छापे के दौरान डीएम के तेवर सख्त

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डीएम को भी झूठ बोल रहे हो, झूठ बोलने पर मुझे गुस्सा आता है। कुछ इस तेवर के साथ हरिद्वार, जिलाधिकारी दीपक रावत ने मंगलवार को तहसील परिसर में वेंडरों को दिखाये। एक स्टांप वेंडर के यहां अचानक निरीक्षण करने पहुंचे डीएम ने कांउटर और दुकान के भीतर रखे सभी स्टांप को कब्जे में लेने के आदेश दे दिये। स्टांप की गिनती की जा रही है, स्टांप की संख्या में कमी पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दे दिये हैं।

मंगलवार को तहसील दिवस पर आयोजित जनता दरबार कार्यक्रम में जिलाधिकारी दीपक रावत तहसील परिसर में पहुंचे। कार्यक्रम में जाने से पूर्व जिलाधिकारी ने तहसील गेट के पास एक स्टांप वेंडर के बस्ते पर पहुंचकर औचक निरीक्षण शुरू कर दिया। स्टांप वेंडर से सभी स्टांप दिखाने को कहा। वेंडर को रजिस्ट्रर दिखाने को कहा गया। डीएम ने जब स्टांप वेंडर को अलमारी और दूसरे स्थान पर रखे स्टांप को दिखाने को कहा तो वेंडर ने कुछ इधर-उधर की बात करने लगा। इस बात पर डीएम ने कहा कि तुम डीएम से भी झूठ बोल रहे हो। झूठ बोलने पर मुझे गुस्सा आता है। डीएम के इन तेवरों को देख तहसील परिसर में हडकंप मच गया। सभी वेंडरों ने अपने बस्तों को बंद कर दिया।

डीएम रावत और सिटी मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह व प्रशासन की पूरी टीम वेंडर के स्टांप की तलाश करने लगी। बस्ते और सभी दुकान में रखे सभी स्टांप को प्रशासन की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए डीएम दीपक रावत ने बताया कि, ‘करीब एक माह पूर्व तहसील का निरीक्षण किया था, सभी वेंडरों को नाम और स्टांप की संख्या को बोर्ड पर लिखने के आदेश दिये थे। जनता की शिकायत है कि स्टांप नहीं मिल रहे है, इसी के चलते निरीक्षण किया गया है। सभी स्टांप का रजिस्ट्रर से मिलान किया जा रहा है। यदि कमी पाई गई तो लाईसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।’