Page 836

काशीपुर एसडीएम कार्यालय से एनएच मुआवजे से जुड़ी पांच फाइलें गायब

0

काशीपुर, जसपुर में एनएच से जुड़ी 14 फाइलें गायब होने के कुछ दिन बाद ही काशीपुर एसडीएम कार्यालय से भी ऐसा मामला प्रकाश में आया है। यहां एनएच मुआवजे से जुड़ी पांच फाइलें गायब हैं। सूचना पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। सोमवार सुबह से ही फाइलों की खोजबीन शुरू हुई। अंत में एसडीएम ने आइटीआइ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।

प्रदेश की जनता और बाहरी प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों के आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए शुरु हुए नेशनल हाईवे को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्र सरकार ने जसपुर से सितारगंज तक नेशनल हाईवे निर्माण का फैसला लिया था। इसके लिए नोटिफिकेशन हुआ। अभी तो हाईवे बना भी नहीं, मगर इससे पहले कुछ लोगों ने अफसरों व काश्तकारों से मिलकर कृषि भूमि को अकृषि भूमि दर्शाकर दस गुना मुआवजा ले लिया और सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगा दी।

जब मामले की जांच शुरू हुई तो घोटाले की सच्चाई सामने आने लगी। एसडीएम दयानंद सरस्वती व तहसीलदार संजय कुमार ने सोमवार को एनएच से जुड़ी फाइलों को खंगालना शुरू किया तो पांच फाइलें नहीं मिलीं। जिसके बाद एसडीएम सरस्वती ने आइटीआइ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।

दरबार साहिब में आशीर्वाद के लिए उमड़े श्रद्धालु

0
श्री झंडा जी आरोहण और नगर परिक्रमा के बाद आए दून की संगतो ने श्री झंडा जी साहिब और दरबार साहिब में मत्था टेका। सुबह से ही दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो जाती है।सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र झंडा जी साहिब में शीश झुकाया और श्री दरबार साहिब के श्री महंत देवेंद्र दास महाराज का आशीर्वाद लिया।
श्री दरबार साहिब में गुरु राम राय के गद्दीस्थल पर दर्शनो के लिए लंबी लाइन लगी रहती है। 17 मार्च को श्री झंडे जी के आरोहण व 19 मार्च की नगर परिक्रमा के बाद अन्य राज्यो से आई  कुछ संगते वापस लौट चुकी है। जो लोग झंडा आरोहण के दिन बाहर से दरबार साहिब नहीं पहुंच पाए, वह भी इन दिनों दरबार साहिब की रौनक बढ़ाए हुए हैं। झंडे के मेले में लोग जमकर सस्ते सामान की खरीदारी कर रहे हैं। श्री दरबार साहिब के जनसम्पर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए दरबार साहिब की ओर से विशेष प्रबन्ध किए गए हैं।
संगतों ने श्री झंडा जी महाराज और दरबार साहिब में मत्था टेका, श्रद्धालुओं के लिए दरबार साहिब ने किए हैं विशेष प्रबंध।

किच्छा में डम्पर की चपेट में आने से चार लोगों की मौत

0

उधमसिंह नगर जनपद के किच्छा में गल्फार कंपनी के डम्पर की चपेट में आने से चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। अनियंत्रित डम्पर ने पहले बाइक सवार एक महिला सहित दो लोगों को कुचल दिया जिसके बाद भागने की फ़िराक में डम्पर चालक सड़क के किनारे की दुकान में घुस गया। जिसमे दुकानदार की भी डम्पर की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गयी।

घटना के बाद वाहन चालक फरार हो गया । घटना के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई और पुलिस को घटना की जानकारी दी गयी। जिसके बाद मोके पर पहुंची पुलिस ने चरों शवों को कब्जे में ले लिया और गुस्साई भीड़ को किसी तरह से शांत कराया।    ए एस पी देवेन्द्र पिंच ओ4 एस डी एम् मोके पर पहुँच गए है और डम्पर के मालिक और चालत की तलाश की जा रही है।

क्या इस बार स्मार्ट सिटी की लिस्ट में होगा दून का नाम?

0
दून को स्मार्ट सिटी में शामिल करने के लिए एम डी डी ऐ व नगर निगम और शहरी विकास विभाग ने अपनी कसरत तेज कर दी हैं। इसे लेकर नगर निगम के मीटिंग रूम में प्लान का प्रेसेंटेशन हुआ, उसमे स्मार्ट एम्बुलेंस को भी जोड़ा गया। इस बार भी प्लान में 10 वार्डो को शामिल किया गया हैं। पिछली बार .45 से देहरादून स्मार्ट सिटी में शामिल होने से रह गया था।
इस बार संभावना है कि 40 शहरों की सूची में दून का बजी नाम होगा। मेयर विनोद चमोली की अध्यक्षता में हुई बैठक में एम डी डी ऐ और शहरी विकास विभाग के अधिकारी और पार्षदों ने हिस्सा लिया। कंसलटेंट ने तीसरे राउंड के लिए देहरादून शहर के लिए प्रस्तुत होने वाले स्मार्ट सिटी प्लान को प्रोजेक्ट किया गया। विनोद चमोली ने बताया कि 30 मार्च को बोर्ड की बैठक की जाएगी।
फिर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगी। जिसके बाद प्रस्ताव को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय भेजा जाएगा। उन्होंने  घण्टाघर, असलेय हॉल चौक, कनक चौक, ग्लोबल चौक, अग्रसेन चौक का चौड़ीकरण व विस्तारीकरण होगा। वहीं स्मार्ट एम्बुलेंस का भी व्यवस्था की जाएगी, जो ऐम्स और जोलीग्रांट को जोड़ेगी। जिससे मरीज को स्मार्ट एम्बुलेन्स में ही उपचार मिल सकेगा। वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट का रूट तय भी होगा। पार्किंग की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाएगा। घंटाघर के पास किड्स थीम सिटी जोन भी बनेगा। ईस्ट कैनाल रोड को मॉडल रोड के रूप में डेवेलोप किया जाएगा। प्रेजेंटेशन में यह भी बताया कि स्मार्ट टॉयलेट, सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट प्लांट आदि पर भी तेजी से फोकस किया जा रहा है।
तो ये हैं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल:
  • इलेक्ट्रिक बस, ई-रिक्शा, बहु मंजिला स्मार्ट पार्किंग, पांच जंक्शन को स्मार्ट जंक्शन में परिवर्तन करना, जिसमे स्मार्ट पोल, एल ई डी शामिल हैं।
  • रेस्तरॉरेशन ऑफ़ हेरिटेज:
  • आशलेय हाल, पल्टन बाजार, नगर निगम भवन और घण्टाघर का रेनोवेशन भी शामिल है।
अन्य मुख्य परियोजनाएं:
  • स्वस्थ एंव सुरक्षित शहर,
  • स्वच्छ शहर, सस्टेनेबल कोर इंफ्रास्ट्रक्चर, सिटी लेवल हाउसिंग एंव लैंड स्ट्रेटिजी, इंटेलिजेंट पोल्स, देहरादून वन ऐप्प, सिटी कमांड एंव कंट्रोल सिस्टम, स्मार्ट एम्बुलेंस।

बाइक सवार दो बदमाशों ने पेट्रोल पंप के सेल्समेन से लाखों की लूट का किया प्रयास

0

रुद्रपुर। बाइक सवार दो बदमाशों ने आँखों में मिर्च झोक पेट्रोल के सेल्स मेन से लाखों की लूट का प्रयास किया।सेल्समेंन की सुझबुझ से बदमाशों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।

गौरतलब है की किच्छा के उत्तम नगर के पेट्रोल पंप से कैश लेकर बैंक में जमा करने के लिए जा रहे सेल्स में को रास्ते में दो बाइक सवार बदमाशों ने लूट के इरादे से मिर्च झोंककर ढाई लाख रूपये लूटने का प्रयास किया। लेकिन सेल्समेंन ने जोर जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। जिसके बाद आस पास के लोग वहाँ पहुँच गए और बदमाशों को घेर कर दबोच दिया।

पहले तो लोगों ने जमकर बदमाशों की धुनाई की उसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया।

स्वास्थ्य सुविधाओं को ठीक करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने उठाए जरुरी कदम

0
उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना हेतु विश्व बैंक द्वारा भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के साथ 10 करोड़ डालर के ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए है।
यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, श्री ओमप्रकाश ने बताया कि परियोजना अनुबंध पर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री राजकुमार, तत्कालीन परियोजना निदेशक डाॅ.नीरज खैरवाल(वर्तमान में जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर के पद पर तैनात है) तथा विश्व बैंक के कार्यवाहक निदेशक श्री हिंसाम एब्दो काहिन द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, श्री ओमप्रकाश ने बताया कि विश्व बैंक सहायतित हैल्थ सिस्टम परियोजना के अन्तर्गत निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को वित्तीय पोषण किया जायेगा और उनके माध्यम से राज्य की जनसंख्या की स्वास्थ्य सेवाओं की मांग एवं आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए उपयोग में लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना स्वास्थ्य निदेशालय स्तर पर प्रबंधन क्षमता में विकास और सूचना तंत्र में सुधार का कार्य करेगी, तथा पर्यवेक्षण एवं शोध कार्यों पर विशेष तौर से ध्यान देगी। परियोजना के माध्यम से राज्य के नागरिकों को चिकित्सा उपचार के दौरान होने वाले व्यय एवं वित्तीय नुकसान की भरपाई सुनिश्चित कराने के लिए गुणात्मक स्वास्थ्य सेवााएं प्रदान की जायेगी।
श्री ओमप्रकाश ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत निजी स्वास्थ्य संस्थाओं की सेवाएं लिये जाने की अभिनव पहल को प्रमुखता से संचालित किया जाना है, जिसके अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवाओं की देखभाल तथा हैल्थ फाईनेन्सिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए परियोजना द्वारा धन उपलब्ध किया जायेगा। परियोजना द्वारा जिला चिकित्सालय में निजी स्वास्थ्य संस्थाओ के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दिये जाने के साथ ही संबंधित जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजांे को सचल चिकित्सा वाहन के द्वारा जिला चिकित्सालय पर रैफर करते हुए उपचार दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस नेटवर्क के अन्तर्गत विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देने के लिए आकर्षित होंगे और संबंधित जनपद तथा आबादी को स्वास्थ्य सुविधायें मिल पायेगी।
श्री ओमप्रकाश ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत शिशु एवं किशोरावस्था की देखभाल तथा गैर संचारी रोगो के प्रबंधन के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध की जायेगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के माध्यम से निजी क्षेत्र के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की क्षमता विकास पर अधिक ध्यान दिया जायेगा, ताकि दीर्घकाल में सरकारी तंत्र इस प्रकार की योजनाओं को सफलता पूर्वक संचालित करने में सक्षम हो सकेगा और राज्य का हैल्थ सिस्टम मजबूत होगा।
वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री राजकुमार ने बताया कि यह परियोजना विशेष तौर पर राज्य में पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करेगी। तथा इसके क्रियान्वयन से विशेष तौर पर महिलाओं, बुजुर्ग तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले जन समुदाय के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा। परियोजना राज्य में किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान त्वरित उपचार की क्षमताओं को भी विकसित करेगी।
भारत में विश्व बैंक के कार्यवाहक निदेशक एवं कार्यवाहक निदेशक एवं आॅपरेशन मैनेजर श्री हिंसाम एब्दो काहिन ने कहा कि उत्तराखण्ड के अधिकांश स्वास्थ्य सूचकांक राष्ट्रीय औसत की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ एंव हिमालयी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहंुच को आसान बनाने के कारगार कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि परियोजना द्वारा विशेष तैर पर आर्थिक रूप से कमजोर एवं असेवित जनसंख्या वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा निरन्तरता बनाये रखने के कार्य को प्रमुखता से लिया जायेगा।
इस अवसर पर उपस्थित विश्व बैंक द्वारा उत्तराखण्ड हैल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के लिए नियुक्त टीम लीडर एवं वरिष्ठ हैल्थ स्पेश्लिष्ट डाॅ.सोमिल नागपाल ने कहा कि हैल्थ सिस्टम परियोजना राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के गुणात्मक सुधार के लिए सहायक होगी और इसके अन्तर्गत किए जाने वाले कार्यों से पूरे राज्य को लाभ मिलेगा।

खनन माफ़िया पर मार, हाईकोर्ट ने राज्यभर में खनन पर लगाई रोक

0
Nainital,high court,uttarakhand

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में खनन पर चार माह तक पूर्णतया रोक लगा दी है । न्यायालय ने डी.जी.,फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट देहरादून, निदेशक वाडिया इंस्टिट्यूट देहरादून और महानिदेशक जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया देहरादून समेत कुल तीन सदस्यीय समिति बनाकर खनन जारी रखने या राज्य में इसे रोकने को लेकर जांच रिपोर्ट चार माह में न्यायालय में पेश करने को कहा है । न्यायालय ने रिपोर्ट के आने तक नदियों के मुहानों, जंगल क्षेत्र, प्रवाह और धाराओं से किसी भी प्रकार के खनन पर रोक लगा दी है ।

वरिष्ठ न्यायधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया की खण्डपीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया।

पलायन रोकने कि लिए सभी जरुरते होंगी पूरीःसीएम त्रिवेंद्र

0
मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रामीण पर्यटन, कृषि व आजीविका पर सेमीनार को संबोधित किया। रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के महत्व को देखते हुए पलायन को रोकना अति आवश्यक है। सेमीनार में लंदन बिज़नेस स्कूल के प्रतिनिधि ने भाग लिया साथ ही अलग अलग 24 देशों के छात्र भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता उसे बहुत ही खास पहचान दिलाती है। स्विट्ज़रलैंड की तर्ज पर यहां पर्यावरण को सरंक्षित रखते हुए पर्यटन को विकसित किया जा सकता है। सीएम ने कहा की देहरादून में एक टूरिज्म विलेज विकसित किया जा सकता है, जहां पुरे राज्य की झलक मिल सके।
सीएम रावत के संबोधन में स्वच्चता और पर्यावरण संरक्षण मुख्य बिंदु थे।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बायोडाइवर्सिटी टूरिज्म, विंटर स्पोर्ट्स टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म रूरल होम स्टे व हेरिटेज टूरिज्म की अपार सम्भावनाये हैं।सीएम रावत ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिससे युवा वर्ग। और यहां की जनता को राज्य से बाहर जाने की जरुरत नही पड़ेगी। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर व प्लांटेशन का बढ़ावा देना होगा जिससे ना केवल शहरी क्षेत्र बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी विकास की राह पर आगे बढ़ सके।
त्रिवेंद्र ने यह भी कहा कि राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगो की आय वृद्धि बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उत्तराखंड के प्राकृतिक रूप से आर्गेनिक खेती होती है।अगर चकबन्दी कर सकें तो खेती लाभदायक बनाया जा सकता है।वहीं सेमिनार में मौजूद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पहाड़ो से पलायन को रोकने के लिए इन छात्रों  के विचार,अनुभव काफी कारगार होगें।
सीएम त्रिवेंद्र की बातों से एक बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भी पीएम मोदी की राह पर चल पड़े हो चाहें वह स्वच्छता हो, या डिजीटल हो या ग्रामीण विकास हो।लेकिन अभी तो केवल शुरुआत है, यह देखना ज्यादा महत्तवपूर्ण होगा कि आगे आने वाले समय में भी क्या सीएम इस मजबूती और गति से काम करते हैं कि नहीं।

चैत्र नवरात्र से बढ़ी बाजारों में रौनक,चैत्र शुक्लप्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष का आरम्भ

0

आज से माँ दुर्गा के नौ रूपों यानी नवरात्रों का प्रारंभ हो गया है चैत्र माह से शुरु होने वाले इन नवरात्रो का विशेष महत्व है।आज घरों में माँ दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जा रही है,लोग व्रत आदि रखकर माँ दुर्गा से खुशहाली की कामना करते हैं। वहीं ऋषिकेश में नवरात्र कुछ अलग रंग भी देखने को मिले यहाँ विदेशियों ने नवरात्र के महत्व के विषय में जाना।सौम्य नाम विक्रम संवत 2073 के शुभारम्भ पर आज नवरात्र का पहला दिन है।मंदिरों में दुर्गा के रूप माँ शैली पुत्री की पूजा हो रही है। पर्वत पुत्री होने के कारण माँ दुर्गा के इस स्वरुप को शैल पुत्री का नाम मिला है माँ का वास पर्वत पर है इस कारण वह प्रकृति की अधिशष्टि है जो पूर्व जन्म में महाराजा दक्ष की पुत्री थी। गंगा तट पर ऋषिकेश में सुबह से स्नान कर लोग माँ के दर्शन कर रहे है और घरो में हरियाली लगाई जा रही है।

iii

नवरात्र के चलते बाजारों में रौनक बढ़ गयी है।बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानो में काफी भीड़ नजर आ रही है। बाजार में फलों के साथ साथ जौ और नारियल  की कीमतों में उछाल आ गया है। चैत्र  नवरात्र शुरू होने के साथ ही हिन्दू नव वर्ष भी आरम्भ हो जाता है और घरो में व्रत रख हरियाली बोई जाती है और राम जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऋषिकेश में भी नवरात्रो के इस पर्व की शुरुवात श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह से की सुबह से ही गंगा स्न्नान के साथ ही माँ दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की।नवरात्र को लेकर विदेशियों में भी काफी उत्साह दिखा उन्होंने गंगा में स्न्नान कर नवरात्रों के महत्व के बारे में जाना आज से हिन्दू संवत के नए साल के साथ साथ नवरात्र का शुभारम्भ हो गया है। आज माँ दुर्गा के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा की जा रही है , श्रद्धालु नवरात्र के इन नौ दिनों में व्रत रखकर सुख समृद्धि  कामना करते है।

उत्तराखंड की शादियों में स्वागत करेगा ”महिला बैंड”

0

जल्द ही उत्तराखंड की शादियों और मांगलिक कार्यों में महिला बैंड पौराणिक वाद्य यंत्रों को बजाती नजर आएंगी। प्रदेश से ढोल दमाऊ की खत्म होती परंपरा को बचाने के लिये लोक गायिका माधुरी बड़त्थवाल ने अपनी एक टीम बनाकर उसे ढोल और दमऊं का प्रशिक्षण दे रही हैं। महिलाओं के ढोल बजाने को सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव के एक अहम पड़ाव के रूप में भी देखा जा रहा है।

आपको बता दें कि माधुरी बड़थ्वाल ने 32 साल आकाशवाणी में काम किया है, वहां से रिटायर होने के बाद जब वह देहरादून आई तो उन्हें शादियों और मंगल कार्यक्रमों में कुछ कमी लगती थी। वो कमी थी परंपरागत ढ़ोल व दमाऊ की आवाज।लेकिन माधुरी के प्रयास से ढ़ोल की थाप पहाड़ी इलाकों में महिला सशक्तीकरण की गूंज पैदा कर रही है।आपको बता दें कि महिलाओं का ढ़ोल थामना रुढ़ियों को चुनौती है क्योंकि ढोल वादन परंपरागत रुप से औजी समाज के पुरुषों का पेशा है।

प्रशिक्षण ले रहीं महिलाएं

गौरतलब है कि उत्तराखंड से पलायन के साथ वहां की लोक संस्कृति भी खत्म होती जा रही है। प्रदेश से खत्म होती संस्कृति को बचाने का जिम्मा अब महिलाओं ने उठाया है। माधुरी करीब 20 महिलाओं की एक टीम बनाकर उन्हें वाद्य यंत्रों को बजाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। टीम जल्द ही शादी ब्याह में ढोल-दमाऊं एक पेशेवर की तरह बजाती नजर आएगी।

17191337_722659787913742_6016682343233893451_n

माधुरी को यह प्रेरणा एक शादी के दौरान ही मिली। शादी उत्तराखंड की रीति रिवाजों के मुताबिक हो रही थी लेकिन उस शादी से पारंपरिक वाद्य यंत्र पूरी तरह से गायब थे। आपको बता दें कि पहाड़ में ढोल-दमाऊं बजाने का काम बाजगी समाज के जिम्मे है। जो सदियों से यह काम करते आए हैं। उनके लगाए मंडाण पुरानी पीढ़ी के जेहन में तो हैं, मगर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव कहें या लोगों का अपने इलाके से दूरी नई पीढ़ियों को उस संस्कृति से दूर करती जा रही है। इस वजह से प्रदेश के पुराने वाद्य यंत्र भी खत्म होने के दहलीज पर पहुंच गए हैं।इस बात को ध्यान में रखते हुए गायक माधुरी बड़थ्वाल ने पहली बार महिलाओं का ढ़ोल बैंड बनाया है।

उम्मीद यही है कि माधुरी के इस प्रयास से न सिर्फ़ पारंपरिक वाद्यों की लुप्त होती कला बच सकेगी बल्कि समाज में महिलाओं को बराबरी पर लेने में भी ये प्रयास अहम भूमिका निभायेगा।