Page 838

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने संभाला ऊधमसिंह नगर जिले का कार्यभार

0

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने बुधवार को ऊधमसिंह नगर जिले का कार्यभार संभालते हुए पुलिस कार्यालय का निरीक्षण किया। कप्तान के स्वागत में जिले के अपर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा, एसपी क्राइम टीडी वेला, एएसपी मंजुनाथ के साथ काशीपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डा.जगदीश चंद्र के साथ सभी सीओ पुलिस आफिस थे।

सदानंद ने पदभार ग्रहण करते ही, कार्यालय का निरीक्षण करने से पहले एसएसपी ने पुलिस लाइन का निरीक्षण किया। बाद में पुलिस आफिस में ही अधिनस्थों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए और अपराध होने पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर, जांच की जाए और अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।

नए एसएसपी ने कहा कि अपराधियों का कोर्ट में समर्पण करने की परंपरा ठीक नहीं है। पुलिस का काम अपराधी को गिरफ्तार करना है लिहाजा उसे कोर्ट में समर्पण करने से पहले ही गिरफ्तार किया जाए, ताकि अपराधी को पुलिस का खौफ हो। एसएसपी ने बीट पुलिसकर्मियों को सक्रिय करने की हिदायत भी दी। उन्होंने बताया कि यूपी से सटी सीमाओं के थानों से तालमेल कर अपराधियों पर शिकंजा कसा जाए।

एसएसपी सदानंद दाते ने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिले के पड़ोसी जनपद नैनीताल में रह चुके हैं लिहाजा ऊधमसिंह नगर से अपरिचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिले में अभी बहुत कुछ बदले जाने की जरूरत है। अभी उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है, कुछ ही दिनों में जनता बदलाव महसूस करेगी।

हाइकोर्ट ने प्लास्टिक, पॉलीथीन बंद करने के दिए आदेश

0
हाइकोर्ट ने उत्तराखंड को पॉलीथिन फ्री बनाने के लिए राज्य में प्लास्टिक व पॉलीथिन उत्पादनों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए है। साथ ही राज्य में कैरी बैग व थर्माकोल आदि का इस्तेमाल न हो इसके लिए राज्य के सभी एंट्री पॉइंट पर चेकिंग करने के निर्देश दिए है।
हरिद्वार निवासी ललित मिगलानी की जनहित याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक सिंह ने  इस मामले में सुनवाई करते पिछली सुनवाई में 26 बिंदुओ पर आदेश जारी किए थे।याचिकाकर्ता ने हाल ही में कोर्ट के आदेश का अनुपालन न होने का उल्लेख करते हुए फिर प्राथर्ना पत्र दाखिल किया था। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव समेत सभी जिलों के जिलाधिकारियों को तलब कर लिया था। शुक्रवार को केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नेशनल मिशन फॉर गंगा के तहत 662 करोड़ मंजूर कर दिए हैं। वहीं राज्य ने बताया कि गंगा के पांच सौ मीटर दायरे में शौच व थूकने के अलावा दो किमी. के दायरे में उद्योग लगाने पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए हैं। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश व गंगोत्री में एक हजार शौचालय बनाने को कहा गया है। देहरादून जिले को छोड़कर अन्य सभी 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ही केंद्र व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी हाई कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान दून के डी एम व मुख्य सचिव की ओर से पेशी पर छूट देने के सम्बंधी प्राथर्ना पत्र दिया गया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। खंडपीठ ने केंद्र को चार सप्ताह के भीतर गंगा प्रबंधन बोर्ड बनाने के सख्त आदेश दिए है।
राज्य की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता परेश त्रिपाठी कोर्ट के यह हैं आदेशः
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य प्रदूषण बोर्ड के खिलाफ करे कार्रवाई।
  • राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने पी सी बी को खत्म करने को भी कहा।
  • जिलाधिकारियों को निकाय व पंचायत में सॉलिड वेस्ट मैनजेमेंट बनाने व इन संस्थाओं को नोटिस देकर इस सम्बन्द में आदेश के अनुपालन करवाने का अधिकार होगा।
सरकार ने बताया:
  • गंगा के दो किमी. के दायरे में उद्योग लगाने पर लगाई पाबंदी।
  • गंगा नदी के दोनों ओर से पांच सो मीटर दायरे में थूकने पर पाबंदी लगा दी गई है।
  • उत्तराखण्ड एंटी लिटरिंग एंड स्पिटिंग एक्ट-2016 बना दिया गया है।
  • चार धाम मार्ग पर तीन हजार की आबादी वाले क्षेत्र में प्लास्टिक की बोतल व प्लास्टिक निर्मित सामान को खत्म करने के लिए क्रोसिंग यूनिट(प्लास्टिक नष्ट करने वाली मशीन) लगाई जाएगी।
  • भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड नो माह के भीतर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूरा कर लेगा।

48 नए डाक्टर करेंगे पहाड़ में मरीजों का इलाज

0

उत्तराखंड के घढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के दूर-दराज अस्पतालों में काम करने के लिए 48 नए डाक्टरों की टीम तैनात कर दी गई है जो जल्दी ही अपना काम करना शुरु कर देंगे।श्रीनगर मेडिकल कालेज से पास आउट हुए इन डाक्टरों को प्रदेश के स्वास्थय विभाग ने मेरिट के आधार पर जिले निर्धारित करना शुरु कर दिए हैं।अप्रैल के पहले हफ्ते से यह डाक्टर अपना काम संभाल लेंगे।

श्रीनगर मेडिकल कालेज में 48 डाक्टरों की काउंसलिंग के बाद उनकों उनके जिले निर्धारित कर दिये गए।टिहरी को सबसे ज्यादा यानि 20 डाक्टर मिले हैं।10 डाक्टर पौड़ी तो 10 डाक्टर टिहरी जिलें में तैनात होंगे।7 डाक्टरों को नैनीताल जिला,तो 6 डाक्टरों को अल्मोड़ा,2 डाक्टरों को चंपावत और उत्तरकाशी,बागेश्वर,पिथौरागढ़ जिलों को 1-1 डाक्टर मिला है।सरकारी फीस पर एमबीबीएस करने वाले इन डाक्टरों को बांड के अनुसार 5 साल की सेवा जरुरी रुप से पहाड़ पर देनी है।इन पांच सालों में इनका काम पहला साल मेडिकल कालेज में जेार का रहता है उसेक बाद बचे चार साल दूर दराज के अस्पतालों में काम करने का होता है।

प्रदेश सरकार के इस कदम से पहाड़ की स्वास्थय संबंधी समस्याओं से निजात तो मिलेगा ही,इसके साथ ही युवा डाक्टरों को अपनी भूमिका भी समझ आएगी।

उत्तराखंड पुलिस में सात सौ पदों पर होगी भर्ती

2
नई सरकार के घोषणा पत्र में शामिल वायदों को लेकर पुलिस विभाग सक्रिय हो गया है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने पुलिस बल बढ़ाने के लिए सी पी यू और एस डी आर एफ से खाली हुए पदों पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार कर दिया है। यह सरकार को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव पर सरकार की मुहर लगी तो सात सौ से ज्यादा पदों पर भर्ती होगी।
बीजेपी ने पुलिस विभाग के आधुनिकरण, पुलिस बल बढ़ाने तथा प्रशिक्षण देने को घोषणा पत्र में शामिल किया था। पुलिस विभाग ने पहले चरण में खाली पदों पर भर्ती का प्रस्ताव बनाया है। राज्य में करीब तीन सौ से अधिक पुलिस कर्मी अस्थाई रूप से सीटी पेट्रोल यूनिट( सी पी यू) में तैनात हैं।
स्टेट  डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एस डी आर एफ) में भी चार सौ पुलिस कर्मी शामिल हैं। इससे करीब सात सौ पुलिस कर्मी सिविल पुलिस की ड्यूटी में कम हैं। इससे कानून व्यवस्था बनाने में कई बार दिक्कते आती हैं। पुलिस मुख्यालय ने इन पदों के अलावा सेवनिवितृ और अन्य कारणों से खाली पदो पर नई नियुक्त का प्रस्ताव भी बनाया है। साथ ही एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि सीपीयू और एसडीआरएफ के गठन के बाद सिविल पुलिस में फोर्स की कमी है। इसका प्रस्ताव बनाया गया है। नई सरकार की घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव सौंपा जाएगा। सरकार के फैसले के बाद ही इन पदों पर भर्ती हो पाएगी।

एनएच घोटाले में राजस्व अहलमद संतराम के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज

0

एनएच घोटाले में राजस्व अहलमद संतराम के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज कर लिया गया है लेकिन इतनी बड़ी जालसाजी में अहलमद की भूमिका प्यांदे भर की लग रही है। घोटाले के असली किरदार अब भी परदे के पीछे हैं। पुलिस ने भी अब तक जांच शुरू नहीं की है, इस कारण जालसाजों को बचने का मौका मिल रहा है।

कुमाऊं कमिश्नर ने अपनी जांच में 170 करोड़ का एनएच घोटाला सार्वजनिक किया है। इनमें सितारगंज तहसील का नाम भी मुख्य रूप से सामने आ रहा है। एसडीएम कार्यालय सितारगंज से कृषि व आवासीय भूमि की मिशलबंद फाइल से पेज फाड़े जाने के बाद एनएच घोटाले की परत खुल सकी। एसडीएम विनोद कुमार ने 19 मार्च को राजस्व अहलमद संतराम के खिलाफ जालसाजी आदि धाराओं में केस दर्ज करा दिया लेकिन करोड़ों के मामले में जालसाजी का चक्रव्यूह रचने वाले संदिग्ध अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रकरण से दूरी बनाई गई है।

हालांकि संतराम ने किच्छा राजस्व उपनिरीक्षक खुशाल सह व सितारगंज राजस्व उपनिरीक्षक रामौतार पर दबाव में काम करवाने का आरोप लगाया है। संतराम के आरोपों में कितनी सत्यता है यह तो पुलिस की विवेचना शुरू होने के बाद ही पता चल सकेगा। इतना तो तय है कि एनएच घोटाले में संतराम महज प्यांदा हैं। बजीर की भूमिका तत्कालीन अधिकारियों, राजस्व उपनिरीक्षकों व सफेदपोशों ने निभाई है। पुलिस ने दो दिन पहले इस मामले में केस दर्ज किया है लेकिन अभी तक विवेचना शुरू नहीं की है।

7 महीने के बच्चे की उपचार के दौरान मौत

धर्मनगरी ऋषिकेश में डॉक्टर की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है, आरोप है की ऋषिकेश स्तिथ हिमालयन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने नशे की हालात में एक 7 महीने के बच्चे का इलाज किया और लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गयी। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और अब इन्साफ की मांग कर रहे है।

ऋषिकेश के अस्पताल में एक  मामला सामने आया है ,जहाँ हिमालयन  हॉस्पिटल  की ऋषिकेश ब्रांच में इलाज के दौरान सात महीने के बच्चे की मौत हो गई। परिवार वालों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगते हुए बताया की डॉक्टर बच्चे के इलाज के दौरान नशे की हालत में था और डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन की ओवर डोस दे दी जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई।

M2U00449_0002

हालाँकि ,हॉस्पिटल प्रशासनिक अधिकारी सीपी नैथानी ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए स्पष्ठ किया  कि इलाज के दौरान डॉक्टर किसी भी तरह के नशे में नही था, बच्चे की तबियत ज्यादा ख़राब हो गई थी इसिलए बच्चे जो जोलीग्रांट अस्पताल रेफर किया गया जहाँ बीमारी के चलते बच्चे की मृत्यु हुई ।

ऋषिकेश सीओ मनोज सिंह कत्याल ने बताया कि मामले की जाँच की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच की जा रही है। जाँच रिपोर्ट और पोस्टमाटम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा ।

पत्रकार के साथ रेंजर और वन कर्मियों के बीच मारपीट

0

एक चैनल के पत्रकार के साथ रेंजर और वन कर्मियों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने पत्रकार का अपहरण करने का प्रयास किया। पत्रकार की तहरीर पर पुलिस ने रेंजर सहित पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मोहल्ला कानूनगोयान निवासी भगीरथ शर्मा खुद को एक न्यूज चैनल का पत्रकार बताते हैं। मंगलवार को वह मुरादाबाद रोड स्थित वन विभाग के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वन क्षेत्राधिकारी राजकुमार वर्मा से बाइट देने को कहा। आरोप है कि रेंजर अभद्रता कर मारपीट करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने विभाग के चार और कर्मियों को बुला लिया और कैमरा भी छीन लिया।

WhatsApp Image 2017-03-21 at 19.51.57

यह भी आरोप है कि वह जबरन सरकारी वाहन में बैठाकर ले जाने लगे। इस पर पत्रकार ने मोबाइल से चैनल के अधिकारियों से बात कराई। तब उन्हें छोड़ा गया। अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और परिजनों में हड़कंप मच गया।

भगीरथ शर्मा ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस न तहरीर के आधार पर रेंजर राजकुमार वर्मा सहित पांच आरोपियों के खिलाफ अपहरण व मारपीट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर डा. जगदीश चंद्र का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए भरा नामांकन

0

ऋषिकेश विधानसभा के तीन बार विजेता प्रेमचंद अग्रवाल ने अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन। ऋषिकेश से तीसरी बार बड़ी जीत तर्ज की प्रेम चंद्र अग्रवाल 14 ,900 वोटों से यह सीट जीती है। विधायक प्रेमचंद अग्रवाल का विधानसभा अध्यक्ष बनाना तय। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज भरा नामांकन।

बुधवार को प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा सचिव के सामने नामांकन किया, इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, और प्रकाश पंत सहित अन्य विधायक भी मौजूद रहे।स्पीकर पद के लिए कांग्रेस की तरफ से किसी ने भी नामांकन नहीं किया है।गुरुवार को स्पीकर के लिए विधानसभा में चुनाव प्रक्रिया की जाएगी।कांग्रेस की तरफ से किसी का नामांकन ना भरे जाने और बीजेपी के 57 विधायक होने के नाते प्रेमचंद अग्रवाल का स्पीकर बनना लगभग तय माना जा रहा है।गौरतलब है कि उत्तराखंड की नई सरकार बनने के बाद विधानसभा का पहला सत्र शुक्रवार से शुरु होगा।सत्र शुरु होने से पहले उसके बेहतर संचालन के लिए स्पीकर का चुनाव किया जाता है।

गुरुवार को मतदान के जरिए नया स्पीकर चुन लिया जाएगा।स्पीकर पद को लेकर पिछले दो-तीन दिनों से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, और बाकी मंत्रीयों के बाच सलाह मशवरा चल रहा था।लेकिन मंगलवार को विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रेमचंद अग्रवाल के नाम पर सहमति बना ली गई था।इसके साथ ही स्पीकर के नामों में प्रेमचंद अग्रवाल के अलावा पूर्व स्पीकर व पूर्व मंत्री हरबंश कपूर,पूर्व मंत्री बिशन सिंह चुफाल व बंशीधर भगत का नाम भी दावेदारों में लिया जा रहा था।

prem chand agarwal

यूपी-उत्तराखंड बार्डर के 185 गांव वालों की मोदी सरकार से जुड़ी उम्मीदें

0

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने से लोगों में उम्मीदें जगी हैं।किसी को उम्मीद है कि अच्छे दिन आऐंगे तो कोई भ्रष्टाचार खत्म करना चाहता है,किसी को उम्मीद है प्रदेश में विकास होगा तो कोई केवल बीजेपी सरकार बनने से ही खुश है।लेकिन हम बात करेंगे कुछ ऐसे लोगों की जिनकी उम्मीद टूट चुकी थी,लेकिन दोनो प्रदेशों में बीजेपी की सरकार बनने से उम्मीद जागी है।

उत्तर प्रदेश के 185 गांव जो आज भी उम्मीद लगाएं बैठे है कि उनका विलय उत्तराखंड राज्य में हो जाए।उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में किसी भी गांव का विकास उसके शहर से दूरी पर निर्भर करता है।बिजनौर के बार्डर के गांव में रहने वाले 2 लाख लोग इस बात को ज्यादा अच्छे से महसूस कर सकते हैं।ऐसे गांव जो यूपी के बार्डर पर है और जिनसे उत्तराखंड का जिला कोटद्वार सिर्फ 4 किमी. दूर है और बिजनौर लगभग 60 किमी है वो इस स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।बार्डर पर पड़ने वाले गांव में विकास के नाम पर कुछ नहीं होता, और अब तो इस गांव के लोग बस यह चाहते है कि इनका गांव उत्तराखंड प्रदेश से मिल जाए ताकि इनका परेशानियां कम हो सकें।

लाख कोशिशों और कड़ी मेहनत के बाद आज दोनों राज्य यूपी और यूके में बीजेपी की सरकार है तो ऐसे में बार्डर क्षेत्र के गांव और यहां के निवासियों को आशा कि एक किरण सी दिखाई देती है।इतना ही नहीं इन गांव वालों ने यह मुद्दा तब भी उठाया था जब सभी पार्टी वाले चुनाव जीतने के होड़ में लगातार  कैंपेन कर रहे थे।

सीमावर्ती संघर्ष समीति एक ऐसी संस्था जो यूपी के 185 गांव और उत्तराखंड राज्य के विलय के लिए काम कर रही है,उनका कहना है कि दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार बनने से उम्मीदें जागी है।समिती के अध्यक्ष मनमोहन सिंह का कहना है कि यहा के लोकल लोग बिल्कुल अडिग है कि वह उत्तराखंड में मिलना चाहते हैं, और यह 185 गांव में 33 पंचायत हैं लेकिन विकास के नाम पर यहां शून्य काम हुआ है।

यूपी यूके बार्डर के गांव तल्ला ढाक में रहने वाले आशीष मिश्रा कहते हैं हम पिछले कई सालों से इस दिक्कत से जूझ रहे और चाहते हैं कि अपनी सहमति से उत्तराखंड में मिल जाए। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के रिर्काड में बार्डर पर रह रहे गांवों में लोगों के घर तो उत्तराखंड में है लेकिन जमीनें यूपी मे हैं।आशीष बताते हैं कि कोटद्वार उनके गांव से 4 किमी है लेकिन बिजनौर 50 किमी।इसके अलावा इन गांवों में मिलने वाली बिजली भी उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि उत्तराखंड सप्लाई करता है लेकिन अब पहाड़ी राज्य भी यह सप्लाई काटना चाहता है।य़ह एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां ना तो शिक्षा के लिए स्कूल हैं ना ही कोइ इंडस्ट्री और ना मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल।

लेकिन सालों बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनने से बार्डर के गांव में रह रहे लोगों की उम्मीदें एक बार फिर जगी हैं।बदलते समय के साथ हर क्षेत्र विकास मांगता है और यह 185 गांव इसी विकास की दरकार कर रहे हैं, देखना यह है कि पीएम मोदी की सरकार में इनको इंसाफ मिलता है कि नहीं।

परमार्थ निकेतन में मनाया गया विश्व जल दिवस

कहने को तो इस धरती में 70 प्रतिशत पानी मौजूद है लेकिन जब बात साफ़ पीने लायक पानी की होती है तो ये प्रतिशत घटकर 2 या 3 पर  आ जाता है। इसी कड़ी में लोगों और स्कूली बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में वर्ल्ड वाटर डे मनाया गया जिसमें बच्चों और महिलायों को स्वच्छता के बारे में बताया गया।

कहते है पानी बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है, इसलिए पानी के संग्रक्षण और इसको प्रदुषण मुक्त करने के लिए समय समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। वर्ल्ड वाटर डे के मौके पर ऋषीकेश के परमार्थ निकेतन में वाटर संग्रक्षण और सुद्धता के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अलग-अलग स्कूल से आये बच्चों ने हिस्सा लिया और नदियों को प्रदुषण मुक्त करने का प्रण लिया।

2

इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने गंगा को साफ़ रखने की अपील की, उन्होंने बताया कि सिर्फ आज के लिए ये सोच जरुरी नहीं है बल्कि हमें रोजाना इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है। गंगा जैसी पवित्र नदी को मैला न किया जाये।लगातार मैली होती गंगा को रोकने के लिए भले ही सरकार करोड़ों खर्च कर रही जो लेकिन अभी तक परिणाम देखने को नहीं मिला है ऐसे में जान जागरूकता ही सबसे अहम कदम माना जा सकता है।

स्वाधी भगवती का कहना है कि गंगा बेहद पावन नदी है इसके संग्रक्षण के लिए हर किसी को आगे आने की जरूरत है तभी जा कर हम इस पवित्र नदी की स्वच्छता को बचा सकेंगे। साफ़ और पीने लायक पानी की सबसे ज्यादा जरूरत हम इंसानों को ही होती है लेकिन हम ही इसकी कदर नहीं करते ऐसे में सवाल ये उठता है कि आने वाले समय में क्या हमको स्वत्छ पानी मिल पायेगा, इसके लिए हमे आज से ही इस और ध्यान देने की जरूरत है।