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कई अफसरों पर गिरेगी एनएच घोटाले की गाज

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नेशनल हाईवे के मुआवजे में घोटाले की गाज कई पीसीएस अफसरों और कर्मचारियों पर गिर सकती है। इनके कार्यकाल में ही कृषक भूमि को अकृषक दिखाकर कई गुना मुआवजा दिलाया गया। बैक डेट में यह खेल खेला गया, जबकि उक्त स्थानों पर आज भी फसल लहलहा रही है। एक पूर्व विधायक ने भी इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री के साथ ही वित्त मंत्री व भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री से की थी।

ज्ञातव्य है कि एनएच 74 यानी जसपुर से खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के गजट नोटिफिकेशन के साथ ही खेल शुरू हो गया था। किसानों को मुआवजे के लिए चक्कर कटवाए जाने लगे। जमीन का मुआवजा उन्हें मिलना था लेकिन अफसरों की नीयत खराब हो गई। कमीशनखोरी के फेर में कृषक भूमि को अकृषक में दर्ज कर कई गुना मुआवजा दे दिया गया। सेटिंग-गेटिंग से चल रहे इस खेल में कई तहसीलों और एसडीएम दफ्तरों से घालमेल हुआ।
यहां तक कि एसएलएओ का जो पद लोग जानते नहीं थे, वह चर्चा में आ गया। बड़ी संख्या में लोगों का यहां आना-जाना शुरू हो गया। कमीशनखोरी बढ़ती गई और किसान लालच में फंसते गए। ऐसे में एनएच चौड़ीकरण की लागत कई गुना बढ़ गई। बाजपुर में तो एक ही दिन में 120 से ज्यादा मामलों में 143 की कार्रवाई की गई। अब मामला सुर्खियों में आने के बाद इस मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों की गर्दन फंसना तय माना जा रहा है।
इसी मामले में संदिग्ध पीसीएस अधिकारी डी.पी. सिंह के आवास औैर कार्यालय समेत अन्य स्थानों पर इनकम टैक्स विभाग ने जिस तरह से जबरदस्त छापेमारी की उससे मामले में शामिल लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है नई सरकार के गठन के साथ ही राज्य में ऐसे मामलों के खुलासे और तेज होंगे।

हर-हर महादेव की गूंज से खिल उठा मणिकूट पर्वत,परिक्रमा में उमड़े देशी-विदेशी श्रद्धालु

ऋषीकेश में गंगा के तट पर स्थित मणि कूट पर्वत प्राचीन समय से ही ऋषि मुनियों की तपोभूमि के नाम से जाना जाता है।यहाँ पर नीलकंठ महादेव और अन्य कई सिद्ध पीठ है।इस छेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए पिछले 13 सालों से  मणि कूट पर्वत की परिकर्मा का आयोजन किया जाता रहा है,जिस में देशी-विदेशी लोग शिरकत करते है।कहा जाता है कि मणि कूट पर्वत पर त्रिदेव निवास करते है जिसकी परिक्रमा करने से पापो का शमन होता है।ऋषियों की तपस्थली मणि कूट पर्वत अपने में असीम खूबसूरती और सिद्ध पीठ को समेटे हुए है,लेकिन इसका अधिकांश भाग राजा जी नेशनल पार्क के अंतर्गत आने के कारण ये पूरा इलाका प्रकृर्ति और पर्यटन की असीम संभावनाओ के बावजूद भी अछूता है। अब जाकर यहाँ के ग्रामीण लोगो ने अपनी पौराणिक यात्रा को फिर से शुरु किया है जिससे इस इलाके को पर्यटन से जोड़ा जा सके। कहते है पुराणों में बताया गया है की समुद्रमंथन में निकले विष को अपने कंठ में धारण करके भगवन शिव ने मणिकूट पर्वत में ही तपस्या की थी, इसी स्थान पर विष की तपन से भगवन शिव को शांति मिली थी और वो तपस्या में लीन हो गए थे। मणि कूट पर्वेर्ट परिकर्मा लगभग ६० क़ि.मी. की एक खुबसुरत ट्रेकिग रूट है जंहा प्रकर्ति ने अपनी सुन्दरता को बिखेरा हुआ है नदी ,झरने और उची नीची पर्वत मालाये यहाँ पर आने वाले यात्रियों को एक सुखद एहसास कराते है। अगर सरकार इस ट्रेकिंग रूट पर धायन दे तो आने वाले समय में ये जल्द ही पर्यटन के मानचित्र पर अपनी जगह बना लेगा,जिस से सरकार को राजस्व और गर्मिनो को स्वरोजगार मिलेगा।पिछले 12 सालों से इस यात्रा का हिस्सा बन रही एमी बताती है की ये यात्रा काफी अच्छी है और इस यात्रा को करने से एक आध्यात्मिक एनर्जी प्रवाह शरीर में होने लगता है। सिद्ध पीठो और १२ द्वारो से घिरा मणि कूट पर्वत अपने में असीम सुन्दरता समेटे हुए,जरुरत है तो इस यात्रा के प्रचार प्रसार की जिस से आने वाले समय पर्यटन के साथ-साथ ग्रामीणों को भी रोजगार एवं पलायन से मुक्ति मिल सके और इस छेत्र की आध्यात्मिक और प्राकर्तिक नज़रों का पर्यटक भी लुफ्त उठा सके।

मतों का मामूली अंतर भी बदल देता है उत्तराखण्ड की सरकार

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उत्तराखण्ड के अब तक तीन विधानसभा चुनाओं में परिणाम के अनुसार भाजपा कंाग्रेस की सरकार मामुली मतों के अंतर से प्रदेश में बदलती रहती हैं। अब तक कोई भी सरकार लगातार सत्ता में नही बनी रही। ऐसे में भाजपा कांग्रेस दोनों दलों के दावे पर जनता का कहना है कि छोटे राज्य होने के नाते यहां मत प्रतिशत में मामूली अंतर पार्टियों को सत्ता से बेदखल कर देती है।

पिछले तीन विधानसभा में दलों को मिले मत का प्रतिशत:—
वर्ष 2012 : कांग्रेस, 34.03, भाजपा, 33.38, बसपा, 12.28, उक्रांत, 1.93, निर्दलीय, 12.34
वर्ष 2007, कांग्रेस, 29,59, भाजपा, 31,90, बसपा, 11.76, उक्रांत, 5.49 निर्दलीय, 11.21
वर्ष, 2002 कांग्रेस, 26.91, भाजपा, 25.91, बसपा, 11.20, उक्रांत, 6.36, निर्दलीय, 16.30

उत्तराखंड को खुशहाल राज्य बनाने के लिए नए सेवा सूत्र- किशोर

गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी ने चुनाव के समय नकरात्मकता दर्शाने की कोशिश की, हर बैनर व होर्डिंग में इसी तरह की बात लिखी हुई थी जैसे उत्तराखंड ख़त्म को चूका है। इस बात से राज्य के लोगो को बहुत ठेस पहुंची है और ऐसा बीजेपी को नही करना चाहिए था। जो उत्तराखंड के मुद्दे है उनके चर्चा होनी चाहिए और समाधान भी निकलना चाहिए। सरकार बनने के बाद पहला काम कांग्रेस का यही होगा। इन 9 संकल्पों को इसलिए रखा गया है। उत्तराखण्ड को खुशहाल और आदर्श प्रदेश बनाने के लिए कांग्रेस ने आज अपने नए सेवा सूत्रों को जोड़दिया हैय़
निम्नलिखित सेवा सूत्र इस प्रकार हैं:
  • रोजगार
  • पारदर्शी प्रशासन
  • सर्व साक्षरता
  • नशा विहीन मुक्त
  • भरपूर स्वस्थ्य
  • सहिष्णुता
  • शतप्रतिशत आवास
  • भरपूर राजस्व
  • स्वच्छ जलवायु
किशोर ने यह भी कहा कि लोग आज कल अपने दुख से ज्यादा दूसरो के सुख से दुखी रहते हैं और ऐसा इस प्रदेश में नही होना चाहिए।किशोर ने कहा कि सरकार आने के बाद सबसे अच्छा प्रदेश बनाएंगे कांग्रेस। साथ ही 2017 विधानसभा के चुनाव में आई धन राशि के लिए इस चुनाव में कांग्रेस ने अलग से एक खाता बनाया है जिसमे दो लोगो को संयुक्त जिम्मेदारी दी गयी है और इसके पूरी डिटेल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व भारत के निर्वाचन आयोग को दी गई है।
किशोर ने कहा कि पहले हमारी जांच कि जाए फिर बीजेपी की जांच कि जाये ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। साथ ही किशोर ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कांग्रेस को चंदा देने वाले लोगो को फ़ोन पर धमकी दी है कि चंदा नहीं दिया जाए।किशोर ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव के लिए बनाये गए खाते में कितना पैसा आया है उसकी जानकारी कुछ दिनों में मिल जायेगी।इसके साथ ही उपाध्याय ने कहा कि आज कर्णप्रयाग विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से कांग्रेस अपनी बढ़त बनाये रखी है ।

जब तस्वीरें करे बात,क्लिक एट ईट बेस्ट- नितिका आले

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“चाहें जुबान फीकी पड़ जाए, पर तस्वीरें बोलती हैं”

इंटरनेशनल वूमेन डे को मनाने के लिए न्यूजपोस्ट ने कोशिश की आप तक उन लोगों को पहुचानें की जो वैसे तो अपने काम में परफेक्ट है लेकिन अभी लोगों तक नहीं पहुंच पाएं हैं।

ऐसी ही हमारी अगली कहानी है नितिका आले की जो एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर तो है ही साथ में आर्ट और पेंटिंग में भी इनका कोई जवाब नहीं।कहते हैं ना कि कभी कभी कुछ तस्वीरें बातें करती हैं तो आगे आपको कुछ ऐसी तस्वीरें देखने को मिलेंगी जो सचमुच बाते करती हैं।

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नितिका आले देहरादून की रहने वाली हैं।ग्रेजुएशन डीएवी पी जी कालेज से करने के साथ साथ साफ्टवेयर में डिप्लोमा किया है।फोटोग्राफी को अपना कैरियर बनाना एक संयोग था और आज नितिका इसके साथ अच्छा कर रही और आगे बढ़ रही हैं।उनसे यह पुछने पर कि क्या उन्हें कभी ऐसा लगा कि यह एक जेंडर स्पेसिफिक काम है,नितिका ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम ऐसा नहीं होता जो जेंडर स्पेसिफिक हो,और फोटोग्राफी तो एक कला है जो किसी के अंदर भी हो सकती है चाहें वह लड़का हो या लड़की।2011 से नितिका फोटोग्राफी कर रही और आगे भी अपना समय फोटोग्राफी में ही देने का सोचती है।अपनी फोटोग्राफी के लिए नितिका को बहुत सारे पब्लिकेशन और ब्लाग में जगह मिली हैं और नितिका इसके साथ खुश हैं,उनका मानना है कि एक एक कदम चल कर ही सफलता मिलती है।

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नितिका अभी लाईफस्टाईल,र्पोट्रेट,डाक्यूमेंट्री और वेडिंग फोटोग्राफी में काम कर रही और आगे भी इसके साथ ही काम करने की सोच रखती हैं।हालांकि नितिका फोटोग्राफर होने के साथ साथ एक अच्छी आर्टिस्ट भी हैं जिसपर वह आजकल काम कर रही है।नितिका से यह पूछने पर फेमस फोटोग्राफर बनने पर वो कैसा महसूस करेंगी, इसपर नितिका का जवाब था फेमस होना मेरे लिए ज्यादा खुशी देने वाला नहीं होगा लेकिन अगर मैं अपनी क्रिएटिवीटी और अपने अलग काम के लिए जानी जाऊं वो मुझे ज्यादा खुशी देगा और मेरे कांफिडेंस को बुस्ट करेगा।

दोनों ही पार्टी जीत का परचम लहराने में पीछे नहीं

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उत्तराखण्ड के 2017 विधानसभा चुनाव के महा पर्व का अतिंम समय पास आ गया है। अब 11 मार्च दूर नही है और सभी राजनितिक दलों को 11 मार्च का इंतज़ार है इसकी चले बीजेपी के मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि अलग अलग विधानसभाऔ के प्रत्याशी अपने लेवल पर निरक्षण करवा रहे हैं जिससे परिणाम उनको एक दम से मिल सके और बीजेपी पूर्ण रूप से अपनी सरकार उत्तराखंड में लाने जा रही है।

उधर कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तरफ से सभी कार्यकर्ताओ को निर्देश देदिये गये है कि कांउटिंग के दौरान कोई गड़बड़ी ना हो इसका ध्यान रखा जाए और साथ ही तुरन्त जैसे जैसे परिणाम मिले उसको पी सीसी को बताते रहें ताकि कांग्रेस कमिट्टी को गठजोड़ करने में आसानी रहें और निरश्चित रूप से कांग्रेस अपनी सरकार बनाने जा रही है।

राज्य की दो मुख्य राजनीतिक पार्टी मान रही हैं कि जीत उनकी हो रही है लेकिन वास्तविकता में जीत किसी एक की ही होती है। राज्य इस माह पर्व में सभी दलों व निर्दलीयों ने एक दूसरे पर आरोप की बौछार की है। अब इस बौछार का असर मतदाताओं पर कितना पड़ा यह तोह वक़्त ही बताएगा। इसी के चलते बीजेपी में आए बागियो ने भी उत्तराखंड की राजनीतिक को एक नया मोड़ दे दिया था जिससे भारत के पांच राज्यो में चुनाव में सबसे आगे उत्तराखंड की राजनीति आगे आई है इन बागियो के फेर बदल के चलते लोगो की भी राजनीति में रोमांच दिखा है उत्तराखण्ड को बने हुए 16 साल हो गए हैं लेकिन इस विधानसभा चुनाव में पहली बार इतना ज्यादा उतेजना दिखी है।

इस बार हर पार्टी ने एक दूसरे के कच्चे चिट्ठे सामने लाने में कोई कसर नही छोड़ी है भ्रष्टाचार से लेकर पलायन तक सारे मुद्दे इस बार सामने आए हैं लेकिन देखना यह है कि आने वाली सरकार क्या सच में अपनी बातों पर अटल रह पाएगी।

मुख्यमंत्री हरीश रावत यह मान के चल रहे है कि अगले पांच साल उनकी सरकार बनने जा रही है उधर बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना बीजेपी भी यह दावा कर चुकी है कि सरकार उनकी ही बनेगी। इस बार निर्दलीय ज्यादा होने के कारण राज्य के लोगो ने उम्मीदवारों पर ज्यादा ध्यान दिया है अब देखना यह है कि निर्दलीयों के साथ गठजोड़ ही सही लेकिन मुख्य पार्टी कौनसी जीत का परचम लेह रहा रही है।

अब आएगा 10 रुपये का नया नोट

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्दी ही 10 रुपये का नया नोट जारी करेगी। इस नोट में पहले से ज्यादा सुरक्षा फीचर्स होंगे।

आरबीआई ने बताया कि 10 रुपये का नया नोट महात्मा गांधी सीरिज-2005 का होगा। इसमें अंग्रेजी वर्णमाला का ‘एल’ नंबर पैनल पर लिखा होगा। इस पर आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर होंगे। साथ ही नोट के पिछले भाग पर 2017 अंकित होगा। साथ ही इस नए नोट में नंबर पैनल पर अंक बाएं से दाहिने ओर आकार में बढ़ते हुए लिखे जाएंगे। जबकि पहले तीन कैरेटर समान आकार में होंगे।

आरबीआई ने यह भी बताया कि नए नोटों के जारी होने के बावजूद 10 रुपये के सभी पुराने नोट कानूनी तौर पर वैध होंगे।

उत्तराखण्ड गठन के बाद से यमकेश्वर सीट पर कांग्रेस को नहीं मिली जीत

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उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा में कांग्रेस पार्टी राज्य गठन के बाद से आज तक जीत नही दर्ज कर पाई है।उत्तराखण्ड में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को इस विधानसभा में हर बार हार का मुंह देखना पड़ता है। वर्ष 2002 और 2007 तथा 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याश्यी विजया बड़थ्वाल लगातार तीसरी बार विधायक चुनी गईं। हालांकि इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की पुत्री को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में इस सीट को बचाना भाजपा के लिए भी चुनौती है,लेकिन इस सीट पर कांग्रेस को भी बागियों से खुली चुनौती मिल रही है।
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण होने के बाद से यानी तीन विधानसभा चुनावों में अपने बागियों की करतूतों के चलते हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में जीत का सपना देख रही है। लेकिन भाजपा आलाकमान विजय बड़थ्वाल को मनाने में कामयाब रही है जिससे कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है।
विजय बडथ्वाल की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने भाजपा के शैलेन्द्र सिंह रावत को यमकेश्वर के चुनावी रण में उतारा है लेकिन कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्दलयी प्रत्याशी रेनू बिष्ट उनकी राह में बाधा बनती दिख रही है। भाजपा से टिकट की मांग करने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रशांत बड़ौनी ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर खुद भी निर्दलीये प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी हुई है, जो भाजपा के लिए दिक्कत है। कांग्रेस और भाजपा दोनों का इस बार हाल एक ही जैसा देखा जा रहा हैं। शैलेन्द्र रावत के मुताबिक कांग्रेस इस बार 15 साल के रिकॉर्ड को तोड़ देगी।
हालांकि इस बार करीब 83 हजार चार सौ 85 मतदाताओं वाली यमकेश्वर विधानसभा में इस बार 44 हजार पांच सौ 82 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है, जो पिछली बार के विधानसभा चुनाव से कम है। ऐसे में जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा 11 मार्च का इंतजार हैं।

10 मार्च को तिब्बत नेशनल अपराइजिंग डे

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दुनियाभर में तिब्बत समुदाय एकजुट होकर 10 मार्च को तिब्बत नेशनल अपराइजिंग डे मनाता है।तिब्बत के ल्हासा में वर्ष 1959 में 10 मार्च को हजारों तिब्बती लोगो ने एकसाथ गैरकानूनी पेशे के विरुद्ध खड़े होकर क्मयूनिस्ट चाईना से बगावत की थी। इस पेशे कि वजह से 1.2 मिलियन तिब्बती लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ था और लगभग 6000 पुरानी इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था। इतना ही नहीं तिब्बत समुदाय के जंगल उनका जीने और जरुरत की चीजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई थी,और उनकी संस्कृति के साथ भी पक्षपात किया गया।80 हजार से भी ज्यादा तिब्बतीयों को भागना पड़ा और उसके बाद सन 1959 में तिब्बत सुमदाय के 14वे दलाई लामा भारत आए।

आज भी कम्मयूनिस्ट चाईना सरकार के अंर्तगत,अपनी जन्मभूमि में भी तिब्बत समुदाय को वही पक्षपात और घृणा झेलनी पड़ती है। अब तक 145 तिब्बती, ज्यादातर जवान आदमी और औरत,बहुत से कम उम्र के संन्यासी और संन्यासिनी इंतजार कर रहे कि उनके पवित्र महान 14वे दलाई लामा अपने तिब्बत में वापस आए और सही मायनों में उनको आजादी तिब्बत में आज़ादी दिलाएं।

इसी कड़ी में तिब्बत नेशनल अपराइजिंग डे पर 58वी सालगिरह मनाने के लिए दून तिब्बतन कम्यूनिटी ने एक शांतिपुर्ण पब्लिक कार्यक्रम का आयोजन तिब्बती बाजार,पंत रोड,देहरादून में सुबह 9:30 बजे से 12 बजे तक किया है।

बनारस के तर्ज पर गंगा घाटों का सुंदरीकरण करेगा हंस फाउंडेशन

एक तरफ सरकार और प्रशाशन गंगा घाटों के लिए समय समय पर काम करते आये है तो वहीँ अब गंगा घाटों के सुंदरीकरण के लिए हंस फाउंडेशन ने भी अपने कदम बढ़ाये है।तीर्थनगरी छेत्रों के गंगा घाटों का सुंदरीकरण का काम अब हंस फाउंडेशन करेगी जिसके लिए वो स्थानीय प्रशाशन से इस योजना के बारे में प्रस्ताव रखेगी।हंस फाउंडेशन काफी समय से गंगा की स्वच्छता और जरूरतमंद लोगों के लिए कार्य करता आया है।  इससे  फाउंडेशन की मदद से बनारस के गंगा घाटों का भी सुंदरीकरण का कार्य पूरा हो चूका है और अब बनारस के घाटों के तर्ज पर ऋषिकेश के घाटों का भी काम जल्द शुरू होगा। जिससे आने वाले समय पर गंगा घाट साफ़ और स्वच्छ हो सकेंगे। ऋषिकेश स्तिथ त्रिहरी होटल में प्रेस वार्ता कर संस्था के सचिव चन्दन सिंह भंडारी ने बताया की अब बनारस के घाटों के तर्ज पर ऋषिकेश और मुनि की रेती छेत्र में भी गंगा तटों और घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण की योजना पर विचार कर रहा है।उन्होंने बताया की संस्था को सिर्फ स्थानीय पहल और प्रस्ताव का इन्तजार है।