उसकी पत्‍‌नी माया, बेटा ओंकार व एक अन्य ने दीनदयाल से मुलाकात की थी। इसके बाद 25 दिसंबर 2016 को एक रिश्तेदार महिला सुशीला व सत्यपाल मौर्य निवासी पीलीभीत उससे मिलने आए थे। तब से उससे मिलने के लिए जेल में कोई नहीं आया था।