शिवरात्रि की पूजा के लिए नैनीताल के नयना देवी मंदिर में सवेरे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान् शिव शंकर के भक्तों ने आज उन्हें दूध व् गंगाजल से छककर नहला दिया। मंदिर पहुंचे भक्तों ने आस्था के चलते व्रत धारण किया है और कई भक्तों ने भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी की। देशभर में आज शिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। सरोवर नगरी भी इससे अछूती नहीं है। यहाँ नयना देवी के मंदिर स्थित शिवलिंग को पूजने के लिए हजारों की तादाद में भक्त पहुँचे। शिवलिंग को दूध से नहलाने का क्रम लगातार बना हुआ है। सर्दियों में मौसम में आज सूर्यदेव ने भी भक्तों को दर्शन दिए जिससे मंदिर का माहौल भक्तिमय हो गया। बहुत दिनों के बाद आज अच्छा मौसम होने से भक्तजनों की भीड़ उमड़ पड़ी है। मान्यताओं के चलते मंदिर व शिवलिंग की प्रतिष्ठा बहुत ज्यादा है। जहाँ एक तरफ स्थानीय शिव भक्त हजारों की तादाद में यहाँ मंदिर परिसर में पहुँचे हैं वहीँ शिवलिंग व देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता के चलते बाहर से आए पर्यटक भी खास इस मंदिर के पूजन को यहाँ पहुंचे है। पांच हजार वर्षों से पूजा जाने वाला यह पर्व आज भी हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक हैं और देश के बारह ज्योतिर्लिंग इस बात के गवाह हैं।
3 मई को खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट
महाशिवरात्रि के पर्व पर पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तारीख का ऐलान किया गया है।
इस बार मई माह की 3 तारीख को केदारधाम के कपाट 8 बजकर 50 मिनट पर पूरे विधि-विधान के साथ खुलेंगे। जबकि 30 अप्रैल को भगवान शिव की डोली उखीमठ के ओंकेश्वर मंदिर से केदारधाम के लिए रवाना हो जाएगी।
गौरतलब है कि हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर ही केदारधाम के कपाट खुलने की ताऱीख का ऐलान विधि-विधान के साथ किया जाता है। ओंकेरेश्वर मंदिर को आज चार कुंतल गेदा और बुराश के फूलों से सजाया गया है। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बाबा केदार का महाभिषेक और श्रृंगार किया। उसके बाद विधि-विधान और अन्य अनुष्ठानों के बीच केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में पंचांग गणना की गई और उसी के आधार पर बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि का ऐलान किया गया।
शिवालयों में महाशिवरात्रि की धूम,सुबह से ही भक्तों का तांता
उत्तराखंड के कण कण में भगवान् भोलेनाथ शिव शंकर का वास है ऋषिकेश में कई पौराणिक शिवालय है जीके दर्शन मात्र से भक्तो की मन्नते पूरी होती है। मणिकूट पर्वत पर नीलकंठ महादेव है तो गंगा तट पर चन्द्रेस्वर ,वीरभद्र और सोमेश्वर महादेव है,जंहा माह शिवरात्रि पर श्रद्धालुओ की भारी भीड़ है।महाशिवरात्रि को भगवन शिव के दिन के रूप में मनाया जाता है।शिव भक्त अपने भगवन को प्रसन्न करने के लिए दूध,गंगाजल,फल-फूल आदि चढ़ाते है और हर तरफ बम-बम भोले की गूंज सुनाई देती है।ऋषीकेश के पौराणिक शिव मंदिर वीरभद्र महादेव में भी शिवरात्रि की धूम है। दूर-दूर से आये शिव भक्त अपने अराद्य का जलाभिषेक कर रहे है, सुबह से ही शिवालयो में जलाभिषेक के लिए लम्बी-लम्बी कतारे लगी हुयी ,श्रद्धालु जलाभिषेक कर पुण्य लाभ कमा रहे है।ऋषीकेश मे पौराणिक महत्व के कई शिव मंदिर है जिनका उलेल्ख ऋग्वेद के केदार खंड में भी मिलता है साथ ही नीलकंठ महादेव में कल से और देर रात तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके है। लगातार भीड़ बढ़ने की उम्मीद है । ऋषिकेश में चन्द्रेवश्वर महादेव , वीरभद्र महादेव और पतळालेश्वर महादेव ,सोमेश्वर महादेव में भी श्रद्धालु रुद्राभिषेक कर रहे है।श्रद्धालु इन पौराणिक मंदिरो में जलाभिषेक कर अपने आराध्य से कृपा की कामना कर रहे है।ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर से लेकर नीलकंठ महादेव तक शिव भक्तों का तां-तां लगा हुआ है, महाशिवरात्रि के मौके पर देश के कोने -कोने से शिव भक्त अपने अराध्य से मिलने नीलकंठ धाम पहुचते हैं। आपको बता दें की पहाड़ ओर जंगल के बीच बसे इस स्थान पर भगवान शिव खुद विराजमान है ।पौराणिक मान्यता है की यही वो स्थान है जहा भगवान शिव ने विष धारण कर तपस्या की थी ओर वो नीलकंठ महा देव कहलाये थे । यहाँ पहुँचने वाले शिव भक्त बताते है कि यहाँ दर्शन मात्र से ही कल्याण हो जाता है।शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के विवाह का प्रतीक मानी जाती है ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर की कथा भी शिव विविआह से जुडी हुयी है शिवभक्त इस शिवनगरी में दर्शन कर अपने आराध्य को प्रसन्न करने में जुटे हुए है।
टेलीनॉर को खरीदेगा एयरटेल
भारत की अग्रणी मोबाइल सेवाप्रदाता कंपनी भारती एयरटेल जल्दी ही एक बड़ा सौदा करने जा रही है। एयरटेल अाने वाले समय में टेलीनॉर को खरीद सकती है। वैसे अभी ये सौदा बातचीत के स्तर पर है, सरकारी एजेंसियों से अनुमति मिलने के बाद ही एयरटेल ये कदम उठा सकेगी।
सूत्रों के मुताबिक एयरटेल ने रिलायंस जिओ को मिल रहे रिस्पांस और आईडिया-वोडाफोन के एक होने खबर के जवाब में अपना नेटवर्क और मजबूत करने का फैसला किया है। इसके लिए एयरटेल जल्दी ही उत्तर-प्रदेश (पश्चिम), यूपी (पूर्व), आन्ध्रप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, असम जैसे सात सर्कल में मजबूत पकड़ रखने वाली टेलीनॉर कंपनी को खरीदेगी। बताया जा रहा है कि सौदा करीब 7 हजार करोड़ रुपये में होगा, जिसमें डेढ़ हजार करोड़ टेलीनॉर का कर्ज भी शामिल है।
दूरसंचार के विशेषज्ञ इसे एयरटेल के लिए कई मायनों में अच्छा सौदा मान रहे हैं। सातों सर्किल घनी ग्राहक आबादी वाले हैं, जिसका सीधा फायदा एयरटेल को मिलेगा। इसके अलावा एयरटेल को टेलीनॉर का स्पेक्ट्रम भी मिल जाएगा। इस सौदे से एयरटेल भारतीय बाजार में अपनी स्थिति एक बार फिर मजबूत कर सकेगा
कुमांऊ से दिल्ली के सफर की कमान अब बेटियों के हाथ
रेलवे में प्रतिदिन हज़ारो सफर करने वाले यात्रियों की जान अब महिलाओ के हाथ में होगी, कुमाऊ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी ऐसी पहली ट्रैन है जिसमें संचालक के तौर पर बेटियां बतौर लोको पायलट काम कर रही है । रेलवे अधिकारी बेटियो की इस उपलब्धि से गदगद तो है है साथ ही लोको पायलट बनी बेटियां भी खुद को गौरवांन्वित महसूस कर रही है।

देश के इतिहास में पहली बार 1882 में कुमांऊ में ट्रेन गयी थी । तब से लेकर आज तक रेलवे में कई बदलाव आये लेकिन करीब 130 साल बाद जो बदलाव देखने को मिला वो काफी गौरवांन्वित करने वाला है।काठगोदाम से दिल्ली तक चलने वाली शताब्दी ट्रेन में 5 बेटियां बतौर लोको पायलट काम कर रही हैं।उत्तर रेलवे ने पहली बार यह जिम्मेदारी बेटियों के कन्धे पर डाली है,जिसमें रेनू श्रीवास, सुनीता कुमारी, अंजू सिंह, रीना और आकांशा शामिल है। लोको पायलट रेनू श्रीवास बताती हैं की 10 साल की उम्र में उनके पापा का निधन हो गया लेकिन उनका सपना था की रेनू रेलवे में पायलट बनें और उनका सपना पूरा करे। जिसके बाद रेनू ने कड़े संघर्ष के बावजूद यह मुकाम हासिल किया, उनके मुताबिक उनको एक बहुत महत्व्पूर्ण जिम्मा दिया गया है जिसे वे अपने सहयोगियों के माध्यम से पूरा कर रही है, रेनू मानती है की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा रही है ।

काठगोदाम के स्टेशन प्रबन्धक चयन रॉय के मुताबिक ट्रेन की संचालन का जिम्मा बेटियों को दिया जाना बेहद गौरव की बात है।उनके मुताविक शताब्दी कुमांऊ आने वाली पहली ऐसी वीआईपी ट्रेन है जिसके संचालन का जिम्मा बेटियों के पास है ।पुरुष प्रधान समाज में आज भी महिलाओं को वो सम्मान नहीं दिया जाता रहा है जिस सम्मान की वो हकदार हैं,लेकिन फिर भी इसके बीच बेटियां हर उस क्षेत्र में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही हैं जो सामान्य तौर पर पुरुष प्रधान काम माने जाते थे, इसलिए रेलवे ने भी बेटियों की हिम्मत ओर दक्षता को सलाम किया है।
उत्तराखण्ड में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा किया मतदान।
- जनपद पुरुष महिला
- उधमसिंहनगर 74.46 77.30
- हरिद्वार 75.32 76.14
- उत्तरकाशी 63.69 73.21
- चम्पावत 53.37 70.81
- रुद्रप्रयाग 52.61 70.25
- नैनीताल 64.96 68.80
- चमोली 55.41 65.96
- देहरादून 61.27 65.93
- पिथौरागढ़ 56.64 64.52
- पौड़ी 48.52 61.63
- अल्मोड़ा 45.20 60.69
- टिहरी 64.62 50.00
हेलो हल्द्वानी जल्द लाएगा नया ऐप
कम्युनिटी रेडियो, हेलो हल्द्वानी जल्द ही नया ऐप लाने जा रहा है जिससे इलाके की आम जनता आसानी से रेडियो को सुन सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के सूचना तकनीक विभाग की मदद ली जाएगी। विश्वविद्यालय में हुई एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई।
विश्वविद्यालय में हुई रेडियो एक्सपर्ट्स की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास किए गए और फैसला किया गया कि रेडियो को लोकप्रिय बनाने के लिए इससे शहर के छात्र-छात्राओं, महिलाओं, व्यवसाइयों, मजदूरों-किसानों और आम जनता को जोड़ा जाएगा।
वक्ताओं ने ये भी माना कि उत्तराखंड जैसे आपदा प्रभावित राज्यों में हेलो हल्द्वानी जैसा कम्युनिटी रेडियो सही सूचना देनें में और लोगों में अफवाह और घबराहट से बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही कम्युनिटी रेडियो स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच दूरी मिटाने का काम भी कर सकता है।
विशेषज्ञों की राय उभर कर आई की कम्युनिटी रेडियो हेलो हल्द्वानी को प्रभावी बनाने के लिए समुदाय के लोगों के साथ मिलकर एक सलाहकार समिति बनाई जाएगी जिससे रेडियो के कार्यक्रमों में आम जनता की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
महंगा होगा चारधाम यात्रा का सफर
- ऋषिकेश -बद्रीनाथ ऋषिकेश -1130,[ डीलक्स बस -1720 ] पुराना किराया -985
- ऋषिकेश-केदारनाथ-बद्रीनाथ -यमनोत्री-1530 [डीलक्स बस-2330 ]पुराना किराया-1375
- ऋषिकेश -केदारनाथ -बद्रीनाथ – गंगोत्री — 2340 [डीलक्स बस-3560 ] पुराना किराया -2010
- ऋषिकेश- गंगोत्री -केदारनाथ -बद्रीनाथ -यमनोत्री -2690[डीलक्स बस–4080 ] पुराना किराया –2400 रुपये
उत्तराखंड में चार धाम का बड़ा ही धार्मिक महत्व है जिसके कारण हर साल यहाँ बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए आते है ऐसे में बढती महगाई में खाने पिने की वस्तुओ के साथ साथ यात्री किराये में बढोतरी यात्रियों को बजट को बिगाड़ सकती है।इस लिए अगर आप चार धाम यात्रा का मन बना रहे है तो महगाई के झटके को सहने के लिए पहले से तैयार रहें।





























































