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पीएम मोदी ने सीेएम त्रिवेंद्र से की भेंट

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स्थित संसद भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को अपनी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री रावत को आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को पूरा सहयोग दिया जायेगा।
गौरतलब है कि सीएम त्रिवेंद्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी से पहली औपचारिक भेंट है।

उत्तराखण्ड पुलिस आधुनिकरण: इजराइल से नए एके-47 का दिया आर्डर

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नयी सरकार के आते ही पुलिस महकमा हरकत में आगया है और इसी के तहत उत्तराखण्ड पुलिस ने अपने आधुनिकरण पर खासा जोर देते हुए, पुलिस द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सभी प्रकार के हथियारों को अपग्रेड करने का मन बना लिया है । जिसमे बड़ा कदम इजराइल से नयी एके-47 का आर्डर दिया गया है।

उत्तराखण्ड पुलिस ने इजराइल से नयी तकनीक से लैस 100 एके- 47 का आर्डर दिया है। इस राइफल को इजराइल की एक कंपनी ने विकसित किया है, नई एके 47 में ग्रिप, लेज़र पॉइंट, लेज़र सेटिंग, गन बटन को अपग्रेड किया गया है जिसकी लंबे समय से मांग भी चल रही थी।

फिलहाल परीक्षण के लिए 3 राइफल मंगवाई गयी है , जिनके प्रयोग करने के बाद बाकि सभी राइफल्स का पूरी तरह ऑर्डर कर दिया जायेगा। आइ पी एस निविदिता कुकरेती ने बताया कि यह राइफल फिलहाल ऐ टी एस के पास रहेगी। इसके साथ ही पुलिस इसके परिणाम के बाद और मंगवाने की डिमांड भी करेगी।

राजनाथ सिंह से मिले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अपनी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में अवगत कराया। श्री राजनाथ सिंह ने आशा व्यक्त की कि श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से पूरे सहयोग के प्रति मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री को गंगाजल व उत्तराखण्ड पर्यटन की काॅफी टेबल बुक भेंट की।
इसके साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद पौड़ी में हुई वाहन दुर्घटना(टवेरा कार संख्या यू.पी.-14.बी.टी.4602) में मृतकों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त एस.डी.शर्मा उपस्थित थे।

बाजपुर में चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों में विवाद

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बाजपुर में चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। देखते ही देखते दोनों पक्षों में पथराव के साथ फायरिंग शुरू हो गई। जिसमें बीच बचाव को आए एसएसआइ बाजपुर सहित 14 लोग घायल हो गए।

बाजपुर के बरहैनी क्षेत्र में राय सिख और मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में रहती है। मंगलवार शाम एक ठेले पर वाहिद व छिंदर सिंह पकोड़ी खा रहे थे। अचानक दोनों में नोक झोंक शुरू हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। दोनों के हल्ला मचने पर उनके साथी भी आ गए और पथराव शुरू हो गया।

इसके बाद हालात खराब हो गए। सुचना मिलने पर एसएसआइ कमलेश भट्ट फोर्स के साथ पहुच गए, लेकिन उनके साथ ही प्रशिक्षु एसआइ गोविन्द बिष्ट भी बीच बचाव में घायल हो गए। सुचना मिलने पर एएसपी जगदीश चंद आस पास के थानों की फोर्स के साथ वह पहुंच गए। तब तक वह से लोग फरार हो चुके थे। पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। तनाव का देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है।

नहीं होती रुद्रपुर पुलिस लाईन में परेड, डीआईजी ने जमकर लताड़ा

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रुद्रपुर, पुलिस लाइन में परेड के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। इस पर डीआइजी भड़क उठे। उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए गुणवत्ता लाने के निर्देश दिए। यही नहीं रिकार्ड भी सही तरीके नहीं सही रखे गए। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए दशा न सुधारने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

मंगलवार को डीआइजी अजय रौतेला ने पुलिस लाइन का वार्षिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रिकार्ड कक्ष, परिवहन शाखा सहित मालखाने का निरीक्षण किया। सुबह परेड देख उन्होंने कहा कि साफ लग रहा है कि परेड के नाम पर खानापूर्ति ही की जा रही है। कोई भी परेड को लेकर संजीदा नहीं है। ऐसी अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

परेड पुलिस का अभिन्न अंग है। इसको लेकर पुलिस लाइन में गंभीरता बरते जाने को लेकर उन्होंने अधिकारियों की फटकार लगाते हुए सुधार लाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान रिकार्ड रिकार्ड अपडेट न होने पर फटकार लगाते हुए रिकार्ड को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए वहीं डीआइजी जब हथियारों की जांच करने लगे तो अधिकारी हांफने लगे। असलहा खोलने से लेकर उसे बांधने में उनके हाथ कांप गए। वह काफी देर तक असलहा के साथ जूझते नजर आए। जिस पर डीआइजी ने हर परिस्थिति से जूझने के लिए तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बेसिक चीजों में इस तरह के हालात को पुलिस के लिए ठीक नहीं बताया।

बाघ की मौत एनटीसीए की जांच शुरु

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तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत बैल पड़ाव रेंज में बीते दिनों हुई बाघ की मौत की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई। यह जांच राष्ट्रीय बाघ सुरक्षा प्राधिकरण दिल्ली (एनटीसीए) के डीआईजी निशांत वर्मा और उनकी टीम द्वारा की जा रही हैं।टीम देर रात रामनगर पहुंची। गौरतलब है कि 16 मार्च को बैल पड़ाव के छोई क्षेत्र में बाघ ने भगवती और लखपत को मार डाला था।
इसके बाद बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया था। काफी कोशिश के बाद पकड़ में आए बाघ की मौत हो गई थी। इसके बाद बाघ को जेसीबी के पंजे से दबाने का वीडियो वायरल हुआ। इसमें बाघ की मौत पर सवाल उठने लगे थे। आज वन विश्राम गृह में एनटीसीए के अधिकारीयों ने पहले डीएफओ कहकशां नसीम से पुरे घटनाक्रम की जानकारी ली।

डीएफओ ने मौके के फोटो और वीडियो भी दिखाए। इसके बाद वनाधिकारियों के साथ छोई पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान एनटीसीए के अधिकारियों ने क्षेत्र के वन कर्मियों और गांव के लोगों से भी जानकारी ली।

हल्द्वनी में रोडवेज के कर्मचारियों ने बसों का संचालन रोका

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हल्द्वानी, महिला परिचालक को रूट पर भेजने के बजाय डिपो में तैनात करने के विरोध में रोडवेज के कर्मचारियों ने बसों का संचालन ठप कर दिया है। रूट पर जाने वाली बसों को वर्क शॉप से बाहर ही नहीं आने दिया गया। बस स्टेशन पर संचालन कार्यालय खुला ही नहीं। इस कारण यात्रियों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने पर भी आक्रोश व्यक्त किया।  उनका आरोप है कि प्रबंधन ने समान कार्य, समान वेतन का फरमान जारी कर दिया, लेकिन महिला परिचारक को डिपो में तैनाती दी जा रही है। रूट पर नहीं जाने के लिए जो कारण बताए। उनकी जांच भी नहीं गई।
विभाग अपने ही नियमों को तोड़ रहा है। वेतन को लेकर शर्मा कर्मचारियों को इंतजार करना पड़ता है। पिछले एक साल से वेतन लगातार प्रतिमाह के वजाय दो माह के बाद मिल रहा है। इससे कर्मचारी परेशान हैं।

उत्तराखंड की विधानसभा में बैठेंगे 51 करोड़पति

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उत्तराखंड की विधानसभा चुनाव में जीतकर आए 51 करोड़पति विधानसभा में बैठेंगे। इसमें 40 बीजेपी, 10 कांग्रेज़ और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज उत्तराखंड विधानसभा के सबसे अमीर विधायक है। उनकी कुल सम्पति 80 करोड़ से अधिक की है। जबकि सबसे कम संपति वाले विधायक नानकमत्ता के प्रेम सिंह है और उनकी सम्पति कुल 17 लाख रुपये की है।
ऐ.डी.आर. की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार विधायक सतपाल महाराज ने अपनी सम्पति सबसे अधिक 80 करोड़ दिखाई है। सम्पति के मामले में दूसरे स्थान पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री हरीश रावत को किच्छा से हराने वाले विधायक राजेश शुक्ला हैं और उनकी सम्पति 26 करोड़ है। जबकि तीसरा स्थान कांग्रेस के विधायक काजी निजामुद्दीन का है और उनकी कुल सम्पति 21.30 करोड़ दर्शाई है।
बीजेपी विधायक:
  • सतपाल महाराज-80 करोड़
  • हरक सिंह रावत 2.68 करोड़
  • बंशीधर भगत 1.34 करोड़
  • भरत चौधरी 1.93 करोड़Cr
  • दिलीप रावत 1.61 करोड़
  • देशराज कर्णवाल 1.25 करोड़
  • दीवान सिंह बिष्ट 1.67 करोड़
  • गणेश जोशी 3.27 करोड़
  • गोपाल सिंह रावत 1 करोड़
  • हरभजन सिंह चीमा 5.52 करोड़
  • कैलाश चंद्र 5.52 करोड़
  • केदार सिंह 4.74 करोड़
  • खजान दास 1.35 करोड़
  • कुंवर प्रणव चैंपियन 1.87 करोड़
  • मगन लाल शाह 1.60 करोड़
  • मुन्ना सिंह चौहान 2.43 करोड़
  • नवीन चन्द्र दुम्का 1.28 करोड़
  • प्रदीप बत्रा 3.80 करोड़
  • प्रकाश पंत 1.28 करोड़
  • प्रेमचंद अग्रवाल 3.24 करोड़
  • रघुनाथ चौहान 1.53 करोड़
  • राजेश शुक्ला 25.97 करोड़
  • रेखा आर्य 12.78 करोड़
  • ऋतू खंडूरी 3.38 करोड़
  • सहदेव पुंडीर 1.90 करोड़
  • संजय गुप्ता 2.86 करोड़
  • संजीव आर्य 4.25 करोड़
  • सौरभ बहुगुणा 6.80 करोड़
  • हरबंस कपूर 1.21 करोड़
  • सुबोध उनियाल 1.67 करोड़
  • सुरेंद्र सिंह 2.19 करोड़
  • सुरेन्द्र सिंगज जीना 10.52 करोड़
  • सुरेश राठौर 2.76 करोड़
  • त्रिवेंद्र सिंह नेगी 1.57 करोड़
  • उमेश शर्मा काऊ 3.7 करोड़
  • विजय सिंह पंवार 2.83 करोड़
  • विनोद चमोली 1.26 करोड़
  • यशपाल आर्य 5.50 करोड़
निर्दलीय:
  • प्रीतम सिंह पंवार 2.17 करोड़
कांग्रेस:
  • प्रीतम सिंह 8.10 करोड़
  • काजी निजामुद्दीन 21.30 करोड़
  • ममता राकेश 3.58 करोड़
  • करन मेहरा 1.42 करोड़
  • फुरकान अहमद 2.51 करोड़
  • गोविन्द सिंह कुंजवाल 1.82 करोड़
  • हरीश धामी 3.60 करोड़
  • राजकुमार 2.39 करोड़
  • इंदिरा हरदेश 4.18 करोड़
  • आदेश सिंह 2 करोड़
2012 और 2017 में दाखिल किए गए शपथ पत्रों पर गौर करें तो दोबारा चुनाव मैदान में उतरे 32 विधायको में से 28 की सम्पत्ति में वृद्धि हुई है, जबकि चार की सम्पत्ति कम हुई है।
सबसे ज्यादा वृद्धि पूर्व मख्यमंत्री हरीश रावत की सम्पत्ति में दर्ज हुई है। उनकी सम्पत्ति में कुल 763 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके बाद दूसरे स्थान पर इस बार हरीश रावत को मात देने वाले विधायक यतीश्वरानन्द रहे हैं। उनकी सम्पत्ति में 668 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि चार विधायको की सम्पत्ति में गिरावट आई है। इनमे इंदिरा हरदेश की सम्पति में 26 फीसदी और बिशन सिंह चुफाल की सम्पति में 22 फीसदी की कमी आई है।
रिपोर्ट के अनुसार:
  • 77 फीसदी विधायक उच्च शिक्षित
  • 23 फीसदी आठवी से 12वी तक शिक्षा प्राप्त
  • 46 फीसदी विधायक 30 से 50 वर्ष आयु वर्ग के
  • 53 फीसदी विधायक 51 से 80 आयु वर्ग के
  • राज्य की विधानसभा में केवल सात फीसदी महिला प्रतिनिधित्व
  • सबसे कम आयु के विधायक विनोद कण्डारी 35 वर्ष
  • सबसे अधिक आयु की विधायक इंदिरा ह्रदयेश 75 वर्ष

गौरैया तेजी से विलुप्त हो रही है ”गौरैया दिवस पर विशेष”

इंसानी बस्ती के साथ आपके और हमारे घरो में फुदकने वाली गौरैया आखिर कहा चली ? ये सवाल पुरानी पीढ़ी के साथ नयी पीढ़ी के लिए भी आज चिंता  का सबब बनता जा रहा है। कंक्रीट के जंगलो में तब्दील होते शहर के शहर आज गौरैया की आवाज़ से महरूम हो गए है। आज ये चिड़िया देखे से भी दिखाई नहीं  दे रही और शहरों से  तेज़ी से विलुप्त हो रही है।
शहरी इलाकों में गौरैया की छह तरह ही प्रजातियां पाई जाती थी । ये हैं हाउस स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो। इनमें हाउस स्पैरो को गौरैया कहा जाता है। यह शहरों में ज्यादा पाई जाती हैं। आज यह विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षियों में से है। लोग जहाँ भी घर बनाते हैं देर सबेर गौरैया के जोड़े वहाँ रहने पहुँच ही जाते हैं। । इसके रहने का एक अलग ही अंदाज होता है। गोरैया रहती तो घोंसले में ही है, पर यह अपना घोंसला अधिकांशतः ऐसे स्थानों पर बनाती है, जो चारों तरफ से सुरक्षित हो। पक्षी प्रेमी  जानकार  प्रतीक पंवार मानते है कि अब लगातार नयी  तकनीकी के प्रयोग ने  गौरैया के रहन सहन पर प्रभाव डाला  है पिछले कुछ सालों में शहरों में गौरैया की कम होती संख्या पर चिन्ता प्रकट की जा रही है। आधुनिक स्थापत्य की बहुमंजिली इमारतों में गौरैया को रहने के लिए पुराने घरों की तरह जगह नहीं मिल पाती। सुपर मार्केट संस्कृति के कारण पुरानी पंसारी की दूकानें घट रही हैं। इससे गौरेया को दाना नहीं मिल पाता है। इसके अतिरिक्त मोबाइल टावरों से निकले वाली तंरगों को भी गौरैयों के लिए हानिकारक माना जा रहा है। ये तंरगें चिड़िया की दिशा खोजने वाली प्रणाली को प्रभावित कर रही है और इनके प्रजनन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है जिसके परिणाम स्वरूप गौरैया तेजी से विलुप्त हो रही है।
 
 गौरैया को भोजन में प्रोटीन  घास के बीज और खासकर  कीड़े काफी पसंद होते हैं जो शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से मिल जाते हैं। ज्यादा तापमान गौरेया सहन नहीं कर सकती। प्रदूषण और विकिरण से शहरों का तापमान बढ़ रहा है।  खाना और घोंसले की तलाश में गौरेया शहर से दूर निकल आई  हैं और अपना नया आशियाना तलाश रही है जरुरत एस विलुप्त होती चिड़िया को बचाने की जिस से आने वाली पीढ़ी भी इसे सिर्फ किताबो में न पढ़े।

एफआरआई में मनाया गया ”इंटरनेशनल फारेस्ट डे”

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वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में मंगलवार, 21 मार्च, 2017 को अन्र्तराष्ट्रीय वानिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के सूचना केन्द्र में एक प्रदर्शनी आयोजित की गई। वन अनुसंधान संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा पोस्टरों व माॅडलों आदि के जरिए से वानिकी शोध क्रियाकलापों को दर्शाया गया। वनस्पति प्रभाग के पादप दैहिकी शाखा द्वारा बांस की विभिन्न प्रजातियों के पौधों का बहुमात्र गुणन प्रौद्योगिकी व उसके रोपण, उपयोग आदि तकनीकी बिन्दुओं की जानकारी दर्शकों को दी गई। अकाष्ठ वन उपज प्रभाग द्वारा औषधीय पादपों के भिन्न-भिन्न बीमारियों से निदान व उनकी रोपण तकनीक आदि की वैज्ञानिक जानकारी से भी आम जनता को अवगत कराया गया। वन संवर्धन प्रभाग की केन्द्रीय पौधशाला द्वारा सजावटी व अन्य वृक्ष प्रजातियों के पौधों व बीजों के साथ ही रसायन प्रभाग द्वारा वन जैव मात्रा द्वारा प्राकृतिक रंग, खाद, अगरबत्ती, एलोवेरा जैल, हर्बल गुलाल अन्य विकसित प्रौद्योगिकियों के बारे में आम जनता को बताया गया। संस्थान निदेशक, डा. सविता ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होने सभी तकनीकियों को सरलीकरन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जिससे कि आम जनमानस इसे आसानी से समझ सके व उससे लाभ तथा जीविकोपार्जन वृद्वि हेतु इसे अपना सके।

इस प्रदर्शनी में विभिन्न स्कूलों के छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों व आम जनता तथा विदेशी सेलानियों ने इस प्रदर्शनी का भ्रमण किया। इस अवसर पर विशेष रूप से प्रातः 9.00 बजे से सांय 5.00 बजे तक संस्थान के सभी पांच संग्रहालयों को आम जनता के लिए निःशल्क खुला रखा गया।