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लोहाघाट बूथ पर मतदान जारी,शाम तक नतीजे होंगे सबके सामने

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कर्णकरायत बूथ संख्या 128 में मतदान जारी हो चुका है। 856 मतदाता करेंगे मतदान।शाम 5 बजे तक बूथ पर होगा मतदानय़आज शाम 6 बजे तक आयेगा परिणाम।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में लोहाघाट सीट की एक इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के नहीं खुलने से यहां के परिणाम का एलान नहीं हो सका है। निर्वाचन आयोग ने लोहाघाट सीट के एक मतदान केन्द्र पर फिर से  वोटिंग कराये जाने के आदेश दिये थे। यहां ईवीएम में गड़बड़ी के कारण बीच में ही मतगणना रोकनी पड़ी थी। राज्य के निर्वाचन कार्यालय ने कहा था कि कर्णकरायत में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में मतदान केन्द्र संख्या 128 पर पुन: मतदान कराया जाए। यहां तकनीकी खामी के कारण ईवीएम ने नतीजे दिखाना बंद कर दिया था जिससे प्रशासन को मतगणना रोकनी पड़ी थी।

15 मार्च यानी बुधवार को मतदान होगा। उसी शाम को मतगणना की जाएगी और नतीजे घोषित किये जाएंगे। जब ईवीएम बंद हुई तो भाजपा प्रत्याशी पूरन सिंह फर्त्याल अपनी करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस के खुशाल सिंह से 450 मतों से आगे चल रहे थे। भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करते हुये 70 में से 56 सीटों पर कब्जा किया है जबकि कांग्रेस केवल 11 सीटों पर सिमट गयी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। वहीं चंपावत जिले की दो विधानसभा सीटों में से एक लोहाघाट का नतीजा घोषित नहीं हो सका है। लोहाघाट सीट की एक ईवीएम को छोड़कर भाजपा को अभी यहां 489 वोटों की बढ़त है।

उत्तराखंड में कौन बनेगा मुख्यमंत्री की चर्चा जोरों पर

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उत्तराखंड गठन के बाद से अब तक तीन विधानसभाओं में एक को छोड़ दिया जाये तो राज्य में विधायक से पहले सीधे मुख्यमंत्री बनने की परंपरा चली आ रही है। प्रदेश में चौथी आम विधानसभा चुनाव में 70 में से 69 सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है जबकि एक सीट कर्णप्रयाग पर नौ मार्च को चुनाव होना है।
बात करें पिछले तीन विधानसभा चुनावों की तो वर्तमान में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को छोड़ दिया जाए तो कोई भी मुख्यमंत्री 16 सालों में सीएम बनने के बाद ही उपचुनाव में विधायक निर्वाचित हुए। चौथी विधानसभा के चुनाव के बीच एक बार फिर लोगों में इस बात की चर्चा बनी हुआ कि कांग्रेस भाजपा के कौन नेता मुख्यमंत्री होगा। हालांकि कांग्रेस में हरीश रावत को ही सीएम का दावेदार माना जा रहा है लेकिन भाजपा में नाम को लेकर संस्पेंश बना हुआ है। उत्तराखण्ड में कई बार सत्तासीन मुख्यमंत्री को राजनीतिक अंकगणित में पद से हाथ धोना पड़ा है।
उत्तराखण्ड गठन के बाद प्रथम मुख्यमंत्री बने नित्यानंद स्वामी 09 नवम्बर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक सीएम तक रहें। भगत सिंह कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 से 01 मार्च 2002 तक सीएम रहे इस दौरान राज्य में अंतरिम विधानसभा थी और आम चुनाव नहीं हुए थे। वर्ष 2002 में पहली बार विधानसभा के आम चुनाव हुए, लेकिन सीएम बनने वाले एनडी तिवारी रामनगर सीट पर उपचुनाव में विधायक निर्वाचित हुए।
भुवन चन्द्र खंडूड़ी मार्च 2007 से 26 जून 2009 तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन वे भी विधानसभा चुनाव में विधायक नहीं बन पाए थे और वे धूमाकोट विधानसभा सीट से उपचुनाव में विधायक बने। रमेश पोखरियाल निशंक 27 जून 2009 से 10 सितम्बर 2011 तक सीएम रहे जो अकेले ऐसे विधायक हैं जो मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2012 में भाजपा से सत्ता छीनकर कांग्रेस के विजय बहुगुणा भी पहले सीएम बने और बाद में सितारगंज से उपचुनाव में विधायक बने।
वर्तमान सीएम हरीश रावत भी सांसद रहने के बाद 01 फरवरी 2014 को सीएम बने तो वह भी धारचुला विधानसभा सीट से उप चुनाव में विधायक बने। प्रदेश में चौथी विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद ही राज्य की नई तस्वीर स्पष्ट हो पायेगा।

झंडा जी साहब के दरबार में मन्नत मांगने से मुराद होती है पूरी

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दून के ऐतिहासिक झंडा जी साहब का 371वां मेला 17 मार्च से शुरु होगा। परम्परा के अनुसार हर तीन साल में झंडा जी को बदला जाता है। पुराने झंडा जी को तीन साल हो चुके हैं। लिहाजा इस बार झंडा जी के लिए नए दरख्त को तैयार किया जा रहा है। मोहब्बेवाला-दूधली के जंगल से साल के पेड़ को झंडा जी के लिए चुना जा चुका है।मोहब्बेवाला स्थित श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल में इस झंडे जी को तराशने का काम चल रहा है। 14 को पंजाब की संगत दून आने पर इसे कंधे में लादकर दरबार साहिब लेकर आएगी। इस बार करनाल (हरियाणा) के आशीष कुमार गोयल को पवित्र दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का मौका मिलेगा। दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की बुकिंग उनके पिता स्व.प्रेमचंद ने 28 साल पहले कराई थी।
हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से देहरादून पहुंचते हैं
।दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए आशीष अपनी मां रेनू और बहनों के साथ 16 मार्च को दून पहुंचेंगे। दून के झंडा जी मोहल्ले में ही आशीष की मां का मायका भी है। रेनू ने बताया कि उनके पति ने पुत्र आशीष के पैदा होने पर झंडा जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की मन्नत मांगी थी। आशीष का परिवार अब कुरुक्षेत्र में रहता है। महंत श्री गुरु राम राय की ओर से सन् 1646 में शुरू किए गए झंडा जी मेले के लिए छह मार्च को पंजाब की पैदल संगत को न्योता भेजा जाएगा। इसके साथ झंडा मेले की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी। दून के सबसे पुराने व बड़े मेले के लिए दून में गुरु राम राय मिशन से जुड़े हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से देहरादून पहुंचते हैं। आर्कषक दृश्य नब्बे फीट के झंडा जी का आरोहण और उस पर चढ़ाए जाने वाले गिलाफ होते हैं। झंडा जी पर चढ़ाए जाने वाले गिलाफ की बुकिंग पहले से करनी पड़ती है। इस पर हर साल सिर्फ एक दर्शनी गिलाफ, बीस सनील व चालीस सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। इस वजह से इसमें गिलाफ चढ़ाने की मनौती मांगने वालों को अपना नाम एक रजिस्टर में लिखवाना होता है। झंडा जी साहब मेले में श्रद्धालुओं दूर-दूर से पहुंचते हैं और मत्था टेक कर मन्नत मांगते हैं।

गोवा और मणिपुर में बीजेपी सरकार बनाने पर उत्तराखंड में फूंका मोदी का पुतला

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यह पहली बार है जब मणिपुर में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। शनिवार से ही भाजपा यह दावा कर रही है कि वह मणिपुर में सरकार बनाने में कामयाब होगी। वहीं कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर हंगामा कर रही है कि प्रदेश में 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राज्यपाल ने उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया। भाजपा को मणिपुर में 21 सीटें मिली हैं।
इससे पहले कि कांग्रेस सरकार बनाने का दावा करती, कई विधायक भाजपा के पाले में आए जिससे पार्टी को सरकार बनाने लायक आंकड़ा हासिल हो गई। राज्यपाल ने भी भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। कांग्रेस के कई विधायक और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक भाजपा खेमे में चले गए।
वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी ने भी बढ़चढ़ कर विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका। कांग्रेस ने विरोध करते हुए संदेश दिया की बीजेपी को सरकार बनाने का अधिकार नहीं है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई हक नहीं हैं और साथ ही आरोप लगाया है कि मणिपुर और गोवा में जोड़तोड़ करके सरकार बनाई जा रही है।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आर पी रतूड़ी ने कहा कि बीजेपी ने संविधान व सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग को भी धर किनार कर दिया है और सीधे-सीधे उस दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया है जो की दूसरे नंबर पर आई है। इससे दो नुक्सान हुए हैं एक खरीद फिरोध को बढ़ावा मिलेगा और संविधान की अवेलना भी करी गई है।

उत्तराखंड से गिरफ्तार बिहार सेक्स स्कैंडल का आरोपी, दो महीनों से दे रहा था चकमा

बिहार के पूर्व मंत्री की बेटी के साथ यौन शोषण के आरोप में फरार चल रहे मुख्य आरोपी निखिल प्रियदर्शी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिहार कैडर के पूर्व आईएएस का बेटा है जिसे जनपद पौड़ी की लक्ष्मण झूला पुलिस ने चीला के पास गिरफ्तार कर लिया है।निखिल प्रियदर्शी की तलाश एसआईटी की टीम को पिछले 2 महीने से थी। पुलिस निखिल के मोबाइल नंबर, फेसबुक और इमेल आईडी को लगातार ट्रैक कर रही थी। एसआईटी द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर लक्ष्मण झूला पुलिस स्टेशन की टीम ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसकी कार को भी जब्त कर लिया है। गौरतलब है कि निखिल प्रियदर्शी के साथ ही पूर्व आईएएस कृष्ण बिहारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। निखिल पिछले दो महीनों से पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था और अपना ठिकाना बदल रहा था। फिलहाल, पुलिस निखिल को उत्तराखंड से पटना लाने की तैयारी कर रही है। वहीँ बिहार के पूर्व मंत्री की बेटी ने निखिल पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। मामले को लेकर जमकर सियासत हुई आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला। निखिल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआईटी गठित की और काफी मशक्कत के बाद आखिरकार एसआईटी को कामयाबी मिली और निखिल धर दबोचा गया। मुख्य आरोपी निखिल प्रियदर्शी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एम मोहसिन ने बताया कि योनाचार के मामले में वो पिछले 2 महीने से फरार चल रहा था, फिलहाल आरोपी को पौड़ी कोर्ट में पेश किया जाना है,फिलहाल पूछताछ चल रही है ।निखिल के खिलाफ 22 दिसंबर, 2016 को एससी-एसटी थाने में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया गया था।बिहार राज्य में धारा 354 /ए(i,ii )506 /34 एससी/एसटी एक्ट पोक्सो अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत रजिस्टर्ड हुआ।

खास है यह पटरी पर दौड़ने वाली लाइफ लाईन ट्रेन

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भारत देश या कहें तो दुनिया का पहला ट्रेन अस्पताल जो यात्रा के दौरान मरीज का इलाज करेगा।एस ट्रेन में कैंसर के साथ साथ परिवार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज भी होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने के लिए शुरु की गई है।भारत के उन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं या ऐसे क्षेत्र जहां प्राकृतिक आपदा का प्रकोप रहा है वहां पर यह ट्रेन जाएगी और सुविधा प्रदान करेगी। यह ट्रेन कुछ दिनों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के पास रुकेंगी और इलाज के साथ साथ मेजर सर्जरी भी करेगी जिससे क्षेत्रीय लोगों की परेशानी कम हो सकेगी।

सारी सुविधाओं से युक्त तीन आपरेशन थियेटर लोगों की सेवा के लिए बिना किसी पैसों के उपलब्ध रहेगी।आखों का आपरेशन हो या,कान का आपरेशन,जलना,कटना,दात का इलाज,मिर्गी का इलाज या किसी भी तरह के मेजर समस्याओं का इलाज इस ट्रेन में उपलब्ध है।

आकड़ों के अनुसार ट्रेन के एक बार रुकने में लगभग 10,000 लोगों को फायदा मिलेगा।अभी तक लगभग 10 लाख मरीजों को 177 अलग अलग लोकेशन से ट्रेन के इलाज से फायदा मिल चुका है।करीब 1 लाख आखों का आपरेशन,कान का आपरेशन और चेहरे पर लगी चोट का इलाज ट्रेन में मौजूद डाक्टरों ने कर दिया है।

मजे की बात तो यह है कि यह लाइफ लाइन अस्पताल को लोग मैजिक ट्रेन के नाम से भी जानते है,और बहुत से देशों में इसकी तरह अस्पताल ट्रेन और पानी में चलने वाली नाव अस्पताल का आविष्कार भी हुआ है।

इस ट्रेन को 1991 में शुरु किया था और तब से देश के कोने-कोने में पहुंचकर लोगों का इलाज जारी है। इस ट्रेन में ऑपरेशन से लेकर हर प्रकार के इलाज की सुविधाएं हैं। इसलिए इसे हॉस्पीटल ऑन व्हील कहा जाता है।

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यह है इस ट्रेन में

  • दो सर्जीकल ऑपरेशन थियेटर, जिसमें पोलियो से लेकर कटे होठों और मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन किए जाते हैं।
  • ऑपरेशन थियेटर में पांच टेबल हैं, जो आधुनिक मेडिकल उपकरणों से जुड़ी हैं।
  • ट्रेन में दो रिकवरी रूम हैं, जिसमें ऑपरेशन के बाद मरीजों को रखा जाता है।
  • ऑपरेशन थियेटर में इलाज के लिए अल्ट्रा मार्डन माइक्रोस्कोप से लेकर लेबोरेटरी, एक्सरे यूनिट भी है।
  • ट्रेन में डेंटल रूम, ऑप्थेलोलॉजी ट्रीटमेंट से लेकर मेडिकल स्टाफ के लिए रूम बने हुए हैं।
  • लाइफ लाइन एक्सप्रेस का खुद का पावर हाउस है, जो पूरी ट्रेन को बिजली सप्लाई करता है।
  • सीसीटीवी कैमरे पूरी ट्रेन में हैं, जिससे पूरी मॉनीटरिंग कंट्रोलरूम में बैठकर की जा सकती है।

केवल भारत में नहीं, बल्कि चीन, यूरोप के अलावा पड़ोसी बांग्लादेश जैसे देशों ने इस चलते-फिरते अस्पताल को पसंद किया है।

होली पर दिन भर व्यस्त रही 108 आपातकालीन सेवा

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इस वर्ष होली के अवसर पर राज्य में 11 मार्च को घोषित चुनाव नतीजों को ध्यान में रखते हुए जीवीके ईएमआरआई सस्था द्वारा अपनी पूरी टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया था, होली के दिन 108 आपातकालीन सेवा द्वारा राज्य भर से कुल 921 आपातकालीन काल्स प्राप्त की गई, जो कि सामान्य दिनों की तुलना में लगभग दोगुनी रही। प्रत्येक वर्श की भांति इस वर्ष भी देहरादून जिले से सर्वाधिक 226 आपातकालीन काल्स प्राप्त हुई।

होली के अवसर पर सम्पूर्ण राज्य से प्राप्त हुये कुल आपातकालीन मामलों में से 559 मेडिकल तथा 173 पुलिस सम्बन्धी आपातकालीन मामले थे, जिनमें से 120 मामले सड़क दुर्घटनाओं सम्बन्धी थे। सड़क दुर्घटना के मामलों में भी देहरादून प्रथम स्थान पर रहा, जहां पर सर्वाधिक 48 सड़क दुर्घटना सम्बन्धी मामले दर्ज हुए। वहीं उधमसिंह नगर, नैनीताल एवं हरिद्वार से भी काफी संख्या में क्रमशः 25,19 एवं 18 सड़क दुर्घटना सम्बन्धी आपातकालीन मामलों  में सेवाऐ प्रदान की गई।

देहरादून शहर में तैनात सभी बारह एम्बुलेंस वाहन दिन भर आपातकालीन मामलों में अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे। इस अवसर पर 108 आपातकालीन सेवा के स्टेट हैड मनीश टिंकू ने कहा कि इस वर्श राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए हमने होली के दौरान सम्पूर्ण प्रदेश में घटित होने वाली किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिये अपनी पूरी तैयारिया कर रखी थी जिसके परिणाम स्वरुप ही हमारे द्वारा होली के दिन राज्य के नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकी। इसके लिये उन्होंने अपनी समस्त टीम को बधाई दी, मनीश टिंकू ने यह भी बताया कि यह हमारे द्वारा पूर्व में की गयी तैयारियों का ही परिणाम था कि होली के अवसर पर हमने अधिक से अधिक आपातकालीन मामलों में अपनी त्वरित सेवाऐं प्रदान की।होली पर दिन भर व्यस्त रही 108 आपातकालीन सेवा

  • होली के अवसर पर 108 आपातकालीन सेवा द्वारा आम दिनों की तुलना से लगभग दोगुनी आपातकालीन काल्स प्राप्त की गयी।
  • राज्य भर से कुल 921 आपातकालीन काॅल्स प्राप्त की गई।
  • कुल 538 लोगों को पहुॅचाया गया अस्पताल।
  • कुल 120 सड़क दुर्घटनाओं के मामले हुए दर्ज।
  • देहरादून जिले से प्राप्त हुई सबसे अधिक 226 आपातकालीन मामले।

प्रकाश पंत ने लिया कांग्रेस से 2012 की हार का बदला

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राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में फिलहाल सब पर भारी पड़ते दिख रहे पूर्व मंत्री प्रकाश पंत 2012 के चुनाव में असफल नेताओं में शामिल थे। राज्य की अन्तरिम विधानसभा के अध्यक्ष,कैबिनेट मंत्री और विधानसभा में बेस्ट विधायक के तौर पर उत्तराखंड की राजनीति में अपनी अलग ही छवि रखने वाले प्रकाश पंत 2012 के विधानसभा चुनाव में बतौर पेयजल मंत्री कांग्रेस के मयूख महर से बुरी तरह चुनाव हार गए थे।

लेकिन 2017 के चुनाव में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर प्रकाश पंत ने केवल अपनी-अपनी साख बचाने में सफल रहे बल्कि कांग्रेस के मयूख महर की जमीन भी खिसका दी है। वह भी तब जब जिला पंचायत, नगरपालिका, विकासखंड में कांग्रेस का कब्जा है। ऊपर से मयूख महर के नाम कई विकास कार्याे की फेहरिस्त है।
बताते चले कि पिथौरागढ़ में बीते चुनाव में पराजय के बाद हाशिए पर जा चुके भाजपा के प्रकाश पंत के सामने इस बार का चुनाव करो या मरो की तरह था। इस बार चुनाव में असफल रहने पर उनके राजनीतिक सफर पर विराम लगने के संभावना थी। बीते साढ़े चार साल तक तराई और भावर में राजनीतिक जमीन तलाशने के बाद अंत में उन्होंने फिर पिथौरागढ़ को चुना। मात्र चार माह के प्रयास के बाद वह चुनाव में अपनी नैया पार करने में सफल रहे। जिससे उनकी साख बच गई और उन्हें राजनीतिक सफर का यात्री बनने का मौका मिल गया।
2012 में प्रकाश पंत पर धमाकेदार जीत दर्ज कर पिथौरागढ़ में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत बनाने के बाद भी मयूख महर की जमीन खिसक गई। इस जमीन को खिसकने के लिए मयूख कम अन्य अवयव ज्यादा बड़े कारण रहे। पिथौरागढ़ की जिपं में कांग्रेस का कब्जा है। जिपं अध्यक्ष पद पर मयूख महर के नजदीकी प्रकाश जोशी आसीन हैं। पिथौरागढ़ नगर पालिका परिषद में भी कांग्रेस का कब्जा है। पिथौरागढ़ नगर में हुए विकास कार्याे के चलते कांग्रेस का जनाधार बढ़ा तो नजर आता था, परंतु मतदान में यह सब नजर नहीं आया। नगर के कुछ ही बूथों पर कांग्रेस मामूली बढ़त ले सकी इसी तरह नगर से सटे गौरंगचौड़ क्षेत्र में भी कांग्रेस की जमीन खिसक गई।

परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर परिधि में धारा-144 लागू

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हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर परिधि में धारा-144 लागू कर दी गई है जो 16 मार्च से 10 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी।

जिलाधिकारी ने धारा-144 के अन्तर्गत आदेश पारित किये हैं कि कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्र की 200 मीटर परिधि के भीतर लाठी, चाकू आदि किसी भी प्रकार का हथियार एवं विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा, न ही ईंट पत्थर एकत्रित करेगा और न ही किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करेगा।
उन्होंने कहा है कि परीक्षा केन्द्र के क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग भी नहीं करेगा, न ही ऐसे उत्तेजनात्मक नारे लगायेगा जिससे शान्ति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। साथ ही किसी भी व्यक्ति को ऐसे कार्य भी नहीं करने हैं जिससे सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचे।
उन्होंने कहा है कि यह आदेश पुलिस बल, पीएसी व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों एवं आवश्यक सेवाओं पर प्रभावी नहीं होगा। जिलाधिकारी ने जनता से कहा है कि इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए अन्यथा आदेश की अवहेलना करने वाले व्यक्ति के विरुद्व धारा-188 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बाइक खाई में गिरी, दो जवानों की मौत

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भारत, चीन और नेपाल सीमा पर स्थित अंतिम भारतीय पुलिस थाना पांगला में तैनात दो जवानों की दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी बाइक चट्टान से टकरा गई और दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

होली के दिन तहसील धारचूला के पांगला थाने में तैनात जवान नितीश कुमार (26) और सत्येंद्र सिंह (30) देर रात बाइक से तवाघाट से पांगला को जा रहे थे। तवाघाट और पांगला के बीच बाइक अनियंत्रित होकर चट्टान से टकरा कर खाई में गिर गई। खाई में पत्थरों से टकराने से दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को खाई से निकाल कर धारचूला ले आई। पोस्टमार्टम के बाद जवानों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।