भारत-नेपाल संयुक्त चौदह दिवसीय सैन्य अभ्यास सूर्यकिरण मंगलवार से शुरू हो गया है। इसमें दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के अनुभवों को साझा करेंगे। इस दौरान पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद रोकने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।बतातें चले कि भारत और नेपाल की सेनाओं का यह 11वां संयुक्त अभियान है। अभ्यास में भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री बटालियन तथा इतनी ही तादाद में नेपाल सेना शामिल होगी। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों में लंबे समय से चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों के अनुभवों को आदान-प्रदान किया जाएगा।
साथ ही मानवीय सहायता, आपदा राहत, हाई एल्टीट्यूड क्षेत्रों में युद्ध कला आदि पहलुओं पर भी फोकस रहेगा। यह अभ्यास 20 मार्च तक चलेगा। इसे भविष्य में दोनों देशों के बीच परंपरागत मित्रता की मजबूती के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।
शुरू हुआ भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास
अंतरास्ट्रीय योग कैपिटल ऋषिकेश को स्मार्ट सिटी बनाने की मुहीम होने लगी तेज़,सोलर एनर्जी के लिए मोदी ग्रुप ने बढ़ाये हाथ
देश के जाने माने औद्योगिक घराने मोदी परिवार के स्मार्ट ग्रुप के एट्रप्रेनॉर डॉ मोदी ने ऋषिकेश में अपने नए प्रतिस्ठान स्मार्ट योगा रिट्रीट की शुरुवात कर दी है। जिसमे आधुनिक सुविधाओ के साथ साथ योग की प्राचीन विधाओ को सिखाया जा रहा है जिसमे योग क्लासेस का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। डॉ एम् का कहना है कि स्मार्ट ग्रुप योग की कैपिटल में अपने प्रतिस्ठान में देश के जाने-माने योग गुरुओ को लेकर आ रही है जो यहाँ पर अपनी योग कलाओ को निशुल्क सिखाएंगे साथ ही स्मार्ट योग में अन्य जो वार्ड क्लास सुविधाएं देश विदेश से आने वाले योगा साधको को मिलेगी उसका शुल्क योग रिट्रीट लेगा।डॉ एम् ने बताया कि स्मार्ट ग्रुप फिल्म ,सिटी डेवलेपर और योग में काम कर रहा है हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है। अंतरास्ट्रीय योग कैपिटल ऋषिकेश को स्मार्ट सिटी बनाने का जिसके लिए हमने अपना प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है।उत्तराखंड की नयी सरकार के साथ मिल कर स्मार्ट ग्रुप सोलर सिटी के रूप में ऋषिकेश को विकसित करना छठ है ।जिस से विश्व के लोगो को ऋषिकेश योग कैपिटल में प्रदूषण मुक्त हवा के साथ साथ सभी आधुनिक सुविधाएं मिले जिसका प्लान तैयार हो चूका है।नयी सरकार से इस विषय में जल्द बातचीत होगी। ऋषिकेश में अपने नए प्रतिस्ठान स्मार्ट योगा रिट्रीट में लोगों को बेहतर सेवा मुहैया कराने का लक्ष्य है जिसमें 100 से ज्यादा तरह के योग क्रियायों और आसनों के साथ साथ वर्ल्ड क्लास स्पा की भी सुविधा दी गई है। ये ऋषिकेश का पहला ऐसा प्रतिष्ठान होगा जिसमें आयुर्वेद, मैडिटेशन और भारत की प्राचीन नेचर थेरेपी की सुविधा अपनी ग्राहको को दी जायेगी।
मौसम विभाग ने 9 मार्च की रात से 36 घंटे तक मूसलाधार बारिश की संभावना जताई
मौसम विभाग ने 9 मार्च की रात से 36 घंटे तक मूसलाधार बारिश की संभावना जताई। देहरादून, टिहरी और हरिद्वार समेत कई जगहों पर अलर्ट।होली के उल्लास और सियासी गर्मी के बीच उत्तराखंड में मौसम कुछ राहत देगा। मौसम विभाग के के अनुसार राज्य में सात मार्च की रात से बारिश-बर्फबारी का सिलसिला शुरू होगा, जो 11 मार्च तक बना रह सकता है।
ऐसे में नौ मार्च को विधानसभा की कर्णप्रयाग सीट पर होने वाले मतदान और 11 मार्च को होने वाली मतगणना के दौरान प्रशासन को विशेष तैयारियां करनी होंगी। यही नहीं, होली तक तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है। इस बीच शनिवार को गंगोत्री में हल्की बर्फबारी हुई, जबकि उत्तरकाशी जिले में भटवाड़ी समेत कुछ स्थानों पर फुहारें पड़ीं। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार राज्य में रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहेगा। लेकिन, एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की ओर रुख कर रहा है और सात मार्च की रात से इसके यहां सक्रिय होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि आठ से 11 मार्च तक राज्य में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और तीन हजार मीटर व इससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। ऐसे में राज्य में ठंडक फिर से बढ़ सकती है और होली तक तापमान सामान्य से नीचे रहेंगे। यानी, तब तक ठंडक बनी रहेगी।
पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट न स्वीकार करने पर रिजर्व बैंक व केंद्र को नोटिस
पुराने और प्रतिबंधित हो चुके पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को स्वीकार न करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दस मार्च तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
याचिका में मांग की गई है कि पांच सौ और एक हजार रुपये के पहुंचाने नोटों को 31 मार्च तक जमा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि रिजर्व बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बावजूद 31 मार्च तक पुराने नोटों को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है। पहले प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक ने आश्वासन दिया कि जो लोग 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट जमा नहीं कर पाए वो 31 मार्च 2017 तक पुराने नोट जमा कर सकते हैं लेकिन रिजर्व बैंक अब मना कर रहा है ।
आबकारी विभाग शराबबंदी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की शरण में
आबकारी विभाग प्रदेश के तीन जिलों में पूर्ण शराबबंदी के हाईकोर्ट के निर्देशों को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विभाग में तैयारियां चल रही है। माना जा रहा है कि पर्यटन और राजस्व का हवाला देते हुए विभाग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
बताते चले कि प्रदेश में बीते वर्ष दिसंबर में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में पूरी तरह से शराबबंदी करने का फैसला दिया था। दरअसल, प्रदेश में हरिद्वार नगर क्षेत्र में पहले से ही शराबबंदी लागू है। इसके अलावा चारधाम के मुख्य मार्गों पर शराब की दुकानें प्रतिबंधित हैं।
प्रदेश में हाईकोर्ट ने जिन तीन जिलों में शराब को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के निर्देश दिए, वहां विभाग के 42 शराब के ठेके हैं। इन ठेकों से विभाग को सालाना 80 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। दरअसल, इन तीन जिलों में चारधाम, यानी यमुनोत्री, गंगोत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ स्थित हैं। इसके अलावा इन जिलों में कई पर्यटक व धार्मिक पर्यटन स्थल भी हैं। पर्यटकों से भी राजस्व विभाग को आय होती है।
प्रदेश में अप्रैल से नए ठेके खुलने हैं और इसके लिए विभाग तैयारियों में जुट गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के तहत विभाग को पहले ही राष्ट्रीय राजमार्गों से ठेके पीछे सरकाने हैं। इससे भी विभाग राजस्व नुकसान की आशंका जता रहा है। हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य को बड़े राजस्व की हानि हो रही है। विभाग ने इसको देखते हुए उक्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
एक वर्ष से नहीं हुआ मनरेगा मजदूरी का भुगतान
मनरेगा में कार्यरत मजदूरों ने गुहार लगाई है कि उन्हें मनरेगा मजदूरी का भुगतान शीघ्र किया जाए। मजदूरों का कहना है कि विगत एक वर्ष से उन्हें मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है।
मनरेगा मजदूरों की ओर से मजदूर दुर्लभ सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी को दिये प्रार्थना पत्र में बताया कि विकास खंड दशोली के रोपा ग्राम पंचायत में मनरेगा ग्रामीण मजदूरों को विगत एक वर्ष से मनरेगा कार्यों का भुगतान नहीं हुआ है। कहा कि गैर कृषि सीजन में मनरेगा वर्ग के मजदूरी से ही गरीब परिवार अपना परिवार चलाते है लेकिन साल भर से उन्हें मजदूरी नहीं मिली है।
मौसम ठीक न होने से फसल भी बर्वाद हो गई है। कई बार समय पर मनरेगा मजदूरी की गुहार की गई मगर भुगतान के बजाय केवल आश्वासन मिला। उन्होंने मजदूरों की ओर से गुहार लगाई है कि शीघ्र मनरेगा मजदूरों को मजदूरी का भुगतान किया जाए।
कर्णप्रयाग चुनाव के लिए पोलिंग पार्टियां तैयार
नौ मार्च को होने वाले कर्णप्रयाग विधान सभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए 07 मार्च को 13 और 08 मार्च को 156 पोलिंग पार्टियां पुलिस मैदान गोपेश्वर से रवाना होंगी।
शांति पूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए 55 संब इंस्पेक्टर, 70 हेडकांस्टेबल, 289 कांस्टेबिल, 41 वन कर्मी, 464 होमगार्ड, 135 पीआरडी जवानों के अतिरिक्त 02 कंपनी पीएससी, 02 प्लाटून आईटीबीपी, 03 पुलिस राजपत्रित अधिकारी व एक पुलिस निरीक्षक की तैनाती की जायेगी।
कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र के लिए होने वाले चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था और शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैनात फोर्स को पुलिस प्रेक्षक एके गवार, जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद कुमार सुमन तथा पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
पुलिस प्रेक्षक ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सक्रियता और सजगता बनाये रखना जरूरी है। कहा कि पोलिंग बूथ मतदान सामग्री, मतदाता कर्मिक और मतदाताओं की सुरक्षा फोर्स की प्राथमिकता है। मतदेय स्थल पर सौ मीटर की परिधि पर मोबाइल फोन का प्रयोग व 02 सौ मीटर की परिधि में वाहनों की पार्किंग वर्जित रहेगी।
चाक,डस्टर और बैग के साथ खुल गए मसूरी के स्कूल
तीन महीने की लंबी छुट्टियों के बाद,हिल स्टेशन मसूरी के लगभग एक दर्जन स्कूल मार्च के पहले हफ्ते में नए सेशन के लिए खुल जाऐंगे।पारंपरिक तौर से पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों के शुरुआती दिनों में बंद कर दिए जाते हैं।नवंबर आखिरी से तीन महीने की छुट्टियों के बाद मार्च के पहले हफ्ते यानि वसंत ऋतु में सभी स्कूल खुल जाते है।देश और दुनिया के हर कोने से स्कुल के बच्चे अपना सामान तैयार कर अपना रुख मसूरी की तरफ कर लेते हैं ताकि वह समय से अपने स्कूल मसूरी पहुंच सकें।
हालांकि हास्टल में रहने वाले बच्चे स्कूल खुलने से एक दिन पहले पहुंच जाते हैं और आस पास रहने वाले बच्चे स्कूल खुलने के दिन ही आते हैं।पामो भोटिया और उनके पति हेम हायांकि दिल्ली से अपनी बेटी आना क्लास 4 की स्टूडेंट को मसूरी छोड़ने के लिए आज सुबह ही विनवर्ग एलेन स्कूल पहुंचे,विनवर्ग वर्ष 1888 में स्थापित हुआ स्कूल है।पामो ने अपना बचपन और अपनी पढ़ाई का समय मसूरी में निकाला है और अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए मसूरी उनकी पहली पसंद बना।इनके जैसे बहुत से माता पिता अपने-अपने बच्चों को आने वाले 8 महीनों के लिए स्कूलों में छोड़कर जा रहे हैं,ना सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के हर कोने से लोग अपने बच्चों को मसूरी के स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं।मसूरी के लोकल लोग अपने बच्चों के लिए यूनिफार्म,स्टेशनरी और जरुरत की चीजें खरीदने में व्यस्त हैं।जहां बच्चों को नई क्लास में जाने की उत्सकुता है वहीं उनके माता पिता इस तैयारी में है कि कहीं आखिरी मौके पर कोई काम या फार्मेलिटी ना छूट जाए।
मसूरी वैसे तो पर्यटकों के बीच अपनी खुबसूरती के लिए मशहूर है लेकिन इसके साथ ही मसूरी में बहुत से स्कूल भी मशहुर है,कुछ तो 1820 वीं सदी के स्कूल भी है।लगभग एक दर्जन स्कूल पहाड़ो की रानी मसूरी की इकोनामी में मदद कर रहे हैं,और इनकी ख्याति अपने आप में मसूरी के लिए गर्व की बात हैं।
हरकी दून का भ्रमण कर लौटा पहला पर्यटक दल
इस साल का पहला पर्यटक दल हरकी दून की सैर पर गया। करीब 26 किलोमीटर बर्फ में चलकर दल उत्तरकाशी पहुंचा तथा अपने अनुभव साझा किए। बताते चले कि इन दिनों हरकीदून ट्रैक पर ओसला गांव से लेकर हरकीदून तक पूरा रस्ता बर्फ से पटा है।गौरतलब है कि प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हरकी दून ट्रैक बर्फबारी के कारण जनवरी से बंद था। 01 मार्च को पहला पर्यटक दल उत्तरकाशी से हरकीदून के लिए गया था। ओसला गांव से 13 किलोमीटर हरकीदून तक पूरे ट्रैक पर बर्फ ही बर्फ थी। हरकीदून में भी बर्फबारी का शानदार नजारा था। टीम के मुख्य सदस्य गुलाब सिंह नेगी ने बताया कि वे सबसे पहले 1994 में हरकीदून गए थे। 2002 में दूसरी बार तथा 2017 में तीसरी बार हरकी दून गए हैं। इस ट्रैक पर उनके साथ उत्तरकाशी के डॉ. अनिल नौटियाल व दिनेश सेमवाल भी शामिल थे।
वापस लौटते समय जमकर बर्फबारी हुई। ओसला सहित आसपास के गांवों में भी बर्फ की चादर बिछ गई थी। जमकर बर्फबारी और 13 किलोमीटर बर्फ में जाना और 13 किमी ही वापस लौटना अपने आप में बेहतरीन अनुभव रहा।