फेरों से पहले हेलीकॉप्टर से जाकर इम्तिहान दिया इस दुल्हन ने

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1980

देहरादून के नवविवाहित जोड़े की शादी मिसाल बन गई। राजधानी की युवती ने शादी के सात फेरे लिए और बाकी की रस्म से पहले कॅरियर बनाने की परीक्षा देने के लिए नैनीताल पहुंच गई। जाते समय हेलीकॉप्टर से 400 किमी की दूरी तय कर लौटे व शेष रस्म अदा कर शादी के बंधन में बंध गए।

देहरादून निवासी मनीष उपाध्याय और आरती सिंह रविवार रात परिणय सूत्र में बंध गए, मगर फेरे सोमवार सुबह पांच बजे हुए। आरती का सोमवार को ही नैनीताल उच्च न्यायालय में स्टेनोग्राफर ग्रेड वन पद के लिए फाइनल पेपर था। दो इम्तिहान वो पहले ही पास कर चुकी है।

शादी और परीक्षा एक साथ की दिक्कत आई तो ससुरालपक्ष के लोगों ने उसके लिए सुबह तो देहरादून से नैनीताल के लिए आठ हजार रुपये में टैक्सी बुक की। अभी शादी की बांकी रस्में भी निभानी थीं, इसलिए नैनीताल से लौटने के लिए हैलीकॉप्टर का इंतजाम किया।

आरती के साथ उनके पति मनीष भी नैनीताल आए और आरती ने भारतीय शहीद सैनिक स्कूल में दोपहर दो से पांच बजे तक परीक्षा दी। परीक्षा के बाद नवविवाहित दंपती सीधे बिड़ला स्कूल स्थित हेलीपैड पहुंचे।

आर्यन हैली सेवा के पायलट कर्नल पी.पी.व्यास फोर सीटर हैलीकॉप्टर लेकर पहुंचे थे। आरती के पति मनीष उपाध्याय देहरादून में ही नेटवर्क मार्केटिंग का काम करते हैं। आरती के पिता शेर सिंह, 18 मन्नू गंज, हकीकत नगर, देहरादून के रहने वाले हैं और वहीं एक छोटी सी दुकान चलाकर गुजारा करते हैं।

आरती के तीन भाई व दो बहनें हैं। आरती के मुंहबोले भाई मो.ताहिर ने शादी और उसके ट्रांसपोर्ट में बहुत मदद की जो एक प्रमुख अखबार के टिहरी में संवाददाता हैं। हैलीकॉप्टर का किराया लगभग 2.25 लाख और फायर सर्विस समेत पुलिस को भी 11 हजार रुपये की धनराशि भुगतान की गई।

आरती और मनीष की शादी देहरादून के सहारनपुर रोड स्थित राज वेडिंग पॉइंट में हुई। मनीष देहरादून के खुडबुडा मोहल्ला के रहने वाले हैं। मनीष के पिता जीवन सिंह कृषक हैं। आरती ने बताया कि ये उसकी जिंदगी के यादगार लम्हे हैं और ख़ुशी इस बात की है कि उसकी शादी के साथ वह परीक्षा भी दे सकी।

मनीष का कहना है कि शादी और आरती के पेपर ने पहले तो उनको धर्म संकट में डाल दिया था लेकिन फिर हौसला रखकर सबने मिलकर व्यवस्थाएं की और अब घर जाकर गृह प्रवेश और दूसरी रस्मों के साथ प्रीतिभोज कर सकेंगे।