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अल्प संख्यकों की शिक्षा को किए जाएं मजबूत प्रबंधः सीएस

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देहरादून। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिए शिक्षा अवसरों को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता, विद्यालयी शिक्षा में सुधार, उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधन, मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण, मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और मौलाना आजाद फाउंडेशन के माध्यम से शैक्षिक सुधार को गति प्रदान की जाए। मुख्य सचिव ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

शुक्रवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं की समीक्षा की। निर्देश दिए कि आर्थिक क्रियाकलापों और रोजगार में समुचित हिस्सेदारी के लिए स्वरोजगार योजना, तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल उन्नयन, आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिवृद्धि ऋण सहायता पर जोर दिया जाए। अल्पसंख्यको के जीवन स्तर में सुधार के लिए ग्रामीण आवास योजना और मलिन बस्तियों में सुधार कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम, साम्प्रदायिक अपराधों का अभियोजन और दंगा पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था कार्यक्रम में शामिल हैं। उत्तराखण्ड में कोई भी साम्प्रदायिक दंगे नहीं हुए है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017-18 के लिए भारत सरकार ने 14.50 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। राज्य सरकार ने इतने ही धन की व्यवस्था की है। इससे 14.15 करोड़ रुपये के 29 निर्माण कार्य कराये जाने हैं। बताया गया कि समेकित बाल विकास योजना से 282362 लोगों, मध्यान्ह्न भोजन से 752532 लोगों, मदरसों के 42294 छात्रों, 19732 छात्रों को छात्रवृत्ति, 395 छात्रों को मेरिट कम मीन्स छात्रवृति देकर लाभान्वित किया जाना है। बैठक में प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, एडीजी अशोक कुमार, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरुगेशन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

क्यों रो पड़ी डीएम को देखकर इस गांव की महिलाऐं?

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उत्तरकाशी जिलाधिकारी आशीष चौहान ने आग के चपेट में आये सौणी गांव का दौरा क्या किया दर्द की कई तस्वीरें सामने आ गई।डीएम के गांव पहुंचते ही गांव की महिलाऐं अपने पर काबू नहीं कर पाई और डीएम से लिपटकर फफक फफक कर रो पड़ी। आग से प्रभावितों की मदद के लिये डीएम ने तुरंत आदेश जारी किये। साथ ही उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना एवं राज्य आपदा प्रबंधन के मानक के अनुसार आवास दिलाने का भरोसा दिया। आग से प्रभावितो को तत्तकाल प्रभाव से स्कूल और अन्य आवास में शिफ्ट करने के लिये भी पटवारी को कहा गया है।

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गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर सावणी गांव में भीषण आग लग गई थी जिसके चलते गांव के अधिक्कतर घर जल कर खाक हो गये। ये गांव हिमाचल की सीमा से लगा है और निकटतम सड़क स्टेशन जखोल गांव से सावणी पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। आग लगना का कारण यहां एक घर में लगी आग रही। इस आग ने विकराल रूप लेना शुरू किया तो उसकी जद में एक-एक करते दूसरे मकान भी आने लगे।

देखते ही देखते पूरा गांव आग के शोले में बदल गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकले और मवेशियों को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक दो सौ से अधिक मवेशी जल कर मर गए। आग बुझाने के ग्रामीणों के प्रयास भी सफल नहीं हो सके। जैसे-जैसे आग बढ़ती गई तो ग्रामीण अपने बच्चों सहित खेतों की ओर भागे। पूरे गांव में चीख-पुकार मचने लगी। आग से 40 मकान पूरी तरह जल चुके हैं जबकि 6 मकानों को आंशिक क्षति हुई है । जिला प्रशासन ने चार छोटे वाहनों से खाद्यान्न ग्रामीणों को भेजा है।

गीतांजली ज्वेलर्स के स्टोर पर ईडी का छापा,पीएनबी घोटाले से जुड़े हैं तार

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देहरादून। देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के तार देहरादून से भी जुड़ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने राजपुर रोड और देर रात कोटद्वार स्थित स्थित गीतांजली ज्वेलर्स के शोरूम पर छापेमारी की। देहरादून में यह छापेमारी शाम पांच बजे के करीब शुरू हुई करीब छह घंटे चली। वहीं कोटद्वार में निवार की सुबह करीब तीन बजे तक चली। टीम द्वारा जब्त किए हीरो और ज्वेलरी की कीमतों का आकलन किया जा रहा है।

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पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में गीतांजली समूह के वित्तीय लेन-देन के संदिग्ध मिलने के कारण ईडी इसकी जांच कर रहा है। इसके साथ ही शुक्रवार को दून के राजपुर रोड और कोटद्वार के झंडा चौक, पटेल मार्ग स्थित शोरूम पर छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि टीम ने यहां से बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जुटाए हैं। ईडी अधिकारियों ने गीतांजली ज्वेलर्स के कर्मचारियों से भी पूछताछ की। साथ ही शोरूम में मिले हीरो और ज्वेलरी के स्टॉक का मिलान कराया। इन सबको ईडी ने कब्जे में ले लिया है।

ईडी की टीम अभी जब्त हीरो और ज्वेलरी की कीमतों का आकलन कर रही है। छापेमारी को लेकर राजपुर रोड स्थित शोरूम के आसपास भारी पुलिस फोर्स भी तैनात रही। इस दौरान शोरूम के आसपास सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी रही।

स्टॉक का ब्योरा जुटाकर ले गई ईडी की टीम: पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी ब्रांच में किए गए 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दून में गीतांजली ज्वेलर्स पर छापा मारा। करीब छह घंटे चली छापेमारी में ईडी अधिकारियों ने प्रतिष्ठान के एक-एक स्टॉक की जांच की और उन्हें सूचीबद्ध किया। बताया जा रहा है कि ईडी गीतांजली ज्वेलर्स की तमाम ज्वैलरी को सीज कर सकती हैं।

ईडी के उप निदेशक रवींद्र जोशी के नेतृत्व में शाम पांच बजे के करीब छापेमारी शुरू की गई। टीम ने आते ही ग्राहकों को वहां से निकाला औऱ प्रतिष्ठान का शटर डाउन कर दिया। इसके साथ ही स्टॉक की जांच शुरू कर दी गई। पता चला कि यह गीतांजली ज्वेलर्स की फ्रेंचाइजी है, लेकिन यहां जो भी स्टॉक आता है, वह गीतांजली ज्वेलर्स की मूल कंपनी से मंगाया जाता है।

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खास बात यह कि गीतांजली ज्वेलर्स उन चार कंपनियों में से एक है, जिनमें पीएनबी के धन के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर ईडी अधिकारियों ने स्टॉक का विभिन्न कागजात के साथ मिलान कराया। ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि जो माल यहां की फ्रेंचाइजी में है, उसकी खरीद में कहीं गोलमाल तो नहीं।

छापे के दौरान स्टाफ को भी बाहर नहीं जाने दिया गया और पूरी कार्रवाई के दौरान प्रतिष्ठान का शटर डाउन ही रहा। करीब 11 बजे जब टीम गीतांजली ज्वेलर्स से बाहर आई तो साथ में जब्त किए गए तमाम कागजात भी थे।

देश के तमाम शहरों में गीतांजली ज्वेलर्स की फ्रेंचाइजी की ज्वेलरी सीज की गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां भी ज्वेलरी को सीज करने की कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि ईडी की मूल कार्रवाई दिल्ली की टीम का रही है और देहरादून की टीम सहयोग के रूप में काम कर रही है। छापे की रिपोर्ट भी दिल्ली भेजी जाएगी। आगे का एक्शन दिल्ली के निर्देश पर ही लिया जाना है।

नारी शक्ति की मिसाल हैं पूजा तोमर

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वो कहते हैं ना कि जो आप पर बीती होती है वो कोई कभी नहीं भूलता,लेकिन उस आप बीती से बहुत कम लोग सीख लेते हैं और आगे बढ़ते हैं।आज हम आपकी मुलाकात कराते हैं एक ऐसी शख्सियत से जिसने अपनी आप बीती से सीखा और अपने जैसे कई लोगों का जीवन सवारा।

देहरादून के अम्मावाल की रहने वाली 40 साल की पूजा तोमर दस साल से सरस्वती सजगराती स्वंयसंस्था समूह चला रही है।पूजा आज दो बच्चो की मां है और एक मेहनती महिला के रुप में समाज में अपनी पहचान बना चुकी है। पूजा से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि ””दस साल पहले जब यह सब शुरु हुआ तो हम केवल 2 महिलाएं थी और आज देखते-देखते 40 से 50 महिलाएं इस समूह से जुड़ गई हैं। इन सभी महिलाओं में एक डोर है जो इन्हें जोड़ती है और वो यह है कि यह सब महिलाएं बहुत ही जरुरतमंद और उपेक्षित हैं।

आज इन महिलाओं का समूह पहाड़ी दालें बेचता है,पहाड़ी मूली,बथुआ,पालक की बड़िया,अलसी के लड्डू,पापड़ और साथ ही इन्होंने 2012 में घर-घर जाकर केटरिंग भी शुरु की है।इसके अलावा पूजा की टीम सूरजकुंड मेला,मुंबई कौथिग,परेड ग्राउंड देहरादून में भी स्टाल लगाते हैं।

pooja tomarअपनी यात्रा के बारे मे पूजा बताती है, मेरी लव मैरिज हुई और मुझे मेरे परिवार और ससुराल से कोई सपोर्ट नहीं मिला,मैंने पढ़ाई भी आधे में छोड़ दी,बहुत संघर्ष किया और तब जाकर मुझे ये मौका मिला है,मैं अपने साथ कई लोगों को सहारा दे रही हूं,और यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।

18 साल की उम्र से अपने घर का खर्चा उठा रही पूजा को यह पता भी नहीं चला कि कब वह अपने साथ 40 और महिलाओं का घर भी चलाने लगी,जिनमें से कई को 6-7 हजार रुपए प्रति महीना इस समूह से मिलता है।पूजा बताती है जब मेरी बेटी जागृति पैदा हुई तब मुझे उससे प्रेरणा मिली की इन बच्चों के लिए कुछ करना है,अपना परिवार संभालने के लिए काम करना है।

अपनी सफलता के पीछे पूजा अपनी टीम को श्रेय देती हैं और कहती हैं कि,यह केवल महिलाओं का ग्रुप होने के कारण ,सभी जरुरतमंद महिलाएं यहां सुरक्षित महसूस करती है और अपना घर समझ कर काम करती है।

आज पूजा तोमर एक ऐसा नाम है जिसे लोग जानते हैं और पहचानते हैं। पूजा आगे कहती हैं कि, मै चाहती हूं कि जरुरतमंद लड़कियों को पढ़ाऊं और उनकी शादी करुं जो मुझे नहीं मिला वो सब मैं अपनी बच्चियों को देना चाहती हूं।जो मेरे साथ बीता उससे सीख लेकर मैं सब की मदद करना अपनी जिम्मेदारी समझती हूं।

पूजा आज बहुत सी महिलाओं के लिए एक उदाहरण हैं जिन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से ना केवल अपने घर को चलाया,लेकिन बहुतों के घर भी संजोए हैं।

छात्रों व शिक्षकों ने दिए बजट पर सुझाव

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देहरादून,  आपका बजट-आपकी राय कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों से संवाद किया और आगामी बजट के लिए उनके सुझाव लिए। इस अवसर पर 23 छात्र-छात्राओं ने आगामी बजट के लिए विभिन्न विषयों पर अपने सुझाव दिए। इस दौरान सीएम ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

दून विवि में छात्रों व शिक्षकों के साथ संवाद के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को स्वीकार नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 11 माह की राज्य सरकार बिल्कुल बेदाग है। राज्य सरकार प्रदेश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजनायें बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी सब्सिडी अभी 25 प्रतिशत है, जिसे 10 प्रतिशत बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने पर विचार किया जा रहा है। सभी न्याय पंचायतों को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। दूरस्थ क्षेत्रों में संचार तकनीकी पहुँचाने के लिए आईआईटी मुम्बई के साथ बैलून टैक्नालॉजी का प्रयोग करने के लिए एमओयू किया गया है। पिरूल से बायोफ्यूल तथा तारपीन का तेल निकालने का समझौता आईआईपी के साथ हुआ है, जिससे ग्रामीणों को लाभ होगा। 

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प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में शत प्रतिशत प्रधानाचार्यों एवं 93 प्रतिशत अध्यापकों की नियुक्ति की गई है। पिछले 10 महीने में लगभग 1000 डॉक्टर पहाड़ों में भेजे गए है। 170 बांडधारी डॉक्टरों को पहाड़ों में भेजा गया है। सितम्बर-अक्टूबर में उत्तराखंड में इन्वेस्टर समिट किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप बजट तैयार करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों से राय ली जा रही है। बजट राज्य के विकास का रोडमैप होता है, इसलिए इसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ग की समस्याओं एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं का बजट में समावेश किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी, 2018 को मुख्यमंत्री ने जनपद उत्तरकाशी के गंगाणी में किसानों से संवाद किया एवं आगामी बजट के लिए उनके सुझाव प्राप्त किए। ’’आपकी राय-आपका बजट’’ के सुझावों में सुमन खत्री द्वारा पर्वतीय जिलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, पर्यटन, यातायात कनेक्टिविटी से जोड़ने का सुझाव दिया गया। मैनेजमेंट के छात्र गौतम कुमार ने, “आॅर्गेनिक प्रोडक्ट को बढ़ावा दिये जाने, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने एवं स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए योजना बनाये जाने का सुझाव दिया।”

डॉ.मनु शर्मा ने सुझाव दिया कि, “स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता पर जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया जाए।” शोध छात्रा शालू राठी ने सुझाव दिया कि, फसल बीमा योजना से अधिक से अधिक किसान जुड़ सके, इसमें इंश्योरेंस पालिसी को और अधिक मजबूत बनाना जरूरी है। इसके अलावा कम्यूनिकेशन बढ़ाने के लिए सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान की व्यवस्था, उद्यमिता को बढ़ावा देने, सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान को और सशक्त बनाने, ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने, युवाओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग देने, किसानों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के सुझाव प्राप्त हुए।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “केन्द्रीय बजट में समाज के प्रत्येक वर्ग को दृष्टिगत रखते हुए बजट पेश किया गया। युवाओं के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना इस बजट की बडी विशेषता रही है। प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्रों की संख्या बढ़ाई गई है। देश के 600 जनपदों में इन केन्द्रों को विस्तारित किया जा रहा है। अभी तक प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र सिर्फ 60 जनपदों में थे। देश में कौशल विकास केन्द्र खोलने की शुरुआत की गई तो देश में उत्तराखंड को स्टेट कम्पोनेंट से सबसे पहले 2 कौशल विकास केन्द्र खोलने का श्रेय प्राप्त हुआ।” 3.50 करोड़ लाख युवाओं को इसके तहत रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। 100 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय स्किल डेवलपमेंट सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। संवाद कार्यक्रम के अवसर पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.चन्द्रशेखर नौटियाल, दून विश्वविद्यालय के अध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

 

टी-20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने गु्प्तिल

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ऑकलैंड,त्रिकोणीय टी-20 श्रृंखला में शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे मैच में शानदार शतक (105) लगाकर न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल ने रिकार्डों की झड़ी लगा दी। इस शतक के साथ ही गुप्टिल अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। गुप्टिल ने 72 टी-20 मैचों में 2083 रन हो गए हैं। गुप्टिल ने इस मामले में पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम को पीछे छोड़ा। मैकुलम के 71 मैचों में 2140 रन हैं। इस सूची में भारतीय कप्तान विराट कोहली 1956 रनों के साथ तीसरे पायदान पर हैं।

इसके अलावा गुप्टिल ने इस मैच में न्यूजीलैंड की तरफ से टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाया। गुप्टिल ने इस मैच में 54 गेंदों पर 105 रन बनाए। उन्होंने 49 गेंदो पर शतक लगाकर पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम के रिकार्ड को तोड़ा। मैक्कुलम ने 50 गेंद पर शतक जड़ा था।

हालांकि टी-20 में सबसे तेज शतक का रिकार्ड संयुक्त रूप से दक्षिण अफ्रीका के डेविड मिलर और भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा के नाम है। मिलर ने बांग्लादेश के खिलाफ केवल 35 गेंदों पर शतक लगाया था। वहीं, रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ 35 गेंदों पर शतक लगाया था। इस सूची में दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका के ही रिचर्ड लेवी हैं। लेवी ने वर्ष 2012 में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए हेमिल्‍टन में 45 गेंदों पर शतक जड़ा था।

इसके अलावा गुप्टिल टी-20 क्रिकेट में 2 या उससे ज़्यादा शतक लगाने वाले छठे बल्लेबाज बन गए हैं। गुप्टिल से पहले कॉलिन मुनरो ने तीन, ब्रेंडन मैकुलम, रोहित शर्मा, क्रिस गेल और ग्लेन मैक्सवेल ने दो-दो शतक लगाए हैं।

मोदी का छात्रों को गुरुमंत्र, प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा कीजिए

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नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के करोड़ों छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव से बचने के लिए सहपाठियों से प्रतिस्पर्धा के बजाय अनुस्पर्धा (स्वयं से स्पर्धा) का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने द्वारा किए गए पिछले कार्य से बेहतर काम करना चाहिए। मोदी ने कहा कि छात्रों को दूसरों को देखकर उनका अनुसरण करने की बजाय स्वयं का सतत आंकलन करना चाहिए। इसके लिए दिनचार्य की डायरी बनाने पर एक माह में परिणाम भी दिखेगा।

प्रधानमंत्री ने तालकटोरा स्टेडियम में ”परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम में स्कूल और कॉलेजों के छात्रों के अलावा विभिन्न माध्यमों से 10 करोड़ छात्रों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने स्टेडियम में मौजूद और विभिन्न समाचार चैनलों, नरेन्द्र मोदी मोबाइल एप और माय-जीओवी प्लेटफार्म के जरिये छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। दो घंटे चले इस आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने कई तरह के सवालों के जवाब दिए, जिनमें घबराहट, चिंता, एकाग्रता, दबाव, मातापिता की आकांक्षा और अध्यापकों की भूमिका जैसे प्रश्न शामिल थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, डॉ. जितेन्द्र सिंह, जे.पी. नड्डा, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा और डॉ. सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “वे छात्रों, उनके माता-पिता और उनके परिवार का मित्र होने के नाते यहां आए हैं। उन्होंने अपने अध्यापकों को याद करते हुए कहा कि उनके अध्यापकों ने उनमें ऐसे मूल्यों का निरूपण किया, जिससे उनके भीतर का छात्र आज भी जीवित है। सबका आह्वान किया कि वे अपने अंदर के छात्र को जीवित रखें।,अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने नहीं देना, वो अगर जीवित रहता है तो हमें जीने की प्रेरणा भी देता है।”

एकाग्रता के विषय में प्रधानमंत्री ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की सलाह को याद किया जिसका जिक्र रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में किया गया था। तेंदुलकर ने कहा था कि खेलते समय वे केवल उसी गेंद पर विचार करते थे, जो सामने होती थी। पिछली और अगली गेंदों के बारे में नहीं सोचते थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग से एकाग्रता में सुधार होता है।

हर माता-पिता बच्चों के लिए कुर्बानी देते हैं। इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों की उपलब्धियों को सामाजिक प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं। उन्होंने कहा कि हर बच्चे में कोई न कोई अनोखी प्रतिभा होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आईक्यू (बौद्धिक कौशल) और ईक्यू (भावनात्मक कौशल), दोनों का छात्र जीवन में बहुत महत्व होता है। समय के समायोजन के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों के लिए पूरे साल की कोई समय सारणी या कोई टाइम-टेबल व्यावहारिक नहीं होता। आवश्यकता है कि लचीला रुख अपनाते हुए समय का पूरा उपयोग किया जाए। 

रेलगाड़ियों पर 1 मार्च से नहीं चिपकाया जाएगा आरक्षण चार्ट

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Noनई दिल्ली,  रेलवे के ए-1, ए और बी श्रेणी के सभी स्‍टेशनों पर एक मार्च से सभी ट्रेनों के आरक्षित डिब्‍बों पर आरक्षण चार्ट नहीं चिपकाया जाएगा। फिलहाल यह प्रायोगिक आधार पर अगले छह माह के लिए होगा। इसका उद्देश्य रेलगाड़ियों को बाहर से साफ रखना और कागज की बचत करना है।

रेल मंत्रालय ने जोनल रेलवे को निर्देश दिया है कि वे एक मार्च से तत्‍कालीन ए 1, ए और बी श्रेणी के सभी स्‍टेशनों पर सभी ट्रेनों के आरक्षित डिब्‍बों पर आरक्षण चार्ट चिपकाना 6 महीने के लिए बंद कर दें। ट्रेन के प्‍लेटफॉर्मों पर फिजिकल/ डिजिटल चार्ट लगना जारी रहेगा। उन स्‍टेशनों पर जहां इलेक्‍ट्रॉनिक चार्ट दिखाने वाला प्‍लाज्‍मा लगाया गया है और वह उचित तरीके से कार्य कर रहा है, ऐसे प्‍लेटफॉर्मों पर फिजिकल आरक्षण चार्ट लगाना बंद किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारतीय रेलवे के नई दिल्‍ली, हजरत निजामुद्दीन, मुंबई सेंट्रल, चेन्‍नई सेंट्रल, हावड़ा और सियालदाह स्‍टेशनों पर प्रायोगिक आधार पर सभी ट्रेनों के आरक्षित डिब्‍बों पर आरक्षण चार्ट चिपकाना बंद कर दिया गया था।

गढ़रत्न लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को किया सम्मानित

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गोपेश्वर,  चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अपने होली गीत के विडियो फिल्मांकन के लिए पहुंचे गढ़रत्न लोक गायक नरेंद्र सिंह का अक्षत नाट्य संस्था ने उन्हें शाॅल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।

गोपेश्वर में अक्षत नाट्य संस्था के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, चित्रकार सुरेश वर्मा, नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक योगेश धस्माना, अक्षत नाट्य संस्था के विजय वशिष्ठ ने नरेंद्र सिंह नेगी को सम्मानित किया। सम्मान समारोह में नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत ने कहा कि उत्तराखंडी गीत संगीत से हटकर नरेंद्र सिंह नेगी ने यहां की परंपराओं, भावनाओं को गीतों के माध्यम से देश के सामने रखा। नेगी के गीतों में गढ़वाली उत्तराखंडी शब्दों का ऐसा समावेश है कि ठेठ पहाड़ी व्यक्ति भी अपनी बोली भाषा को सुनकर इसके शब्द अर्थ तक पहुंच सकता है।

इस मौके पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि अक्षत नाट्य संस्था जिस प्रकार रंगमंच की मशाल बुलंद किए हुए है यह आज के दौर में सराहनीय है। उन्होंने अक्षत नाट्य संस्था से जुड़े कलाकारों को रंगमंच से हटकर लोक साहित्य, लोकगीत, पारंपरिक गीतों, जागरों के गायकों को आगे लाकर इस क्षेत्र में कार्य करने की सलाह दी। इस अवसर पर अक्षत नाट्य संस्था के विजय वशिष्ठ, कैलाश भट्ट, इंद्रेश मैखुरी, डॉ. दर्शन सिंह नेगी, ज्ञानेंद्र खंतवाल आदि मौजूद थे। 

राजनीति का दंगल: कैसे हुए सीएम सख्त और चैंम्पियन पस्त

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भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन बिना आमंत्रण सीएम से मिलने दून विश्वविद्यालय पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें न केवल मंच से नीचे उतरने का आदेश दिया, बल्कि ज्ञापन लेने से भी इन्कार कर दिया।

शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय के खेल मैदान में ‘आपकी राय, आपका बजट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंच पर सिर्फ मुख्यमंत्री के लिए ही कुर्सी थी। अतिथियों और छात्रों के बैठने की व्यवस्था मंच के सामने की गई थी।करीब पौन घंटे बाद 12.45 बजे नीला कोट और काली टोपी लगाए विधायक चैंपियन शामियाने में पहुंचे और सीधे मंच की ओर बढ़े।  यह देख सीएम का पारा चढ़ गया। मुख्यमंत्री हाथ से इशारा कर बोले ‘सामने बैठिए, बैठने जगह उधर है।’ इस पर विधायक पहली पंक्ति में दून विवि के कुलपति चंद्रशेखर नौटियाल की बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए।

कार्यक्रम समाप्त होने पर विधायक चैंपियन एक बार फिर हाथ में ज्ञापन लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास पहुंचे। इस बार तल्ख तेवर में मुख्यमंत्री बोले ‘यह ज्ञापन देने की जगह नहीं है।’ इस चैंपियन ने कहा कि ‘सर बात तो सुन लीजिए’। सीएम ने फिर कहा कि ‘यह बात सुनने की भी जगह नहीं है।’

वहीं भाजपा को बगावती तेवर दिखा रहे चैंपियन के तेवर दिल्ली से वापस लौटने के बाद बदले नजर आ रहे हैं। कुंवर को सीएम त्रिवेंद्र बड़े भाई और धन सिंह रावत छोटे भाई लगने लगे हैं। 13 फरवरी को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कुंवर प्रणव के तेवर नरम पड़ गए हैं। इसे अब अमित शाह की नसीहत कहें या पार्टी द्वारा अनुशानहीनता पर कार्रवाई करने की बात का असर, जो भी हो लेकिन किसी भी हालत में पीछे न हटने वाले चैंपियन अब बैकफुट पर आ गए हैं। बता दें कि लगातार भाजपा की सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हुए चैंपियन खुद की ही पार्टी पर सवाल खड़े कर रहे थे। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि कि जीरो टॉलरेंस सरकार का दोहरा मापदंड है। अपने बयानों से पार्टी को लगातार असहज कर रहे चैंपियन के तीखे तेवर अब फीके पड़ गए हैं।


दरअसल, चैंपियन मंत्री पद न मिलने की वजह से काफी समय से नाराज चल रहे थे, इसके बाद उनकी बातों को भी पार्टी में तवज्जो नहीं दी गई जिससे कुंवर और आहत हो गए। इसके बाद कुंवर ने हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने की बात को मुद्दा बनाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गौरतलब है कि हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज करने के बाद सरकार ने पंचायत संचालन के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन किया, जिसमें चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी सिंह, अम्मी लाल और मोहम्मद सत्तार को सदस्य बनाया गया। समिति के सदस्य में सत्तार को शामिल करने से कुंवर और खफा हो गए। क्योंकि सत्तार पूर्व विधायक मोहम्मद शाहजाद के छोटे भाई होने के साथ ही कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक बहुत करीबी माने जाते हैं।