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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लिया चुनाव की तैयारियों का जायजा

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विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग पूरी तरह सख्त है। देहरादून सचिवालय में सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचन में कार्यरत मतदान कर्मियों, पुलिस जवानों को शत-प्रतिशत मतपत्र दिलवाने, फोर्स उपलब्धता व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर दोनों आयुक्त एवं समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक के साथ कान्फ्रेंसिंग की गई।

वीडियों कान्फ्रेंसिंग द्वारा मुख्य निर्वाचन आधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के उपायुक्त संदीप सक्सेना से प्रदेश में चिहिन्त 4 विधान सभा में इस बार की जा रही वीवीपेट मशीनों के सफल संचालन हेतु अतिरिक्त इंजीनियर्स की मांग करते हुए आयोग से अनुमति ली है कि कतिपय वीवीपेट मशीनों के खराब हो जाने की स्थिति में मतदान को जारी रखा जाय। इस पर उपायुक्त द्वारा प्रकरण को उनके द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त के संज्ञान में लाने को कहा गया।उपायुक्त द्वारा 13 फरवरी 2017 तक संवेदनशील मतदान केंद्रों की वेब कास्टिंग नेटवर्किंग की जांच कर लेने की अपेक्षा की गई है तथा अवगत कराया गया है कि आयोग 13 फरवरी 2017 को प्रक्रिया का स्वयं परीक्षण करना चाहेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा डयूटी पर लगे मतदान कर्मियों एव पुलिस जवानों को उनकी विधानसभा का मतपत्र ही जारी करने हेतु विशेष सावधानी बरतने के निर्देश देते हुए व्यावहारिक रूप से मतदान प्रक्रिया को समझाया गया। उन्होंने समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी से विभिन्न जिलों में निर्वाचन ड्यूटीरत मतदान कर्मियों के लिए डाकमत पत्र प्रत्येक दशा में 10 फरवरी तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए।
आरक्षित मतदान एवं पुलिसकर्मी को देय हल्का नाश्ता आदि विषयक नगद भुगतान के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन में लगे समस्त कर्मी जवानों को यह सुविधा देय होगी। इसके लिए जी0ओ0 भी जारी करने के निर्देश अधीनस्थ को दिये हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश को अर्धसैनिक बल की 70 कम्पनी 12 फरवरी तक उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों से अपेक्षा की कि पैरा मिलिट्री जवानों की तैनाती में भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखा जाय तथा हाई एल्टीटयूड में तैनात किये जाने वाले मतदान कार्मिक एवं सुरक्षा बलों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं।
इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा, आयुक्त कुमाउ डी0 सैंथिल पांडियन, बिग्रेडियर राजीव गुप्ता, आईजी दीपम सेठ, डीआईजी पुष्पक ज्योति ने भी पुलिस प्रबन्धन की जानकारी दी।

उत्तराखंड में वर्ष 2016 से अब तक 18 बार आया भूकंप

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सोमवार रात आए भूकंप से पूरा प्रदेश कांप उठा। भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग जिले का कालीमठ क्षेत्र था। 10 बजकर 33 मिनट और आठ सेकंड पर आए 5.8 परिमाण वाले भूकंप के झटके सभी जिलों में महसूस किए गए। कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि एक महिला समते दो लोग घायल हुए हैं।
वहीं मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के अनुसार भूकंप के आकड़ों पर नजर डाले तो उत्तराखण्ड में वर्ष 2016 में 17 बार भूकंप आया है। जिसमें 15 फरवरी चमोली 3.5, 21 फरवरी उत्तरकाशी 3.5, 11 अप्रैल पिथौरागढ 3.7 ,05 मई पिथौरागढ 4.1, 08 जून पिथौरागढ 3.5 ,10 जुलाई चमोली 3.9, 13 अगस्त पिथौरागढ़ 2.7, 19 अगस्त उत्तरकाशी 3.8 ,26 सितम्बर रुद्रप्रयाग 3.7, 14 अक्टूबर पिथौरागढ़ 3.3, 27 अक्टूबर अल्मोड़ा 3.2, 23 नवम्बर देहरादून, 3.4, 01 दिसम्बर पिथौरागढ 5.2, 12 दिसम्बर उत्तरकाशी 2.8, 14 दिसम्बर देहरादून 3.9, 14 दिसम्बर उत्तरकाशी 3.4, 19 दिसम्बर उत्तरकाशी 3.4 जिला चपेट में रहा है।

सालों से जंगलों मे रहने को मजबूर हैं ये उत्तराखंडी

उत्तराखंड में मतदान में अभी कुछ ही दिन बाकी है ऐसे में सालों से उत्तराखंड के जंगलो में रह रहे वन गुज्जर समुदाय की भी अपनी परेशानिया हैं। एक तरफ तो उत्तराखंड में दोनों राष्ट्रीय पार्टियां अपने अपने मेनिफेस्टो में जनता के लिए बड़े बड़े वादे कर विकास की नयी योजनाओ के सपने दिखा रही है। ऐसे में लोक तंत्र के महापर्व में कुछ ऐसे परिवारों की दशा आपको दिखाते है जो सालों से जंगलो के बीच रह कर अपने सपनो को बुन रहे है,और गणतंत्र के चुनावी महापर्व में अपनी भागीदारी निभा कर भी विकास से अछूते रह रहे हैं। इनके लिए न तो राज्य सरकार के पास कोई योजना है न केंद्र सरकार के पास। हालांकि टाइगर रिजर्व बनने से पूर्व यहाँ से कई परिवारों का विस्थापन हो गया है लेकिन अभी कुछ परिवार विस्थापन की राह देख रहे है। गौरतलब है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में  रह रहे वन गुज्जरों के कई परिवारों को पार्क से विस्थापित करने के बाद भी यहाँ 221  परिवार ऐसे है जो यहाँ रहने को मजबूर हैं या यह कहे यहाँ से हटने को तैयार नहीं।

विस्थापन का इंतज़ार करते हैं ये वन गुर्जर

1983 में राजाजी पार्क के गठन के बाद से ही इस पार्क के भीतर रहने वाले वन गुज्जर पार्क महकमे के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए है। इन गुज्जरों को पार्क से बेदखल करने के लिए राजाजी पार्क के प्रसाशन ने साल 1998 में इनकी गणना करवाई थी। उस गणना के बाद 1392 गुज्जरों के परिवारों को यहाँ से विस्थापित कर हरिद्वार के गेंड़ीखाता व् पथरी में भूमि दी गई थी मगर इनमे से 168 परिवार ऐसे थे जो यहाँ से नहीं गए उनका अरोप था की पार्क महकमे द्वारा उनके कई परिवारों को भूमि नहीं दी गई। इस सम्बन्ध में पार्क ने फिर से वर्ष 2001 में उन बचे 168 परिवारों की गणना की मगर दस सालों में उन परिवारों की संख्या बड कर 1600 के आसपास हो गई। धीरे धीरे उनमे से कई परिवार पार्क से विस्थापित हो गए , उसके बाद लगभग चार सौ से ऊपर परिवार यंहा रह रहे थे जिसमे से कुछ परिवार वन विभाग से वार्ता के बाद अब जल्द ही गांडीखाता में विस्थापित हो गए  और बाकी के 228 परिवारो को जल्द ही शाह मंसूर में विस्थापित करने की प्रक्रिया होनी बाकी है। इन परिवारों को नयी सरकार से काफी उम्मीद है अब ये गुज्जर परिवार अपने बच्चो के भविष्य के लिए सरकार से मांग कर रहे है कि पार्क में छूटे हुए परिवारों को जल्द विस्थापित किया जाए।

हर बार वोट के समय नेता इन परिवारों से वोट तो मंगाते है लेकिन इन परिवारों की बाद में कोई सुध नहीं लेता ,बदलते ज़माने के साथ ये वन गुज्जर भी बदलना चाहते है जंगलो का मोह , पशुओ का संसार और दो जून की रोटी इनको जंगलो तक ही सिमित कर देती है 

भूकंप से उत्तराखंड में नहीं हुआ कोई नुकसान, प्रशासन है सतर्क

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सोमवार रात को उत्तराखंड में आये भूकंप से कोई भारी नुकसान नहीं हुआ है। ये जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए दी। नेगी ने बताया कि पीडब्लूडी को भूकंप प्रभावित इलाको में सभी पुलों का निरक्षण , भूकंप के बाद पुलों को नुकसान का आंकलन करने के लिये कहा गया है।

आई जी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल ने बताया कि भूकंप के बाद एसडीआरएफ ने रुद्रप्रयाग के कालीमठ में दो लोगो को चोट लगने की खबर के बाद उनके पास पहुचकर उनका उपचार कराया । साथ ही एसडीआरएफ की टीमें हर जनपद में तैनात है।

कमिश्नर गढ़वाल विनोद शर्मा ने बताया कि भूकंप के बाद सभी जिलाधिकारियों से रात को बात कर सभी को एक्टिव कर दिया गया था । भूकंप का ग्राफ बड़ा भी होता तो प्रशासन हर स्तर पर तैयार था। दूसरा इफ़ेक्ट का भी हम इंतजार कर रहे थे। भूकंप के केंद्र और उसका सही आंकलन रात 10:40 पर हो पाया था। एहतियात के तौर पर  केंद्र सरकार ने भी एनडीआरएफ की टीम देहरादून भेज दी थी। लेकिन उस टीम को फिलहाल मूव नहीं कराया गया है। 

गौरतलब है कि सोमवार रात 10:35 मिनट पर उत्तराखंड, दिल्ली और एनसीआर में तेज़ भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। इस भूकंप की तीव्रता 5.8 थी और इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाद जिले में रहा। इससे पहले भी उत्तराखंड में पिछले साल 2 दिसंबर को भूकंप के झटके महसूस किये गये थे। इसके केंद्र पिथौरागड़ जिले में था।

दो युवकों को जहरखुरानों ने लूटा

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जहरखुरानी गिरोह ने मंसा देवी के दर्शन कर लौट रहे दो नेपाली मूल के युवकों को प्रसाद के नाम पर नशीला लड्डू खिलाकर उन्हें लूट लिया। दोनों बेहोशी की हालत में मंसा देवी मार्ग पर पड़े थे, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गुरुवार की सुबह नेपाल मूल के दो लोग जब मंसा देवी मंदिर के दर्शन कर पैदल रास्ते से लौट रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें दो युवक मिले। दोनों नेपाली लोगों को रोककर उन्हें प्रसाद के नाम पर नशीले लड्डू दे दिए। दोनों नेपाली युवकों ने प्रसाद समझकर लड्डू खा लिए। लड्डू खाने के बाद वह दोनों बेहोश हो गए। दोनों के बेहोश होने पर जहरखुरानी गिरोह उनकी जेब से नगदी व सामान लूटपाट कर ले गए।
दोनों पीड़ित युवकों को 108 एंबुलेंस वाहन के माध्यम से जिला अस्पताल लाया गया। एक युवक के होश में आने पर उसने अपना नाम लखडू थापा पुत्र राम स्वरुप निवासी फुलपुर, नेपाल बताया है। कोतवाल अनिल जोशी ने बताया कि दोनों के पूरी तरह होश में आने पर ही सही जानकारी मिल पाएगी।

तेज हुआ दून- हरिद्वार मेट्रो प्रोजेक्ट सर्वे

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दून मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली डी एमआर सी ने सर्वे तेज कर दिया है। डी एम् आर सी को एक महीने के अन्दर राज्य सरकार को प्रारंभिक रिपोट देनी है। इसके लिए देहरादून, ऋषिकेश, व् हरिद्वार के बीच मेट्रो रेल चलाने के लिए राज्य सरकार ने मेट्रो रेल कारपोरेशन की स्थापना की है। इसके साथ डी एम आर सी ने रूट का सर्वे शुरू कर दिया है। मेट्रो लाइन के लिए क्या जरूरत है और क्या नही इस के लिए  क्षेत्र की पूरी तरह से पड़ताल की जा रही है। इसमें रोड एलाइनमेंट की रिपोर्ट मिलने के बाद ही प्रारंभिक रिपोर्ट को फाइनल किया जायेगा। इसके साथ समन्धित विभागों से एनओसी ली जायेगी।

इस वक़्त आम बजट आने के बाद राज्यों में मेट्रो रेल को विस्तार देने के लिए केंद्रीय बजट में नई नीति तैयार किये जाने पर जोर दिया गया है। ऐसे में केंद्र की पहल से राज्य को दून, ऋषिकेश, हरिद्वार मैट्रो प्रोजेक्ट से उम्मीद बढ़ गयी हैं। डीएमआरसी में सेवाएं दे रहे जीतेन्द्र त्यागी ने बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर राज्य में ज्वाइन कर लिया है। अभी फिलहाल वे उत्तराखंड राज्य शहरी आवास विकास प्रधिकरण से ही मेट्रो कारपोरेशन कार्यलय का संचालन करेंगे।

बीजेपी ने कुमाऊं में चलाया सदस्यता अभियान

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चुनावी मौसम अपने चरम पर है और प्रदेश के दोनों मुख्य दल दूसरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी तरफ कर अपना राजनीतिक दमखम दिखाने में लगी है। इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या की मौजूदगी में अलग अलग दलों से आए लोगों ने नैनीताल में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की । इस मौके पर कोश्यारी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें हमेशा से दूसरे दलों के सदस्यों का वोट भी मिलता रहा है । उन्होंने पिछली सरकार को भ्रष्टाचार से भरा बताते है कहा की अब बीजेपी सरकार आने वाली है । मल्लीताल के रामलीला मैदान में हुई इस रैली में फड़ खोखा समिति के अध्यक्ष जमील अहमद समित 120 लोगों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की । सपा, ब.स.पा.समेत अन्य राजनीतिक दलों के लगभग 200 लोगों ने भी इन दोनों नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली है । इस मौके पर नगर पालिका सदस्य रेखा आर्या ने बीजेपी ज्वाइन की ।

लोगों से खचाखच भरे रामलीला मैदान में नेताओं ने अपने शब्दों से सभी को लुभाने का भरसक प्रयास किया । यशपाल आर्या के पुत्र और बीजेपी प्रत्याशी संजीव आर्या पर परिवार वाद के आरोपों के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे एक डॉक्टर, इंजीनियर या किसी दूसरे के पुत्र को टेस्ट देना पड़ता है उसी प्रकार वो भी जनता के बीच जाकर टेस्ट दे रहे हैं । इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में आए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्या के भी दुख झलक उठे ।

बीजेपी पर जमकर बरसे हरीश रावत

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मुख्यमंत्री हरीश रावत  प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस को लाने के लिए पूरी तरह से जुट गए है। खुद ही जनता के बीच जाकर प्रत्याशियों को जिताने की अपील कर रहे है। इसके लिए वो हर विधान सभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ नुकड़ सभाये कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संभाल रखी है। हरीश रावत प्रदेश भर में जाकर जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। ऋषिकेश में कांग्रेस के प्रत्याशी राजपाल खरोला के पक्ष में मतदान करने की अपील को लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत ऋषिकेश पहुचे जहां उन्होंने विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने ऋषिकेश में जनता से कांग्रेस प्रत्याशी राजपाल खरोला को भी जीताने की अपील की , हरीश रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में जनता का कांग्रेस को बहुत समर्थन देखने को मिल रहा है ,और इस बार कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बनायेगी और भाजपा को कड़ी मात देगी। रावत ने कहा कि जनता जानती है उनके कार्यकाल में कितने कार्य हुए है भाजपा ने सिर्फ उत्तराखंड में जनता के साथ मजाक किया है सिर्फ जुमले पर वोट मांग कर जनता को गुमराह कर रहे है भाजपा वाले। 

भूकंप से दहला उत्तराखंड,रुद्रप्रयाग में रहा केंद्र

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सोमवार की रात 10:34 के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए।हालांकि भूकंप की तीव्रता का तुरंत पता नहीं चल सका लेकिन लोग डर जरूर गए थे। उत्तराखंड के अलावा यह झटके चंडीगढ़,शामली,गाजियाबाद और उत्तराखंड के कुछ इलाकों जैसे कि मसूरी,पिथौरागढ़,सहारनपुर,देहरादून आदि जगहों पर भी महसूस किये गये। राष्‍ट्रीय भूकंप ब्‍यूरो के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 5.6 थी। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पिपलकोटि को बताया जा रहा है।

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भूकंप जमीन के 33 किलोमीटर नीचे आया था और लगभग 30 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए। देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्‍यादा तेज झटके महसूस हुए। देहरादून में लोग घरों से बाहर आ गए। वहीं मसूरी और पिथौरागढ़ जैसी पहाड़ी जगहों पर झटके ज्‍यादा तेज नहीं थे। अमेरिकी जीयोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.6 थी>

भूकंप के झटकों के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हालात पर नज़र रखने के लिये रात ही देहरादून स्थित आपदा प्रबंधन कक्ष पहुँचे और तमाम आला अधिकारियों को भी बुला लिया गया।

गृह मंत्री ने भूकंप पर विस्तृत रिर्पोट मांगी है और एन.डी.आर.एफ को हाई एलर्ट कर दिया गया है। एन.डी.आर.एफ टीम को गाजियाबद से उत्तराखंड के लिए रवाना कर दिया गया है ताकि जरुरत पड़ने पर बचाव में कोई कमी ना रह जाए। भूकंप के झटकों के बाद पीएमओ भी लगातार उत्तराखंड में अधिकारियों से संपर्क मे हैं।

गौरतलब है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में पूर्वोत्तर भारत में तीन बार भूकंप आया था।

12 फरवरी को चुनावी मोर्चा संभालेंगी अर्ध सैनिक बल

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सोमवार को सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव में ड्यूटी करने वाले मतदान कर्मियों/पुलिस जवानों को शत-प्रतिशत चुनाव पत्र दिलवाने, फोर्स उपलब्धता और अन्य जरुरी विषयों पर नजर डालते हुए दोनों आयुक्त और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक के साथ विडियो कान्फ्रेंस की। वीडियों कान्र्फेसिंग से मुख्य निर्वाचन आधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के उपायुक्त संदीप सक्सेना से प्रदेश के 4 विधान सभा में इस बार की जा रही वीवीपेट मशीनों के सफल संचालन के लिए अतिरिक्त इंजीनियर्स की मांग करते हुए आयोग से इजाजत ली है कि वीवीपेट मशीनों के खराब हो जाने की स्थिति में मतदान को जारी रखा जाए। इस पर उपायुक्त ने मामले को उनके जरिए मुख्य चुनाव आयुक्त के सूचना में लाने को कहा है।उपायुक्त ने 13 फरवरी 2017 तक संवेदनशील मतदान केन्द्रों की वेब कास्टिग नेटवर्किग की जांच कर लेने की अपेक्षा की गई है,और अवगत कराया गया है, कि आयोग 13 फरवरी 2017 को प्रक्रिया  का खुद परीक्षण करना चाहेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डयूटी पर लगे मतदान कर्मियों और पुलिस जवानों को उनकी विधान सभा का पोस्टल बैलेट ही जारी करने के लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश देते हुए व्यवहारिक रूप से मतदान प्रक्रिया को समझाया।उन्होनें सभी जिला निर्वाचन अधिकारी से विभिन्न जिलों में निर्वाचन डयूटीरत मतदान कर्मियों के लिए पोस्टल बैलेट प्रत्येक दशा में 10 फरवरी 2017 तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश को अर्धसैनिक बल की 70 कम्पनी 12 फरवरी 2017 तक उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों से अपेक्षा की,  कि पैरा मिलट्री जवानों की तैनाती में भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखा जाए और हाई एल्टीटयूड में तैनात किये जाने वाले मतदान कार्मिक एवं सुरक्षा बलों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं।

इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा, आयुक्त कुमाउ डी0 सैंथिल पांडियन, बिग्रेडियर  राजीव गुप्ता, आई0जी0 दीपम सेठ, डीआईजी पुष्पक ज्योति ने भी पुलिस प्रबन्धन की जाकारी दी।