डीजीएमओ अनिल कुमार भट्ट पहुंचे अपने गांव; किया गया भव्य स्वागत

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डॉयरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) बनने के बाद पहली बार अपनी जन्मभूमि पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट का स्थानीय लोगों ने फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट यहां लोस्टू बड़ियारगढ़ पट्टी के घंटाकर्ण राजजात में शामिल हुए। गांव के लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उनके गांव पहुंचने पर गांव के लोगों में खुशी की लहर देखी गई। इस दौरान श्री भट्ट यूथ फाउंडेशन की ओर से आयोजित भर्ती कैंप में भी गए और उन्होंने युवाओं का मार्गदर्शन किया।

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट सबसे पहले सुबह अपने गांव खत्वाड़ पहुंचे। उन्होंने यहां सबसे पहले अपने कुलदेवता के दर्शन किए और उसके बाद घंटाकर्ण राजजात में शामिल हुए। यहां उन्होंने घंटाकर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देनी चाहिए। ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता उन्हें नहीं पढ़ाते तो आज वह इस मुकाम पर नहीं होते। उस जमाने में उनके पिता को तीन सौ रुपए वेतन मिलता था, इसी से उन्होंने पूरे परिवार चलाया। उन्होंने कभी हमारी पढ़ाई में कमी नहीं की। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं इस क्षेत्र के बच्चे भविष्य में प्रधानमंत्री बने, राष्ट्रपति बने। बड़े से बड़े पदों पर आसीन हो। इस दौरान उन्होंने अपने बचपन की यादें भी साझा की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों से मुलाकात कर उनका हाल जाना।

डीजीएमओ श्री भट्ट यूथ फाउंडेशन की ओर से घनियालधार में आयोजित भर्ती कैंप में भी गए। इस मौके पर उन्होंने भर्ती पूर्व प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को सेना के तौर-तरीको के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी के अंदर देशभक्ति और देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने आर्मी में भर्ती के लिए तैयारी संबंधी टिप्स भी युवाओं को दिए। साथ ही उन्होंने यूथ फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत निम के प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल यूथ के लिए बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। उनके कैंपों से निकले हजारों युवा आज देश सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए और उसी के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।

गोरखा राइफ्ल में कमिश्न लेफ्ट जेन भट्ट डीजीएमओ नियुक्ति से पहले भी भारत की सर्वोत्तम अटैक फोर्स में से एक स्ट्राइक वन काॅर्प के जीओसी के साथ कई अन्य पद संभाले हैं।