दुर्लभ प्रजाति की मछली का शिकार पड़ा महँगा, वन विभाग ने किया केस दर्ज

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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में 150 किलोग्राम की गौल मछली पकड़ी गई है । दुर्लभप्राय गौल मछली वन्यजीव श्रेणी में शेडयूल एक में रखी गई है । उत्तराखंड की रहस्यमय नदियों में से एक रामगंगा नदी में मिलने वाली इस मछली को पकड़ने के बाद क्षेत्रवासियों ने एक लकड़ी की बल्ली में बांधकर क्षेत्र में घुमाया और सेल्फी खिचवाई,यह सेल्फी उनके लिए आफत का फरमान लेकर आई है,इस संरक्षित गौल मछली की उम्र लगभग 35 वर्ष बताई जा रही है । इस मछली को गुछ और डेविल कैट फिश भी कहते हैं जबकी मछली का बायोलॉजिकल नाम बैगेरियस येरीली है, जो सामान्यतया शर्मीली होती है और कम ही दिखाई जाती है ।
gaul fish
अल्मोड़ा के सल्ट ब्लाक के अंर्तगत इनोलो गांव के समीप रामगंगा नदी बहती है। नदी में संरक्षित प्रजाति की गोल्डन महाशीर, गौंल सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले ग्रामीणों ने नदी से गौंल मछली को पकड़ा। विशालकाय मछली को गांव में लाकर नुमाइश की गई और फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी की गई। मछली को देखने के लिए ग्रामीणों का सैलाब भी उमड़ा था। गांव लाने तक मछली की सांसें चल रही थी। इतनी विशालकाय मछली को देख ग्रामीण भी भौंचक्के रह गए।
जैसे ही मछली की फोटो सोशल साइट्स में वायरल हुई तो मामला चर्चाओं में आ गया। ज्यादातर लोगों ने मछली के शिकार को लेकर आक्रोश जताया। बरसात के दिनों में मछलियां बहाव के विपरीत तैरते हुए किनारे पर आ जाती हैं। वहीं डीएफओ एस.आर प्रजापति ने कहा कि ओनोलु गांव में यह मछली पकड़ी गई थी, 5 लोगों ने कल यह मछली पकड़ी थी।शेड्यूल एक के अंदर रामगंगा में इस मछली को नहीं पकड़ते हैं। फारेस्ट और पुलिस की ज्वाइंट टीम गठीत की गई है, फिलहाल पांच लोगों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972  के तहत गिरफ्तार किया गया है।’